PET, पीपीएचटी और प्री-एमसीए की प्रवेश परीक्षा 13 जून को, एडमिट कार्ड जारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से पीईटी, पीपीएचटी, प्री-एमसीए की प्रवेश परीक्षा 13 जून को होना है। इसके लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं। अभ्यर्थी व्यापमं की वेबसाइट www.vyapam.cgstate.gov.in पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं। 

प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रदेशभर के इंजीनियरिंग और फार्मेसी कालेजों में प्रवेश दिए जाएंगे। इंजीनियरिंग और फार्मेसी के लिए लगभग 40 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में एक घंटे पहले पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।

साथ ही दो रंगीन फोटो और मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य फोटोयुक्त आइडी प्रुफ लेकर परीक्षा देने के लिए केंद्र में पहुंचना है। मूल पहचानपत्र के अभाव पर परीक्षार्थी को केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

गिरौदपुरी धाम के जैतखांभ में हुई तोड़फोड़ की होगी न्यायिक जांच- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

रायपुर-  सतनामी समाज के विभिन्न संगठनों एवं प्रतिनिधियों की मांग पर गिरौदपुरी धाम के पवित्र अमरगुफा के नजदीक जैतखांभ में हुई तोड़फोड़ पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस पूरे मामले के लिए न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है। उन्होंने दो टूक कहा की प्रदेश में कही भी सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं को बर्दाश्त नही की जाएगी ऐसे कृत्य करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी से सामाजिक साैहार्द्र बनाए रखने की अपील भी की है। गौरतलब है की विगत दिनों 15-16 मई रात को पूज्य जैतखांभ को क्षति पहुंचाने की कोशिश की गई थी।

विष्णुदेव साय सरकार की सुध से खेती-किसानी को नया सम्बल

रायपुर-   देश की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मूल आधार भी कृषि ही है और यह धान का कटोरा कहलाता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अल्पावधि में राज्य के किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं, इससे राज्य में खेती-किसानी को नया सम्बल मिला है। किसान बेहद खुश है। उनके मन में एक नई उम्मीद जगी है।

छत्तीसगढ़ की नई सरकार ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी तथा दो साल के बकाया धान बोनस की राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान करके एक ओर जहां अपना संकल्प पूरा किया है, वहीं दूसरी ओर किसानों से बीते खरीफ विपणन वर्ष में 144.92 लाख मेट्रिक टन धान की रिकार्ड खरीदी की है। किसानों को समर्थन मूल्य के रूप में 31,914 करोड़ रूपए का भुगतान एवं किसान समृद्धि योजना के माध्यम से मूल्य की अंतर की राशि 13,320 करोड़ का भुगतान करके यह बता दिया है कि छत्तीसगढ़ की खुशहाली और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का रास्ता खेती-किसानी से ही निकलेगा।

किसानों का मानना है कि राज्य सरकार के अब तक के फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार किसानों की हितैषी है। खेती-किसानी ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और विकसित राज्य बनाने का सपना साकार होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए छत्तीेसगढ़ सरकार ने इस साल कृषि के बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि की है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प के मुताबिक समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में प्रति क्विंटल 917 रूपए के मान से अंतर की राशि भी दे दी है। किसानों को प्रति क्विंटल के मान से 3100 रूपए के भुगतान की यह राशि देश में सर्वाधिक है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल के बजट में कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत 10 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई अभिनव पहल की जा रही है। जशपुर जिले के कुनकुरी में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र तथा बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट एवं प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी महाविद्यालय, सूरजपुर जिले के सिलफिली एवं रायगढ़ में शासकीय उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, तथा मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के खडगंवा में कृषि महाविद्यालय खोलने की व्यवस्था बजट में की है।

कृषि में आधुनिक उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की स्थापना एवं राज्य स्तरीय नवीन कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला के भवन का निर्माण, दुर्ग एवं सरगुजा जिले में कृषि यंत्री कार्यालय तथा रासायनिक उर्वरकों की जांच के लिए सरगुजा जिले में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी।

राज्य के किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 8 हजार 500 करोड़ का लक्ष्य तथा भूमिहीन कृषि मजदूरों की सहायता हेतु दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत भूमिहीन परिवारों को प्रतिवर्ष 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने के लिए बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है।

छत्तीसगढ़ में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, सौर सुजला योेजना के माध्यम से सिंचित रकबे में बढ़ोत्तरी का प्रयास किया जा रहा है। नवीन सिंचाई योजना के लिए 300 करोड़ रूपए, लघु सिंचाई की चालू परियोजनाओं के लिए 692 करोड़ रूपए, नाबार्ड पोषित सिंचाई परियोजनाओं के लिए 433 करोड़ रूपए एवं एनीकट तथा स्टाप डेम निर्माण के लिए 262 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है।

छत्तीसगढ़ में किसानों एवं भूमिहीन मजदूरों की स्थिति में सुधार, कृषि एवं सहायक गतिविधियां के लिए समन्वित प्रयास पर राज्य सरकार का फोकस है। चालू वित्तीय वर्ष कृषि बजट 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 13 हजार 435 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 8500 करोड़ रूपए की साख सीमा छत्तीसगढ़़ सरकार ने तय की है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वर्तमान खरीफ सीजन को देखते हुए राज्यभर की सहकारी समितियों में सोसायटियो में गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज भंडारण एवं उठाव की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों को खाद-बीज के लिए किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े, इसलिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने अपने खेती-किसानी के दीर्घ अनुभव के आधार पर कहा है कि खरीफ सीजन में किसान भाईयों द्वारा डी.ए.पी. खाद की मांग ज्यादा की जाती है। इसको ध्यान में रखते हुए डी.ए.पी. खाद की मांग और सप्लाई पर विशेष निगरानी रखी जानी चाहिए। खाद-बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सेंम्पलिंग एवं प्रयोगशाला के माध्यम से जांच का विशेष अभियान संचालित किया जाए।

खरीफ सीजन 2024-25 के लिए राज्य में 13.68 लाख मैट्रिक टन उर्वरकों की मांग के विरूद्ध अब तक 9.13 लाख मैट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है, जो मांग का 67 प्रतिशत है। सोसायटियों में विभिन्न खरीफ फसलों के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। खरीफ सीजन 2024-25 में 5 लाख 59 हजार 203 क्विंटल बीज की मांग के विरूद्ध 6 लाख 39 हजार 4 क्विंटल बीज उपलब्ध है, जो कि मांग का 114 प्रतिशत है। सोसायटियों से किसान लगातार बीज का उठाव कर रहे है। अब तक 03 लाख 75 हजार क्विंटल बीज का उठाव किसानों ने किया है, जो कि बीज की डिमांड का 67 प्रतिशत है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी रायपुर के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर ने खोजी शुगर लेवल टेस्ट स्ट्रिप , यूरीन के माध्यम से हो सकेगी शुगर

रायपुर-   नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रायपुर के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर कफील अहमद सिद्दिकी और उनके पीएचडी छात्र विभव शुक्ला ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। उन्होंने एक क्रांतिकारी टेस्ट स्ट्रिप विकसित की है, जो मानव शरीर में यूरिन के माध्यम से शुगर लेवल की जांच कर सकती है। यह नवाचार ग्लूकोज मॉनिटरिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो रक्त परीक्षण से डरते हैं।

पारंपरिक रूप से, ग्लूकोज स्तर को डायबिटीज जैसी बीमारी की जांच के लिए ब्लड सैंपल लेकर मापा जाता है। हालांकि, उच्च रक्त ग्लूकोज स्तर ग्लाइकोसुरिया का कारण बन सकता है, जहां ग्लूकोज यूरिन में चला जाता है। सामान्यतः, यूरिन में ग्लूकोज स्तर नगण्य या अनुपस्थित होते हैं, लेकिन जब यह मौजूद होता है, तो यह अक्सर डायबिटीज या अन्य मेटाबोलिक समस्याओं को दर्शाता है। उच्च शुगर स्तर या हाइपरग्लाइसीमिया, अगर नियंत्रित नहीं किया गया तो, गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का सामान करना पड़ सकता है, जिससे किडनी, नसें, दिल और रक्त वाहिकाओं सहित अंग प्रभावित हो सकते हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, 2019 में लगभग 463 मिलियन वयस्क डायबिटीज से पीड़ित थे, और यह संख्या 2045 तक 700 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है। डायबिटीज के नियंत्रण और इसकी जटिलताओं को रोकने के लिए नियमित मॉनिटरिंग करना बहुत आवश्यक है।

इसके बावजूद, कई लोग, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग, रक्त परीक्षण से डरते हैं और गलतफहमियों के शिकार बनते हैं। वे मानते हैं कि एक बूंद खून बनने में एक साल लगता है, जिससे वे शुगर परीक्षण के लिए रक्त देने से बचते हैं। यह नई यूरिन-आधारित टेस्ट स्ट्रिप इस डर को कम कर सकती है, जिससे ग्लूकोज मॉनिटरिंग अधिक सुलभ हो जाएगी।

डॉ. सिद्दिकी और उनकी टीम ने अपने अनुसंधान में आयरन डोप्ड जिंक-बेस्ड मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क का उपयोग किया, जिसमें उन्होंने क्रिएटिनिन, क्रिएटिन, यूरिया, ग्लूकोज आदि सहित यूरिन के विभिन्न घटकों का परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि जब ग्लूकोज के संपर्क में आता है, तो UV लाइट पड़ने पर हरा रंग प्रदर्शित करता है, जबकि अन्य घटक कोई अलग रंग नहीं दिखाते। उन्होंने 80 से 300 mg/dL की ग्लूकोज सांद्रता का परीक्षण किया और 110 और 150 mg/dL की सांद्रता पर एक विशिष्ट तीव्रता देखी। यह परीक्षण मॉडल यूरिन और वास्तविक यूरिन दोनों का उपयोग करके किया गया, जिससे ऐसी टेस्ट स्ट्रिप्स का विकास हुआ जो इन ग्लूकोज सांद्रताओं पर एक विशिष्ट रंग परिवर्तन दिखाती हैं।

उन्होंने फ़िल्टर पेपर और कम्पोजिट से एक नवाचारी डिटेक्शन स्ट्रिप विकसित की। इस स्ट्रिप ने अल्ट्रा-सेंसिटिव डिटेक्शन क्षमताओं का प्रदर्शन किया, जो विभिन्न ग्लूकोज सांद्रताओं के अनुरूप ध्यान देने योग्य फ्लोरोसेंस परिवर्तन दिखाती है। इसका यह गुण इसे वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के लिए एक व्यावहारिक उपकरण बनाता है।

डॉ. सिद्दिकी ने कहा कि उनका लक्ष्य ऐसी टेस्ट स्ट्रिप्स बनाना है जो सस्ती और आसानी से उपलब्ध हो, जैसे कि गर्भावस्था परीक्षण स्ट्रिप्स। उनका उद्देश्य यह है कि आम लोग अपने घर में बिना किसी इंजेक्शन या रक्त के अपने शुगर स्तर की सही जांच यूरिन के माध्यम से कर सकें। उनका अब तक किया गया यह शोध कार्य 'मटेरियल्स टुडे केमिस्ट्री' में प्रकाशित हुआ है, जो एक Elsevier प्रकाशन का Q1 जर्नल है।

यह अभूतपूर्व अनुसंधान ग्लूकोज डिटेक्शन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति लाएगा। यूरिन ग्लूकोज मॉनिटरिंग के लिए जिंक-MOF और इसके आयरन-डोप्ड कम्पोजिट का विकास एक नया, कुशल और उपयोगकर्ता-अनुकूल तरीका प्रस्तुत करता है। दुनिया भर में उच्च शुगर स्तर से प्रभावित लाखों लोगों के साथ, यह नवाचार डायबिटीज प्रबंधन और समग्र स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए अपार संभावनाएं बनाएगा। नवविकसित MOF-आधारित टेस्ट स्ट्रिप्स ग्लूकोज मॉनिटरिंग के लिए एक मानक उपकरण बनने की क्षमता रखती हैं, विशेष रूप से उन सेटिंग्स में जहां रक्त परीक्षण व्यावहारिक नहीं होते हैं। अनुसंधान टीम की उन्नत, पर्यावरण-अनुकूल टेस्ट स्ट्रिप्स पर चल रही कार्यवाही भविष्य में और भी सुलभ और विश्वसनीय ग्लूकोज मॉनिटरिंग समाधान प्रदान करने हेतु प्रयासरत है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल का निर्देश, लापरवाही करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, मानवीय पहलुओं का रखा जाए ध्यान

रायपुर- सरगुजा जिले के विकासखण्ड अंबिकापुर अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नवानगर में प्रसूता द्वारा जमीन पर प्रसव किए जाने की घटना संज्ञान में आते ही स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने घटना की जांच के निर्देश दिए थे। मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच करवाई गई।

जांच के दौरान बीएमओ, संस्था प्रभारी, बीपीएम, स्टॉफ नर्स, एएनएम एवं स्थानीय मितानिन उपस्थित रहे। जांच के तहत सभी के समक्ष उक्त प्रकरण के बारे में बयान लिया गया, तथा जच्चा-बच्चा प्रसूता महिला एवं नवजात बच्चों को देखा गया। प्रसव को लेकर प्रोटोकॉल का पालन नही करने वाले खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ पी.एन. राजवाड़े को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।रात्रिकालिन स्टॉफ द्वितीय एएनएम मीना चौहान को तत्काल प्रभाव से हटाकर आयुष्मान मंदिर रेवापुर में कार्यादेशित किया गया। डयूटी में पदस्थ स्टॉफ नर्स बिना पूर्व सूचना के स्टॉफ नर्स कन्या पैंकरा कार्य में अनुपस्थित थी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, निलंबन अवधि में संबंधित का मुख्यालय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नवापारा किया गया। निलबंन अवधि में संबंधित को जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं की भविष्य में भी ऐसी गंभीर लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए और मरीजों के मानवीय पहलुओं का विशेष ध्यान रखा जाए।

नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ जूनियर पावर लिफ्टर्स से मुख्यमंत्री की मुलाकात

नई दिल्ली- नई दिल्ली के छत्तीसगढ़ सदन में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नेशनल जूनियर और सब जूनियर प्रतियोगिताओं में भाग लेने आए छत्तीसगढ़ के 32 पावर लिफ्टर खिलाड़ियों से मुलाकात की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और उप मुख्यमंत्री अरुण साव भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना की।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव ने भी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। खिलाड़ियों ने अपने अनुभव साझा किए और राज्य सरकार से मिल रहे समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव को लेकर बड़ी लापरवाही, बीएमओ और स्टाफ नर्स निलंबित

रायपुर- अंबिकापुर विकासखंड क्षेत्र स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर में हाल ही में एक गंभीर मामला सामने आया. यहां एक महिला का जमीन पर ही प्रसव किया गया, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से जांच के आदेश दिए. जिसपर कार्रवाई करते हुए रविवार को जिला स्तरीय जांच दल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला मितानिन समन्वयक की उपस्थिति में जांच की गई है.

जांच के दौरान बीएमओ, संस्था प्रभारी, बीपीएम, स्टॉफ नर्स, एएनएम एवं स्थानीय मितानिन उपस्थित रहे. सीएमएचओ आर एन गुप्ता ने बताया कि जांच के तहत सभी के समक्ष उक्त प्रकरण के बारे में बयान लिया गया, तथा जच्चा-बच्चा प्रसूता महिला एवं नवजात बच्चों को देखा गया. प्रसव को लेकर प्रोटोकॉल का पालन नही करने वाले खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ पी.एन. राजवाड़े को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया. रात्रिकालिन स्टॉफ द्वितीय एएनएम मीना चौहान को तत्काल प्रभाव से हटाकर आयुष्मान मंदिर रेवापुर में कार्यादेशित किया गया. ड्यूटी में पदस्थ स्टॉफ नर्स बिना पूर्व सूचना के स्टॉफ नर्स कन्या पैंकरा कार्य में अनुपस्थित थी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, निलंबन अवधि में संबंधित का मुख्यालय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवापारा किया गया. निलबंन अवधि में संबंधित को जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी.

जम्मू आतंकी हमले को लेकर CM साय ने जताया शोक

रायपुर- "जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिव खोड़ी मंदिर से तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हुए आतंकी हमले में 10 लोगों के निधन की दुःखद खबर आ रही है। हमले में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है। आतंकियों द्वारा किया गया यह कायराना हमला अत्यंत ही निंदनीय है, इसकी कड़ी भर्त्सना करता हूँ। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करने व घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।"

ओटीपी लेकर लाखों की धोखाधड़ी, ऑनलाइन ठगी करने वाले 2 युवक और युवती गिरफ्तार

बिलासपुर-   ऑनलाइन ठगी करने वाले 2 युवक व 1 युवती को सरकंडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने ओटीपी लेकर 17 लाख 80 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी की थी. पुलिस ने उनसे 7 लाख 20 हजार रुपए बरामद किए.

सरकंडा क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक शाखा के ब्रांच मैनेजर सत्यजीत कुमार ने बीते 7 जून को सरकंडा थाना रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैंक खाताधारक संध्या मिश्रा ने राजसिंह निवासी पानीपत के खाते का ओटीपी प्राप्त कर 17 लाख 80 हजार रुपए ऑनलाइन ले लिया था. पानीपत न्यायालय के आदेशानुसार उक्त अकाउंट को होल्ड कर रकम को वापस राजसिंह के खाते में जमा करने के​​ लिए एचडीएफसी बैंक सरकंडा की ओर से ऑनलाइन ट्रांसफर की जा रही थी, जिसमें सिस्टम एरर आने पर रकम 17,80,000 वापस आरोपी संध्या मिश्रा के खाते में आ गई. पैसा वापस खाते में आने पर संध्या मिश्रा एवं अन्य आरोपियों ने विभिन्न माध्यम से 13 लाख 70 हजार रुपए निकाल कर धोखाधड़ी की.

मामले की रिपोर्ट पर सरकंडा थाना में अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई. सरकंडा थाना प्रभारी तोप सिंह की अगुवाई में पुलिस ने रेड मारकर आरोपी संध्या मिश्रा को गिरफ्तार किया. पुलिस की पूछताछ में उसने अपने परिचित प्रियांशु मिश्रा,नितेश साहू, वैभव पांडेय, नंद कुमार के साथ मिलकर पानीपत निवासी राजसिंह से ओटीपी लेकर 17 लाख 80 हजार रुपए अपने खाते में आने की बात कबूल की. इसमें से 13 लाख 70 हजार रुपए निकालकर आपस में मिलकर बांट लेना स्वीकार किया. इस पर सरकंडा पुलिस ने संध्या मिश्रा से 50 हजार रुपए, प्रियांशु मिश्रा से 4,लाख 50 हजार रुपए और नितेश साहू से 2 लाख 20 हजार रुपए, कुल 7 लाख 20 हजार रुपए जब्त किए. आरोपियों पर धारा 120बी, 403, 406, 411, 414, 418, 420, 421, 34 भादवि 66 (डी) आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की.

अंतरराष्ट्रीय अभिलेखागार सप्ताह : सीएस अमिताभ जैन ने कहा- प्रदर्शनी ज्ञान और सूचना की सच्ची निधि

रायपुर- संस्कृति विभाग अंतर्गत संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय की ओर से अंतरराष्ट्रीय अभिलेखागार सप्ताह के अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का रविवार को समापन हुआ। 3 से 9 जून तक चली इस प्रदर्शनी का बड़ी संख्या में नागरिकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने लाभ उठाया। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और संचालक विवेक आचार्य को सुझाव दिया की इन ऐतिहासिक महत्व के अभिलेखों को डिजिटल माध्यम से पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने विजिटर्स बुक में लिखा, यह प्रदर्शनी ज्ञान और सूचना की सच्ची निधि है। डॉ. सुप्रियो दास कोलकाता ने लिखा कि यह शानदार संग्रह है, जो शोध के दृष्टि से बहुत उपयोगी है।

उल्लेखनीय है कि इस सात दिवसीय कार्यक्रम के दौरान व्याख्यान का भी आयोजन किया गया था। ओडिशा हाईकोर्ट में सेंटर फॉर ज्यूडिशियल आर्काइव के निदेशक ललाटेंदु दास महापात्र मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए। संचालक विवेक आचार्य के मार्गदर्शन में इस प्रदर्शनी के संयोजन में प्रभारी अधिकारी डॉ. पीसी पारख उप संचालक, प्रभात कुमार सिंह पुरातत्ववेत्ता, नीलिमा शर्मा, डॉ. राजीव मिंज, तापस बसाक, प्रवीन तिर्की, विष्णु प्रसाद नेताम, पल्लवी अग्रवाल और शुभम दुबे की महती भूमिका रही।