राजकोट के गेमिंग जोन लगी भीषण आग 9 बच्चों समेत 24 लोगों की मौत, पीएम ने जताया दुख


दिल्ली:- गुजरात के राजकोट शहर के कालावड रोड पर स्थित TRP गेम जोन में भीषण आग लग गई। इसमें 24 लोगों की जलकर मौत हो गई। आग की घटना के बाद पूरा गेम जोन जलकर खाक हो गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की करीब 8 गाड़िया मौके पर पहुंची। रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ ही आग पर काबू पाने के प्रयास जारी हैं। वहीं, पुलिस ने मामले में एक्शन लेते हुए मालिक, संचालक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

राजकोट के पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव ने कहा कि दोपहर में टीआरपी गेमिंग जोन में आग लग गई। बचाव अभियान जारी है। आग पर काबू पा लिया गया है। हम अधिक से ज्यादा शवों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक करीब 20 शव बरामद किए गए हैं और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में भेज दिया गया है। गेमिंग जोन का मालिक युवराज सिंह सोलंकी नाम का व्यक्ति है। 

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आग इतनी भीषण थीं कि इसका धुआं 3 किलोमीटर दूरी से दिखाई दे रहा था। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि आग लगने की क्या वजह थी। फायर ब्रिगेड अधिकारी ने बताया कि एक ढांचा ढह जाने के कारण उन्हें राहत कार्य में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

पीएम मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “राजकोट में आग दुर्घटना से बेहद व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।” 

हादसे के बाद गेमिंग जोन का संचालक युवराज और 30 से 40 जोन कर्मचारी फरार हो गए। पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने बताया कि अभिभावकों से उनके बच्चों एवं संबंधियों की जानकारी ली जा रही है, जिससे लापता लोगों की जानकारी जुटाई जा सके। 15 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। उनका सिविल अस्पताल में उपचार चल रहा है।

गुजरात सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये मदद की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटना की जानकारी लेने के साथ ही राजकोट के सभी गेमिंग जोन हॉल बंद करने के निर्देश दिए हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शनिवार होने के कारण यहां काफी भीड़ थी। जहां यह गेमिंग जोन स्थित है, वहां के ऊपरी भाग में काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है। फायर ब्रिगेड अहमदाबाद के अधिकारी राजेश भट्ट ने कहा कि जांच के बाद ही इस घटना के सही कारणों का पता चल सकेगा। घटिया बिजली के वायर का इस्तेमाल या फिर बढ़ा बिजली का लोड भी इस घटना का कारण हो सकता है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अचानक आग लगने के कारण गेमिंग जोन परिसर में अफरा-तफरी मच गई। आग इतनी भीषण थी कि 5 किमी दूर तक धुएं का गुबार देखा गया।

कई लोगों के फंसे होने की आशंका

आग और धुएं के बीच गेमजोन में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। टीआरपी मॉल में आग की लपटें बढ़ती देख मौके पर फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां पहुंच गई हैं। उनकी ओर से लगातार बचाव के उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा, पूरे इलाके को पुलिस ने घेर लिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि छुट्टियों के मौसम में यहां बड़ी संख्या में बच्चे आते हैं, जिस दौरान यह घटना घटी है। उस समय यहां बच्चों की काफी भीड़ थी।

दूसरी ओर, शहर के भाजपा अध्यक्ष मुकेश दोशी भी घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी प्राथमिकता आग बुझाने की है। इस मामले में जो भी जिम्मेदार होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने तत्काल राहत व बचाव कार्य के दिए निर्देश

टीआरपी मॉल के गेम जोन में लगी आग की घटना को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। पोस्ट में उन्होंने लिखा, "राजकोट में गेम जोन में आग लगने की घटना में नगर निगम और प्रशासन को तत्काल बचाव और राहत कार्य के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था को प्राथमिकता देने का भी निर्देश दिया गया है।"

सीएम भूपेन्द्र पटेल ने एक्स पर एक और पोस्ट में लिखा, ''राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देगी। इस संबंध में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है और उसे पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।"

आज 6 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशो के कूल 58 सीटों पर होगा मतदान,889 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज

दिल्ली NCR डेस्क

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण का आज 25 मई को 6 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 58 सीटों पर मतदान है. छठे चरण में 889 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. 

इस चरण में बिहार की 8, हरियाणा की सभी 10, झारखंड की 4, दिल्‍ली की सभी 7, ओडिशा की 6, उत्तर प्रदेश की 14, पश्चिम बंगाल की 8 और जम्‍मू-कश्‍मीर की एक सीट पर वोटिंग है.  

किस राज्य की कौन-सी सीट पर आज मतदान?

राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश का नाम किस सीट पर मतदान

बिहार

वाल्मिकी नगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज (एससी), सीवान, महाराजगंज

 

दिल्ली  

चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली

हरियाणा

अम्बाला, कुरूक्षेत्र, सिरसा, हिसार, करनाल, सोनीपत, रोहतक, भिवानी-महेन्द्रगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद

 

जम्मू-कश्मीर

अनंतनाग-राजौरी

उत्तर प्रदेश

सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकर नगर, श्रावस्ती, डोमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आज़मगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही

पश्चिम बंगाल

तमलुक, कांथी, घाटल, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा, बिष्णुपुर

 

झारखंड

गिरिडीह, धनबाद, रांची, जमशेदपुर

 ओडिशा  

भुवनेश्वर, पुरी, ढेंकनाल, क्योंझर (एससी), कटक, संबलपुर

 

उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा संख्या में नामांकन फॉर्म मिले. 14 संसदीय क्षेत्रों से 470 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसके बाद हरियाणा में, 10 निर्वाचन क्षेत्रों से 370 नामांकन मिले हैं. बता दें कि लोकसभा चुनाव एक जून तक सात चरणों में हो रहे हैं, पांच चरणों का मतदान पहले ही पूरा हो चुका है. वोटों की गिनती 4 जून को होनी है.

छठे चरण में इन प्रमुख चेहरों पर रहेगी नजर

छठे चरण में कई प्रमुख हस्तियों की किस्मत दांव पर है. इनमें ओडिशा के संबलपुर से चुनाव लड़ रहे धर्मेंद्र प्रधान, 

उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के मनोज तिवारी और कांग्रेस के कन्हैया कुमार,

 उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर सीट से बीजेपी की मेनका गांधी 

और जम्मू कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी सीट से पीडीपी की महबूबा मुफ्ती शामिल हैं.

पश्चिम बंगाल के तमलुक से बीजेपी के अभिजीत गंगोपाध्याय,

 हरियाणा के करनाल सीट से मनोहरलाल खट्टर, 

कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल और गुरुग्राम सीट से राव इंद्रजीत सिंह पर भी छठे चरण के मतदान में नजर रहेगी.

नहीं रहे अमिताभ बच्चन के डुप्लीकेट फिरोज खान हार्ट अटैक से हुआ निधन




*नयी दिल्ली :* सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के डुप्लीकेट के नाम से मशहूर फिरोज खान अब दुनिया में नहीं रहे। मशहूर टीवी एक्टर फिरोज खान के निधन का कारण हार्ट अटैक बताया गया। ”भाबी जी घर पर हैं” से मनोरंजन जगत में अपनी खास पहचान बनाने वाले फिरोज खान ने गुरुवार को यूपी के बंदायू में आखिरी हिचकी ली। उनके निधन हो जाने की फैली खबर के बाद से टीवी इंडस्ट्री से जुड़े लोग बेहद दुखी हैं। महानायक अमिताभ बच्चन के डुप्लीकेट फिरोज खान ने कई टीवी सीरियल्स और फिल्मों में काम किया। वह ‘भाबीजी घर पर हैं!’, ‘जीजा जी छत पर हैं’, ‘साहब बीबी और बॉस’, ‘हप्पू की उल्टन पल्टन’ और ‘शक्तिमान’ में नजर आये थे। सोशल मीडिया पर लोग अपने-अपने अंदाज में शोक प्रकट कर रहे
आज का इतिहास:आज ही के दिन 24 मई 1920 को थॉमस अल्वा एडिसन ने किया था टेलीस्क्राइब का अविष्कार



*नयी दिल्ली :- देश और दुनिया में 24 मई का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमे 24 मई का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1920 में 24 मई को ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जी स्थापना हुई थी। महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान ने 1877 में एक स्कूल की स्थापना की थी जो बाद में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कालेज बना और बाद में 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के रूप में जाना जाता है। बांग्लादेश में आज ही के दिन चक्रवाती तूफान आने से 10 हजार से लोगों की मृत्यु हो गई थी। आज ही के दिन वाराणसी का नाम ऑफिशियल किया गया था और इस दिन को वाराणसी में सामाजिक संस्थाएं और लोग जन्मदिन मनाते हैं। 1915 में आज ही के दिन थॉमस अल्वा एडिसन ने टेलीस्क्राइब का अविष्कार किया था। 2015 में आज ही के दिन आयरलैंड गणराज्य ने समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के लिए मतदान किया था और ऐसा करने वाला वह पहला देश बना। 2014 में 24 मई को ही थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा को सैन्य तख्तापलट के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। 2004 में आज ही के दिन उत्तर कोरिया ने मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाया था। 2001 में 24 मई को ही नेपाल के 15 वर्षीय शेरपा तेंबा शेरी माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बने थे। 1994 में आज ही के दिन न्यूयार्क सिटी में 1993 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर बम हमला करने वाले चार आरोपियों को 240 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी। 1986 में 24 मई को ही मार्गरेट थैचर इजरायल का दौरा करने वाली ब्रिटेन की पहली प्रधानमंत्री बनीं थीं। 1985 में आज ही के दिन बांग्लादेश में चक्रवाती तूफान से 10 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी। 1959 में आज ही के दिन साम्राज्य दिवस का नाम बदलकर राष्ट्रमंडल दिवस किया गया था। 1931 में 24 मई को ही पहली वातानुकूलित यात्री ट्रेन अमेरिका के वाल्टमोर ओहियो मार्ग पर चलाई गई थी। 1883 में आज ही के दिन ब्रुकलिन और मैनहट्टन को जोड़ने वाले ब्रुकलिन ब्रिज को यातायात के लिए खोला गया था। 1875 में 24 मई को ही सैयद अहमद खान ने अलीगढ़ में मुहम्मदीन एंग्लो ओरिएंटल स्कूल की स्थापना की जो वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से प्रसिद्ध है। 1689 में आज ही के दिन ब्रिटिश संसद ने प्रोटेस्टेंट ईसाइयों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी। 1973 में आज ही के दिन भारतीय निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक शिरीष कुंदर का जन्म हुआ था। 1954 में 24 मई के दिन ही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला बछेंद्री पाल का जन्म हुआ था। 1952 में आज ही के दिन भारत के पूर्व ‘भारतीय विदेश सचिव’ रंजन मथाई का जन्म हुआ था। 1899 में 24 मई के दिन ही प्रसिद्ध बांग्ला कवि, संगीतज्ञ और दार्शनिक काज़ी नज़रुल इस्लाम का जन्म हुआ था। 1896 में आज ही के दिन भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा का जन्म हुआ था। 24 मई को हुए निधन 2010 में आज ही के दिन भारतीय अभिनेता तपें चटर्जी का निधन हुआ था। 2000 में 24 मई के दिन ही हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकार और शायर मजरूह सुल्तानपुरी का निधन हुआ था। 1999 में आज ही के दिन भारत के महान् कुश्ती प्रशिक्षक (कोच) व पहलवान गुरु हनुमान का निधन हुआ था। 1990 में 24 मई के दिन ही भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष के. एस. हेगड़े का निधन हुआ था। 1543 में आज ही के दिन प्रसिद्ध यूरोपिय खगोलशास्त्री व गणितज्ञ निकोलस कॉपरनिकस का निधन हुआ था।
दिल्ली:वैष्णो देवी जा रही श्रद्धालुओं की मिनी बस को ट्रक ने रौंदा मां वैष्णो देवी के 7 श्रद्धालुओं की मौत, मृतकों में 6 महीने की बच्ची भी शामिल


दिल्ली:- हरियाणा के अंबाला जिले में देर रात भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें मां वैष्णो देवी 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 15 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिन्हें सिविल अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। अंबाला कैंट सिविल अस्पताल के डॉ. कौशल कुमार के अनुसार, घायलों की हालत खतरे से बाहर है।मृतकों में 6 महीने की बच्ची भी शामिल है। राहगीर और पुलिस की टीमें घायलों को लेकर अस्पताल पहुंची। 

हादसा अंबाला-दिल्ली-जम्मू नेशनल हाईवे पर ट्रैवलर (मिनी बस) और ट्रक की टक्कर से हुआ।वहीं हादसे के बाद ट्रक चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया। अंबाला पुलिस ने क्षतिग्रस्त मिनी बस और शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।

वैष्णो देवी के दर्शन करने निकले थे लोग

मिली जानकारी के अनुसार, हादसा हाईवे पर गांव मोहड़ा के पास हुआ। मिनी बस में करीब 25 लोग सवार थे, जिनमें से 7 लोगों की जान गई है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर निवासी लोग मां वैष्णा देवी के दर्शन करने लिए निकले थे की हादसे का शिकार हो गए टक्कर इतनी जोरदार थी कि मिनी बस का आगे का हिस्सा बुरी तरह डैमेज हो गया।

टक्कर लगते ही सभी लोग मिनी बस से निकलकर इधर-उधर गिर गए। सड़क पर सिर लगने से लोगों की जान गई। राहगीरों ने बचाव अभियान चलाते हुए डैमेज मिनी बस में फंसे घायलों को बाहर निकाला। हादसे की सूचना भी राहगीरों ने ही पुलिस को दी। हादसे की जानकारी मिलते ही मोहड़ पुलिस टीम ने मौके पर आकर शवों को कब्जे में लिया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसे में घायल हुए और मरने वाले लोग एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं। मृतकों की पहचान सोनीपत में जखौली गांव निवासी 52 वर्षीय विनोद, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के गांव ककौड़ निवासी मनोज (42 वर्षीय), गुड्डी, गांव हसनपुर निवासी बुजुर्ग महेर चंद, गांव ककौड़ निवासी सतबीर (46 वर्षीय) और 6 महीने की दीप्ति के रूप में हुई है। एक अन्य की पहचान नहीं हुई है।

घायलों में बुलंदशहर निवासी राजिंद्र (50 वर्षीय ), कविता (37 वर्षीय), वंश (15 वर्षीय), सुमित (20 वर्षीय), सोनीपत के गांव जखौली निवासी सरोज (40 वर्षीय), दिल्ली के मगुलपुरी निवासी नवीन (15 वर्षीय), लालता प्रसाद (50 वर्षीय), मुगलपुरी निवासी अनुराधा (42 वर्षीय), बुलंदशहर के गांव टकोर निवासी शिवानी (23 वर्षीय), आदर्श (4 वर्षीय) आदि शामिल हैं।

पुलिस के अनुसार, घायलों से मिली जानकारी के अनुसार, हादसा तेज स्पीड के कारण हुआ। आगे चल रहे ट्रक के आगे अचानक कोई वाहन आ गया, जिससे बचने के चक्कर में ट्रक वाले ने ब्रेक लगाई। पीछे आ रही मिनी बस का ड्राइवर स्पीड कंट्रोल नहीं कर पाया और पीछे से ट्रक से भिड़ गया।

हेल्थ टिप्स:गर्मियों में लू से बचने के लिए खाइए ये फल तपती गर्मी से मिलेगी राहत


दिल्ली:- तपती धूप और गर्मी से अक्सर लोग सुस्त महसूस करते हैं। दरअसल, शरीर में पानी की कमी के कारण इस समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप हिट स्ट्रोक से बचने के लिए अपनी डाइट में शामिल करें ये फल जो शरीर में पानी की कमी पूरा करने के साथ ही बॉडी में ठंडा रखने में भी आपकी मदद करेंगे साथ ही स्वास्थ के लिए भी फायदेमंद होगी आइए जानते है 

ऐसे ही पांच फलों के बारे में।

मौसमी और संतरा

मौसमी और संतरा, एक ऐसे फल है जिसमें विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है। ये खाने में स्वादिष्ट भी होते हैं और इनके सेवन से सेहत को भी फायदा होता है। गर्मियों में बड़े चाव से लोग मौसम्बी खाते हैं और इसका जूस भी पीते हैं। मौसम्बी के सेवन से पाचन शक्ति मजबूत बनती है, कब्ज से राहत मिलती है और ये फल वजन को भी कंट्रोल करने में मदद करता है।

तरबूज

तरबूज गर्मियों में खाने से शरीर में सिर्फ पानी की कमी ही नहीं पूरी होती बल्कि शरीर खास कर पेट में ठंडक बनी रहती हैं। तरबूज खाना कई बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद होता है। इस फल में 92% लिक्विड होता है जिससे बॉडी को पर्याप्त हाइड्रेशन मिलता है।

खरबूजा

खरबूजा एक मौसमी फल है, गर्मियों में इसे खाना काफी अच्छा होता है क्यों की इसमें पानी की मात्रा काफी अधिक होती है और इसमें कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं ।

आम

गर्मियों में आम खाने से पाचन अच्छा रहता है और इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-ई और फाइबर पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है।

सेब

सेब के फायदे को लेकर तमाम शोध हुए हैं। इन शोधों के आधार पर ही डॉक्टर्स हमें हर रोज सेब खाने की सलाह देते हैं। सेब सबसे ज्यादा पापुलर फलों में शामिल है। सेब में पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर को मजबूती देते हैं जिससे शरीर को भूख का एहसास नहीं होता है और वजन तेजी से घटता है। सेब में विटामिन ए, बी, सी, कैल्शियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो दिमाग में खून के प्रवाह को सही करते हैं।

एक जुलाई से लागू होंगे तीन नए कानून, राजद्रोह खत्म और नहीं मिलेगी तारीख पर तारीख




नई दिल्ली:- हत्या मतलब धारा 302 और धोखाधड़ी मतलब धारा 420 लगभग सभी जानते हैं, लेकिन अब एक जुलाई से हत्या का मतलब धारा 302 नहीं बल्कि धारा 103 और धोखाधड़ी का मतलब धारा 420 नहीं, बल्कि धारा 316 होगा. दरअसल अपराध और न्याय प्रणाली से जुड़े भारत के 3 कानूनों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. इस बदलाव के बाद अपराध से संबंधित धाराओं,उनकी विवेचना और न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा बदलाव देखने मिलेगा.

ब्रिटिशकाल से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code),भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं. अब इन कानूनों के नए नाम भी होंगे. जिनमें भारतीय कानून संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता नए नाम हो जाएंगे. इन कानूनों के लागू होने के पहले मध्यप्रदेश में पुलिस को प्रशिक्षित किया जा रहा है,ताकि अपराधिक विवेचना में कोई गलती ना हो. सागर स्थित जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी और पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में इन दिनों प्रशिक्षण चल रहा है. कैसा होगा इन बड़े कानूनों में बदलाव ये तीन कानून भारत की पुलिस और न्याय व्यवस्था की धुरी है.

अपराध संबंधी विवेचना से लेकर कानूनी प्रक्रिया तक इनका उपयोग होता है. सामान्य नागरिक भी इन कानूनों की धाराओं से परिचित है और प्रमुख अपराधों से संबंधित धाराओं के बारे में जागरूक है. लेकिन इस बड़े बदलाव के बाद पूरी न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा बदलाव देखने मिलेगा. इन तीन प्रमुख कानूनों में बदलाव कुछ इस तरह होगा. 1- भारतीय न्याय संहिता 2023 भारतीय न्याय संहिता 2023 जो नया कानून है, ये भारतीय दंड संहिता 1860 (Indian Penal Code) की जगह लेगा. खास बात ये है कि Indian Penal Code -1860 में 511 धाराएं थी, लेकिन नए कानून भारतीय न्याय संहिता में सिर्फ 358 धाराएं हैं। भारतीय न्याय संहिता में राजद्रोह की धारा हटा दी गयी है, लेकिन भारत की संप्रभुता,एकता और अखंडता के खिलाफ अलगाववाद या विद्रोह फैलाने की कोशिश के लिए राष्ट्रद्रोह के अंतर्गत परिभाषित किया गया है.

नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म और माॅब लिंचिंग जैसे अपराध में मौत की सजा का प्रावधान है. 2- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता- 1973 Criminal Procedure Code (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता- 2023 ले लेगी. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में Criminal की 484 धाराओं के मुकाबले 531 धाराएं हैं. कानून में किए गए बदलाव अपराध की विवेचना से लेकर न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाएंगे. इसमें मामलों की तय समय में जांच और सुनवाई का प्रावधान किया गया है. खास बात ये है कि जांच और सुनवाई पूरी होने के बाद 30 दिन के भीतर फैसला देने का प्रावधान भी है. यौन अपराध से जुड़े मामलों में पीड़ितों के बयान की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गयी है. अपराध में संलिप्तता पाए जाने पर संपत्ति कुर्क करने के लिए इस कानून में नया प्रावधान किया गया है. 3 - भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 ये नया कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) 1872 की जगह पर लागू होगा. नए कानून में 170 धाराएं हैं. जबकि Indian Evidence Act में 167 धाराएं थीं. अब अदालत में इलेक्ट्रानिक और डिजिटल साक्ष्य पेश किए जा सकेंगे. जिनमें स्मार्टफोन, लैपटॉप, एसएमएस, वेबसाइट, मेल, इलेक्ट्रानिक उपकरण, कंप्यूटर, डिजिटल रिकॉर्ड, ईमेल और सर्वर लॉग को पेश और स्वीकृत किया जा सकेगा. इनकी मान्यता कागज में रखे जाने वाले रिकार्ड के समकक्ष होगी. नए कानून के तहत केस डायरी, एफआईआर, आरोप पत्र और प्रकरण से संबंधित सभी जानकारी का डिजिटिलाइजेशन किया जाएगा. राजद्रोह की धारा हटी, लेकिन आतंकी गतिविधियों पर सख्त कानून भारतीय दंड संहिता 1860 का स्थान लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में राजद्रोह की धारा को खत्म किया गया है, लेकिन देश की एकता अखंडता और संप्रभुता को खतरा पहुंचाने,अलगाववाद और विद्रोह की कोशिश को राष्ट्रद्रोह के अंतर्गत परिभाषित किया गया है. देश को नुकसान पहुंचाने के लिए विस्फोटक पदार्थ और जहरीली वस्तुओं का उपयोग करने पर आतंकवाद की धाराओं में मुकदमा चलेगा. सजा और कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए विदेश भागने वालों पर मुकदमा चल सकेगा. अगर पुलिस विदेश में बैठे अपराधी को तय समय में नहीं पकड पाएगी,तो भी कोर्ट में प्रकरण पेश किया जा सकेगा. राजद्रोह के मामले में आईपीसी की धारा 124 -ए नए कानून के तहत धारा 150 के रूप में पहचानी जाएगी. भारत सरकार के खिलाफ उकसाने और युद्ध छेड़ने जैसे प्रयास पर आईपीसी की धारा 121 के तहत प्रावधान था लेकिन अब ये धारा 146 कहलाएगी. महिला अपराध में देश भर में कहीं भी होगी एफआईआर महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के मामलों में कानून को सख्त और महिला वर्ग को ध्यान में रखकर प्रावधान किए गए हैं. नए प्रावधान के तहत किसी महिला के साथ हुए दुष्कर्म की घटना में पीड़िता देश के किसी भी राज्य में कहीं भी जीरो पर केस दर्ज करा सकेगी. अब तक ये व्यवस्था राज्य स्तर पर लागू थी लेकिन अब ये राष्ट्रीय स्तर पर लागू होगी. वहीं यौन अपराध से जुड़े मामले में प्रावधान किया गया है कि यौन संबंधों के लिए पहचान छिपाना और झूठे वादे अपराध की श्रेणी में माने जाएंगे. नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म को पॉक्सो एक्ट के साथ जोड़ दिया गया है. जिसमें आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में 20 साल की कैद और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. आईपीसी में बलात्कार का मामला धारा 376 के अंतर्गत आता था. अब ये धारा 63 के अंतर्गत जाना जाएगा और धारा 64 में सजा के प्रावधान हैं. सामूहिक दुष्कर्म के मामले धारा 70 के अंतर्गत आएंगे. गंभीर अपराध में 3 साल के भीतर न्याय नए कानून के तहत गंभीर अपराध के मामले में विवेचना और न्यायिक प्रक्रिया को लंबा नहीं खींचा जा सकेगा. कानून में बदलाव के कारण अब गंभीर अपराधों में 3 साल के भीतर न्याय प्रदान करना होगा. पुलिस की विवेचना में देरी और मनमर्जी पर अंकुश लगाने के लिए नयी धाराएं बनाकर प्रावधान किया गया है. इसके तहत तय समय सीमा में विवेचना, तलाशी और जब्ती की वीडियोग्राफी, गिरफ्तार व्यक्तियों के बारे में परिजनों को जानकारी देना अनिवार्य किया गया है. पीड़ितों और गवाहों को राहत वाले प्रावधान नए कानूनों के तहत पीड़ितों और गवाहों की समस्याओं को ध्यान में रखकर कई प्रावधान किए गए हैं. अब किसी मामले में कोई गवाह घर बैठकर वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बयान दर्ज करा सकेगा. कोर्ट जाने की जरूरत नहीं होगी. 3 साल से कम सजा वाले केस और 60 से ज्यादा उम्र वालों से पूछताछ के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति अनिवार्य होगी. 7 साल से ज्यादा सजा के मामलों में फोरेसिंक रिपोर्ट अनिवार्य होगी. 7 साल से ज्यादा सजा के मामले में पुलिस हथकड़ी लगाने के लिए स्वतंत्र रहेगी. हिट एंड रन मामलों में सजा की अवधि बढ़ी सड़क दुर्घटना से संबंधित हिट एंड रन मामले में अब दोषी को 10 साल तक की सजा भुगतनी होगी. पहले सिर्फ दो साल की सजा होती थी, जिसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया है. दरअसल हत्या जैसे अपराध से बचने के लिए हिट एंड रन जैसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सजा में समाजसेवा जैसे प्रावधान विदेशों की तर्ज पर कोर्ट अब अपराधी को समाजसेवा से जुड़ी सजा सुना सकता है. साफ सफाई, वृद्धाश्रम और अस्पताल में सेवा कार्य और पौध रोपण जैसे काम सजा के तौर पर सुनाने का प्रावधान किया गया है. भूल जाएं पुरानी धाराएं, नहीं तो हो जाएगी गफलत दरअसल लंबे समय से चले आ रहे इन प्रावधानों के कारण आम आदमी भी ज्यादातर अपराध को धारा से संबोधित करते हैं. जैसे हत्या के लिए धारा 302 लेकिन अब ये धारा 103 के तहत आएगी. खास बात ये है कि धारा 302 को अब चैन स्नेचिंग की धारा माना गया है. छेड़छाड़ की धारा 354 की पहचान अब मानहानि की धारा के तौर पर होगी. पहले मानहानि की धारा को 499 के तौर पर जाना जाता था. धोखाधड़ी से मामले में धारा 420 का प्रयोग अब नहीं किया जा सकेगा. धोखाधडी अब धारा 316 के तहत आएगी।
आज का इतिहास: आज ही के दिन दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एवरेस्ट पर पहुंची थीं भारत की बछेन्द्री पाल

 नयी दिल्ली : 22 मई का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भारत की बछेन्द्री पाल 22 मई को ही दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एवरेस्ट पर पहुंची थीं और यह कारनामा अंजाम देने वाली वह देश की पहली महिला पर्वतारोही हैं। इसके लिए उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है। 

1859 में आज के दिन स्कॉटिश लेखक और भौतिकशास्त्री सर ऑर्थर कोनन डॉयल का जन्म हुआ था।

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इटली ने 1915 में ऑस्ट्रिया, हंगरी और जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की थी। 1545 में आज ही के दिन शेर शाह सूरी की मृत्यु हो गई थी। 2001 में 22 मई को ही दलाई लामा ने तिब्बत की आज़ादी की मांग छोड़ी थी और 2002 में आज ही के दिन नेपाल में संसद भंग की गई थी। 

22 मई का इतिहास

2008 में 22 मई को ही संयुक्त राष्ट्र संघ की 47 सदस्यीय मानवाधिकार समिति में पाकिस्तान को शामिल किया गया था।

2007 में आज ही के दिन गणितज्ञ श्रीनिवास वर्धन को नार्वे का अबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।

2003 में आज ही के दिन अल्जीरिया में विनाशकारी भूकंप में हजारों से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। 

2002 में आज ही के दिन नेपाल में संसद भंग की गई थी।

2001 में 22 मई को ही दलाई लामा ने तिब्बत की आजादी की मांग छोड़ी थी।

1996 में आज ही के दिन माइकल कैमडेसस तीसरी बार इंटरनेशनल मोनेटरी फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर चुने गए। 

1993 में आज ही के दिन से विश्व जैव विविधता दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।

1984 में 22 मई को ही बछेन्द्री पाल दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी।

1972 में आज ही के दिन अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड एम निक्सन मास्को पहुंचे थे और यह एक अमेरिकी राष्ट्रपति की सोवियत संघ की पहली यात्रा थी।

1972 में 22 मई के दिन ही पाकिस्तान द्वारा राष्ट्रमंडल की सदस्यता से त्यागपत्र दिया गया था।

1963 में आज ही के दिन भारत के पहले ग्लाइडर रोहिणी ने उड़ान भरी थी।

1915 में आज ही के दिन प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इटली ने ऑस्ट्रिया, हंगरी तथा जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।

1772 में 22 मई के दिन ही राजा राम मोहन राय का जन्म हुआ था और उन्हें भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है।

1545 में आज ही के दिन 1 विस्फोट में शेर शाह सूरी की मौत हो गई थी।

1420 में आज ही के दिन ऑस्ट्रिया और सीरिया से यहूदियों को निकाला गया था।

22 मई को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1987 में आज ही के दिन टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच का जन्म हुआ था।

1959 में 22 मई के दिन ही महबूबा मुफ़्ती जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री का जन्म हुआ था। 

1925 में आज ही के दिन हिंदी और रूसी साहित्‍य के आधुनिक सेतु निर्माताओं में से एक मदन लाल मधु का जन्म हुआ था।

1922 में 22 मई के दिन ही अमेरिकी टेलीविजन निर्माता क्वीन मार्टिन का जन्म हुआ था। 

1774 में आज ही के दिन धार्मिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में सबसे अग्रणी राजा राममोहन राय का जन्म हुआ था। 

22 मई को हुए निधन

2011 में आज ही के दिन 20वीं सदी के संस्कृतज्ञ तथा सौंदर्यशास्त्री गोविन्द चन्द्र पांडे का निधन हुआ था। 

1545 में 22 मई के दिन ही भारत में ‘सूर साम्राज्य’ का संस्थापक और योद्धा शेरशाह सूरी का निधन हुआ था।

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में ग्रुप B व C पदों पर भर्ती के लिए आवेदन स्टार्ट, 17 जून तक किया जा सकता है आवेदन



नई दिल्ली:- बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की ओर से ग्रुप बी एवं ग्रुप सी के तहत आने वाले विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जो भी अभ्यर्थी बीएसएफ में शामिल होना चाहते हैं वे ऑनलाइन माध्यम से इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। एप्लीकेशन फॉर्म भरने की अंतिम तिहि 17 जून 2024 निर्धारित की गई है।

एप्लीकेशन फॉर्म बीएसएफ की ऑफिशियल वेबसाइट rectt.bsf.gov.in पर जाकर भरा जा सकता है। इसके साथ ही आपकी सहूलियत के लिए इस पेज पर भी आवेदन का डायरेक्ट लिंक उपलब्ध करवाया गया है।

कैसे करें आवेदन

इस भर्ती में फॉर्म भरने के लिए आपको सर्वप्रथम आधिकारिक वेबसाइट rectt.bsf.gov.in पर जाना होगा।

वेबसाइट के होम पेज पर आपको जिस भी पद/ विभाग के लिए आवेदन करना है उसके आगे Apply Here लिंक पर क्लिक करें।

अब आपको पहले पर्सनल डिटेल्स भरकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।

इसके बाद अन्य सभी जानकारी भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।

अंत में अभ्यर्थी पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म का एक प्रिंटआउट निकालकर भविष्य के सन्दर्भ के लिए सुरक्षित रख लें।

भर्ती विवरण

इस भर्ती के माध्यम से कुल 141 रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इसमें से ग्रुप B के तहत एसआई (स्टाफ नर्स) के लिए 14 पद, एसआई (वाहन मैकेनिक) के लिए 3 पद, इंस्पेक्टर (लाइब्रेरियन) के लिए 2 पद आरक्षित हैं। इसके अलावा ग्रुप C के तहत पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए 75 पद, SMT वर्कशॉप के लिए 34 पद, वेटरिनरी स्टाफ के लिए 3 पद आरक्षित हैं। भर्ती से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल नोटिफिकेशन का अवलोकन कर सकते हैं।
1926 में आज ही के दिन पारित किया गया था रेलवे श्रम अधिनियम


नयी दिल्ली : देश और दुनिया में 20 मई का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं। UPSC मेंस एग्जाम के अलावा कई प्रतियोगी परीक्षाओं और इंटरव्यू में ऐतिहासिक घटनाएं पूछी जाती हैं। इसलिए इस ब्लाॅग में हम 20 मई का इतिहास जानेंगे। 

20 मई का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1932 में आज ही के दिन विपिन चंद्र पाल का निधन हुआ था। वह भारत में क्रांतिकारी विचारों के जनक थे। 1923 में 20 मई को ही स्टेनली बाल्डविन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे। 1926 में आज ही के दिन रेलवे श्रम अधिनियम पारित किया गया था।

1927 सऊदी अरब को ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली। 1900 में आज ही के दिन हिंदी जगत की प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म आज ही के दिन हुआ था। 1918 में 20 मई को ही भारत और पाकिस्तान के युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के वीर सैनिक पीरू सिंह का जन्म हुआ था। 

20 मई का इतिहास इस प्रकार है:

2011 में आज ही के दिन झारखंड की पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे उम्रदराज़ भारतीय महिला बनी थीं।

2011 में आज ही के दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मध्य प्रदेश के बीना में हज़ारों करोड़ की लागत से बनी ऑइल रिफ़ाइनरी देश को समर्पित की थी।

2002 में आज ही के दिन पुर्तगाल ने पूर्वी तिमोर की स्वतंत्रता को मान्यता प्रदान की।

2001 में 20 मई के ही दिन अफगानिस्तान में तालिबान ने हिंदुओं की अलग पहचान के लिए ड्रेस कोड बनाया था।

2000 में आज ही के दिन फिजी में जॉर्ज स्पेट अंतरिम प्रधानमंत्री बने थे।

1990 में आज ही के दिन हबल स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष से पहली तस्वीरों भेजी थीं।

1927 में आज ही के दिन सऊदी अरब को ब्रिटेन से फ्रीडम मिली थी।

1926 में 20 मई के दिन ही रेलवे श्रम अधिनियम पारित किया गया था।

1923 में आज ही के दिन स्टेनली बाल्डविन ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर बने थे।

1902 में 20 मई को ही टॉमस एस्ट्राडा पाल्मा देश के पहले राष्ट्रपति बने थे।

1902 में आज ही के दिन क्यूबा को संयुक्त राज्य अमेरिका से आजादी मिली थी।

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20 मई को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1900 में आज ही के दिन हिंदी जगत की प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म हुआ था।

20 मई को हुए निधन

2012 में 20 मई को ही प्रसिद्ध मानव विज्ञानी और नारीवादी विद्वान लीला दुबे का निधन हुआ 

था।

1957 में आज ही के दिन आंध्रा के पहले चीफ मिनिस्टर टी. प्रकाशम का निधन हुआ था।

1932 में आज ही के दिन क्रांतिकारी विचारों के जनक विपिन चन्द्र पाल का निधन हुआ था।

1929 में आज ही के दिन राजकुमार शुक्ल का निधन हुआ था। वह स्वतंत्रता सेनानी थे।