आंगनबाड़ी और सहायिका के 450 पद खाली
नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। जिले में 450 आंगनबाड़ी, सहायिकाओं के पद खाली पड़े हैं। इससे 200 से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दो-दो केंद्र संभालने पड़ रहे हैं। ऐसे में केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन विभाग के लिए चुनौती बन गया है।
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से जिले में कुल 1496 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन पर एक आंगनबाड़ी और एक सहायिका की तैनाती की गई थी। शासन से तय गाइडलाइन के आधार पर 60 साल से अधिक उम्र होने पर आंगनबाड़ी और सहायिकाओं की सेवा समाप्त कर दी गई। पुराने कर्मियों को तो हटा दिया गया, लेकिन उनके स्थान पर नई नियुक्ति नहीं की गई। जिससे धीरे-धीरे 204 आंगनबाड़ी और 246 सहायिकाओं के पद खाली हो चुके हैं। ऐसे में एक-एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दो-दो केंद्रों की जिम्मेदारी देनी पड़ रही है। वे भी ऐसे केंद्र हैं, जिनके बीच दूरी है।
औराई, डीघ, ज्ञानपुर, भदोही और सुरियावां ब्लॉक में ऐसे केंद्रों की संख्या अधिक है। यही हाल सीडीपीओ, डीपीओ कार्यालय का भी है। यहां कई सहायक, लिपिक के पद रिक्त हैं। विभागीय कार्य के लिए आउटसाइडरों का सहारा लिया जाता है। आंगनबाड़ी और सहायिकाओं की कमी से पोषाहार वितरण और अन्य विभागीय गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की कमी से केंद्रों का संचालन भी राम भरोसे चल रहा है। बच्चों, गर्भवती और किशोरियों के पोषण के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन निगरानी बेहतर न होने से कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की संख्या कम नहीं हो रही है।
पांच साल बाद 135 पदों पर हो रही भर्ती
ज्ञानपुर। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब पांच साल बाद फरवरी-मार्च में नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई। सुरियावां, डीघ, औराई, अभोली, भदोही और ज्ञानपुर के 135 केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए आवेदन लिया गया है, जो खाली पदों के सापेक्ष एक तिहाई ही है। आचार संहिता के कारण नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। माना जा रहा है कि जून के दूसरे पखवारे में चयन कर लिया जाएगा।
मार्च में मिले थे 12 हजार कुपोषित बच्चे
ज्ञानपुर। आंगनबाड़ी केंद्रों से पोषाहार वितरण एवं जरूरी देखभाल न होने से कुपोषित बच्चों की संख्या भी बढ़ रही है। आईसीडीएस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में कुपोषित बच्चों की संख्या जहां 10 हजार 540 थी वह फरवरी में बढ़कर 11 हजार 590 तक पहुंच गई। मार्च में हुए वजन दिवस के बाद 12 हजार 348 कुपोषित पाए गए।
वर्जन
छह ब्लॉकों में 135 पदों के लिए आवेदन लिया गया है। आचार संहिता खत्म होने पर चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। - मंजू वर्मा, डीपीओ भदोही
May 12 2024, 15:04