मतदान केंद्र पहुंचे आयुक्त मचा हड़कम्प

बछरावां,रायबरेली।मंगलवार सुबह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लखनऊ मंडल के आयुक्त रणविजय यादव अचानक मतदान केंद्र कंपोजिट विद्यालय चुरुवा निरीक्षण करने पहुंचे ।

आयुक्त के वाहन को देखकर शिक्षण कार्य में लगे शिक्षक शिक्षिकाओं में हड़कंप मच गया । मतदान केंद्र के निरीक्षण के दौरान उन्होंने बीएलओ माधुरी पाल से मतदाताओं की संख्या व बूथों की संख्या के बारे में जानकारी ली । जिस पर उन्होंने मतदाताओं की संख्या 1314 बताई है ।

उन्होंने चुनाव आयोग के दिशा निर्देशानुसार बूथ फैसिलिटी के बारे में जानकारी ली है । बूथों का निरीक्षण किया । पेयजल व सुरक्षा की भी जानकारी प्राप्त की । तेज तपिस को देखते हुए उन्होंने लेखपाल राजेंद्र कुमार को निर्देशित करते हुए कहा कि मतदान के दौरान छाया के लिए टेंट , पीने के लिए शीतल पेयजल , दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैंप जैसी व्यवस्थाओं से मतदान केंद्र को व्यवस्थित किया जाए जिससे धूप के चलते मतदाता मतदान केंद्र से दूरी न बनाएं । विद्यालय प्रांगण में पेड़ों की कमी को देखते हुए उन्होंने प्रधानाचार्य रेखा मिश्रा को प्रांगण हरियाली के लिए पेड़ लगवाने की नसीहत दी । चुरुवा के बाद उन्होंने नीमटीकर , सरौरा , बछरावां कस्बा सहित क्षेत्र के अन्य मतदान केदो का निरीक्षण किया है।

एसपी ने डियूटी के दिए टिप्स चुनाव के लिए पुलिस बल रवाना

रायबरेली।प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण का चुनाव संपन्न कराने के लिए जिले से पुलिसबल दूसरे जनपद को रवाना किया गया।

पुलिस लाइन सभागार में मंगलवार को पुलिस कर्मियों को ब्रीफ करते हुए पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल ने अनुशासन में रहकर निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जरूरी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी लोग साफ सुथरी वर्दी पहनने के साथ ही फोटोयुक्त परिचय पत्र अपने साथ रखेंगे।

आदर्श आचार संहिता का पालन करें। महिलाओं, वृद्धों, दिव्यांग व सामान्य जन के साथ नम्र व अच्छा व्यवहार करेंगे। शांन्ति पूर्ण निष्पक्ष व सुरक्षित मतदान कराने में मदद करेंगे। उन्होंने निर्देश दिया कि नियंत्रण अधिकारी के आदेशों का पालन करते हुए अपने शस्त्र की संरक्षा व सुरक्षा के लिए सतर्क रहें।

किसी भी राजनैतिक दल के लिए चुनाव एजेन्ट का कार्य नहीं करेंगे। किसी भी उम्मीदवार या उसके एजेण्ट व राजनीति से सम्बन्धित व्यक्ति से कोई सुविधा या सामाग्री नहीं लेंगे। मतदान केन्द्र के पीठासीन अधिकारी के बिना मतदान केन्द्र के अन्दर नही जाएंगे। मतदान के दौरान किसी प्रत्याशी के पक्ष में मत देने अथवा न देने के लिए प्रेरित न करें। किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन कदापि न करें। निर्वाचन के दौरान अपनी ड्यूटी स्थल से नहीं हटेंगे।

अशिष्ट भाषा का प्रयोग तथा रोष प्रदर्शित न करें। उन्होंने कहा कि मतदान केन्द्र पर ड्यूटी के दौरान मतदान से सम्बन्धित किसी भी विषय के लिए पीठासीन अधिकारी सक्षम है। इसलिए किसी भी तरह के विवाद में खुद न पड़ते हुए पीठासीन अधिकारी को अवगत कराएंगे। इसी तरह अन्य निर्देश भी दिए।

इस दौरान एएसपी नवीन कुमार सिंह मौजूद रहे।

मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा

रायबरेली।नवरात्र के छठवें दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा होती है। रविवार को देवी की पूजा की गई। मां दुर्गा के इस स्वरूप का अवतार कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में हुआ था। ऐसी मान्यता है कि जो साधक देवी के इस अवतार की पूजा सच्ची श्रद्धा के साथ करते हैं उन्हें जीवन में कभी मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ता है।

चैत्र नवरात्र के छठवें दिन जिले भर के देवी मंदिरों में मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की गई। रविवार को सुबह से ही शक्तिपीठों पर लोगों का जमावड़ा लगने लगा। छठवें दिन नवदुर्गा के छठवें स्वरूप कात्यायनी की उपासना की गई। मंदिरों और घरों में पूरे विधि-विधान से मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धालुओं ने पूजा की। मंदिरों में भी पूरे दिन घंटा और घड़ियालों की गूंज रही। मां के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहा।मंदिरों के आसपास सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भी अपने कार्य में लगे रहे।

छठवें दिन माता के भक्तों ने मां के छठवें स्वरुप की पूजा की। मंदिरों और घरों में आरती हुई । वहीं लोगों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। शहर के मंशा देवी मंदिर, चंपा देवी, मढ़ी देवी, काली मंदिर, दुर्गा मंदिर सहित गांव और शहर के मां के मंदिरों और शक्ति पीठों में माता के दर्शन के लिए लोगों का जमावड़ा लगा रहा। मंदिर के कपाट खुलते ही हर भक्त दर्शन के लिए उतावले हो उठे। इसके बाद एक-एक कर लोगों ने समर्पण भाव से मां की पूजा अर्चना की। पूरे दिन दुर्गा मंदिरों में पूजन-अर्चन, मंत्रोच्चारण और दुर्गा सप्तशती का पाठ चलता रहा। छठवे दिन मां के कात्यायनी के स्वरुप की आराधना भक्ति भाव से लोगों ने की लोगों में काफी उत्साह रहा। हर कोई मां के दरबार में उपस्थिति दर्ज कराने को आतुर रहा। मंदिरों में मइया के जयकारों की गूंज रही। मंदिरों में धूप, हवन, फूलों की सुगंध और मां के जयकारे की गूंज से लोग मां की भक्ति के रंग में रंग गए।

जूनियर इंजीनियर संघ के अध्यक्ष बने कैलाश सिंह

रायबरेली। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संघ का चुनाव संपन्न हुआ।जिसमें संगठन के पदाधिकारी का चुनाव किया गया।संगठन में रायबरेली व उन्नाव जिले के जूनियर इंजीनियर शामिल रहे।

शुक्रवार को रायबरेली जोन के जूनियर इंजीनियर संघ का अभियंता एके सिंह के देखरेख में सम्पन्न हुआ। जिसमें खीरों के उपखंड अधिकारी कैलाश सिंह यादव को अध्यक्ष की कमान सौंपी गयी। शिवगढ़ के उपखंड अधिकारी प्रमोद वर्मा को वरिष्ठ उपाध्यक्ष खीरों के अवर अभियंता विजय कुमार सिंह को सचिव की जिम्मेदारी मिली।

शंभूदयाल यादव अवर अभियंता को ऊंचाहार तहसील का संगठन सचिव बनाया गया। वहीं शिवांशु दुबे अवर अभियंता उन्नाव को प्रचार सचिव ,उदेश कुमार अवर अभियंता आईटीआई को वित्त सचिव तथा अवर अभियंता दरीबा कमल कुमार पाण्डेय को लेखा निरीक्षक बनाया गया। सभी पदाधिकारियों ने संगठन को विस्तार तथा निष्ठा के काम करने की बात कही।

नवरात्र के चौथे दिन घरों व मंदिरों में हुई माँ कूष्मांडा की आराधना

रायबरेली।चैत्र नवरात्र के चौथे दिन जिले भर के देवी मंदिरों में धूम रही। शुक्रवार को सुबह से ही शक्तिपीठों पर लोगों का जमावड़ा लगने लगा। चौथे दिन नवदुर्गा के चौथे स्वरूप माता कूष्मांडा की उपासना की गई।

कहते हैं देवी ने अपनी मंद मुस्कुराहट और अपने उदर से इस ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था। जिसके चलते इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है। इनकी उपासना शांत मन के साथ करनी चाहिए।मंदिरों और घरों में पूरे विधि-विधान से मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धालुओं ने पूजा की। मंदिरों में भी पूरे दिन घंटा और घड़ियालों की गूंज रही। मां के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहा।मंदिरों के आसपास सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात रहे ।

चौथे दिन माता के भक्तों ने मां कुष्मांडा की पूजा की। मंदिरों और घरों में आरती हुई । वहीं लोगों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। शहर के मंशा देवी मंदिर, चंपा देवी, मढ़ी देवी, काली मंदिर, दुर्गा मंदिर में माता के दर्शन के लिए लोगों का जमावड़ा लगा रहा। मंदिर के कपाट खुलते ही हर कोई दर्शन के लिए उतावला हो उठा। एक-एक कर लोगों ने समर्पण भाव से मां की पूजा अर्चना की। पूरे दिन दुर्गा मंदिरों में पूजन-अर्चन, मंत्रोच्चारण और दुर्गा सप्तशती का पाठ चलता रहा।पहला दिन होने के कारण लोगों में काफी उत्साह रहा। हर कोई मां के दरबार में उपस्थिति दर्ज कराने को आतुर रहा।

मंदिरों में मइया के जयकारों की गूंज रही। मंदिरों में धूप, हवन, फूलों की सुगंध और मां के जयकारे की गूंज से लोग मां की भक्ति के रंग में रंग गए।

*कंपोजिट विद्यालय सेंदुरामऊ में आयोजित हुआ वार्षिकोत्सव, बच्चों की प्रस्तुति देखकर अभिभावकों ने भी की प्रशंसा*

रायबरेली- डलमऊ क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय सेंदुरामऊ में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ किया गया। छात्रों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। स्कूल चलो अभियान पर नाटक प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री सुशील कुमार ए0आर0पी0 उपस्थिति रहे।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक व जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह द्वारा शैक्षिक सत्र में अधिकतम उपस्थिति दर्ज करने वाले छात्र-छात्रों का एवं उनके अभिभावकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। कक्षा 8 उत्तीर्ण छात्र- छात्राओं को स्मृति चिन्ह एवं उपहार देकर विदाई की गई। कार्यक्रम का संचालन जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिला महामंत्री सियाराम सोनकर जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसएमसी अध्यक्ष राकेश चंद्र ने की। प्राथमिक शिक्षक संघ के शिव प्रकाश जी ने शैक्षिक तथ्यों पर अपना मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम में सभी बच्चों के अभिभावकों के साथ विद्यालय स्टाफ से कुलदीप, उदय सिंह, विनोद कुमार, राघवेन्द्र कुमार, अजय कुमार, शिवलाल, ममता उपस्थित रहीं।

उधर, अमावां ब्लॉक के कम्पोजिट विद्यालय लोदीपुर में सेवानिवृत्ति शिक्षक गुड्डू मास्टर का भी सम्मान किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन शिक्षक अशोक त्रिपाठी की तरफ से किया गया। पूर्व माध्यमिक विद्यालय हिलगी के प्रधानाध्यापक शफीकुर्रहमान उर्फ गुड्डू मास्टर 31 मार्च को सेवानिवृत्ति हो गए हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष शशि प्रकाश श्रीवास्तव ने 'कौन जा रहा मेरा ब्लॉक छोड़कर ...' गीत गाकर सबको रूला दिया। इस मौके पर शिक्षक राजेश सिंह, संकुल बल्ला के नोडल नीरज कुमार, रितेश सिंह, दीपेश, रेहाना, प्रवेश यादव आदि लोग मौजूद रहे।

*नवरात्र की तैयारियां शुरु, चल रहा मां के मंदिरों की साफ सफाई काम,बाजार भी गुलजार*

रायबरेली- चैत्र की नवरात्र आगामी नौ अप्रैल को शुरु होगी।

इसके लिए शहर से लेकर गांव कस्बों में तैयारियां शुरु हो गई हैं। भक्तों ने अपनी मां के मंदिरों की साफ सफाई शुरु कर दी है।सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा करने का विधान है। साथ ही सुख और शांति के लिए व्रत भी किया जाता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्र की शुरुआत 9 अप्रैल से होगी और खरमास का समापन 13 अप्रैल को होगा। चैत्र नवरात्र के शुरुआत के पांच दिनों तक खरमास का साया रहेगा। ऐसे में 9 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल तक मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। खरमास के समापन के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।

खरमास में नही होते ये काम

खरमास के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास में इन कार्यों को करने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। इसके अलावा खरमास में सगाई और शादी नहीं नहीं करनी चाहिए। कोई संपत्ति खरीदना और घर खरीदना नहीं करना चाहिए। खरमास में तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। खरमास की अवधि में बिजनेस की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।

कब से कब तक है खरमास

पंचांग के अनुसार, इस बार 14 मार्च से खरमास की शुरुआत की हो गई है और इसका समापन 13 अप्रैल को होगा। इस दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ खरमास की अवधि समाप्त होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू होंगे और 17 अप्रैल को समापन होगा। नवरात्रि की दुर्गा नवमी भी 17 अप्रैल को है। इस दिन राम नवमी भी मनाई जाएगी।ये नवरात्रि का आखिरी दिन होता है। इस दिन मां दुर्गा के 9वें स्वरूप देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।कन्या पूजन, हवन और समस्त धार्मिक अनुष्ठानों की समाप्ति के बाद इसी दिन नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है।

चैत्र नवरात्रि की नवमी का महत्व

महानवमी पर देवी सिद्धिदात्री की पूजा करने से हर कार्य सिद्ध हो जाते हैं।मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए न सिर्फ देवता बल्कि राक्षस, गंधर्व, ऋषि मुनि भी कठोर तपस्या करते हैं।

लाल चुनरी चढ़ा कर दूर होते हैं दुःख

स्वंय शिव जी ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से 9 सिद्धियों को प्राप्त की थी। मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के आखिरी दिन माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाने से सारे दुख, दर्द, दोष दूर हो जाते हैं।इस दिन हवन करने से नवरात्रि का पूजन सफल हो जाता है।साथ ही कन्या पूजन से देवी प्रसन्न होती है।

चैत्र नवरात्रि की नवमी पर राम जन्मोत्सव

शारदीय और चैत्र नवरात्रि दोनों में ही नवमी तिथि का श्रीराम से गहरा संबंध बताया गया है। शारदीय नवरात्रि की नवमी पर भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्ति की थी। चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राजा दशरथ के घर पुरुष अवतार लेकर श्रीराम ने जन्म लिया था।

नवरात्र में बाजार गुलजार

नवरात्र में शहर और कस्बों बाजार गुलजार हो गए हैं सभी भक्त अपनी जरूरतों के अनुसार खरीददारी कर रहे हैं। लोग अपने हिसाब से धार्मिक सामग्री की खरीददारी कर रहे हैं।

*महज शो पीस बनकर रह गई सौर ऊर्जा संचालित पानी की टंकियां, प्यासे लोग, उदासीन अधिकारी*

ऊंचाहार- तहसील क्षेत्र में कौन कहता है गांव का मौसम गुलाबी है? ये दावे झूठे हैं ये दावा किताबी है ,मशहूर कवि अदम गोंडवी की ये पंक्तिया वर्तमान के सरकारी सिस्टम पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं।रोहनिया ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत ऐहारी बुजुर्ग में पाइप लाइन बिछाकर लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तकरीबन एक वर्ष पूर्व लाखों की लागत से सांसद निधि द्वारा सौर ऊर्जा से संचालित पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था।ताकि लोगों को शुद्ध जल मुहैया कराया जा सके,लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता व लापरवाही के चलते ये टँकी सफेद हाथी साबित हो रही है।

ग्रामीण राजनारायण पाण्डेय, दुर्गा सिंह, विष्णु पाण्डेय, केवला देवी आदि लोगों का कहना है कि शुरूआत में तो कुछ दिनों तक लगाई गई टोटियों में पानी आया लेकिन कुछ दिनों बाद ये आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई। आज हालात ये हैं की कभी लोगों की प्यास बुझाने वाली टोटियां एक एक बूंद पानी को तरस गई और खुद प्यासी रहकर दम तोड़ गई। कई बार इसकी शिकायत कई बार की गई, लेकिन आज तक कोई भी इसे देखने तक नहीं आया।

*बच्चों की पीठ पर बढ़ रहा बस्ते का बोझ,हर साल बढ़ जाता किताबों का बोझ*

रायबरेली- सरकार के तमाम दावे और सुधार के बावजूद नौनिहालों के कंधे बस्ते के बोझ से झुके जा रहे हैं। हर साल बच्चों के बस्ते का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग कई बार एडवायजरी भी जारी कर चुका है दूसरी तरफ एचआरडी ने भी विभिन्न कक्षाओं के लिए बस्ते का वजन कितना होना चाहिए इसको लेकर भी गाइडलाइन दे चुका है।

इसके तहत कक्षा एक के बच्चे का बस्ता डेढ़ किलो, तीन से पांचवीं तक दो से तीन किलो और आठवीं से नौवी तक चार से साढ़े चार किलो होना चाहिए। बावजूद इसके नौनिहालों का बचपन बस्ते के बोझ से दबा जा रहा है।

इसके लिए जब पड़ताल की गई तो पता चला की सबसे अधिक बैग का भार प्राइवेट विद्यालय के बच्चो पर है। वर्तमान में सभी स्कूलों में पुस्तकों और नोटबुक की संख्या में वृद्धि हुई है। खासकर निजी स्कूलों में डायरी से शुरू होने वाली किताबों की संख्या ज्यादा है। नतीजतन, स्कूल बैग का वजन स्वाभाविक रूप से बहुत बढ़ जाता है। भारी स्कूल बैग के दबाव के कारण बच्चा अपने बचपन के आराम को खो रहा है। स्कूली बच्चे बैग के वजन से थक रहे हैं, जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है।

कितना हो स्कूल बैग का अधिकतम वजन

विशेषज्ञों के अनुसार स्कूल बैग का वजन बच्चे के शरीर के वजन का अधिकतम 10-15 प्रतिशत होना चाहिए। यानी अगर किसी बच्चे का वजन 25 किलो है तो उसकी किताबों के साथ स्कूल बैग का वजन ढाई से तीन किलो होना चाहिए। प्रथम और द्वितीय श्रेणी के बच्चों के स्कूल बैग का वजन डेढ़ से दो किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। कक्षा तीन से पांच तक के बच्चों के स्कूल बैग का वजन अधिकतम तीन से साढ़े तीन किलोग्राम तक हो सकता है। कक्षा आठ से दस तक के छात्रों के स्कूल बैग का वजन अधिकतम पांच से छह किलो तक हो सकता है।

स्कूल बैग कैसे ले जाना चाहिए हड्डी रोग विशेषज्ञों के अनुसार, स्कूल बैग का वजन बच्चे के दोनों कंधों पर समान रूप से वितरित होना चाहिए। स्कूल बैग का सारा वजन किसी भी तरह से शरीर के एक तरफ नहीं होना चाहिए। इससे बच्चे के शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है। स्कूल बैग का बैग किसी भी तरह से बच्चे की कमर के नीचे नहीं जाना चाहिए।

माता पिता भी दें ध्यान

माता-पिता को अपने बच्चों पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत है। सुनिश्चित करें कि बच्चे के स्कूल बैग का वजन ज्यादा न हो। स्कूल की किताबें, कोचिंग की किताबें सब एक बैग में न दें। माता-पिता और स्कूल अधिकारियों दोनों को बच्चे की भलाई और उज्जवल भविष्य के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारियां निभाने की जरूरत है। दोनों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बचपन में भारी स्कूल बैग से बच्चों को नुकसान न हो।

जिले के अधिकांश स्कूलों में किताबो के बोझ से थक रहे बच्चे

गुरुवार को की पड़ताल में में शहर से लेकर गांव तक खुले स्कूल के बच्चे बैग के बोझ तले दबे नजर आए। गौरा कस्बे के एक अभिभावक सुरेश ने बताया की कक्षा एक के बच्चे के बैग का वजन करीब दो से ढाई किलो है। इसी तरह दो के बच्चे के बैग का वजन करीब चार किलो व तीन से पांच तक के बच्चो के बैग का वजन पांच से दस किलो तक बढ़ गया है। यदि विद्यालयों में वाहन न चलाए जाएं तो बच्चे उस बैग को ले ही न जा पाए। वहीं पैदल चलने वाले बच्चो की हालत तो बहुत ही खराब हो रही है। जगतपुर कस्बे के एक विद्यालय के प्रिंसिपल ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की कमीशन के चक्कर में प्रबंधक बस्ते का वजन बढ़ा देते हैं। हम लोग क्या कर सकते हैं।

भारी बैग से क्या हो सकता है नुकसान

● विशेषज्ञों के अनुसार सिर्फ थकान ही नहीं, भारी स्कूल बैग कई और शारीरिक समस्याओं का मार्ग प्रशस्त करते हैं। भारी स्कूल बैग के दबाव से बच्चे के शरीर की संरचना क्षतिग्रस्त हो सकती है।

● ज्यादा देर तक भारी बैग लेने से कंधे की मांसपेशियां सख्त या सख्त हो जाती हैं। नतीजतन, रक्त परिसंचरण बाधित होता है और गर्दन में दर्द, कंधे का दर्द, पीठ दर्द और घुटने का दर्द होता है।

● शरीर के एक तरफ भारी बैग ले जाने से दोनों कंधों पर संतुलन बिगड़ जाता है। इससे बच्चे की रीढ़ की हड्डी थोड़ा दाएं या बाएं या सामने की ओर झुक सकती है।

● अतिरिक्त वजन के बैग ले जाने से बच्चे का सिर और गर्दन आगे की ओर झुक सकता है। नतीजतन, बच्चे का शारीरिक विकास बाधित हो सकता है।

● भारी बैग ले जाने से बच्चे का पोस्चर बिगड़ सकता है। इससे बच्चे का शरीर अपना संतुलन खो सकता है।

● अधिक वजन का बैग ले जाने से बच्चे की गर्दन और कंधे की मांसपेशियों में पुरानी चोट लग सकती है।

थेरेपिस्ट बोले, शरीर की मुद्रा को बदल सकता है भारी बैग

फिजियोथेरेपी चिकित्सक अखिलेश त्रिवेदी का मानना है कि भारी स्कूल बैग शरीर की मुद्रा को बदल सकते हैं और इस तनाव की भरपाई के लिए मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को अत्याधिक प्रतिक्रिया देनी होती है। कुछ बच्चे हमेशा अपना बैग एक कंधे पर रखते हैं। लेकिन ऐसा करने या बैग को गलत तरीके से उठाने से जटिलताएं हो सकती हैं। हर दिन इन गतिविधियों को दोहराने से रीढ़ की हड्डी को नुकसान हो सकता है और स्थायी संरचनात्मक विकृति हो सकती है। भारी स्कूलों के बैग की वज़ह से पोस्चरल असंतुलन सबसे चिंताजनक पहलू है।

क्या बोले बेसिक शिक्षाधिकारी

बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया यदि शासन की मंशा के अनुरूप बैग का बोझ अधिक है तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी।

*अनियंत्रित कार ने मारी टक्कर, दो घायल*

रायबरेली- मिल एरिया थाना क्षेत्र में रायबरेली- सुल्तानपुर हाईवे पर अनियंत्रित हुई एक तेज रफ्तार कार ने सड़क के किनारे दो युवकों को टक्कर मारने के बाद सड़क के किनारे खड़ी पांच बाइक व दो कारों में टक्कर मारते हुए एक ठेले में घुस गई । घटना के बाद मौके पर अफरा तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे यातायात पुलिस के एक जवान ने घायल दोनों युवकों को जिला अस्पताल पहुंचाया।सूचना पुलिस को दी गई।मौके पर पहुंची पुलिस ने कार चालक को कार समेत कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी है।

घटना मिल एरिया थाना क्षेत्र में रायबरेली-सुल्तानपुर रोड पर बैंक ऑफ़ बडौ़दा मलिक मऊ के पास की है। जहां अमेठी जनपद के जायस निवासी इशरत हुसैन पुत्र अब्दुल अपनी कार से जायस की ओर जा रहा था। तभी दोपहर तकरीबन 1:30 बजे बैंक ऑफ़ बड़ौदा की मलिक मऊ शाखा के पास उसकी कार अनियंत्रित हो गई। अनियंत्रित हुई तेज रफ्तार कार ने सड़क के किनारे खड़े महाराजगंज थाना क्षेत्र के संतोषपुर गांव निवासी गया प्रसाद पुत्र किशन के अलावा एक अन्य युवक को जोरदार टक्कर मार दी । जिससे दोनों युवक घायल हो गए। वही अनियंत्रित हुई कार ने सड़क के किनारे खड़ी तीन कारों में टक्कर मारते हुए 5 बाइक में भी टक्कर मारी। तेज रफ्तार का सड़क के किनारे एक ठेले में जाकर घुस गई।

घटना में तीन कार और पांच बाइक क्षतिग्रस्त हो गई । यातायात पुलिस के जवान अशोक कुमार ने घायल दोनों लोगों को जिला अस्पताल पहुंचाया। सूचना पुलिस को दी गई।

मौके पर पहुंची पुलिस ने कार चालक इशरत हुसैन को उसकी कार समेत कब्जे में ले लिया है।इस संबंध में इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह ने बताया इशरत ने बताया झपकी आने के कारण दुर्घटना हुई है । तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा । घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।