आजमगढ़:-शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने एक्स पर चलाया पुरानी पेंशन अभियान
फूलपुर(आजमगढ़)। पुरानी पेंशन की बहाली और निजीकरण के विरोध में शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने डा भीमराव आंबेडकर जयंती के दिन अटेवा/एनएमओपीएस(नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम) के बैनर तले अभियान की शुरुआत सुबह 11 बजे से हुई। इस दौरान शाम 3 बजे तक हजारों शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने ट्विटर के माध्यम से अपनी आवाज उठायी।
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के आह्ववान पर शिक्षक एवं कर्मचारियों द्वारा यह अभियान चलाया गया।
अटेवा के जिलाध्यक्ष सुभाष चंद यादव ने बताया कि केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों में 1 जनवरी 2004 तथा उत्तर प्रदेश सरकार की नौकरियों में 1 अप्रैल 2005 से शिक्षकों कर्मचारियों को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त कर बाजार आधारित नई पेंशन व्यवस्था एनपीएस लागू कर दी गई । जो ना तो शिक्षकों कर्मचारियों के हित में है और ना ही प्रदेश एवं देश के हित में है क्योंकि कर्मचारियों के साथ साथ प्रदेश एवं केंद्र सरकार केंद्र सरकार का पैसा प्राइवेट कंपनियों के पास जमा हो रहा है जिसका ना कोई भविष्य है ना ही कोई गारंटी एवं सुरक्षा यह व्यवस्था अन्याय पूर्ण एवं विभेदकारी है।
उत्तर प्रदेश के लगभग 13. 37 लाख युवा शिक्षक कर्मचारी एवं अधिकारी इस नई पेंशन व्यवस्था के अंतर्गत आते हैं। देश भर में सीधे तौर पर 3:30 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं। नई पेंशन व्यवस्था को लेकर प्रदेश एवं देश देशभर के शिक्षक कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। सरकारी परिसंपत्तिया देश की धरोहर हैं।
सरकारी संस्थान रोजगार सृजन के माध्यम है सरकारी संस्थान हमारे देश के गौरव केंद्र हैं। इन संस्थानों का निजीकरण करना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। इन संस्थाओं की परिसंपत्तियों एवं उनमें कार्यरत कर्मचारी देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इनको निजी हाथों में सौंपना उचित नहीं है।
निजीकरण से जनता का शोषण तथा प्राइवेट कंपनियों का लाभ होता है जो एक लोक कल्याणकारी राज्य की संकल्पना के खिलाफ है। बताया कि इसके पहले भी संगठन केे माध्यम सेे आंदोलन किए जा चुके हैं। ट्विटर केे माध्यम से देशव्यापी अभियान चलाया गया था। सभी कर्मचारी अपने ट्वीट के साथ हैजटैग कांस्टीट्यूशनल राइटओपीएस, नो पेंशन नो वोट लगाया।
Apr 14 2024, 17:44