दमनक चतुर्थी व्रत आज इस विधि से करें भगवान गणेश का पुजन

सरायकेला :- भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिये दमनक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को यह पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष 12 अप्रैल 2024 को दमनक चतुर्थी का उत्सव मनाया जाएगा। भगवान श्री गणेश जी को दमनक नाम से भी पुकारा जाता है। इस कारण से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष कि चतुर्थी को गणेश दमनक चतुर्थी भी कहा जाता है।

भगवान श्री गणेश सभी संकटों का हरण करने वाले हैं, सभी दुख कलेश का नाश करने वाले है इसलिए इस दमनक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का व्रत एवं पूजन करने से सभी कष्टों का दमन होता है। शत्रुओं का नाश होता है।

गणेश पूजन विधि

दमनक चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी का पूजन किया जाता है। इस दिन प्रात:काल उठते हू भगवान श्री गणेश जी का स्मरण करना चाहिए और उनके 11 नामों का स्मरण अवश्य करें। एकदंत, गजकर्ण, लंबोदर, कपिल, गजानन, विकट, विघ्नविनाशक, विनायक, भालचन्द्र, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष. भगवान के नाम स्मरण के पश्चात स्नान इत्यादि कार्यों से निवृत होकर पूजन का आरंभ करना चाहिए।

भगवान गणेश जी के सम्मुख बैठ कर ध्यान करें और पुष्प, रोली ,अक्षत आदि चीजों से पूजन करें और विशेष रूप से सिन्दूर चढ़ाएं तथा दूर्बा अर्पित करनी चाहिए। गणेश जी को लड्डू प्रिय हैं उन्हें यह चढ़ाने चाहिये। गणेश जी के मंत्र ॐ चतुराय नम: , ॐ गजाननाय नम: , ॐ विघ्रराजाय नम: ॐ प्रसन्नात्मने नम: का जाप करना चाहिए।

गणेश जी की मूर्ती को स्नान कराना चाहिये। गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराकर शुद्ध जल से स्नान करवाना चाहिये। इसके बाद मंदिर में मूर्ति को स्थापित करना चाहिये। श्रद्धा पूर्वक भगवान के समक्ष पुष्प चढ़ाने चाहिये। चन्दन, रोली, सिन्दूर,अक्षत से भगवान का तिलक करना चाहिये। फूल माला पहनानी चाहिये। आभूषण एवं सुगन्धित पदार्थ अर्पित करने चाहिये। धूपबत्ती, कपूर, दीपक जलाने चाहिये। भगवान की कथा करनी चाहिये और उसके बाद आरती करके पूजन संपन्न करना चाहिये। आरती पश्चात भगवान को भोग लगाएं और अपने द्वारा भगवान से घर परिव एवं संसार के कल्याण की कामना करनी चाहिये।

दमनक चतुर्थी की कथा

दमनक चतुर्थी से जुड़ी एक प्राचीन कथा भी है। इस कथा अनुसार एक नगर में राजा राज्य करता था। राजा के दो पत्नियां थी और उन दोनों के एक-एक पुत्र भी थे। एक रानि के पुत्र का नाम गणेश था और दूसरी रानी के पुत्र का नाम दमनक था। दोनों बच्चों का बहुत अच्छे से लालन-पालन होता है। परंतु एक प्रकार का अंतर दोनों के साथ रहता था। जब गणेश अपने ननिहाल जाता था तो उसके ननिहाल में सभी उसे बहुत प्रेम करते थे और उसका बहुत ख्याल रखा जाता था। लेकिन दूसरी ओर दमनक जब भी अपने ननिहाल जाता थो उसको वहां पर प्रेम नहीं मिलता था, उसके मामा और मामियां उससे घर के काम करवाते और उसके साथ बुरा व्यवहार किया करते थे।

जब दोनों बच्चे अपने ननिहाल से घर वापिस आते तब गणेश तो अपने साथ ढेर सारा सामान लाता था पर दमनक को उसके ननिहाल से कुछ भी नहीं मिलता था। वह खालिहाथ ही लौट आता था। इसी प्रकार दोनों अपने सुख दुख को भोगते हुए बड़े होते हैं। दोनों का विवाह होता है और दोनों अपनी बहुओं के साथ अपने-अपने ससुराल जाते हैं। गणेश के ससुराल में उसका बहुत सम्मान होता है और उसे बहुत से पकवान एवं मिठाइयां खिलाई जाती हैं।

दमनक जब अपने ससुराल जाता, तब उसके ससुराल वाले उसकी कोई खास खातिरदारी नहीं करते हैं और उसे सोने के लिए भी स्थान नहीं देते हैं और बहाने से उसे घोड़ों के सोने की जगह पर जाकर सोने को कहते हैं।

गणेश अपने ससुराल से तो बहुत कुछ सामान लेकर आता है लेकिन दमनक खालीहाथ ही वापिस आता है उसे कुछ भी नहीं मिलता है। उन दोनों की स्थिति को बुढिया को पता थी क्योंकि वह उन्हें बचपन से देखती आ रही थी। बुढि़या को दमनक की स्थिति पर बहुत दया आती थी वह इससे दुखी होती थी। एक बार शाम के समय भगवन शिव और माता पार्वती संसार की दुख सुख को जानने के लिए पृथ्वी पर आते हैं, तो वह बुढि़या उनके मार्ग में आकर उन्के सामने हाथ जोड़ कर खड़ी हो जाती है। बुढि़या गणेश और दमनक के बारे में भगवान को सारा किस्सा बता देती है। वह भगवन से पूछती है की आखिर क्यों बचपन से ही कभी भी दमनक को अपने ननिहाल से सुख नहीं मिल पाया और अब युवा अवस्था में उसे ससुराल पक्ष से भी तिरस्कार ही सहन करना पड़ रहा है।

भगवान शिव तब उन्हें बताते हैं कि गणेश ने पिछले जन्म में जो ननिहाल से लेकर आता था उसे वह वापिस भी उन्हें कर देता था। किसीन भी तरह से या फिर मामा-मामी की संतानों को कुछ न कुछ देकर वापिस कर देता था। इसी तरह से ससुराल में भी उसने जो अपने पुर्व जन्म में लिया था वह उसने सभी कुछ वापिस भी दे दिया था। इसी कारण उसे आज भी अपने इस जन्म में अपने ननिहल ओर ससुरल पक्ष से बहुत सारा आदर और सम्मान प्राप्त होता है।

दूसरी ओर दमनक अपने पूर्व जन्म में जो भी अपने ननिहाल व ससुराल पक्ष से पाता है उसको कभी वापिस नहीं करता था। किसी न किसी कारण से या अपने काम काज के चलते वह उनको कुछ भी नही दे पाया ऎसे में इस जन्म में उसे ननिहाल और ससुराल पक्ष से कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ और उसके हर जग अपेक्षा ही होती रही है।

हमे हमेशा किसी से प्राप्त हुई वस्तु को अवश्य लौटाने की कोशिश जरुर करनी चाहिए किसी का हक या कोई भी वस्तु नहीं लेनी चाहिए। यदि किसी से प्रेम वश प्राप्त भी हो तो कोशिश करनी चाहिए की उसे किसी न किसी रुप में वापिस किया जा सके। भाई से प्राप्त हुई वस्तु को उसकी संतानों को, मामा से खाने पर मामा की संतानों को वह लौटा देना चाहिये, अगर ससुराल से कोई वस्तु खाते हैं तो उसे साले की संतान को लौटा देना चाहिये क्योंकि जिसका जो भी खाया है, उसको लौटा देने पर दोबारा और दुगना मिलता है। अगर वापिस किया जाए तो उसका भुगतान करना पड़ता है।

सरहुल पर्व हमें प्रकृति व संस्कृति से जोड़े रखती : मंत्री

चाईबासा : आदिवासी उरांव सरहुल पूजा समिति की ओर से मेरीटोला में गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ प्रकृति पर्व सरहुल मनाया गया। मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में माननीय मंत्री श्री दीपक बिरुवा उपस्थित होकर सरहुल शोभा यात्रा का शुभारंभ किया।

मौके पर माननीय मंत्री जी ने क्षेत्र की सुख, शांति, समृद्धि, हरियाली, अच्छी फसल व वैश्विक महामारी से बचाव के लिए मंगलकामना की। कहा कि यह परंपरा पूर्वजों के जमाने से चली आ रही है। इस परंपरा को उत्सव रूप में मनाकर नई पीढी के लोगों को सरहुल व पर्यावरण का महत्व बताना है।

आदिवासी समुदाय के लोगों का प्रकृति से प्रेम व अटूट रिश्ता होने के कारण ही पर्यावरण व संस्कृति को अब तक सहेज कर रखा गया है। हम सभी को वातावरण की शुद्धता के लिए पेड़-पौधे लगाना होगा। हमारा जीवन प्रकृति से जुड़ा हुआ है। यह पर्व हमें प्रकृति व संस्कृति से जोड़े रखती है। वहीं समाज की पुरुष-महिलाएं व युवतियां परंपरागत वेशभूषा में सरहुल महोत्सव में शामिल हुए। अंत में माननीय मंत्री जी ने सरहुल शोभा यात्रा का नगाड़ा बजाकर शुभारंभ किया।

इसके पूर्व आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि समेत अन्य अतिथियों को पगड़ी पहनाकर, अंग वस्त्र एवं पौधा देकर सम्मानित किया। मौके पर सांसद गीता कोड़ा, पूर्व मंत्री बड़कुवर गागराई, समाजसेवी नितिन प्रकाश, सुभाष बनर्जी समेत कई उपस्थित थे।

चांडिल गोलचक्कर स्थित दिशोम जाहेरगाढ पर भव्य रूप से सरहुल महोत्सव संपन्न हुआ

सरायकेला :चांडिल गोलचक्कर अवस्थित दिशोम जाहेरगाढ पर भव्य रूप से बाहा महोत्सव गुरुवार को संपन्न हुआ नायके बाबा (पुजारी) ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर सखुआ फूल पुरुषो को कान मे व महिलाओ को माथे के जूडो पर लगाया गया साथ मे क्षेत्र की सुख शांति की कामना किए सभी लोगो ने जाहेरगाढ पर माथा टेका व प्रसाद के रुप मे खिचड़ी ग्रहण किया ।

बाहा (सरहूल)

बाहा पर प्रकृति के प्रति कृतज्ञता जताने के साथ नये साल का उल्लास मनाया जाता है, प्रकृति में आए नए फल-फूल और धरती से उपजे अन्न का उपयोग किया जाता है। वास्तव में बाहा आदिवासियों के प्रकृति-प्रेम और जीवन-यापन के लिए उससे जुड़ाव को दर्शाता है,बाहा आदिवासी समाज के प्रमुख और महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है,यह पर्व बसंत ऋतु से शुरू होकर चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि तक मनाया जाता है,संथाल परंपरा के अनुसार मुलु मोड़े माहा से बाहा (सरहुल) पर्व का आयोजन शुरू हो जाता है.

दरअसल बाहा (सरहुल) मनाने के लिए कोई निश्चित तिथि नहीं है, इसे अलग-अलग गांवों में सुविधानुसार अलग-अलग तिथि को मनाया जाता है. इस पर्व में साल और महुआ के फूलों से प्रकृति की आराधना की जाती है. ग्रीष्म ऋतु में जब पेड़ों पर नए पत्ते और फल-फूल आते हैं, तब इस सुखद प्राकृतिक बदलाव का आदिवासी समाज के लोग बाहा पर्व के रूप में नाचते-गाते स्वागत करते हैं,जाहेरथान में परंपरा के अनुसार प्रकृति की आराधना की गई, (नायके बाबा) लाया यानि पुजारी देवताओं की साल व महुआ के फूल से पूजा किए,इस दौरान ग्राम देवता, जंगल, पहाड़ और प्रकृति की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि और गांव के निरोग रखने की मन्नत किए,इस अवसर पर मुर्गी की बलि भी दी गई,रंग-बिरंगे फूलों से प्रकृति करती है शृंगार बाहा पर चारों ओर उमंग और उल्लास रहता है,कहते हैं बाहा खुशियों का पैगाम लेकर आता है. ऐसे समय में घर फसल से भरा रहता है, पेड़-पौधों में फल-फूल रहता है. प्रकृति यौवन पर होती है, रंग-बिरंगे फूलों और पेड़ों में नए पत्तों से प्रकृति अपना शृंगार करती है,ऐसा माना जाता है कि प्रकृति किसी को भी भूखे नहीं रहने देगी,शायद इसीलिए बाहा (सरहुल) पर्व धरती माता को समर्पित महत्वपूर्ण पर्व है,बाहा पर्व के आदिवासी समाज नई फसल का उपयोग करते हैं.

इसके साथ ही पेड़ों में लगे फल-फूल और पत्तों का भी उपयोग शुरू किया जाता है,इस पर्व को संताल, मुंडा, उरांव, हो, खड़िया समेत विभिन्न आदिवासी समुदाय के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते है, खासकर जनजातीय समाज के युवक- युवतियो ने बढ-चढ़कर भाग लेकर अपनी आपसी एकता और अंखडता प्रकृति-प्रेम को प्रदर्शित किया इस सांस्कृतिक समारोह मे लोगो ने कार्यक्रम के माध्यम से एक दुसरे के साथ गहरा आपसी भाईचारा घनिष्ठता प्रेम- सौहार्द और अखंडता को पोत्साहन किया साथ ही इस समाजिक सामूहिक रुप से बाहा पूजा कर प्रकृति उपासना की जिसे प्रकृति के महत्व को समझाया गया ।

इस समारोह मे प्रकृति की रक्षा करने के संकल्प को भी मजबूत किया गया, जिससे आदिवासी समाज अपने जीवन का आधार मानते है साथ मे सांस्कृतिक धरोहर को उजागर किया। प्राकृतिक संसाधनो के प्रति जागरूकता और संवेदनशील ता को बढ़ावा दिया ,जिससे की सांस्कृतिक और प्राकृति धरोहर के सम्मान मे वृद्धि हो, कार्यक्रम मे हर वर्ष की भांति इस वर्ष हजारो-हजार तादात मे उमड़ पड़ा जनसैलाब, इस दौरान आदिवासी कला और सांस्कृतिक देखने को मिला। सभी लोग पारंपरिक परिधान से सजे- संवरे थे, इस बीच पारंपरिक नृत्य और संगीत से जाहेरस्थान मे ढोल,मांदल, तिरियो,चढचढी,बानाम,कपिल चावार,आदि की थाप से गूंजता रहा और सामूहिक नृत्य हुआ। नृत्य दल जोडरागोडा,जमशेदपुर की सबका मन मोहा और आंनद लिए सभी लोगो ने एक स्वर मे कहा प्रकृति की रक्षा को अंग्रिम पंक्ति मे खड़ा है आदिवासी समाज, साथ मे संथाली एल्बम कलाकार भी बाहा मे शिरकत किए ।

इस मौके पर संयोजक गुरुचरण किस्कू,सह संयोजक चारूचांद किस्कू,ताराचांद मांझी,बुद्धेश्वर मार्डी,गुरुपद हांसदा, सुगी हांसदा,बैधनाथ टुडू,सुदामा हेम्ब्रम,मोतीलाल सोरेन,सोनाराम मार्डी, सोमाय टुडू,सुमित टुडू,अजय टुडू,संजय हांसदा आदि हजारो- हजार महिला- पुरूष उपस्थित थे।

कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मतदाताओं को किया जागरूक

सरायकेला : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरायकेला जिले के विभिन्न इलाकों में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।इसी क्रम में छवि ड्रामेटिक आर्ट सोसाइटी की ओर से मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत ।

गुरुवार को चांडिल प्रखंड के चिलगु पंचायत में एवं पाथ कम्युनिकेशन दल की तरफ से इचागढ़ प्रखंड के गौरङ्गकोचा एवं देवलटांड में एवं लोक कला मंच द्वारा खरसावां प्रखंड में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने के लिए आम लोगों को प्रेरित किया गया एवं शत प्रतिशत मतदान करने का आह्वान लोगों से किया गया।

मौके पर कलाकारों ने बहकावे में तुम कभी आना, सोच समझकर बटन दबाना, छोड़कर अपने सारे काम, पहले चलो करें मतदान, वोट देना गर्व है, जनता का यह पर्व है,का संदेश नाटक के माध्यम से दिया। नाटक के माध्यम से उपस्थित आम जन मानस को मतदाता के महत्व के बारे में समझाया और मतदाता जागरूकता से संबंधित पोस्टर बैनर प्रदर्शित किया गया।

ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाने के उद्देश्य से मतदान जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं जिसके अंतर्गत विभिन्न तरह के आयोजन कर मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है।पिछले लोकसभा चुनाव में जिन पोलिंग बूथ पर मतदान प्रतिशत कम रहा है, उनपर विशेष फोकस कर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।इस दौरान ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम को सुना और ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की बात कही। कार्यक्रम के अंत में आम लोगों से अपने मताधिकार का प्रयोग कर एक सशक्त लोकतंत्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की गई।

सरायकेला : स्वीप" अंतर्गत वोटर अवेयरनेस को लेकर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चलाया गया मतदाता जागरूकता अभियान

सरायकेला: आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के दौरान जिले में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के मद्देनजर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला के द्वारा मतदाता जागरूकता कोषांग को विभिन्न प्रतियोगिताओं, कार्यक्रमों आदि का आयोजन कर अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।

इसी क्रम में जिला स्वीप कोषांग के अंतर्गत आज JSLPS द्वारा चांडिल प्रखंड के रसुनिया चौका एवं चावलीवासा पंचायत, खरसावां प्रखंड के बड़ाआमदा, हरिभांजा एवं कृष्णापुर पंचायत, एवं नीमड़ीह के हेवेन पंचायत क्षेत्र अंतर्गत जागरूकता रैली शपथ आंगनबड़ी सहिया, सेविका(बीएलओ) के द्वारा आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 हेतु स्वीप के तहत मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस दौरान मतदाता जागरूकता को लेकर बनाए गए मतदाता जागरूकता को लेकर रंगोली प्रतियोगिता आयोजन व पोस्टर के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र में "चुनाव का पर्व देश का गर्व" आई एम रेडी टू वोट थीम के तहत मतदाता जागरूकता के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही उपस्थित सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में मतदान करने हेतु मतदाता शपथ कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

इस दौरान आंगनबाड़ी सहिया सेविका ने अपने-अपने क्षेत्र में सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में सभी मतदाताओं को जागरुक करते हुए बिना लोभ लालच या दबाव में आए हुए अपने नजदीकी मतदान केन्द्रो में जाकर अपना बहुमूल्य मतों का उपयोग को लेकर गांव-गांव घूम-घूम कर मतदान करने हेतु अपील की।

*सरायकेला : स्वीप कार्यक्रम के तहत चांडिल प्रखंड में चालाया गया मतदाता जागरूकता अभियान

सरायकेला :लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के निमित्त स्वीप कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

इसी क्रम में आज प्रखण्ड इचागढ़ के ग्राम बांकसाई मे स्विप के तहत् मछुआरा तथा आम ग्रामीणों के साथ बैठक कर मतदाता जागरूकता अभियान के तहत निष्पक्ष एवं बिना प्रलोभन के मताधिकार का प्रयोग हेतु जागरूक किया गया एवं मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ ग्रहण कराया गया एवं अन्य लोगों को भी मतदान करने हेतु प्रेरित करने का भी अपील किया गया।

इसके अलावा मतदान के महत्व तथा निर्वाचन प्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही 1950 वोटर हेल्पलाइन नंबर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उनका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हो। यदि किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो उसे बीएलओ के माध्यम से या वोटर हेल्प लाइन एप के माध्यम से फॉर्म 6 अवश्य भरने और प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए।

उन्हें शपथ दिलाई गई कि वे लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। साथ ही अपने घरों व आस पड़ोस के लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने का हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही उन्हें अपने स्तर पर मतदाताओं को जागरूक करने लिए अपनी सकारात्मक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया गया।

सरायकेला : कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मतदाताओं को किया जागरूक


 सरायकेला : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरायकेला जिले के विभिन्न इलाकों में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

इसी क्रम में छवि ड्रामेटिक आर्ट सोसाइटी की ओर से मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत आज चांडिल प्रखंड के भादूडीह में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने के लिए आम लोगों को प्रेरित किया गया एवं शत प्रतिशत मतदान करने का आह्वान लोगों से किया गया। मौके पर कलाकारों ने बहकावे में तुम कभी आना, सोच समझकर बटन दबाना, छोड़कर अपने सारे काम, पहले चलो करें मतदान, वोट देना गर्व है, जनता का यह पर्व है,का संदेश नाटक के माध्यम से दिया। नाटक के माध्यम से उपस्थित आम जन मानस को मतदाता के महत्व के बारे में समझाया और मतदाता जागरूकता से संबंधित पोस्टर बैनर प्रदर्शित किया गया।

   

ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाने के उद्देश्य से मतदान जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं जिसके अंतर्गत विभिन्न तरह के आयोजन कर मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है।

पिछले लोकसभा चुनाव में जिन पोलिंग बूथ पर मतदान प्रतिशत कम रहा है, उनपर विशेष फोकस कर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।इस दौरान ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम को सुना और ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की बात कही। कार्यक्रम के अंत में आम लोगों से अपने मताधिकार का प्रयोग कर एक सशक्त लोकतंत्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की गई।

मतदान प्रतिशत बढ़ाने, शहरी मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक करने को स्वीप कोषांग ने किया आयोजन


सरायकेला : जिले में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर स्वीप कोषांग द्वारा लगातार मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। शहरी मतदाताओं को जागरूक करने को हर बिंदु पर कार्य हो रहा है।

 इसी कड़ी में बुधवार को आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत श्रीनाथ यूनिवर्सिटी में मतदाता जागरूकता एवं शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन स्वीप कोषांग द्वारा किया गया। इस दौरान शामिल छात्र – छात्राओं ने मतदान से संबंधित सलोग्न के साथ मतदान करने का नारा लगाया। 

इस अवसर पर नगर प्रशासन आदित्यपुर सह वरीय पदाधिकारी स्वीप कोषांग, श्री अलोक कुमार दुबे ने कहा कि शहरी क्षेत्र में लोगो को मतदान के प्रति उदासीनता को दूर करने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न गतिविधिया आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा की मतदान सबका अधिकार है हम सबको बढ़ चकर हिस्सा लेना चाहिए। 

उन्होंने कहा की आप खुद भी मतदान के लिए कदम बधाई तथा अपने आस पास के लोगो को भी मतदान केन्द्रो पर लोगो की सुगमता को लेकर आयोग द्वारा निर्धारित सुविधाओं, दिव्यांग एवं बुजुर्ग मतदाताओं के आवागमन हेतु वाहनों की सुविधा तथा मतदान केदो पर आवश्यक सहायक उपकरणों की उपलब्धता आदि की जानकारी देकर मतदान के प्रति प्रेरित करें। इस क्रम में उन्होंने सिंहभूम एवं खूंटी लोकसभा संसदीय क्षेत्र हेतु आगामी 13 में को निर्धारित मतदान तिथि पर अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर मतदान करने का अपील किया।

चाईबासा: नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के तीन आरोपी को आजीवन कारावास, 5 हजार रुपए लगाया जुर्माना


चाईबासा : नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के तीन आरोपियों को न्यायालय ने अंतिम सांस तक आजीवन कारावास और 15 हजार रूपये की जुर्माना की सजा सुनाई. .यह जानकारी चाईबासा पुलिस ने दी है. पुलिस के अनुसार मुफ्फसिल (पाण्ड्राशाली) थाना काण्ड सं0- 138 / 2022, दिनांक- 16 सितंबर 2022 धारा- 323/ 506/ 366ए / 376 (डी) भादवी एवं 04 / 06 पोक्सो के अन्तर्गत अभियुक्त रामचन्द्र तियू पिता प्रेमसिंह तियू, अनुप प्रताप तियू पिता नरेन्द्र तियू, दोनों ग्राम दोपाई, थाना- पाण्ड्राशाली ओपी एवं सुखलाल होनहागा उर्फ गब्बर पिता सतीश होनहागा, ग्राम पुरूनिया, थाना- पाण्ड्राशाली ओपी के विरूद्ध नाबालिक बच्ची से दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया गया था.

अनुसंधान के क्रम में चाईबासा पुलिस द्वारा उक्त तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया तथा सभी साक्ष्यों को वैज्ञानिक तरीके से संग्रह करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया गया.

 जिसके आधार पर उक्त काण्ड का विचारण के क्रम में पोक्सो केस सं0-47 / 2022, दिनांक- 10 अप्रैल 2024 को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम, पश्चिम सिंहभूम, चाईबासा के न्यायालय द्वारा अभियुक्त रामचन्द्र तियू, अनुप प्रताप तियू एवं सुखलाल होनहागा को धारा- 06 पोक्सो में आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक) एवं 15 हजार रूपये जुर्माना की सजा दी गई है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने किया बूथों का निरीक्षण व चुनाव की तैयारी को लेकर किया समीक्षा बैठक, दिए कई निर्देश


चाईबासा : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी-झारखण्ड के.रवि कुमार के द्वारा लोकसभा(आम)चुनाव-2024 के निमित्त की गई तैयारियों की समीक्षा के क्रम में सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत 52.चाईबासा विधानसभा क्षेत्र तहत प्राथमिक विद्यालय-उलीहातु बूथ संख्या-16, राजकीयकृत मध्य विद्यालय-सिंद्री बूथ संख्या -10, 11, 12, नगरपालिका बंगला मध्य विद्यालय-चाईबासा बूथ संख्या-96, 97 तथा श्रद्धानंद बालिका मध्य विद्यालय-बड़ी बाजार बूथ संख्या-126,127 एवं 128 का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा मतदान केंद्रों पर आवश्यक न्यूनतम सुविधा यथा- शौचालय, रनिंग वाटर, पेयजल, बिजली, चार्जिंग सॉकेट सहित अन्य बिजली उपकरण, फर्नीचर की उपलब्धता आदि का बिंदुवार जायजा लिया गया। इस क्रम में मतदान केंद्र पर उपस्थित बीएलओ से प्राप्त हुए नए प्रपत्र-6 के अद्यतन स्थित के अलावा वोटर लिस्ट में अब्सेंटी वोटर, दिव्यांग वोटर व बूथ अवेयरनेस ग्रुप व अन्य विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी प्राप्त की गई। 

अवलोकन के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा मतदान केंद्रों पर दिखीं कमियों को तत्काल दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया।निरीक्षण के उपरांत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के.रवि कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला निर्वाचन पदाधिकारी कुलदीप चौधरी एवं सभी कोषांग के नोडल पदाधिकारी की उपस्थिति में समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई। 

जिसमें उन्होंने चुनाव से संबंधित सभी तैयारियों को ससमय पूर्ण करने सहित शत-प्रतिशत मतदान केन्द्रों में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था कराने तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अवस्थित मतदान केन्द्रों पर भी रैंप, रनिंग वाटर, बिजली, पंखा, फर्नीचर, मोबाइल चार्ज सॉकेट आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए निदेशित किया गया। इसके अलावा वृद्ध एवं विकलांग मतदाताओं को बूथ तक लाने-ले जाने हेतु सहयोग कर्मी एवं वाहन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु निर्देश दिया गया।