पानी के लिए तरस रहे खजनी के लोग, शो पीस बनी पानी की टंकी और टोंटियां

खजनी गोरखपुर।कस्बे और आसपास के आधा दर्जन गांवों के लोग पीने के शुद्ध पानी के लिए तरस रहे हैं। बीते कई हफ्तों से सरकारी पानी की सप्लाई के लिए लगी टोंटियां शो पीस बनीं लोगों के मुंह चिढ़ा रही हैं।

कस्बे और आसपास के गांवों में हर घर नल योजना के तहत लगाई गई सरकारी पानी की टोंटियों में सुबह-शाम लगभग 3 से 4 घंटे तक पानी के सप्लाई की व्यवस्था की गई है। पानी की इस व्यवस्था पर आम जनता और जलपान की दुकानें चलाने वाले छोटे व्यापारियों की दिनचर्या टिकी हुई है।

अब लोगों को घरों और दुकानों के लिए नियमित रूप से रोज़ पानी ख़रीद कर पीना सभी की मजबूरी बन गई है। खजनी कस्बे और आसपास के चौराहों पर जलपान की दुकानें चलाने वाले दुकानदार अब रोज़ाना अपनी खपत के अनुसार 2-4 डिब्बे फिल्टर आर.ओ का पानी ख़रीदते हैं।

जलपान की दुकान और होटल चलाने वाले मुकुंद मोदनवाल, राजू, राजकुमार, महेश, रामप्रसाद, बंटी,

प्रदीप, दीपक आदि ने बताया कि गर्मी आ गई है दुकान में यदि पीने के लिए साफ पानी न दिया जाए तो दुकानों पर जलपान और नाश्ते के लिए ग्राहक ही नहीं आएंगे। सप्लाई का पानी नहीं आ रहा है इसलिए पानी खरीदना मजबूरी हो गई है। रूद्रपुर गांव के ओमप्रकाश, सुधीर, विकास, अंकित, मनोज, संजय खुटभार गांव के विजय, रामू, अमरनाथ, संतोष, शिवकुमार आदि ने बताया की पानी आता भी है तो बहुत ही धीमा होता है एक बाल्टी पानी भरने में 10 मिनट का समय लग जाता है अब घर में पीने के लिए भी रोज़ पानी ख़रीदना पड़ रहा है। हांथी के दांत की तरह शो पीस बनी हुई है 32 हजार लीटर छमता की पानी की टंकी महीने में 20 दिन पानी आता ही नहीं।

पिकअप से कुचल कर 3 वर्षीय बच्चे की दर्दनाक मौत

खजनी गोरखपुर।अपने घर के बाहर लघुशंका कर रहे 3 वर्षीय बच्चे की अज्ञात पिकप वाहन से कुचले जाने के कारण घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई।थाना क्षेत्र के नंदापार गांव में अपने घर के बाहर दरवाजे के पास लघुशंका कर रहे तीन वर्षीय मासूम बच्चे की तेज रफ्तार पिकअप गाड़ी से कुचले जाने के कारण मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची खजनी पुलिस ने पंचनामे के बाद बालक का शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। परिवारीजन बच्चे के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे।

गीडा थाना क्षेत्र के जैतपुर बाजार कस्बे में रहने वाले अरविंद शर्मा एक मकान नन्दापार गांव में हैं।अरविंद की पत्नी सीता शर्मा अपने 3 वर्षीय बच्चे चीकू को घर के बाहर दरवाजे के पास लघुशंका करा रही थी उसी दौरान तेजी से जैतपुर की ओर जा रही पिकअप चीकू को रौंदते हुए निकल गई।

घटना से परिजनों में कोहराम मच गया लोग रोने बिलखने लगे,आस पड़ोस के लोगों में जिसने भी सुना सभी ने मौके पर पहुंचकर शोक संतप्त परिजनों को दिलाशा देने का प्रयास किया किन्तु उन्हें रोता बिलखता देख कर सभी की आंखें नम हो गई। दर्दनाक हादसे की जैतपुर बाजार कस्बे समेत आसपास के क्षेत्र में हर जुबान पर चर्चा का विषय बनी हुई है।

खुदा को नज्र की ईद की नमाज पारंपरिक रूप में मनाई ईद

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र में ईद-उल-फितर का पर्व पारंपरिक रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सबेरे नए कपडों में सजे लोग ईद की नमाज के लिए मस्जिदों, ईदगाहों पर पहुंचे। इस दौरान मस्जिदों के बाहर मेला लगा, जिसमें बच्चों के साथ पहुंचे लोगों ने खरीदारियां कीं। नमाज के बाद लोगों ने खैरात तकसीम की और गले मिलकर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। लोगों ने ईद की मीठी सिवईयां खिलाकर ईदी बाँट कर अपनी ख़ुशियों का इजहार किया।

हाजी आबाद खां, हाजी शहाबुद्दीन, मुर्तजा हुसैन, मुल्ला इद्रीश आदि ने बताया की नमाज़ के बाद खुदा से नेकी की राह पर चलने और अमन तथा खुशहाली के लिए दुआऐं माँगी हैं। मुस्लिम परिवारों के सभी घरों में ईद की मीठी सिवईयां व पकवान बनाए गए और सौगात दी गई।

रूद्रपुर खजनी की मस्जिद में स्थान की कमी के कारण लोगों को मस्जिद के बाहर बैठ कर भी नमाज अता करनी पड़ी। सिकरीगंज, महदेवा बाजार, नगर पंचायत उनवल, बढनी, हरनहीं, भैंसा बाजार,सतुआभार,आशापार, रकौली, खजुरी, सोनबरसा,मुरदेवां बाजार आदि स्थानों पर भी ईद के दौरान खूब चहल-पहल रही। इस दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा।

भारत व नेपाल के बीच और मजबूत होंगे शैक्षिक-सांस्कृतिक संबंध

गोरखपुर। भारत व नेपाल के बीच समग्र शैक्षिक-सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर तथा नेपाल के लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय ने एक साझा पहल की है। गुरुवार को दोनों विश्वविद्यालयों के बीच इसे लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता करार (एमओयू) हुआ।

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की तरफ से कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी और नेपाल के लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुबर्ण लाल बज्राचार्य ने एमओयू पर हस्ताक्षर कर इसका आदान-प्रदान किया।

एमओयू के अनुसार दोनों विश्वविद्यालय शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में विद्यार्थी विनिमय कार्यक्रम के साथ ही शोध और नवाचार की दिशा में मिलकर काम करेंगे। एमओयू पर हस्ताक्षर करने के बाद लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुबर्ण लाल बज्राचार्य ने कहा कि भारत और नेपाल के सांस्कृतिक अंतरसंबंध मानव सभ्यता और संस्कृति के इतिहास जितने ही प्राचीन हैं। दोनों देशों की साझी सांस्कृतिक विरासत है और इसे आपसी शैक्षिक कार्यक्रमों से संरक्षित और संवर्धित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ और महात्मा बुद्ध भारत-नेपाल के आपसी रिश्ते की मजबूत कड़ी हैं। महायोगी गुरु गोरखनाथ आज भी नेपाल की जनता की आस्था के केंद्र बिंदु हैं। जबकि महात्मा बुद्ध का दर्शन नेपाल के रग-रग में समाया हुआ है। उन्होंने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्विद्यालय गोरखपुर के साथ शैक्षणिक गतिविधियों को और प्रतिष्ठत करने के उद्देश्य से किया गया कार्य दोनो देशों के रिश्ते को और प्रगाढ़ करेगा।

इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की तरफ से कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने अपने नेपाली समकक्ष का स्वागत करते हुए कहा कि यह दो विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू तो है ही, दो देशों की साझा सांस्कृतिक को एक साथ मिलकर बचाने, बढ़ाने और जीने का अभियान है। उन्होंने कहा कि दोनों विश्वविद्यालय ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कार्य करेंगे ही, साथ ही दोनों देशों के बीच संबंधों की डोर मजबूत किए रहने के प्रति भी अपनी महती भूमिका निभाएंगे।

तकनीकी, नवाचार और नए उभरते क्षेत्रों में आपसी सहयोग एवं सहभाग का आदर्श मानक स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि आज दोनो देशों के मध्य शैक्षणिक गतिविधियों के साथ साझी संस्कृति का भी मिलन हो रहा है।

इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्विद्यालय गोरखपुर ने शैक्षणिक गतिविधियों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के उद्देश्य से यह एमओयू किया है। आपसी समन्वय से महायोगी गोरखनाथ विश्विद्यालय व लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय नेपाल शिक्षा, स्वास्थ और संस्कृति के क्षेत्र में नया इतिहास रचेंगे। नेपाली प्रतिमंडल के बसंत आचार्य (कैंपस प्रमुख, मेट्रो कॉलेज डांग) ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) से बौद्ध दर्शन, साहित्य, शिक्षा, इतिहास, पुरातत्व और संस्कृति के क्षेत्रों में शिक्षण और अनुसंधान के लिए लिए दोनो विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित होंगे।

एमओयू के आदान-प्रदान के मौके पर लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में अधिष्ठाता मानविकी व समाजिक विज्ञान डाॅ. हरि शरण छाकुन, निदेशक अंतराष्ट्रीय संबंध डॉ. कुमार खड़का, सिटी कैंपस बेलवास के बद्री प्रसाद गौतम, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिष्ठाता डॉ. राजेंद्र भारती, उप कुलसचिव (प्रशासन) श्रीकांत, कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ.विमल दूबे, प्राचार्य महंत अवेद्यनाथ पैरामेडिकल कालेज डॉ. रोहित श्रीवास्तव, गुरु श्री गोरक्षनाथ कालेज आफ नर्सिंग की उप प्राचार्य प्रिंशी जार्ज आदि की उपस्थिति रही।

मुंशी प्रेमचंद की ईदगाह पर नमाजियों ने शिद्दत के साथ अदा की ईद की नमाज

गोरखपुरः यूपी के गोरखपुर में नमाज के हम आपको लेकर चलते हैं ऐसी ईदगाह पर जहां पर लगने वाले मेला को देखकर मुंशी प्रेमचंद ने कालजयी कहानी ‘ईदगाह’ लिखी थी. हम आपको लेकर चलते हैं ऐसी ईदगाह पर जहां लोग हजारों की संख्‍या में नमाज अदा करने के लिए आते हैं. यहां नार्मल स्‍कूल में अध्‍यापन के दौरान ही मुंशी प्रेमचंद ने ‘ईदगाह’ कहानी लिखी थी।

हम पहुंचे हैं गोरखपुर के बेतियाहाता नार्मल स्‍कूल के पास स्थित हजरत मुबारक खां शहीद ईदगाह पर. जहां ईद के दौरान लगने वाले मेला में 4 साल का हा‍मिद अपने दोस्‍तों की तरह खिलौना खरीदने की बजाय दादी अमीना के लिए 3 पैसे का चिमटा खरीद लिया था. इस पर उसके दोस्‍तों ने हामिद का मजाक उड़ाया. तो उसने उन्‍हें तर्क देकर समझाया था. हामिद के माता-पिता नहीं थे।

हामिद को जो ईदी मिली थी, तो उसी ईदी में मिले 3 पैसे का हामिद ने चिमटा खरीद लिया था. क्‍योंकि चूल्‍हे पर रोटियां सेंकते समय उसकी दादी की उंगलियां जल जाया करती थी. मुंशी प्रेमचंद की ये कहानी आज भी लोगों को प्रेरणा देती है।

ईद आज, चांद रात का बाज़ार चहल पहल व रोशनी से रहा गुलज़ार

गोरखपुर। मुकद्दस रमज़ान का 30 रोज़ा पूरा हो गया। रोजेदारों ने रोज़ा, नमाज़, सदका व खैरात के जरिए अल्लाह तआला को राज़ी करने की भरपूर कोशिश की। अब अल्लाह के बंदे ईद की ख़ुशी मनायेंगे। जब बंदा 29 या 30 दिन का रोज़ा पूरा कर लेता है तो अल्लाह तआला उसे ख़ुशी मनाने का हुक्म देता है। ईद की रात को ईनाम की रात भी कहते हैं।

बुधवार की शाम रोजेदारों ने मुकद्दस रमज़ान का 30वां रोज़ा अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए खोला। इसके बाद अपने-अपने घरों की छतों से ईद के चांद का दीदार किया।

चांद के दीदार की दुआ पढ़ी। उलमा-ए-अहले सुन्नत ने ईद के चांद की औपचारिक घोषणा कर मुबारकबाद पेश की। ईद-उल-फित्र का त्योहार अल्लाह का तोहफ़ा है जो गुरुवार को अमनो अमान के साथ मनाया जाएगा। मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी, नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अजहर, मुफ्ती मेराज अहमद कादरी, मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी, मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी, हाफिज सैफ अली, हाफिज अशरफ रज़ा, मौलाना दानिश रज़ा, कारी मोहम्मद अनस रजवी, हाफिज रहमत अली निजामी, मौलाना महमूद रज़ा कादरी, कारी शराफत हुसैन कादरी, एफबी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य मोहम्मद आज़म, नवेद आलम, खुर्शीद अहमद मून, हाफिज अयाज अहमद, मुनाजिर हसन आदि ने भी ईद की मुबारकबाद पेश की है।

चांद रात में लोगों ने एक दूसरे को ईद मुबारक कहा। मुबारकबाद देने का सिलसिला पूरी रात चलता रहा। लोगों ने एक दूसरे को फोन व सोशल मीडिया के जरिए भी ईद की मुबारकबाद पेश की। विदेश में रह रहे परिजनों ने भी मुबारकबाद पेश की। फेसबुक, वाह्ट्सएप, इंस्ट्राग्राम, ट्विटर आदि पर लोग विभिन्न संदेशों के जरिए ईद की मुबारकबाद पेश करते दिखे।

मस्जिदों में दस दिनों के एतिकाफ पर बैठे रोजेदारों ने अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए एतिकाफ मुकम्मल किया। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में तो खुशियां ही खुशियां नज़र आईं। हर घर के बच्चे चहकते दिखे। सभी ईद का स्वागत करते नज़र आए।

रहमतनगर, तुर्कमानपुर, नखास, जाफरा बाजार, चक्शा हुसैन, गोरखनाथ, रसूलपुर, रेती, उर्दू बाजार, इलाहीबाग, खूनीपुर, मियां बाजार आदि क्षेत्रों में तो एक ख़ुशी, रोशनी व चहल पहल की नई ऊर्जा देखने को मिली।

रात में ईद की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया। चांद रात के इंतजार कर रहे बाज़ार में ख़ुशी की नई चमक दिखी।

शाह मारूफ, नखास, रेती, घंटाघर, गोरखनाथ, जाफरा बाज़ार, गीता प्रेस रोड, उर्दू बाजार में तो भीड़ उमड़ पड़ी। सारी दुकानें रात भर खुली रही और हर दुकान पर भीड़ नज़र आई। फुटपाथ पर दुकानें सजीं व भीड़ से पटी दिखी।

दुकानदारों ने चांद रात में काफी रियायत भी दे रखी थी। छूट का माल बेहद कम दामों में आदि आवाज़ें बार-बार कानों से टकरा रहीं थीं। पुरुष, महिला, युवा, बच्चे, बुजुर्ग सभी थे बाज़ार में। सभी की एक ख़्वाहिश थी कि चांद रात में कुछ न कुछ जरूर खरीदी जाए।

शाह मारूफ, रेती, उर्दू बाजार तो पूरी रात अमीनाबाद बना रहा। भीड़ इस कदर की चलना मुश्किल हो रहा था। यहां सजी कई दर्जन दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ी थी। कहीं कुर्ता पायजामा, टोपी, इत्र, रुमाल बिक रहा था तो कहीं रेडीमेड बच्चों के कपड़े। महिलाओं की जरुरतों के लिए भी यहां सब चीजें मौजूद थीं। महिलाओं का हुजूम चूड़ी, ज्वैलरी, चप्पल की दुकानों व दुपट्टा गली में नज़र आया। लिपिस्टिक, नेल पॉलिश से लेकर कड़ा, ब्रेसलेट्स, पर्स सभी मिल रहा था। शीशे के बेशुमार आइटम बिक रहे थे। लोग गिलास कटोरी, दस्तरख़्वान ज्यादा खरीद रहे थे। बच्चे नौजवान पर्स, चश्मा, बेल्ट आदि की दुकानों पर नज़र आ रहे थे। जूता चप्पल की दुकानें भरी पड़ी थी। जाफरा बाज़ार में भी खूब भीड़ उमड़ी।

सेवई की खरीदारी नखास, उर्दू बाजार, जाफरा बाजार आदि जगहों से जमकर हुई। वहीं खोवा भी खूब बिका। खोवा मंडी के अलावा नखास, जाफरा बाजार, इलाहीबाग, खोखर टोला आदि जगहों पर खोवा बिक रहा था। मेवा भी खूब बिका।

इसी तरह मटन व चिकन शॉप पर मीट खरीदने वालों की लाइन नज़र आई। मीट के साथ कलेजी फेफड़ा भी खूब बिका। त्योहार की वजह से मीट का रेट दुकानदारों ने बढ़ा दिया था उसके बावजूद खरीदारी में कोई कमी नज़र नहीं आई। पूरी रात मीट बिकता रहा। लोग ग़रीब मुसलमानों में सदका-ए-फित्र भी पहुंचाते दिखे। कपड़ा लेने के लिए दर्जियों के यहां भीड़ उमड़ पड़ी। दर्जियों की दुकानें देर रात तक खुली रही।

वहीं अकीदतमंदों ने चांद रात में खूब इबादत भी की। नमाज़ पढ़ी।तिलावत-ए-कुरआन भी किया। ईद की रात के बहुत से फजाइल हदीस में आए हैं इसलिए बहुत से लोग जागकर इबादत कर मुकद्दस संवारने की दुआ करते रहे।

गुरुवार की सुबह सबसे पहले चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में 6 बजकर 55 मिनट पर ईद की नमाज़ अदा की जाएगी। ईद की आखिरी नमाज़ सुन्नी जामा मस्जिद सौदागर मोहल्ला बसंतपुर में सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर अदा की जाएगी। सभी ईदगाहों व मस्जिदों में तैयारियां मुकम्मल हैं। साफ-सफाई पूरी हो चुकी है।

एतिकाफ में बैठने वाले 18 लोगों का चांद रात में हुआ सम्मान

दावते इस्लामी इंडिया की ओर से दस दिन का एतिकाफ काजी जी की मस्जिद इस्माईलपुर में पूरा हो गया।

चांद रात को एतिकाफ में बैठने वाले 18 लोगों हाजी तजम्मुल हुसैन, डॉ. अजहरुद्दीन, डॉ. अजीमुद्दीन, मो. तौसीफ, मो. वलीउल्लाह, मो. मुदस्सिर, मो. नूर, मो. इरफ़ान, मो. अनस, मो. अफरोज, मो. शारिक, मो. अल्तमश, मो. फरहान, मो. तौसीफ, मो. तौकीर, मो. रैयान को फूल मालाओं व तोहफों से नवाजा गया। अलविदाई कलाम पढ़ा गया। मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। इन सबकी सरपरस्ती वसीउल्लाह अत्तारी व सैयद इब्राहीम अत्तारी ने की। एतिकाफ में कुरआन, नमाज़ के साथ तमाम शरीअत के बातें सिखाई गईं। अहकामे शरीयत को समझाया गया।

वर्षों से सूखे पेड़ के सहारे खड़ा बिजली का पोल,विभाग अनजान,घायल हो चुका है एक परिवार

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र के उनवल पावर हाउस से आपूर्ति की जाने वाली बिजली के दो फेस का एक पोल खेत में झुका हुआ है वहीं दुसरा पोल वर्षों से पेड़ की सूखी डाली से अड़ा हुआ है। मंगलवार को कटयां गांव की महिला पुनीता देवी अपने 6 वर्षीय बेटी को लेकर बाइक से पति राजकुमार के साथ जा रहीं थीं।

तेज हवा के झोंके से बिजली का ढीला लटकता तार सूखे पेड़ की डालियों में टकराया और सूखी डाली कटया निवासी पुनीता देवी के उपर जा गिरी। इस आकस्मिक घटना में पति-पत्नी और बेटी तीनों घायल हो गए।

खजनी-रामपुर संपर्क मार्ग पर नेटुआन टोला से होकर जा रहा बिजली का दो पोल झुका हुआ है। जिनमें एक पोल सूखे पेड़ से अड़ा हुआ है। लेकिन बिजली विभाग के किसी भी अधिकारी, कर्मचारी ने गंभीर हादसे को दावत दे रहे इन बिजली के पोलों को सीधा कराने की जहमत नहीं उठाई। स्थानीय लोगों ने बताया कि इन झुके पोलों के कारण यहां आए दिन फाॅल्ट भी होता है।

बताया गया कि अधिकारी आते हैं और देखकर चले जाते हैं। लेकिन उसे सीधा करने का प्रयास नहीं किया। खेत में जुताई करते समय यदि किसी ट्रैक्टर चालक से बिजली का पोल टूट जाए या टेढ़ा हो जाए तो विभाग द्वारा जुर्माना वसूला जाता है लेकिन उसे ठीक नहीं कराया जाता।

इस संबंध में एसडीओ खजनी मुकेश कुमार गुप्त ने बताया कि मामला अब मेरे संज्ञान में आया है इसे मैं जल्द ठीक कराता हूं।

बीएसए के नेतृत्व में निकली जागरूकता रैली

खजनी गोरखपुर।जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में आज कस्बे में स्थित परिषदीय स्कूल के विद्यार्थियों, स्काउट गाइड, शिक्षकों और अधिकारियों के साथ "स्कूल चलो अभियान" और "मतदाता जागरूकता" रैली निकाली गई।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लोकसभा चुनावों में शत प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के लिए तथा स्कूल चलो अभियान में बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजने के उद्देश्य से निकाली गई रैली को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेंद्र कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

जन जागरूकता बढ़ाने के लिए हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां, पोस्टर, बैनर लेकर नारे लगाते हुए स्थानीय लोगों से अपील की गई खजनी कस्बे और आसपास भ्रमण किया रैली पुनः स्कूल तक पहुंच कर समाप्त हुई।

रैली में चल रहे विद्यार्थियों के साथ बीएसए समेत बीईओ सावन कुमार दूबे, भारत स्काउट गाइड के जिला आयुक्त रामजन्म सिंह, तहसील प्रभारी वाचस्पति शुक्ला, ज्ञानेंद्र ओझा प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष राजेश पांडेय, सुषमा शुक्ला,ग्राम प्रधान संगम उर्फ राहुल त्रिपाठी एवं स्कूल के सभी शिक्षक मौजूद रहे।

कुसम्ही जंगल में है बुढ़िया माता की प्रसिद्ध सिद्धपीठ, नवरात्रि पर उमड़ पड़ती है भक्तों की भीड़

गोरखपुर। यूपी के गोरखपुर का बुढ़िया माता का मंदिर सदियों से भक्तों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है. पर्यटन की दृष्टि से ये मंदिर सैलानियों को लुभाता है, लेकिन नवरात्रि पर श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं के लिए इसका खास महत्व होता है. शहर में रहने वाले लोगों के साथ ही देश-दुनिया से लोग कुसम्ही जंगल के बीच में बरसों पहले बने बुढ़िया माता के मंदिर में मत्था टेकना नहीं भूलते हैं. कहते हैं कि मां अकाल मृत्‍यु से भक्तों की रक्षा करती हैं. इसके साथ ही यहां चुनरी बांधकर मन्नत मांगने से हर मुराद भी पूरी होती है।घने कुसम्ही जंगल के बीच में स्थित इस मंदिर पर नवरात्रि के अलावा पूरे वर्षभर लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।

गोरखपुर शहर से पूरब स्थित कुसम्ही जंगल स्थित बुढ़िया माता का मंदिर काफी प्रसिद्ध है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि पर उनके दरबार में वर्षभर भक्तों और श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी रहता है. यहां दर्शन के बाद मन को शांति के साथ ही अंदर का भय भी पूरी तरह से खत्म हो जाता है. मान्‍यता है कि मां के दर्शन करने मात्र से मन की सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं. चैत्र नवरात्रि पर भोर से ही लोग लंबी कतार लगाकर माता के दरबार में मत्था टेकने के लिए आते हैं. ये सिलसिला पूरे दिन चलता रहता है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं का भी माता में बड़ा विश्‍वास है. दूर-दराज से श्रद्धालु यहां पर दर्शन के साथ मुंडन और अन्य शुभ संस्कार करने के लिए आते हैं।

नवरात्रि के अवसर पर आस्था के प्रतीक देवी मां के इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. यहां आने वाले श्रद्धालु पूरी श्रद्धा के साथ कढ़ाई चढ़ाते हैं. हलवा-पूड़ी बनाते हैं और माता के चरणों में अर्पित करते हैं. नवरात्रि में 9 दिन का व्रत रखने वाले श्रद्धालु माता के दरबार में मत्था टेकने जरूर आते हैं. गोरखपुर और आसपास के जिलों के अलावा नेपाल से भी यहां पर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला वर्ष भर जारी रहता है।

हिंदू नव वर्ष पर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार मंडल के संयुक्त तत्वाधान में अभिनंदन समारोह का हुआ आयोजन

गोरखपुर। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार मंडल के संयुक्त तत्वाधान में नूतन वर्ष विक्रम संवत 2081 अभिनंदन समारोह संगठन द्वारा काली वाली मंदिर हिंदी बाजार में आयोजित हुआ। जिसमें जिला, महानगर और युवा व्यापार मंडल के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे अन्य व्यापारियों ने अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराई। जिसमें जिला अध्यक्ष बलराम अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में 9 वर्ष पर प्रकाश डालते हुए चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है।

इस बार हिंदू नववर्ष 09 अप्रैल से शुरू हो चुका है। इसके पीछे की मान्यता है कि देव युग में ब्रह्मा जी ने इसी दिन से सृष्टि की रचना शुरू की थी। इसीलिए इस दिन को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। ऐसे खास मौके पर लोग हिंदू नववर्ष की एक-दूसरे को शुभकामनाएं दिए। तत्पश्चात महानगर अध्यक्ष जितेंद्र शुक्ला ने भी इस विषय पर प्रकाश डाला प्राचीन ऋषि महाराज विक्रमादित्य ने हिंदू पंचांग को संशोधित किया और नववर्ष की शुरुआत को इस दिन मनाने का निर्णय किया था। इस पर्व को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे ‘विक्रम संवत्’, ‘चैत्र नवरात्रि’, ‘नव संवत्सर’ आदि।

हिंदू नववर्ष के इस पवित्र अवसर पर, हर कोई अपने प्रियजनों और सम्बंधियों को शुभकामनाएं और आशीर्वाद भेजता है। यह एक उत्सव और आनंद का समय होता है, जहां लोग एक-दूसरे के साथ प्यार और सम्मान का इजहार करते हैं। इसे भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और इस अवसर पर लोग नए संकल्प और उत्साह के साथ नए साल का स्वागत करते हैं। जिसमें शामिल जिला महामंत्री अमित टेकरीवाल महानगर अध्यक्ष जितेंद्र शुक्ला महानगर महामंत्री संजीव जैन युवा जिला अध्यक्ष अब्दुल मेराज खान युवा महामंत्री सौरभ केडिया महिला जिला अध्यक्ष श्रीमती अनुराधा गुप्ता रामसेवक वर्मा रवि जलन शिवकुमार अग्रवाल राजू लोहारिका महेंद्र तुलस्यान अशोक सिंह अमित जगनी रोहित सराफ मयंक अग्रवाल विनोद चौधरी मनोज पटवा आदि सम्मानित व्यापारी बांधों की उपस्थिति रही।