दशरथ घर जन्मे ललनवा हो रामा
अयोध्या।रामोत्सव के अंतर्गत तुलसी उद्यान में चल रहे भक्तिपरक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बीती शाम प्रभु राम के मोहक स्वरूप से लेकर उनके निराकार रूप का स्मरण गीत,संगीत,नृत्य के माध्यम से किया जा रहा है।प्रयागराज से आए ओम प्रकाश पटेल के दल ने कोई करे ना गुमान इस तन पर गाकर निर्गुण भक्ति का वातावरण बना दिया। भक्ति की प्रथम योग्यता सत्संग को निरूपित करते हुए गाया ऐ मेरे दोस्त सत्संग करना,कुसंगत है दोष इसके बाद आइहे पिया लई के डोली कहार से जीवन की नश्वरता का भान कराया। तनी भीतर धो के जानी भजन से आत्मा की शुद्धता और लीला गजब तुम्हारी जगत में गाकर परमात्मा की उपस्थिति को प्रणाम किया।
राम भजन कर भाई,बीती जाई उमरिया भजन से कलाकारो ने दर्शको को अपने साथ गाने पर विवश कर दिया।अपने श्वेत परिधान और प्रस्तुति से दर्शकों को मोहने वाले इस दल में संगटकार प्रेम प्रकाश ढोलक पर,हारमोनियम पर सूर्य प्रकाश,करताल पर दूधनाथ, और मंजीरे पर जय प्रकाश थे जबकि सहगायक दिवाकर पटेल ने साथ दिया।निराकार के बाद प्रभु राम के सलोनी छवि को सोहर के माध्यम से बस्ती से आयी प्रज्ञा त्रिपाठी ने व्यक्त किया साझे धन सुतली अटारिया से। अगले सोहर में दशरथ घर जन्मे ललनवा से कलाकार ने जन्मोत्सव के उल्लास में सभी को भिगो दिया।
सोहर के बाद नितान्त पारंपरिक जीरा गीत जो प्रसव उपरांत गाया जाता है गलिन गलिन जीरा वाला फिरे गाकर सभी को मुग्ध कर दिया। काहे का रोवे है ललनवा, खिलौना गीत गाकर कलाकार ने वातावरण में रामलला के बाल रूप का दर्शन करा दिया। भक्ति में डूबे दर्शको को समर्पित भजन राम कैसा दीवाना सुन कर पांडाल में उपस्थित दर्शक झूम उठे।लखनऊ से आयी प्रियंका पांडेय के दल ने इसके बाद सुंदर पारंपरिक सोहर,चैती,बधाइयां,होली गाकर पूरे वातावरण को राममय कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने सधे अंदाज में किया।
उ .प्र.लोक जनजाति एवम संस्कृति संस्थान लखनऊ के निदेशक अतुल द्विवेदी के निर्देशन में कलाकारो का सम्मान स्मृति चिह्न प्रदान कर अतुल कुमार सिंह में किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रान्तों से आए दर्शक,संतजन भारी संख्या में उपस्थित रहे।
Apr 04 2024, 14:31