बरौनी थर्मल के 2 यूनिट से अब नहीं होगा उत्पादन : NTPC ने बंद करने की घोषणा की, रिनोवेशन के नाम पर 536 करोड़ रुपए आवंटित
बेगूसराय : बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ.श्रीकृष्ण सिंह द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के प्रयास से स्थापित बरौनी थर्मल के दोनों पुराने इकाई से अब बिजली का उत्पादन नहीं होगा। लगातार मरम्मत किए जाने के बावजूद इसके ठीक से नहीं चलने और मशीनों के पुराने हो जाने के कारण NTPC ने इसे बंद करने की घोषणा कर दी है।
NTPC में 15 दिसंबर 2018 को बरौनी थर्मल का अधिग्रहण किया था। इसके बाद 110-110 मेगावॉट के पुराने दोनों यूनिट को चलाने के काफी प्रयास किए गए। लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। इसके बाद इसे 31 मार्च 2024 से बंद करने का कहते हुए इसकी घोषणा सार्वजनिक की गई है। नए प्लांट से 550 मेगावॉट का उत्पादन हो रहा है।
प्रथम मुख्यमंत्री डॉ.श्रीकृष्ण सिंह के प्रयास से जनवरी 1963 में 15-15 मेगावॉट के यूनिट नंबर- 1 और 2 को शुरू किया गया था। इसमें नंबर 1 तेल से और नंबर- 2 तेल और कोयला से चलती थी। अपने समय में बरौनी थर्मल ने बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एशिया भर में बेहतर प्रदर्शन किया था।
बाद के दिनों में इसकी क्षमता बढ़ाकर 110-110 मेगावॉट की गई। लेकिन दोनों यूनिट के काफी पुराने और जर्जर हो जाने के कारण उत्पादन में बाधा आने लगी। कुछ पार्ट भी बाजार में नहीं मिल रहे थे। विभिन्न कारणों से 1995 में यूनिट नंबर- 2 और 1996 में यूनिट नंबर-1 से उत्पादन बंद कर दिया गया।
थर्मल से जुड़े सूत्र बताते हैं कि करीब 15 साल पहले उक्त दोनों यूनिट के जीर्णोद्धार के नाम पर 536 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। लेकिन कागज पर यह राशि खर्च होने के बावजूद सही तरीके से यूनिट नहीं चल सका। 2018 में अधिग्रहण के बाद NTPC ने इस दोनों यूनिट को चलाने का काफी प्रयास किया। लेकिन पिछले 1 साल से यह बेकार हो गया था।
इस दोनों यूनिट को जब कभी चलाने का प्रयास किया गया, तो लाइट-अप होने के कुछ ही घंटे बाद विभिन्न टेक्निकल प्रॉब्लम के कारण यह बंद हो जाता था। इसके बाद थक-हार कर NTPC ने इसके बंद करने की घोषणा कर दी। हालांकि, इस दोनों यूनिट का कोयला क्रशर सहित कई अन्य मशीन नई इकाई में काम आ जाएगा।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Apr 02 2024, 15:28