राष्ट्रीय स्तर पर इंदिरा आईवीएफ ने 25 अवार्ड प्राप्त किए, पटना को सबसे अधिक 4 अवार्ड मिला
पटना : निःसंतानता भारत और विश्वभर में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रही है, लेकिन इसके उपचार संबंधी समस्याओं का समाधान अब संभव हो चुका है। भारत में निःसंतान दम्पतियों में उपचार के प्रति जागरूकता की कमी है। इस दिशा में इंदिरा आईवीएफ ने व्यापक स्तर पर काम किया है। उच्च सफलता दर, अनुभवी टीम और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार उपचार सुविधाएं प्रदान करने के कारण इंदिरा आईवीएफ ग्रुप को विभिन्न श्रेणियों में 25 अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है।
इंदिरा आईवीएफ ग्रुप के एमडी डॉ. नितिज मुर्डिया ने जानकारी दी कि नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर इंदिरा आईवीएफ ग्रुप ने निःसंतान दम्पतियों के भरोसे को जीतने में सफलता हासिल की और 25 अवार्ड प्राप्त किए। उचित उपचार प्रक्रिया का चुनाव, अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग, अनुभवी टीम और टियर 2 शहरों में उपचार सुविधाओं की उपलब्धता से मरीजों को उपचार में अधिक सुविधा हुई है और आईवीएफ की सफलता दर बढ़ी है। इस ग्रुप से अब तक 145,000 से अधिक दम्पतियों को लाभ मिल चुका है।
पटना को सबसे अधिक 4 अवार्ड
इंदिरा आईवीएफ़ ग्रुप के सीइओ डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि इंदिरा आईवीएफ़ पटना को सबसे अधिक चार अवार्ड से सम्मानित किया गया। इंदिरा आईवीएफ़ पटना को पूर्वी भारत में सर्वश्रेष्ठ इंटीग्रेटेड आईवीएफ टीम का अवार्ड भी प्राप्त हुआ है, और डॉ. दयानिधि को राष्ट्रीय स्तर पर हॉल ऑफ़ फेम एम्ब्रियोलॉजिस्ट से सम्मानित किया गया। इसके साथ साथ डॉ. अनूजा सिंह को पूर्वी भारत में उदीयमान आईवीएफ़ स्पेशलिस्ट और पटना सेंटर के डॉ. राकेश कुमार को पूर्वी भारत के उदीयमान भ्रूण वैज्ञानिक के रूप में भी नवाज़ा गया।
पटना से मनीष प्रसाद
Mar 21 2024, 17:29