झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के लोकसभा प्रत्याशी दामोदर सिंह हांसदा का आदित्यपुर में किया गया स्वागत

सरायकेला : झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के लोकसभा प्रत्याशी दामोदर सिंह हांसदा का आदित्यपुर इमली चौक के समीप हुआ जोरदार स्वागत ।

यहां दामोदर सिंह हांसदा ने सिधु-कान्हू ओर बाबा तिलका माझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कहा कि झारखंड में लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का जो गठन हुआ है, और इसका उद्देश्य है कि झारखंड में अव्यवस्था कायम है उसके ऊपर बहुत मुखर होकर हमलोगों ने आवाज उठाया है ।

पहले यहाँ टाइगर जयराम महतो आवाज उठाते थे आज उनके साथ कई टाइगर ओर बूढ़े शेर भी शामिल है ।

उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम का बिना संसोधन किए लोगो का जमीन लूटा जा रहा है । उन लुटेरों का कड़ा जवाब देने के लिए झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा बनाया गया है। हर जगह सिर्फ लूट ही लूट मचा हुआ है ।

उन्होंने बताया कि 1994 से 2006 तक का गेल का रिपोर्ट है कि सिर्फ कोल्हान से साढ़े 14 हजार करोड़ का लूट हुआ है। तो आज 2006 से अब तक कितना हजार करोड़ का लूट हुआ होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है जिसका अब तक कोई जांच नही हुआ है ।

जिसमे कॉरपोरेट राजनेता और सरकारी अधिकारी की मिली भगत है ओर सब मिलकर लूट मचाए हुए है झारखंड के इन लुटेरों से बचाने के लिए झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के गठन हुआ है वही दामोदर सिंह हांसदा ने कहा कि आज आदित्यपुर के हाथियाडीह में जमीन अधिग्रहण कर प्लांट बनाया जा रहा जिसका विरोध ग्रामीणों ने प्रदर्शन व वह ग्रामीण थे जिनका जमीन उसमे गया है।

 वैसे विरोधियों या ग्रामीणों को जेल भेजने का काम किया जो सरकार जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़ रही थी वह सरकार आज उन लुटेरों के साथ मिलकर झारखंड की भूमि को अधिग्रहण कर रही है ।

ग्रामीणों को जेल भेजने का काम कर रही है वही पक्षिम सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जिस सांसद को ग्रामीणों का साथ देना चाहिए व कांग्रेस को छोड़ अब नरेंद्र मोदी के पार्टी में चली गयी जो दुर्भाग्य की बात है ।

वही उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी लोकसभा को लेकर हो चुकी है अभी तो हम सिर्फ लोगो से मिल रहे है लोगो का जो प्यार मिल रहा आप खुद देख रहे है।

 वहीं चुनाव में विस्थापन का मुद्दा है आदित्यपुर इंड्रस्ट्री एरिया में कई कंपनियां है और यहाँ के स्थानीय को उन कंपनियों में स्थायी नोकरी नही मिल रही है जबकि यहां स्थानीय नीति ही नही बनी है।

हल्की बारिश में आदित्यपुर नगर निगम की पोल खुली,पानी निकासी नही होने से जल जमाव,लोगों को हो रही परेशानी


सरायकेला : आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड नंबर 17 की खुली पोल पानी निकासी न होने पर हल्की बारिश से ही सड़कों पर जलजमा होने लगा ।

लोगो को चलने में कठिनाई हो रही है। ऐसे में आदित्यपुर नगर निगम प्रशासक के बेहतर पानी निकासी के दावे खोखले नजर आ रहे हैं ।

नगर निगम 17 वार्ड ,सड़कों का हाल देखने वाला है बारिश अधिक होने पर शहर की कॉलोनियों में जलभराव होना लाजमी है पर नगर निगम कई महीनों से दावे कर रहा है, लेकिन नालों की सफाई तक नहीं कर पाया है ।

कॉलोनियों में नालियों की सफाई का कार्य अभी भी अधूरा पड़ा है कई स्थान तो ऐसे हैं, जहां नालियों के ऊपर गंदगी के ढेर लगे हैं और लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर है ।

 तीन दिन से कॉलोनियों में डंपर न होने से जहां-तहां गंदगी के ढेर लगे हुए हैं जहां से कूड़ा बारिश के साथ बह कर नालियों व नालों में जा रहा मौसम विभाग की माने तो अगले कुछ दिन तक मानसून सक्रिय रहेगा और हलकी व मध्यम बारिश होने की संभावना है पर जिस तरह से सडको पर पानी भर जाना और ऐसे में सड़क पर चलने वाले राहगीर भी जलजमाव ओर गंदगी से परेशान है ।

इधर नगर निगम में पानी और गंदगी कोई आम बात नही नगर निगम क्षेत्र के किसी कोने में नजर से देखिएगा तो आपको गंदगी और पानी का जलजमाव सभी जगह दिख जाएगा सिर्फ नगर निगम क्षेत्र का वार्ड 17 ही नही बल्कि किसी भी वार्डो पर आपकी नजर दौड़ेगी तो गंदगी और पानी एक साथ मिल जाएंगे और यह बारिश के दिनों की बात नही बल्कि आए दिन भी जलजमाव ओर गंदगी नगर निगम में ब्याप्त है सिर्फ नगर निगम का सिस्टम पूरी तरह से फेल है जहाँ तहा पानी सडको पर नजर आने लगे ।

सरायकेला : गर्मी के दस्तक देने से पहले ही सूखने लगे हैं दलमा पर्वत के जलस्रोत,


करोडों खर्च करने के बाद भी वन विभाग की नाकामी के कारण प्यासे रहेंगे जंगली जानवर,

रिपोर्ट: विजय कुमार की।

सरायकेला : कोल्हान के बहु चर्चित सेंचुरी गज परियोजना के नाम से जाना जाता हे। गर्मी का मौसम दस्तक देने से पहले ही सरायकेला जिला के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के विभिन्न जलस्रोत सूखने लगे हैं। जल स्रोत ,झील और झरनों के प्राकृतिक स्रोत सुख रहे हैं। अभी ठीक तरह से गर्मी का मौसम का प्रभाव नहीं पड़ा और यह स्थिति बहुत चिंताजनक रहा है।

कोई जलस्रोतों के सूखने पर दलमा सेंचुरी के जंगलों में रहने वाले जंगली जीव जंतु हाथी ,रॉयल बंगाल टाईगर,तेंदुआ,भालू,सियार,लोमड़ी,लकड़बाघा , पशु पक्षियों को काफी परेशानी होगी। यह और बात है कि पशु पक्षियों के लिए वन विभाग गर्मी के मौसम में वैकल्पिक व्यवस्था कर सकती हैं। लेकिन सदियों से जो प्राकृतिक जलस्रोत हैं, उनमें जलस्तर कम होना भविष्य के लिए खतरा है। आखिर दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में मौजूद जलस्रोतों के सूखने के क्या कारण है ? यह सवाल हर किसी के मन में है। 

बता दें कि दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में 193.22 वर्ग क्षेत्र फल फैले हे साथ लगभग 79 छोटे बड़े प्राकृतिक जलस्रोत महजूद हैं। इन 79 जलस्रोत में जल स्रोत, झील, झरना, तालाब शामिल हैं। समय समय पर इनका जीर्णोद्धार वन विभाग द्वारा किया जाता है। वहीं, विभाग द्वारा सेंचुरी में अनेकों चेक डैम निर्माण कराया गया है। परंतु, विभाग द्वारा वन्य जीव जंतु की सुविधा और सुरक्षा के लिए खर्च किए जा रहे लाखों करोड़ों रुपए बर्बाद होता दिख रहा है। 

इस समय दलमा के अधिकांश जलस्रोत सुख चुके हैं और कई जलस्रोत का जलस्तर काफी आपने पुराने आकार सिमट कर कम हो चुका है। यदि अगले एक - दो माह में भारी बारिश नहीं हुई तो दलमा में सुखाड़ की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है। जलस्रोतों से सूखने के पीछे कहीं न कहीं वन विभाग की लापरवाही और नाकामी झलक रही हैं। दलमा के प्राकृतिक जलस्रोतों का संरक्षण करने में विभाग नाकाम साबित हुआ है।

 इसके चलते इस समय जलस्रोत सुख रहे हैं। दो दशक पहले दलमा में ऐसी स्थिति नहीं थी। तब सभी जलस्रोत लबालब पानी हुआ करते थे। दोपहर के समय जलस्रोतों में पशु पक्षियों को देखा जाता था। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रति बर्ष करोड़ो रुपया वन एब पर्यावरण विभाग को जंगल एब वन्य जीव जंतु के संरक्षण के करोड़ों रुपया मुहैया करते हे।

बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि इस साल गर्मी के मौसम में हाथी के साथ वन्य प्राणियों को जल क्रीड़ा के पेयजल और की व्यवस्था मिलेगी या नहीं ? वन्य प्राणियों के सुविधा के लिए वन विभाग क्या उपाय करेगी? 

आखिर दलमा में वन्य प्राणियों और ईको टूरिज्म ;(पर्यटकों) के नाम पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए का सदुपयोग हो रहा है या बंदरबांट ?

सरायकेला : गर्मी के दस्तक देने से पहले ही सूखने लगे हैं दलमा पर्वत के जलस्रोत,


करोडों खर्च करने के बाद भी वन विभाग की नाकामी के कारण प्यासे रहेंगे जंगली जानवर,

रिपोर्ट: विजय कुमार की।

सरायकेला : कोल्हान के बहु चर्चित सेंचुरी गज परियोजना के नाम से जाना जाता हे। गर्मी का मौसम दस्तक देने से पहले ही सरायकेला जिला के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के विभिन्न जलस्रोत सूखने लगे हैं। जल स्रोत ,झील और झरनों के प्राकृतिक स्रोत सुख रहे हैं। अभी ठीक तरह से गर्मी का मौसम का प्रभाव नहीं पड़ा और यह स्थिति बहुत चिंताजनक रहा है।

कोई जलस्रोतों के सूखने पर दलमा सेंचुरी के जंगलों में रहने वाले जंगली जीव जंतु हाथी ,रॉयल बंगाल टाईगर,तेंदुआ,भालू,सियार,लोमड़ी,लकड़बाघा , पशु पक्षियों को काफी परेशानी होगी। यह और बात है कि पशु पक्षियों के लिए वन विभाग गर्मी के मौसम में वैकल्पिक व्यवस्था कर सकती हैं। लेकिन सदियों से जो प्राकृतिक जलस्रोत हैं, उनमें जलस्तर कम होना भविष्य के लिए खतरा है। आखिर दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में मौजूद जलस्रोतों के सूखने के क्या कारण है ? यह सवाल हर किसी के मन में है। 

बता दें कि दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में 193.22 वर्ग क्षेत्र फल फैले हे साथ लगभग 79 छोटे बड़े प्राकृतिक जलस्रोत महजूद हैं। इन 79 जलस्रोत में जल स्रोत, झील, झरना, तालाब शामिल हैं। समय समय पर इनका जीर्णोद्धार वन विभाग द्वारा किया जाता है। वहीं, विभाग द्वारा सेंचुरी में अनेकों चेक डैम निर्माण कराया गया है। परंतु, विभाग द्वारा वन्य जीव जंतु की सुविधा और सुरक्षा के लिए खर्च किए जा रहे लाखों करोड़ों रुपए बर्बाद होता दिख रहा है। 

इस समय दलमा के अधिकांश जलस्रोत सुख चुके हैं और कई जलस्रोत का जलस्तर काफी आपने पुराने आकार सिमट कर कम हो चुका है। यदि अगले एक - दो माह में भारी बारिश नहीं हुई तो दलमा में सुखाड़ की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है। जलस्रोतों से सूखने के पीछे कहीं न कहीं वन विभाग की लापरवाही और नाकामी झलक रही हैं। दलमा के प्राकृतिक जलस्रोतों का संरक्षण करने में विभाग नाकाम साबित हुआ है।

 इसके चलते इस समय जलस्रोत सुख रहे हैं। दो दशक पहले दलमा में ऐसी स्थिति नहीं थी। तब सभी जलस्रोत लबालब पानी हुआ करते थे। दोपहर के समय जलस्रोतों में पशु पक्षियों को देखा जाता था। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रति बर्ष करोड़ो रुपया वन एब पर्यावरण विभाग को जंगल एब वन्य जीव जंतु के संरक्षण के करोड़ों रुपया मुहैया करते हे।

बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि इस साल गर्मी के मौसम में हाथी के साथ वन्य प्राणियों को जल क्रीड़ा के पेयजल और की व्यवस्था मिलेगी या नहीं ? वन्य प्राणियों के सुविधा के लिए वन विभाग क्या उपाय करेगी? 

आखिर दलमा में वन्य प्राणियों और ईको टूरिज्म ;(पर्यटकों) के नाम पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए का सदुपयोग हो रहा है या बंदरबांट ?

एन.आर प्लस टू हाई स्कूल सरायकेला में मतदान कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण, त्रुटि रहित मतदान के लिए विभिन्न बिन्दुओ पर की गई चर्चा


सरायकेला : आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के तहत प्रशिक्षण कोषांग सरायकेला खरसावां द्वारा द्वितीय चरण का प्रशिक्षण जारी है । इसी क्रम में आज N. R प्लस टू हाई स्कूल सरायकेला में प्रथम पारी में गम्हरिया प्रखंड के PO एवं P1 का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। गम्हरिया प्रखंड से 237 PO एवं 236 P1 सम्मिलित हुए। 

इसी प्रखंड से प्रथम पारी में 41 महिला PO एवं 84 महिला P1 प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए। आज द्वितीय पारी में गम्हरिया प्रखंड के ही P2 एवं P3 मतदान पदाधिकारी का प्रशिक्षण हुआ जिसमें 136 पुरुष द्वितीय मतदान पदाधिकारी तथा 75 द्वितीय महिला मतदान पदाधिकारी तथा 299 पुरुष तृतीय मतदान पदाधिकारी एवं 95 तृतीय महिला मतदान पदाधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त किए। 

आज के प्रशिक्षण का अवलोकन करने के लिए प्रशिक्षण कोषांग के वरीय पदाधिकारी सह अपर उपायुक्त एन आर प्लस टू उच्च विद्यालय पहुंचे।उन्होंने प्रशिक्षण के संबंध में कई महत्वपूर्ण बातें बताई तथा चार प्रकार के ए,बी,सी,डी ईवीएम की विस्तृत जानकारी दी। आज के प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा डमी पेपर के माध्यम से मतदान पदाधिकारी को विभिन्न प्रपत्र भरने की पूरी जानकारी दी गई साथ ही ईवीएम हैंड्स ऑन में जो भी शंका रह गई थी उसका समाधान किया गया।

उक्त प्रशिक्षण तरुण कुमार सिंह, ब्रजमोहन यादव, मनोज कुमार सिंह, राजेश मिश्रा ,अजीत कुंभकार, जयदेव त्रिपाठी ,अविनाश कुमार मिश्रा, श्याम सुंदर पाल ,अरविंद कुमार, नयन मणि दास, आशीष कुमार मल्लिक, दिनेश कुमार दास, सुदीप मुखर्जी ,सुधाकर ठाकुर, प्रभाशंकर तिवारी, परमेश्वर महतो, विचित्रा प्रधान, गणेश सरदार, अनूप कुमार मंडल, प्रदीप कुमार माजी ,पूर्ण चंद्र रजक, आलोक कुमार ,घनश्याम महतो, इंदू भूषण प्रसाद, सुभाशिष कुमार सेन आदि के द्वारा दिया गया ।

सरायकेला : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने खरसावा विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न मतदान केन्द्रो का किया निरीक्षण

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सरायकेला : लोकसभा आम चुनाव को लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के.रवि कुमार तथा अवर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती नेहा अरोड़ा ने खरसावां विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न मतदान केन्द्रो का निरिक्षण किया। 

चिलकु पंचायत अंतर्गत मतदान संख्या 189 एवं 190 तथा आदर्श मध्य विद्यालय खरसावां मतदान संख्या 166 का निरिक्षण कर सभी मतदान केन्द्रो पर सभी आवश्यक मुलभुत सुविधाए सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। निरिक्षण के क्रम में मतदान केंद्र पर शौचालय तथा पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त करने तथा कक्षाओं में आवश्यकतनुसार और लाइट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 

इस क्रम में उन्होंने सभी सम्बन्धित पदाधिकारी एवं ERO/AERO को ऐसे मतदान केंद्र जहां मतदान प्रतिशत कम है में विशेष रूचि लेकर विभिन्न माध्यम से लोगो को मतदान के प्रति प्रेरित करने तथा सभी मतदान केन्द्रो पर बेहतर सुविधाए (ख़ासकर महिला, बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं को) मुहैया कराने के दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए।

निरिक्षण क्रम में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक श्री मनीष टोप्पो, अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला, जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी, अंचलाधिकारी खरसावां, अंचलधिकारी सरायकेला एवं अन्य उपस्थित रहे।

मौन की शक्ति से कई समस्याओं का किया जा सकता समाधान...!

सरायकेला : अक्सर लोग मौन की शक्ति से अनभिज्ञ रहते हैं , जबकि यह शक्ति सफलता की ओर ले जा सकती है । इस शक्ति का उपयोग करके आप बाहरी शोर को अनसुना करके अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं ! चुप्पी एक ऐसी शक्ति है जिसकी सहायता से हम किसी भी बात को गहरे से समझते हैं , गहराई से समझकर समस्या का निदान पा सकते हैं ,भविष्य के अच्छे निर्णय ले सकते हैं । लोगों को आजकल के इस तनाव भरे माहौल में अपनी आंतरिक शक्ति का उपयोग करने में दिक्कत आ रही हैं । यदि आप आंतरिक शक्ति का उपयोग करना चाहते हैं तो सबसे बड़ी शक्ति "चुप्पी" है इसका उपयोग करना सीखें !

 अक्सर आपने देखा होगा कि महान हस्तियां , धनवान दार्शनिक , बोलते कम कार्य अधिक करते हैं। इसका मुख्य कारण वे अपने आसपास शांति बनाए रखते है , जिसकी वजह से अपने लक्ष्य पर ध्यान फोकस कर पाते हैं, सफल होते जाते हैं ! जो लोग अक्सर नकारात्मक विचार रखते हैं वे छोटी छोटी बातों से परेशान हो जाते हैं जबकि जो लोग सकारात्मक विचार रखते हैं ,जब भी उनके सामने कोई दिक्कत आती है तो वे चुप्पी साध लेते हैं , अपनी परेशानी का निदान पा लेते हैं।

     चुप्पी की शक्ति से आप दूसरों के मन की बात भी जान सकते हैं एवम अपना रिश्ता परमात्मा से भी जोड़ सकते हैं । मौन का अर्थ यह नहीं कि आप चुप शांत ही रहेंगे , इसका अर्थ है कि कब , किस समय , कितना बोलना व्यक्त करना सार्थक है ! इसके विपरीत जिस व्यक्ति को यह ज्ञात नही होता कि कब किस समय कितना बोलना है वह समस्या में घिरता जाता है ।

    मौन में रहने से आप लोगों को विचारों में उलझा सकते हो 

आपने देखा ही होगा जो लोग मौन रहते हैं लोग उसकी बात को ध्यान से सुनते हैं ,जबकि जो हमेशा बकबक करता रहता है लोग उसकी बातों को भाव नही देते । खरीदारी करते समय , मोल भाव करते समय , मौन का सहारा लेना चाहिए , जब आप खरीदारी कर रहे हों और मोलभाव भी नही करना चाहते तो मौन हो जाएं । ऐसा करने पर विक्रेता हड़बड़ाहट में वस्तु का मूल्य कम कर देता है क्योंकि उसको लगता है कि कहीं आप वस्तु खरीदने से मना ही न कर दें यह तो आपने आजमाया या देखा ही होगा। इस मौन के कारण ही आप वस्तु को कम दाम पर खरीद पाते हैं और आपका धन भी बचता है ।

  बोले कम सुने ज्यादा : अधिकतर झगडे या पारिवारिक संबंध में कटुतता तब आती है जब लोग एक दूसरे की बात ही नही सुनते , यदि एक दूसरे की बात को ध्यान से सुनेंगे और मौन की शक्ति का सहारा लेंगे तो झगड़ा और दरार दूर होगा ।

  मानसिक शांति : मानसिक शांति के लिए चुप्पी की शक्ति को पहचानना होगा । जब भी कभी व्यक्ति मौन का अनुभव करता है तो उसके वो सारे विचार जो उसे परेशान करते हैं वो विचार दूर होने लगते हैं जिससे मन शांत होता जाता है क्योंकि आप मौका देते हैं खुद को खुद से जुड़ने के लिए । 

 आत्म प्रतिष्ठा : अपनी आत्म प्रतिष्ठा बनाएं ! जब आपको चुप्पी की शक्ति का ज्ञान हो जायेगा तो आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेंगे , जिससे आपकी आत्म प्रतिष्ठा बढ़ेगी ।आप अपनी पॉवर ऑफ साइलेंस से सेल्फ रिस्पेक्ट बढ़ा सकते हैं ।

जब आप मौन रहते हैं तब आप अपने विचारों को अच्छे से समझ पाते हैं आपकी विचार शक्ति बढ़ती है , मन शांत होने पर भीतर की उथल पुथल पर अंकुश लगता है जिसके कारण आप समस्याओं से बाहर आते हैं । आपने अक्सर देखा होगा कि आप अपनी किसी समस्या का समाधान के लिए बुद्धिमान व्यक्ति से मार्गदर्शन लेते हैं ।वह बुद्धिमान अपनी मौन शक्ति के कारण ही आपको उचित निर्णय लेने में सहायक होता है ।

अतः मौन की शक्ति को पहचाने ।

सरायकेला :आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में तेंदुआ ने एक मज़दूर पर किया हमला,घायल का चल रहा है इलाज

तेंदुआ के आतंक से बंद हुए स्कूल,वन विभाग तेंदुआ को पकड़ने के लिए चला रही है अभियान

सरायकेला: कोल्हान के आदित्यपुर- गम्हरिया औद्योगिक क्षेत्र में विगत तीन दिनों से घूम रहा तेंदुआ अब भी नही आया पकड़ में। वन विभाग की टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है ।इस बीच तेंदुआ के हमले से एक मज़दूर घायल हो गया जिसका इलाज चल रहा है।

हालांकि वन विभाग की टीम पश्चिम बंगाल राज्य के बांकुड़ा से एक्सपर्ट को बुलाकर पूरे क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चला रही है ,इस बीच सुरक्षा को लेकर गम्हरिया स्थित केरला पब्लिक स्कूल को बंद कर दिया गया है।

मंगलवार सुबह गम्हरिया स्थित केरला पब्लिक स्कूल प्रबंधन ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल बंद कर दिया है ,स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों के अभिभावक को मैसेज कर इस बात की जानकारी दी गई है. 

मंगलवार सुबह काफी संख्या में स्कूल पहुंचे. अभिभावक अपने बच्चों को लेकर वापस घर लौट गए, इधर गम्हरिया औद्योगिक क्षेत्र स्थित इंडिगो मोटर्स में तेंदुए के घूमने की सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुई है, सरायकेला डीएफओ आदित्य नारायण ने बताया है कि वन विभाग की टीम मुस्तैदी के साथ क्षेत्र पर नजर रखे हुए हैं । 

तेंदुआ दिन में नहीं दिख रहा है, जबकि रात होने पर उसकी गतिविधि देखी जा रही है। वहीं घनी आबादी वाले औद्योगिक क्षेत्र में तेंदुए के लगातार घूमने पर लोगों में भय और आतंक का माहौल देखा जा रहा है, कई अभिभावक अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं, जबकि कुछ कंपनियों में प्रोडक्शन कार्य पूरी तरह बंद रखा गया है।

एक घायल मजदूर का इलाज जारी

आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र पेज एक स्थित आरसीबी प्लांट 1 में रविवार सुबह 9:29 पर तेंदुए की सूचना मिलने के बाद पूरे सरायकेला जिले में हड़कंप मचा हुआ है ,इस कंपनी के मजदूर स्वरूप मिश्रा पर तेंदुए द्वारा हमले किए जाने के बाद उसे आदित्यपुर के निजी नर्सिंग होम में प्राथमिक उपचार के बाद उड़ीसा के कटक में बेहतर इलाज के लिए भर्ती कर दिया गया है, हालांकि कंपनी प्रबंधन द्वारा तेंदूए के हमले की बात नहीं स्वीकारी गई है, इस बीच सोमवार शाम से तेंदुए के रेलवे ट्रैक पर काटकर मरने संबंधित पुराने फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जबरदस्त तरीके से वायरल हुए हैं।

इस क्षेत्र में जंगली जानवर कहां से आया यह सवाल उठ रहा है।सूत्र के अनुसार आदित्यपुर से महज 15 किलोमीटर दूर चांडिल दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है।जहा रॉयल बंगाल टाईगर के साथ ,तेंदुआ देखा जाता है। 

इस सेंचुरी के कुछ हिस्सों में जेसे कोटाशिन्नी जंगल में इस प्रजाति तेंदुआ देखने को मिलता हे।इस क्षेत्र के ग्रामीण जब जंगल में लकड़हारा लकड़ी चुनने जाता है तो देखने को मिलता है। लेकिन दलमा रेंच के पदाधिकारियों इस बात का पुष्टि नहीं करते है।

जीवन में रंगों का ज्योतिषीय महत्व।


सरायकेला : इस हसीन दुनिया को और भी खूबसूरत बनाने वाले रंग दरअसल ज्योतिष में भी बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। यह खूबसूरत रंग व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक जीवन पर खासा प्रभाव डालते हैं। कई धर्मों में इन रंगों को अनुष्ठानों, समारोह और त्योहारों का प्रतीक भी माना जाता है। उदाहरण के तौर पर बात करें तो लाल रंग हिंदू धर्म में शुभता का प्रतीक माना गया है और यही वजह है कि लाल रंग को दुल्हन के लिए बेहद ही खास माना जाता है। 

लाल रंग और दुल्हन के बीच का संबंध कुछ इस प्रकार से देखा जाता है कि अब घर की बेटी नई ऊर्जा, प्यार और जोश के साथ अपने नए जीवन की शुरुआत कर रही है। 

वहीं भारतीय समाज में सफ़ेद रंग को दुख और मातम से जोड़कर भी देखा जाता है। ऐसे में जब लोगों के घर किसी की मृत्यु हो जाती है या किसी का निधन हो जाता है तो सफेद रंग को ज्यादा महत्व दिया जाता है। यह इस बात का प्रतीक होता है कि अब जीवन बेरंग हो गया है वहीं, इसके विपरीत सफेद रंग को ईसाई समाज में बेहद शुभ माना जाता है और यही वजह है कि ईसाई धर्म में जब लड़की का विवाह होता है तो उसके कपड़े सफेद रंग के होते हैं क्योंकि, इसके पीछे की मान्यता यह है कि इससे लड़की के जीवन की शुरुआत शुभ और स्वच्छ ऊर्जा और पवित्रता के साथ होनी चाहिए। 

वहीं ईसाई समाज में काले रंग को मातम से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो लोग काले रंग के कपड़े पहनते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके प्रियजन के बिना जीवन बेहद ही अंधकार में और खंडित हो चुका है। ठीक इसी तरह कई अन्य धर्म भी होते हैं जो अलग-अलग अवसरों के लिए अलग-अलग रंगों का चयन करते हैं।

हमारे जीवन में रंगों का क्या महत्व होता है या क्या प्रभाव पड़ता है इस बात को स्पष्ट रूप से जानने के लिए बेहद आवश्यक है कि मनोवैज्ञानिकों द्वारा रंगों के महत्व को जाना जाए। वास्तु में भी रंग बेहद ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं क्योंकि अधिकांश समय उपाय के तौर पर रंग चिकित्सा या जिसे अंग्रेजी में कलर थेरेपी कहते हैं वह रंगों पर ही आधारित होती है। ज्योतिष भी रंगों की ऊर्जा से संबंधित माना गया है क्योंकि प्रत्येक ग्रह से संबंधित एक अलग रंग होता है जो उस ग्रह की ऊर्जा से मेल खाते हैं। ऐसे में यदि सही ढंग से उपयोग किया जाए तो इससे व्यक्ति को वास्तव में लाभ हासिल हो सकता है।

सप्ताह के प्रत्येक दिन 7 ग्रहों में से एक को समर्पित माने गए हैं। अर्थात प्रत्येक दिन एक अलग ग्रह से संबंधित होता है। ऐसे में उन दिनों में उस ग्रह से संबंधित विशिष्ट रंग पहनने से उस ग्रह का आशीर्वाद जीवन पर प्राप्त किया जा सकता है। जैसे कि, 

सोमवार के लिए सफेद रंग निर्धारित किया गया है 

मंगलवार के लिए लाल रंग 

बुधवार के लिए हरा रंग 

गुरुवार के लिए पीला रंग 

शुक्रवार के लिए गुलाबी रंग 

शनिवार के लिए काला और 

रविवार के लिए क्रीम कलर या लेमन (नींबू पीला रंग) समर्पित होता है।

अपडेट न्यूज़: भीषण सड़क हादसे में मारे गये चारो युवकों की हुई पहचान,ये चारों युवक आदित्यपुर कॉलोनी के रहने वाले हैं


सरायकेला : जिले के चांडिल थाना क्षेत्र के कांदरबेड़ा के समीप हुए भीषण सड़क हादसे में मारे गये चारो युवकों की पहचान हो गयी है, चारों युवक आदित्यपुर कॉलोनी के रहने वाले बताए जा रहे हैं। 

उन लोगो की पहचान अभय रंजन सिंह उर्फ निखिल (आदित्यपुर बाबा आश्रम), सूरज आर्यन (आदित्यपुर रोड नंबर 22) संस्कार मिश्रा (आदित्यपुर रोड नंबर 17) और नवनीत कुमार शर्मा (आदित्यपुर रोड नंबर 21) के रूप में हुई है. सभी युवक 20 से 25 साल के बताए जा रहे हैं।

 घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया है. विदित हो कि इसी साल पहली जनवरी की अहले सुबह हुए भीषण सड़क हादसे में बाबा आश्रम के छः युवकों की दर्दनाक मौत हुई थी ।

बताया जाता है कि चारों युवक वरना कार पर सवार होकर कांदरबेड़ा से जमशेदपुर की ओर मुड़ रहे थे । वे लोग काफी स्पीड में थे, जिनके कंट्रोल से बाहर गाड़ी हो गयी है और वे लोग सीधे ट्रक के नीचे घुस गये. गाड़ी इतनी तेज थी कि सारे चारों युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने किसी तरह गाड़ी से युवकों को निकाला गया । लहुलुहान स्थिति में चारों को अस्पताल लाया गया, जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया. चारों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी. कार की स्थिति देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी स्पीड में गाड़ी थी और कितनी भीषण हादसा था ।