आवा है शुभ दिन आज,सखिया मंगल गाओ
अयोध्या।अयोध्या में तुलसी उद्यान मंच पर चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत रविवार पच्चासवा दिन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, संस्कृत विभाग उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित रामोत्तसव कार्यक्रम में कई प्रदेश से यह प्रस्तुति मनभावन लगी प्रथम प्रस्तुति ओडिसा की चंद्रसेन की गोटीपुआ नृत्य जगन्नाथ पुरी का सत्रहवी सदी का नृत्य शरीर,शौस्ठव,संतुलन का प्रदर्शन बालक,बालिकाओं के भेष मे नृत्य करते हैं।
जिसकी प्रस्तुति को दर्शकों ने बहुत सराहा इसके पश्चात अयोध्या की संदीप चतुर्वेदी लोक गायन की लोक गायन इसके पश्चात गोरखपुर के
स्वतंत्र सिंह की लोक गायन सरयू लहर में खेले दशरथ ललनवा.. प्रभु कामना तुमसे सब पूरी कर डाली कृपा किए प्रभु फिर से आई बड़ी दिवाली..इसके पश्चात लखनऊ की अनुज श्रीवास्तव की लोक गायन मंगल गीत पालना गीत चेतन गीत "आवा है शुभ दिन आज,सखिया मंगल गाओ। मंगल गाओ सखी धूम मचाओ।
अयोध्या में खुशियां अपार सखी मंगल गाओ री... आगने में हीरा लुटा देबै रे आगने मे, जाहु जाहु घर अपने महरनिया सोने का कलशा चढाय देबै रे .. की प्रस्तुति मनमोहक लगी।
इसके पश्चात उत्तराखण्ड की
नंदलाल व दल द्वारा छलिया नृत्य छोलिया नृत्य कहा जाता है यह एक तलवार नृत्य है जिसे प्रमुखतःशादी बारात हो या अन्य शुभ अवसरों पर किया जाता है जिसमें की ढोल,दमाऊ तुरी मास्कबिन आदि वाद यंत्रों के साथ विशेष वेशभूषा पहन कर सांकेतिक ढाल,तलवार लेकर युद्ध कौशल का प्रदर्शन करने वाला नृत्य छोलिया अथवा छलिया नृत्य कहा जाता है की प्रस्तुति को देख दर्शकों ने जमकर तालियां बजाई और सराहा।
इसके पश्चात हरियाणा के संदीप व दल द्वारा हरियाणा का प्रसिद्ध नृत्य होली फाग होली के रंगों को बिखेर दिए इसके पश्चात गुजरात हेमंग व्यास व दल द्वारा गुजरात का गरबा जिसमें सभी महिलाएं अपने माथे पर गरबा और मांडवी लेकर गरबा घूमती है इस नृत्य में माता जी को बीच में रखकर गोल-गोल घूमते हैं की मातृशक्ति की की प्रस्तुति बहुत ही शानदार इसके बाद हरियाणा की संदीप एवं दल द्वारा हरियाणवी घुमर नृत्य महिलाएं जब अपने पति को रिझाती है मानती है गहनों के लिए आभूषण के लिए उसी को गाकर नृत्य कर मांग करती है।
कलाकरो के द्वारा हरियाणवी फाग होली रे होली आई रंग बिरंगे होली रे.. जिसे होली के दूसरे दिन मनाया जाता है जिस प्रकार मथुरा में लठमार होती होती है की प्रस्तुति होली के रंगों से दर्शकों को सराबोर कर दिया। इसके पश्चात भक्ति उत्सव का कार्यक्रम पद्मश्री मालिनी अवस्थी व उनके दल द्वारा जन्म सोहर गीत मंगल गान बाजत अवध बधाइयां दशरथ घर सोहर हो. बधाई गीत की की प्रस्तुति बहुत सराहनीय रही।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी प्रदेश से आए कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किए ।
Mar 03 2024, 18:51