विष्णुपद थाने के इंस्पेक्टर ने खोल रखी थी अवैध वसूली की दुकान, होमगार्ड का जवान था कलेक्शन एजेंट , गिट्टी वालों से 5 -5 हजार महीने वसूलते थे
गया। शहर के विष्णुपद थाना के पूर्व इंस्पेक्टर राम इकबाल यादव ने अवैध वसूली की दुकान ही खोल रखी थी। वे इलाके के गिट्टी, बालू और तो और शराब धंधेबाजों से महीने के 5- 5 हजार रुपए वसूला करते थे। यही नहीं वे कोर्ट के वारन्टी को थाने बुलाते थे और फिर उससे मोटी रकम लेकर थाने से बाइज्जत छोड़ देते थे। खास बात यह कि यह सारा काम वे खुद नहीं बल्कि वे अपने थाने के होमगार्ड से ही कराया करते थे। यह सनसनीखेज खुलासा एएसपी पीएन शाहू की जांच में हुआ है। वह भी तथ्य के साथ।
जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंप दी गई है। हालांकि रिपोर्ट पर कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। इंस्पेक्टर का जांच के दौरान ही तबादला हो गया। तबादला सजा के रूप में नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक सम्मान जनक प्रक्रिया के तहत किया गया है। लेकिन होमगार्ड का जवान अब भी थाने में ड्यूटी बजा रहा है। इस मामले में एसएसपी आशीष भारती औपचारिक रूप से कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि हमारी ओर से जो किया जाना था। वह किया जा चुका है। आगे की कार्रवाई विभाग को करना है। वहीं इस मामले में आईजी छत्रनील सिंह से उनके दफ्तर में मिलने की कोशिश की गई तो वे दफ्तर में नहीं मिल सके। फोन किया गया तो सम्पर्क नहीं हो सका। वाट्सएप मैसेज किया गया तो उसका भी जवाब देर रात तक नही मिला।
क्या है इंस्पेक्टर की अवैध वसूली का सच
दरअसल विष्णुपद थाने में ही तैनात दरोगा जैनेन्द्र कुमार ने अपने थाने में पसरे भ्र्ष्टाचार के खिलाफ व्हिसल ब्लोवर का काम किया था। उसी ने कुपोषण के शिकार सा दिखने वाले इंस्पेक्टर राम इकबाल यादव की शिकायत वरीय अधिकारियों से की थी। एसएसपी ने मामले की जांच एएसपी को दी थी। एएसपी ने दरोगा द्वारा की गई शिकायत के आधार पर जांच शुरू की तो एक आरोप को छोड़ कर सारे आरोप सही पाए गए। जैनेंद्र कुमार का आरोप था कि इंस्पेक्टर राम इकबाल यादव गिट्टी व छर्री वालों से महीने में पैसे वसूलते हैं। इस काम में होम गार्ड विनय पासवान मदद करता है। जांच में यह आरोप सही निकले। गार्ड ने सभी राज एएसपी के समक्ष उगल दिए। दूसरा आरोप एनबीडब्ल्यू के वारन्टी को 15 हजार रुपये लेकर छोड़ना था। यह आरोप भी सही निकला। इस आरोप के प्रमाण थाने में लगे सीसीटीवी में मिल गए। खास बात यह भी कि जब एनबीडब्ल्यू के वारन्टी विनोद श्रीवास्तव को छोड़े जाने की बात राम इकबाल से पूछी गई तो उन्होंने एएसपी को कहा था कि वह एनबीडब्ल्यू का वारन्टी नहीं बल्कि उसके खिलाफ डीडब्ल्यू था जिसे थाने पर बुला कर पूछताछ कर छोड़ दिया गया। लेकिन जब एएसपी ने डीडब्ल्यू से जुड़ा कागज उनसे मांगा तो वह प्रस्तुत नहीं कर सके।
इस पर एएसपी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि इंस्पेक्टर राम इकबाल यादव और होमगार्ड जवान दोनों मिलकर मासिक अवैध वसूली किया करते थे। होमगार्ड जवान का इलाके बालू गिट्टी छर्री के धंधेबाजों से साठ गांठ था और अवैध वसूली करता था और इंस्पेक्टर को हर महीने मोटी रकम लाकर देता था। यह खेल बीते ढाई वर्षों से चल रहा था। एएसपी ने अपनी रिपोर्ट 17 फरवरी को सम्मिट की है। खास बात यह भी कि भ्र्ष्टाचार की शिकायत करने वाले दारोगा जैनेन्द्र कुमार का भी ट्रांसफर हो चुका है।
Feb 22 2024, 19:09