किसान व मजदूर संयुक्त होकर भरें हुंकार
के एम उपाध्याय,निजामाबाद ( आजमगढ़ )। संयुक्त किसान मोर्चा आजमगढ़ के तत्वावधान में विभिन्न किसान-मजदूर-कर्मचारी-छात्र संगठन -क्रांतिकारी किसान यूनियन, किसान संग्राम समिति,भारतीय किसान यूनियन,अ.भा.किसान सभा,अ.भा.किसान महासभा,जय किसान आंदोलन, संयुक्त किसान-खेत मजदूर संघ, खेत मजदूर किसान संग्राम समिति, जन मुक्ति मोर्चा -किसान मंच, अ.भा.प्रगतिशील छात्र मंच,एआईपईएसएफ,बीएसएनएल एम्प्लाइज यूनियन के आनंद, पोस्ट आफिस,बैंक कर्मचारी संगठन आदि ने मिलकर औद्योगिक क्षेत्रीय हड़ताल और ग्रामीण भारत बंद के अवसर पर जज्जी मैदान से स्वामी विवेकानंद चौक से नेहरू हाल, त्रिमूर्ति चौक, गांधी चौक से होते हुए कलेक्ट्रेट परिसर तक जुलूस मार्च निकाला और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम बीस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
जुलूस में किसान मजदूर महिलाओं, छात्रों के हाथ में तख्तियां थीं। तख्तियों पर भारत रत्न स्वामीनाथन की सिफारिश के अनुसार C2 +50% फार्मूले से सभी फसलों के सम्पूर्ण लागत का डेढ़ गुना एम.एस.पी. की कानूनी गारंटी ; आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना को रद्द करो, स्कीम वर्कर्स, कर्मचारियों, मजदूरों आदि मुद्दों से जुड़े नारे लिखे हुए थे।
वक्ताओं ने कहा कि 16 फरवरी भारत के संविधान में निहित लोकतंत्र, संघवाद, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के बुनियादी सिद्धांतों को बचाने के मूल भावना से प्रेरित बताया।उन्होंने सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों से अनुरोध किया कि वे घृणित धार्मिक कट्टरता और अंधराष्ट्रवाद का मुकाबला करने और लोगों की वास्तविक आजीविका के मुद्दों को राष्ट्रीय एजेंडे में वापस लाने के लिए किसानों और श्रमिकों के जारी इस संयुक्त संघर्ष का हिस्सा बनने का अनुरोध किया।
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 सिर्फ मोदी-मोदी, मंदिर -मस्जिद पर नहीं, मुद्दों पर होगा। मुद्दों की लड़ाई अब किसान-मजदूर शुरू कर चुके हैं।इससे सुंदर राजनीति हो सकती, इससे बड़ी देशभक्ति नहीं हो सकती। क्योंकि मामला सिर्फ किसान मजदूर का नहीं,पूरे देश का है। पैसा यदि गांव में पहुंचेगा तो गांव से पलायन कर होगा, मजदूरों को स्लम में रहने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा, पर्यावरण संरक्षण होगा। किसानों के साथ न्याय का मतलब भारत के साथ न्याय है।
वक्ताओं ने कहा कि किसानों की कोई भी मांग नई नहीं है, वे अपनी पुरानी मांगों को ही दोहरा रहे हैं, जिन पर सरकार के साथ अनेकों बार बातचीत कर ज्ञापन दे चुके हैं। अभी किसान और मजदूर संगठन भी एक साथ आ गये हैं तो उन दोनों की मांगें एक साथ जुड़ गई हैं, जिसमें ग्रामीण मजदूरों के लिए मनरेगा के तहत 200 दिन की मजदूरी और 700 रूपये प्रतिदिन मजदूरी देने की बात कही गई है।
साथ ही न्यूनतम मजदूरी लागू करने और श्रम संहिताओं को रद्द करने की बात कही गई है।साथ ही आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण में बहुफसली जमीन, घनी आबादी के मकानों को बचाने के लिए खिरिया बाग में 488दिनों से किसानों का धरना जारी है, चीनी मिल चलाने की मांग को लेकर देवरिया में 105दिनों से किसान धरना दे रहे हैं। किसानों की जायज मांगों को सरकार कब तक नजरअंदाज करेगी।
सरकार, पूंजीपति पक्षीय मीडिया और बुद्धिजीवियों से प्रचारित करवा रही है कि MSP का बोझ देश सहन नहीं कर पायेगा। पूंजीपतियों को लाखों करोड़ रूपये की छूट दी जाती है; उनको सस्ती दर पर जमीनें आवंटित की जाती हैं और 25 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा का बैंक लोन को माफ (बट्टे खाते में डाल दिया गया) कर दिया जाता है।
दूसरी तरफ किसानों को सब्सिडी वाला खाद भी नहीं मिल पाता है और उनको महंगे दाम पर यूरिया, पोटाश और डीएपी बाजार से लेने पड़ते हैं। उन्हें खाद पाने के लिये और फसल का उचित दाम मांगने पर भी पुलिस की लाठियां खानी पड़ रही है।
जुलूस मार्च और ज्ञापन सौंपने में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का.जय प्रकाश नारायण, सुदर्शन,किसान संग्राम समिति से दुखहरन राम , तेज बहादुर, रामाश्रय यादव, समाजिक न्याय आंदोलन के जिला अध्यक्ष रामकुमार यादव,क्रांतिकारी किसान यूनियन के आजमगढ़ मंडल प्रभारी रामनयन यादव,अ.भा.किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य का.वेद प्रकाश उपाध्याय,अ.भा.खेत मजदूर सभा के रामजनम यादव,जय किसान आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष राजनेत यादव,खेत-मजदूर किसान संग्राम समिति के का. नंदलाल,जनमुक्ति मोर्चा (किसान मंच) के राजेश आज़ाद, जनवादी लोकमंच से दानबहादुर मौर्य,एआईपईएस के राहुल विद्यार्थी, संदीप, संयुक्त किसान मजदूर संघ के रामराज , अवधेश यादव, सुनील भाई,भाकियू से भीमराम,का.विनोद सिंह ,चंद्रधारी, सत्येन्द्र, प्रेमनारायण, जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा (खिरिया बाग) से फूलमती, विद्या, तारा, निर्मल, नकछेद राय, तुफानी सरोज, नंदलाल, गिरधारी, रिजवान, हरिओम, राजनाथ,मंगरू, रामनिहोर, इंद्रजीत, लालमन, हरिलाल, रामपति, जंगबहादुर, रमेश, रामपलट, मिसरी वर्मा ,सुबेदार, सुरेन्र्द ,रामकरन यादव,गोपाल यादव, गोविंद ,विजय, लाभई यादव , रामनाथ,जगनंदन मास्टर,श्रीराम,फूलचन्द,दिनेश राम,जगरोपन यादव-बाढ़पीड़ीत संगठन-संथापक,वैरागी,राम किशुन, राम दुलार,रामसिंगार राजभर ,रामचरनराम,टेकई राम, रामदुलार,दयाराम,नन्दलाल,रामरूप यादव,बलिराम,दिनेश कुमार, प्रदीप कुमार,राम शब्द राम, विरेन्द्र , रामजीत प्रजापति, मंगन यादव, का.हरचरन, हरिश्चन्द्र राजभर, हीरा, हवलदार,भीम आदि शामिल रहे।
Feb 17 2024, 14:49