इनजियरिंग स्टूडेंट्स को 10 हजार रूपये देगी सरकार, नीतीश कैबिनेट से 14 एजेंडों को मंजूरी
बिहार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट की बैठक में 14 एजेंडों पर मुहर लगाई गई हैं. बैठक की अध्यक्षता नीतीश कुमार ने की. बिहार सरकार इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को 10 हजार रूपये देने वाली हैं. विज्ञान प्रौद्दोगिकी व तकनीकी शिक्षा विभाग की इस नीति के तहत बीटेक( चार वर्षीय) पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को सातवें सेमेस्टर में 10 हजार प्रोत्साहन राशि मिलेगी.

           कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस. सिद्धार्थ ने बताया कि विज्ञान प्रौद्दोगिकी व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा कार्यालय परिचारी के पद पर सीधी नियुक्ति के लिए 2022 में निकाले गये विज्ञापन के लिए परीक्षा शुल्क माफ कर दिया गया हैं. राज्य सरकार ने 14 करोड़ 92 लाख शुल्क की राशि माफी का निर्णय लिया गया हैं. इसका लाभ 3,46,777 आवेदकों को होगा. अब आवेदक इस परीक्षा में बगैर परीक्षा शुल्क दिये ही शामिल हो सकेंगें. बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाना हैं.

          राज्य में 2165 नए पंचायत भवनों का निर्माण होगा. इनके निर्माण के लिए 60 अरब 10 करोड़ रूपये खर्च होंगें. बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि पंचायती राज विभाग के 2165 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण के प्रस्ताव को सहमति दी गयी हैं. इनमें 1082 पंचायत सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों जबकि 1083 भवन सामान्य क्षेत्रों में बनेंगें. दरअसल, 8053 ग्राम पंचायतों में से अबतक 4236 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी हैं. इसी क्रम में 2165 ग्राम पंचायतों में भवनों को मंजूरी दी गयी.

       डॉ सिद्धार्थ ने बताया कि एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में कैबिनेट ने रेजिंग एंड एक्सलेरेटिंग एमएसएमई परफार्मेंस(रैम्प) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्दमियों के क्षमतावर्द्धन एवं कोविड महामारी के कारण उन पर पड़ रहे दुष्प्रभावों को कम करने के लिए 140.74 करोड़ रूपये की मंजूरी दी गयी हैं. विश्वबैंक समर्थित सेंट्रल सेक्टर योजना रैंप के तहत वर्ष 2023-24 से 2026-27 के लिए यह राशि स्वीकृति दी गयी हैं. साथ ही 214 संविदा आधारित पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी हैं
क्यों शिक्षकों के बीच खौफ का दूसरा नाम बनते जा रहे हैं के के पाठक, इन चर्चित फरमान और एक्शन ने मचाया तहलका
बिहार: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इन दिनों अपने एक्शन के कारण चर्चा में हैं. उनके एक्शन और फरमान से बिहार के शिक्षकों में हड़कंप मच गया हैं.चर्चा में रहनेवाले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एक के बाद एक सख्त फैसले ले रहे हैं. शिक्षकों में बेचैनी है कि न जाने शिक्षा विभाग से कब कौन सा फरमान जारी हो जाए और उनकी नौकरी खतरे में पड़ जाए.

      केके पाठक ने अपर मुख्य सचिव का जिम्मा संभालते ही हर महीने स्कूल का निरीक्षण करने का आदेश जारी कर दिया ऐसे में गैर हाजिर होनेवाले टीचरों पर गाज गिर रही हैं.साथ ही स्कूल में गंदगी होने पर भी शिक्षकों का वेतन कट रहा हैं.

      राज्य के प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालयों में निरीक्षण अभियान चलाया गया. जुलाई के पहले सप्ताह में ही 2106 शिक्षक बिना सूचना दिए गैर हाजिर पाए गए. इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षकों का एक दिन का वेतन काट लिया.

     शिक्षा विभाग का एक और फरमान सुर्खियों में रहा, जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के जींस और टी-शर्ट पहनकर ऑफिस आने पर बैन लगा दिया गया हैं. आदेश में कहा गया हैं कि ऑफिस में जींस टी-शर्ट जैसे कैजुअल कपड़े न पहनें क्योंकि ये ऑफिस कल्चर के खिलाफ हैं.
चार चरणों में होगी सक्षमता परीक्षा; तीन में फेल हुए तो चली जाएगी नौकरी; यहां पढे डिटूल
बिहार: राज्य के 3.50 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए चार बार सक्षमता परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति आयोजित करेगी. पहले चरण की परीक्षा 26 फरवरी को आयोजित होगी. इसका परिणाम जारी होने के बाद नियमित अंतराल पर अन्य तीन चरणों में परीक्षा होगी. कमेटी की अनुशंसा के आधार पर इन चारों चरणों में से तीन की परीक्षा में नहीं बैठते हैं. तीन से कम चरणों में परीक्षा देते हैं या तीनों  चरणों की परीक्षा में बैठने के बाद फेल करते हैं, तो ऐसे सभी नियोजित शिक्षकों की सेवा स्वत: समाप्त हो जायगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने इस संबंध में अपनी अनुशंसा सरकार को भेज दी हैं.             शनिवार को बैठी कमेटी ने माना कि प्रत्येक शिक्षक को इस परीक्षा के तीन मौके देने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति  चार चरणों में परीक्षा लेगी. 26 फरवरी को पहले चरण की परीक्षा और इसके परिणाम के बाद तीन चरणों की लगातार परीक्षा होगी.पहले या किसी भी चरण में सफल होने के बाद उन्हें अन्य चरणों की परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी. बिहार सरकार ने सक्षमता परीक्षा को लेकर यह उच्चस्तरीय कमेटी बनाई हैं.           इसमें केके पाठक( अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग), आनंद किशोर ( अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति), सज्जन आर( निदेशक राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण तथा कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव( निदेशक, प्राथमिक/ माध्यमिक शिक्षा) हैं.   परीक्षा के संबंध में विशेष जानकारी:
     1.  यदि कोई शिक्षक व्यक्तिगत कारण से किसी चरण में भाग नहीं लेते हैं तो चौथे चरण में शामिल होंगें.2. परीक्षा के लिए आवेदन 15 फरवरी से भरे जा सकेंगें.3.परीक्षा का पाठ्यक्रम बिहार लोक सेवा आयोग के प्रथम और द्वतीय चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा पर आधारित रखा गया हैं.5. परीक्षा चार चरणों में आयोजित होगी.
तेजस्वी के 'खेला होगा' वाले बयान पर ये क्या बोल गए सम्राट चौधरी,? लालू को लिया आड़े हाथ
बिहार: बिहार की डिप्टी सीएम व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर तंज कसा हैं. सम्राट चौधरी ने रविवार को दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि तेजस्वी बोल रहे हैं कि बिहार में खेला होगा तो उनको खिलौना भी दिया जाएगा.  बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार जो मुख्यमंत्री इसे समय पर करेंगें. भाजपा की पार्टी संभावित मंत्रियों के नामों पर विमर्श कर रही हैं. बता दें कि सम्राट चौधरी ने दिल्ली में पार्टी के आलाकमान के नेताओं के साथ मुलाकात की.

         उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ही वह शख्स हैं जिन्होंने आडवाणी जी के रथ को रोका था. वे सनातन व हिंदु विरोधी हैं. लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिया जाना एतिहासिक फैसला हैं. उनको भारत रत्न दिया जाना एतिहासिक फैसला हैं. उनको भारत रत्न दिये जाने का सवाल करने वालों को बताना जाना चाहिए कि पंडित नेहरू , इंदिरा गांधी , राजीव गांधी ने क्या किया.

     उन्होंने कहा कि देश में बिहार एक महत्वपूर्ण प्रदेश हैं, बिहार कैसे विकसित करें, इस दिशा में मोदी सरकार लगातार काम कर रही हैं. पौने दो लाख शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया एनडीए ने शुरू की थी जो अब तक पूरे नहीं हुए. उसे पूरा किया जाएगा. एनडीए के लिए रोजगार और कानून का राज ही प्राथमिकता हैं. बिहार में जनता का राज होगा. बिहार के नौजवान  कैसे बिहार में काम करें, यही हमारी सोच हैं
बिहार लघु उघमी योजना के लिए आवेदन 5 फरवरी से, 94 लाख परिवारों को मिलेंगें दो लाख रूपये.
बिहार: उद्दोग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंडरिक  ने बताया कि सोमवार को बिहार उद्दमी योजना का लोकार्पण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगें. इस योजना का लाभ सभी वर्ग के गरीबों को मिलना हैं. राज्य में हुई जाति आधारित गणना में 94 लाख ऐसे परिवार मिले हैं, जिनकी मासिक आय छह हजार रूपये से कम हैं. इस योजना के तहत हर परिवार के एक सदस्य को दो लाख रूपये दिये जायेंगें. इससे वह  कोई भी रोजगार शुरू कर सकेंगें.इस योजना का लोकार्पण करने के बाद सोमवार से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जायगी.

            वे परिवार जिनकी मासिक आय 6 हजार रूपये से कम हैं, इसमें हर वर्ग के परिवार शामिल हैं. नीतीश सरकार इनके लिए योजना लेकर आई हैं, जिसका नाम लघु उद्यमी योजना दिया गया हैं. इसके तहत हर गरीब परिवार के एक सदस्य को दो लाख रूपये की मदद की जाएगी. यह योजना उद्दोग विभाग द्वारा चलाई जा रही हैं. इस संबंध में दिशा निर्देश जारी  कर दिए गए हैं. इसके लिए आवेदन 5 फरवरी से शुरू होगा. उद्दोग विभाग की वेबसाइट पर अॉनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 20 फरवरी तक चलेगी.

      बिहार लघु उद्यमी योजना का लाभ उठाने के लिए लाभुक को राज्य का निवासी होना जरूरी हैं. आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि दस्तावेज के जरिए योग्य लाभार्थी  इस योजना के लिए आवेदन कर सकेंगें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले दावा किया कि इस योजना का लाभ पांच साल के भीतर सभी 94 लाख परिवारों को दिया जायगा. बताया गया हैं कि लाभुकों को यह राशि तीन किस्तों में दी जायगी.
पटना में देश का सबसे बड़ा बापू टावर तैयार, 123 करोड़ की लागत, 4 फरयरी को उद्धाटन , जाने खासियत.
बिहार: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित देश का पहला सबसे बड़ा बापू टावर राजधानी पटना में बनकर तैयार हो गया हैं. बापू टावर को बनाने में 129 करोड़ की लागत आई हैं.  बापू टावर का उद्धाटन 4 फरवरी को होगा. पर्यटकों को  बापू टावर की नई सौगात मिलेगी.       टावर की गोलाकार भवन में लगी तांबे की परत चमक बिखेरी रही हैं. इतना ही नहीं रात में सामने से लाइट जलते ही, इसकी खूबसूरती बढ़ जाती हैं. दीवार पर लगने वाला तांबा आॅक्सईजन और नाईट्रोजन के रिएक्शन से इंद्रधनुषी रंगों में बदल जाता हैं. गोलाकार भवन की बाहरी दीवार में 42 हजार किलो से तांबे की परत लगाई गयी हैं.बापू टावर के आयताकार भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया हैं. सजाने का कार्य अंतिम चरण में हैं.                       बापू टावर में आने वाले पर्यटक गर्दनीबाग के मुख्य सड़क पर बने एक नंबर गेट से परिसर में प्रवेश करेंगें, जहां पर्यटकों को परिसर के अंदर 50 चार पहिया और 150 दो पहिया वाहन की पार्किंग की सुविधा मिलेगी. इसके बाद मुख्य द्वार के आगे बने काउंटर से टिकट लेने के बाद पर्यटक घूमने के लिए बापू टावर के गोलाकार भवन में प्रवेश करेंगें.
         
     जहां भूतल पर टर्न टेबल थियेटर शो के जरिये पर्यटकों को बापू की जीवनी दिखाई जाएगी. इसके बाद पर्यटक गोलाकार और आयताकार भवन में घूमते हुए बापू के इतिहास को देखेंगे. वहीं पर्यटक घूमने के बाद गर्दनीबाग के रोड नंबर 15 में बने गेट से बाहर निकल जाएंगे. करीब 42 करोड़ रूपये की लागत से गांधी जी और बिहार के इतिहास से जुड़ी प्रदर्शनी लगाई जा रही हैं
पटना में देश का सबसे बड़ा बापू टावर तैयार, 129 करोड़ की लागत, 4 फरवरी को उद्धाटन, जानें खासियत
बिहार: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित देश का पहला सबसे बड़ा बापू टावर राजधानी पटना में बनकर तैयार हो गया हैं. बापू टावर को बनाने में 129 करोड़ की लागत आई हैं.  बापू टावर का उद्धाटन 4 फरवरी को होगा. पर्यटकों को  बापू टावर की नई सौगात मिलेगी.

       टावर की गोलाकार भवन में लगी तांबे की परत चमक बिखेरी रही हैं. इतना ही नहीं रात में सामने से लाइट जलते ही, इसकी खूबसूरती बढ़ जाती हैं. दीवार पर लगने वाला तांबा आॅक्सईजन और नाईट्रोजन के रिएक्शन से इंद्रधनुषी रंगों में बदल जाता हैं. गोलाकार भवन की बाहरी दीवार में 42 हजार किलो से तांबे की परत लगाई गयी हैं.बापू टावर के आयताकार भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया हैं. सजाने का कार्य अंतिम चरण में हैं.

                          बापू टावर में आने वाले पर्यटक गर्दनीबाग के मुख्य सड़क पर बने एक नंबर गेट से परिसर में प्रवेश करेंगें, जहां पर्यटकों को परिसर के अंदर 50 चार पहिया और 150 दो पहिया वाहन की पार्किंग की सुविधा मिलेगी. इसके बाद मुख्य द्वार के आगे बने काउंटर से टिकट लेने के बाद पर्यटक घूमने के लिए बापू टावर के गोलाकार भवन में प्रवेश करेंगें.

         जहां भूतल पर टर्न टेबल थियेटर शो के जरिये पर्यटकों को बापू की जीवनी दिखाई जाएगी. इसके बाद पर्यटक गोलाकार और आयताकार भवन में घूमते हुए बापू के इतिहास को देखेंगे. वहीं पर्यटक घूमने के बाद गर्दनीबाग के रोड नंबर 15 में बने गेट से बाहर निकल जाएंगे. करीब 42 करोड़ रूपये की लागत से गांधी जी और बिहार के इतिहास से जुड़ी प्रदर्शनी लगाई जा रही हैं
बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा में हुई गड़बड़ी, 18 केंद्र अधीक्षक पर कार्रवाई का आदेश
बिहार: बिहार लोक सेवा आयोग शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण की परीक्षा में गड़बड़ी की गई हैं. 15 जिलों के 18 केंद्रों पर केंद्राधीक्षकों के कमरे में ही प्रश्नपत्र का सील खोल दिया गया. जबकि सील परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थियों के सामने खोलने का निर्देश दिए गए थे.               बीपीएससी के सचिव ने इसे लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को रिपोर्ट दी हैं. इसमें कहा गया हैं कि 9 दिसंबर को अध्यापक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा शुरू होने के समय आयोग के कमांड कंट्रोल रूम में बीपीएससी अध्यक्ष द्वारा पर्यवेक्षण के दौरान कई परीक्षा केंद्रो पर लाइव सीसीटीवी फुटेज में यह देखा गया हैं कि प्रश्न पुस्तिका- सह-उत्तर पत्रक की सील्ड स्टील बॉक्स को केन्द्राधीक्षक कक्ष में खोला गया हैं जबकि आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए अनुदेश, प्रपत्र एवं गाइडलाईन में जिला पदाधिकारी- सह- परीक्षा - -संयोजक, केन्द्राधीक्षक, मजिस्ट्रेट के लिए अलग-अलग पृष्ठ संख्या में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया हैं कि किसी भी परिस्थिति में प्रश्न पुस्तिका- सह- उत्तर पत्रक के सील्ड बैग को केन्द्राधीक्षक कक्ष या नियंत्रण में नहीं खोला जाना हैं. इस निर्देश का पालन कई केन्द्रों पर नहीं किया गया हैं.                   प्रश्नपत्र परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थियों के समक्ष खोलना एवं बंद कर सील किया जाना हैं. इस निर्देश का पालन कई केन्द्रों पर नहीं किया गया हैं. आयोग की रिपोर्ट और भेजी गई सूची पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने इन जिलों के डीईओ का अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया हैं. डीएम को भी संबंधित परीक्षा केंद्रों की सूची उपलब्ध कराई गई हैं.                            माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने पटना, भागलपुर, भोजपुर, रोहतास, पूर्णिया, दरभंगा, बांका, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मुंगेर, जहानाबाद, औरंगाबाद, सिवान, सारण, एवं मोतिहारी के बीईओ को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया हैं.
डीएम के कहने पर दो ग्रामीण महिलाओं को मिला राशन कार्ड
हाजीपुर: डीएम यशपाल मीणा ने शुक्रवार को कार्यालय में गांव से आए लोगों की समस्याएं सुनी और मौके पर ही निष्पादन कर दिया. इसी क्रम में सदर प्रखंड के गंगा ब्रिज थाना मोहब्बतपुर ग्राम की दो महिलाएं रीना देवी एवं सुलेखा देवी ने बताया कि पिछले दो साल से राशन कार्ड के लिए दौड़ रही हूं. इस पर डीएम ने राशन कार्ड बनाने वाले कर्मी को बुलाया और दोनों महिलाओं का राशन कार्ड बनाने का निर्देश दिया. कुछ ही देर बाद कर्मचारी ने कक्ष में आकर राशन कार्ड दे दिया.

             जन साक्षात्कार कार्यक्रम में कुल 70 आवेदन प्राप्त हुए जिस पर जिलाधिकारी के द्वारा संबंधित पदाधिकारियों से मोबाइल पर ही जानकारी प्राप्त की गई. प्राप्त शिकायतों की जांचकर शीघ्र निष्पादन का निर्देश जन साक्षात्कार के कार्यक्रम में प्राप्त आवेदनों को जिला जन शिकायत कोषांग के माध्यम से संबंधित पदाधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया गया.
  
         करतांहा थाना के घटारों निवासी दिलीप राम के द्वारा बताया गया  कि ग्राम पंचायत मझौली वार्ड नं.-1 के आंगनबाड़ी की जमीन कब्जा कर उसमें झोपड़ी बना ली गयी हैं. आंगनबाड़ी की जमीन को खाली कराने की मांग की गयी. उनके आवेदनों को अंचलाधिकारी को आवश्यक जांच कर कार्रवाई के लिए भेजा गया.

         गंगा ब्रिज थाना के सहदुल्लापुर निवासी रीतु देवी ने बताया कि वे अत्यंत गरीब एवं असहाय हैं. रहने के लिए घर नहीं हैं. आवास दिलाने की मांग की गई. जिलाधिकारी द्वारा उनके आवेदनों को प्रखंड विकास पदाधिकारी हाजीपुर को भेजते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.

           जन साक्षात्कार के कार्यक्रम में जिलाधिकारी के साथ अपर समाहर्ता विनोद कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त मो. शम्स जावेद अंसारी, जिला भू- अर्जन पदाधिकारी मनोज कुमार, शिक्षा विभाग के डीपीओ सुनील कुमार गुप्ता सहित अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षक देंगें 3 बार परीक्षा, फेल हुए तो...... केके पाठक लेंगें फैसला
बिहार: नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी हैं. सक्षमता परीक्षा में तीन बार परीक्षा में देने पर भी उत्तीर्ण नहीं होने वाले अथवा इसमें शामिल नहीं होने वाले नियोजित शिक्षकों पर विचार करने के लिए यह समिति बनायी गयी हैं. यह समिति एक सप्ताह के अंदर अपनी अनुशंसा राज्य सरकार को देगी. समिति के गठन का आदेश विभाग ने गुरूवार को जारी कर दिया हैं. इस समिति में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, शोध एवं प्रशिक्षण परिषद तथा निदेशक माध्यमिक शिक्षा सदस्य के रूप में रखा गया हैं.

          राज्य के साढ़े तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों का राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा ली जा रही हैं. इसके लिए 26 दिसंबर, 2023 को राज्य कैबिनेट ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 की स्वीकृति दी थी. इसके तहत नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा देंगे और आवंटित स्कूल में योगदान करेंगे. साथ ही वे विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे. इसके साथ ही उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बहाल शिक्षकों के अनुरूप वेतनमान व अन्य लाभ मिलेगा.

        विशिष्ट शिक्षकों के पद को स्थानांतरणीय किया गया हैं. सक्षमता परीक्षा में शामिल होने के साथ शिक्षकों से तीन जिलों का विकल्प मांगा जायगा, जहां पर वे सेवा देना चाहते हैं. तीनों विकल्प के अलावा रंडमनाइजेशन के आधार पर जिला आवंटित किया जायगा. विशिष्ट शिक्षकों को सामान्य रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा शिक्षक का अधिकार अधिनियम, छात्र-शिक्षक अनुपात अथवा जनहित में प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए जिला के अंतर्गत स्थानांतरित किया जायगा. इसके बाद विभाग द्वारा तय की गई अवधि को पूरा होने पर जिला के अंदर या बाहर स्थानांतरित किया जायगा.