29वीं वाहिनी एसएसबी के द्वारा आयोजित 4 दिवसीय डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन

गया : नागरिक कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल द्वारा नागरिकों के कल्याण हेतु 04 दिवसीय (30.01.2024 से 02.02.2024) डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण का समापन समारोह का आयोजन किया गया।

इस मौके पर एच. के. गुप्ता कमांडेंट 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर में डा0 मनोज कुमार राय, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रभार कृषि विज्ञान केंद्र, डॉ0 अशोक कुमार, वैज्ञानिक (प्रसार शिक्षा), कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर, डॉ0 अनिल कुमार रवि, वैज्ञानिक (पशुपालन), की उपस्थिति रहे।

इस प्रशिक्षण में वाहिनी के समवाय क्षेत्रों (जिला गया) से कुल 28 किसानों/युवको को प्रशिक्षण दिया गया है। 

इस दौरान बताया कि सशस्त्र सीमा बल भारत-नेपाल सीमा व भारत-भूटान सीमा के ड्यूटी के साथ-साथ कानून व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा, एवं नक्सल विरोधी अभियान जैसे ड्यूटी में अपनी अहम भूमिका निभा रही है। 

इसके अलावा नागरिकों के कल्याण हेतु भारत सरकार के कई कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन पूर्व में भी किया गया है।

जिसमें स्थानीय नागरिक एवं युवक-युवती काफी लाभान्वित हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे मशरूम की खेती का प्रशिक्षण, मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट रिपेयरिंग, बकरी पालन का प्रशिक्षण, वर्मी कम्पोस्ट का प्रशिक्षण, मोटर ड्राइविंग का प्रशिक्षण, 3 लेयर एग्रीकल्चर प्रशिक्षण, बकरी पालन का प्रशिक्षण, ब्यूटीशियन कोर्स, हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट कोर्स का संचालन किया गया है। नक्सल प्रभावित इलाके में जरूरतमंद लोगों के लिए इस तरह का प्रशिक्षण कराया जा रहा है I जिससे कि वे आत्मनिर्भर बनकर देश के विकास में सहभागी बने।

इसके अलावा पिछले साल में समवाय के कार्यक्षेत्र में नागरिक कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत जनता के बीच में कुछ जरूरी सामानों का वितरण जैसे सोलर लाइट, बीज, कंबल, रेडियो, कृषि उपकरण, सोलर लैम्प, कापी-कलम एवं स्कूल बैग इत्यादि का वितरण किया है। 

इस कार्यक्रम के दौरान 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के रविशंकर कुमार, उप कमांडेंट, ज्ञानेन्द्र कुमार, उप कमांडेंट, आशीष कुमार, उप कमांडेंट एवं अन्य बल कर्मी एवं अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

गया से मनीष कुमार

गया जदयू कार्यालय में मनाई गई बिहार लेलिन शहीद जगदेव प्रसाद की जयंती

गया : शहर के नागमतिया रोड स्थित जदयू कार्यालय में बिहार लेलिन शहीद जगदेव प्रसाद की जयंती मनाई गई।

इस अवसर पर जिला प्रवक्ता अवध बिहारी पटेल ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जगदेव प्रसाद के विचारधारा से काफी प्रभावित हैं और उनके सपनों को साकार करने में लगे हुए हैं। जगदेव बाबू का सपना था कि पिछड़ों को मुख्य धारा में शामिल करके उनको अधिकार दिया जाय।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज और नगर निकाय एवं सरकारी नौकरी में आरक्षण देकर बिहार में पिछड़ों को आगे बढ़ाने का काम किया है। 

इस अवसर पर प्रदेश सचिव कुंडल वर्मा, अरुण राव, कार्यालय प्रभारी आसिफ जफर, पुष्पेंदु पुष्प, जितेंद्र पंडित, अरविंद प्रियदर्शी, कैलाश पासवान, शहजाद शाह, विनोद यादव, प्रभात रावत, अजीत शर्मा एवं पार्टी के कई साथी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट: मनीष कुमार

जेसीबी मशीन से मिट्टी कटवा रहे जदयू नेता व उनके परिजनों पर हमला, स्कूल संचालक के इशारे पर घटना को अंजाम देने का आरोप

गया : शहर के गांधी मैदान स्थित में गांधी मंडप में जदयू नेता शम्भू कुमार सिंह ने बयान देते हुए कहां कि गया जिले के गुरारू प्रखंड के कामेश्वर नगर में पुश्तैनी जमीन है।

जिसमे जेसीबी मशीन से मिट्टी कटवा रहे थे इस दौरान स्कूल संचालक के इशारे पर शिक्षकों और बच्चों ने हमला कर दिया। इस मामले में जदयू नेता शम्भू कुमार सिंह ने बताया कि उनकी जमीन में मसूर की फसल लगी थी। स्कूल संचालक मनमानी करते हुए उनकी जमीन पर लगी फसल बच्चों के द्वारा नष्ट करवा दी। 

स्कूल संचालक उस जमीन को प्ले ग्राउंड की तरह उपयोग करते हैं। जिसकी लिखित सूचना कुछ दिन पहले उन्होंने गुरारू थाना में दी थी। थाना की पहल पर दोनों पक्षों में समझौता करा दिया गया था। अब हम अपनी जमीन में जेसीबी मशीन चला रहे थे। इसी दौरान स्कूल के तरफ से जमकर रोड़ेबाजी की गई।

जिसमें हमारे कई लोग घायल हो गए और जेसीबी मशीन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। हमलोगों के द्वारा स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। हम मांग करते हैं कि प्रशासन कड़ी कार्यवाई करें और स्कूल की मान्यता रद्द करें।

गया से मनीष प्रसाद

यूसीसी के लिए बनाई गई समिति ने धामी सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशें, जानें 800 पन्ने वाले ड्राफ्ट में क्या-क्या?

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने वाली एक्सपर्ट कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। अब कल यानी शनिवार को कैबिनेट बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे छह फरवरी को विधानसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से शुरू हो रहा है। ऐसे में सत्र की शुरुआत के अगले ही दिन धामी सरकार इतिहास रच सकती है। विधानसभा से अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके साथ ही यूसीसी को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।

वहीं ड्राफ्ट मिलने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘लम्बे समय से हम सभी को प्रतीक्षा थी हमको आज ड्राफ्ट मिल गया है। चुनाव से पहले उत्तराखण्ड की देव तुल्य जनता को वादा था। अब इस ड्राफ्ट की परिक्षण कर के इसे विधेयक में लाकर आगे बढ़ाएंगे।हम इस मसौदे का परीक्षण करेंगे और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसे राज्य विधानसभा के दौरान रखेंगे। इस पर आगे चर्चा की जाएगी। 

विधानसभा चुनाव 2022 के बाद सीएम धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। मुख्यमंत्री धामी ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। अब समिति ने करीब ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में रायशुमारी के बाद तैयार हुआ ड्राफ्ट सीएम धामी को सौंपा।

यूसीसी के ड्राफ्ट में ये हैं प्रावधान

-तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।

-तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा।

-पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग अलग ग्राउंड हैं।

-गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार।गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।

-संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा।

-अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा।

-सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी।

-शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलेगा. ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।

-लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा।

-उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक।

-नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा।

-एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा।

पेटीएम पर आरबीआई का “डंडा” आम लोगों पर क्या होगा असर?

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क्या आप भी जेब में पर्स लेकर घूमने के बजाय डीजिटल पेमेंट करने में ज्यादा सुविधा महसूस करते हैं। दरअससर आज हमारे देश में हर दूसरा शख्स ऐसी ही सोच रखता है। डिजिटल मोड के इस दौरा मे एक नाम तेजी से उभरा Paytm, जिसने भारतीय लोगों को डिजिटल लेनदेन का चस्का लगाया। डिजिटल पेमेंट सर्विस की दुनिया की बेताज बादशाह कही जाने वाली कंपनी पेटीएम पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कई तरह के बैन लगा दिए हैं।

आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल या बैंक) को तुरंत नए ग्राहकों को नहीं जोड़ने का निर्देश हाल ही में दिया था। इतना ही नहीं, आरबीआई सर्कुलर के अनुसार, 29 फरवरी, 2024 के बाद पेटीम पेमेंट्स बैंक से किसी भी ग्राहक के खाते, प्रीपेड कार्ड, वॉलेट, फास्टैग, एनसीएमसी कार्ड आदि में जमा, लेनदेन, टॉप-अप या निकासी की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

30 करोड़ पेटीएम यूजर्स पर होगा असर

आरबीआई के आदेश का असर बड़े तबके पर पड़ सकता है क्योंकि पेटीएम के पास डिजिटल पेमेंट बाज़ार का 16-17 फ़ीसदी हिस्सा है और जानकारों के मुताबिक करोड़ों लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं।ऐसे में बड़ा सवाल है कि आम लोगों पर इसका क्या असर होगा।कंपनी का दावा है कि उसके पास 300 मिलियन यानी 30 करोड़ से अधिक वॉलेट यूजर्स हैं। वहीं पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 30 मिलियन यानी 3 करोड़ ग्राहकों ने बैंक खाता खोल रखा है। इसका आसान मतलब यह होता है कि इसका सीधा असर 30 करोड़ पेटीएम यूजर्स पर पड़ने वाला है।

पेटीएम बैंक क्या है

आरबीआई के फ़ैसले का क्या असर होगा ये समझने के लिए पहले ये जानना ज़रूरी है कि पेटीएम बैंक है क्या और ये आम बैंक से कैसे अलग है। पेटीएम पेमेंट बैंक में केवल पैसे जमा किए जा सकते हैं, उनके पास कर्ज़ देने का अधिकार नहीं है। ये डेबिट कार्ड तो जारी कर सकते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए किसी लेंडर रेगुलेटर के साथ डील करनी पड़ेगी। यानी ये एक ऐसा बैंक अकाउंट है जिसमें पैसे रखे जा सकते हैं, आम तौर पर मर्चेंट्स को जो भुगतान मिलता है वो उनके पेटीएम पेमेंट अकाउंट में जाता है और फिर उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर होते हैं। इसके बदले में पेटीएम अपने ग्राहकों को क्रेडिट प्वाइंट देता है। पेटीएम की पेरेंट कंपनी का नाम है वन97 कंम्यूनिकेशंस और इसी कंपनी के पास प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई लाइसेंस है जिसे साल 2017 में पेटीएम पेमेंट बैंक शुरू करने के लिए इस्तेमाल किया गया।

पेटीएम वॉलेट और यूपीआई इस्तेमाल करने वाले का क्या होगा?

29 फरवरी तक पेटीएम की सभी सर्विस सामान्य रूप से ही काम करेंगी। इसके बाद पेटीएम वॉलेट और यूपीआई सेवा का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए कुछ बदलाव होंगे। सबसे अहम ये कि अगर आपके वॉलेट में पहले से पैसे हैं तो आप उसे दूसरी जगह ट्रांसफ़र कर सकते हैं लेकिन वॉलेट में कोई भी राशि डिपॉज़िट नहीं की जा सकती। हालांकि, अगर आपने पेटीएम अकाउंट को किसी थर्ड पार्टी बैंक से जोड़ रखा है तो आपका पेटीएम काम करता रहेगा और यूपीआई पेमेंट का भी इस्तेमाल करते रहेंगे। थर्ड पार्टी या एक्सटर्नल बैंक का मतलब है कि आप पेटीएम पर अगर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एचडीएफ़सी बैंक या पंजाब नेशनल बैंक सहित किसी भी मान्यता प्राप्त बैंक के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए कुछ भी नहीं बदलने वाला है। लेकिन अगर आप पेटीएम बैंक से लिंक वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। 29 फ़रवरी के बाद से ना तो बैंक अकाउंट में और ना तो वॉलेट में कोई क्रेटिड लिया जा सकेगा।

दुकानदार पेटीएम के जरिए पेमेंट रिसीवकर सकेंगे?

जो दुकानदार अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट में पैसा रिसीव करते हैं, वे पेमेंट रिसीव नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह यह है कि उनके अकाउंट्स में क्रेडिट की अनुमति नहीं है, लेकिन कई व्यापारियों या कंपनियों के पास दूसरी कंपनियों के क्यूआर स्टिकर्स हैं जिनके जरिए वे डिजिटल पेमेंट्स स्वीकार कर सकते हैं।

केन्द्रीय बजट को बीजेपी ने बताया लोक और गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी, विपक्ष ने बताया आम लोगों के साथ छलावा

डेस्क : बीते गुरुवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश की। इधर इस बजट को एनडीए जहां लोक और गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी बताया है। वहीं विपक्ष ने इसे आमलोगों के साथ छलावा करार दिया है। 

बीजेपी के राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को गरीबों, महिलाओं और बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी बताया। इससे केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में बिहार को इस वर्ष 1 लाख 2737 करोड़ की जगह 1 लाख 11 हजार करोड़, यानी 8500 करोड़ अधिक मिलेंगे। अगले वर्ष यह राशि 1.22 लाख करोड़ होगी। 50 साल के लिए राज्यों को 1 लाख 30 हजार करोड़ का व्याज-मुक्त ऋण देने की घोषणा भी बड़ी पहल है।

केंद्रीय बजट में राज्यों के लिए अलग-अलग घोषणाएं नहीं होती, फिर भी वर्ष 2024-2025 के अंतरिम बजट से बिहार को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तीन करोड़ किया गया है।

वही दूसरी ओर कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि जब सत्ताधारी वर्ग में विजन के ऊपर कुर्सी की चिन्ता हावी हो जाती है तो इस तरह का बजट देखने को मिलता है। हमेशा के मुताबिक इस बजट में गरीब, बेरोजगार नौजवान और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी हाथ नहीं लगा। चुनिंदा अमीरों को रेवड़ियां बांटने का प्रयास है। गरीबों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।

शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी, 739 अभ्यर्थी हुए सफल

डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग ने गुरुवार को शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी कर दिया है। आयोग ने पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधीन आने वाले विद्यालयों के लिए रिजल्ट जारी किया है। 739 को सफलता मिली है। 

आयोग ने प्राचार्य के चार पदों का परिणाम निकाला है। वहीं मिडिल स्कूलों में सामाजिक विज्ञान, गणित व विज्ञान और हिन्दी व अंग्रेजी विषय का रिजल्ट जारी किया गया है। सामाजिक विज्ञान में 78, गणित व विज्ञान मिलाकर 77 और हिन्दी व अंग्रेजी 79 का चयन किया गया है। वहीं माध्यमिक (9वीं से 10वीं) में आठ विषयों 234 व उच्च माध्यमिक में 13 विषयों में विषयों का रिजल्ट जारी किया गया है।

इस विभाग ने आयोग को पूरक रिजल्ट जारी करने का अनुरोध पत्र भेजा था। पूर्व में जारी रिजल्ट के बाद काउंसिलिंग में कई वर्गों में चयनित शिक्षक अनुपस्थित रहे थे। इन्हीं सीटों को भरने के लिए पूरक रिजल्ट जारी किया गया है। आयोग ने इसबार तीन विभागों के लिए परीक्षा आयोजित की थी। 

आयोग के सचिव रवि भूषण ने बताया कि प्राचार्य सहित मध्य, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के स्कूलों का रिजल्ट जारी किया गया है।

शेरघाटी थाना क्षेत्र में सड़क हादसे में एक शख्स की मौत, एक घायल

गया/शेरघाटी। जिले के शेरघाटी थाना क्षेत्र में हुए एक सड़क हादसे में एक शख्स की जान चली गई।

जबकी एक अन्य शख्स चोटिल बताया जाता है। गुरूवार को शेरघाटी-गया भाया चेरकी मार्ग पर खण्डैल गांव के समीप सड़क किनारे खड़ी वाहन से एक बाईकर ने टक्कर मार दी। 

फलतः बाईक पर सवार दो शख्स में एक की मौत हो गई। जिसे आनन-फानन में ईलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज गया भर्ती कराया गया। जहॉ चिकित्सको ने मृत घोषित कर दी। मृतक की पहचान रौशन कुमार के तौर पर हुए हैं। जो डोभी प्रखंड क्षेत्र के गांव घोडवा-डीह का वासी था। 

जो फिलहाल शेरघाटी प्रखंड के गांव दरियापुर स्थित अपने नाना के घर पर पढ़ाई करता था। जो दुपहिया वाहन से अपने एक साथी के साथ शेरघाटी से नाना के गांव जाने के क्रम में घटना घटी। जबकी दुसरा शख्स मामुली तौर पर चोटील बताया जाता है। सूचना पर स्थानीय थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।

रिपोर्ट: अरविंद कुमार सिंह।

रसोईया अपनी मांगों को लेकर करेंगे हड़ताल, डोभी बीआरसी में पदाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

गया/डोभी। डोभी प्रखंड के रसोईया ने हड़ताल में जाने का ज्ञापन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं एमडीएम पदाधिकारी बी आरसी भवन में ज्ञापन सौंपा है। इस संबंध में रसोईया संघ के प्रखंड अध्यक्ष पारो देवी ने बताई की प्रखंड मुख्यालय के समीप बीआरसी भवन पहुंचकर अपना विरोध जताया एवं नारेबाजी की।

6 सूत्री मांगों का ज्ञापन आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं एमडीएम पदाधिकारी को दिया। रसोईया ने बताई "दस हजार से काम नहीं 16 सौ में दम नहीं "नारे के साथ अपनी आवाज बुलंद किया। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर 1 फरवरी यानी गुरुवार से वे लोग अपने कार्य का बहिष्कार करेंगे। उनका कहना है कि सरकार सभी कर्मियों को वेतन बढ़ा रही है।

वहीं, रसोईया के संबंध में अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। इस कारण उन लोगो में मायूसी छाया हुआ है। मुद्दे को लेकर वे लोग हड़ताल पर जाएंगे।

रिपोर्ट: महेंद्र कुमार।

कोतवाली एवं सिविल लाइन्स थानाध्यक्ष को दी गई विदाई, बुके व अंग वस्त्र देकर किया गया सम्मानित

गया : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ। मनीष पंकज उर्फ मनीष मिश्रा ने सिविल लाइंस थाना प्रभारी पंकज कुमार एवं कोतवाली थाना प्रभारी बबन बैठा को विदाई दी। इस दौरान उन्होंने दोनों अध्यक्षों को अंग वस्त्र एवं बुके देकर सम्मानित किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि दोनो ने अपने-अपने क्षेत्र में काफ़ी सराहनीय कार्य किये है। हम इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है। ये लोग जहां भी जाएंगे, जनता की समस्याओं को प्राथमिकता के तौर पर दूर करने का कार्य करेंगे। गया शहर में भी इनका कार्यशैली काफी अच्छी रही है।

विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन्होंने हरसंभव प्रयास किया है। आगे भी ये अपना काम बेहतर तरीके से करेंगे, ऐसी हम कामना करते हैं। इस मौके पर राणा रणजीत सिंह, महेश यादव, मंटू कुमार सहित कई लोग मौजूद रहे। 

रिपोर्ट: मनीष कुमार