*पेट के कीड़ों से एनीमिया के शिकार हो जाते किशोर-किशोरिया: डॉ. अग्रवाल*
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अर्थात नेशनल डीवर्मिंग डे (एनडीडी) का आयोजन गुरुवार को स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों पर किया गया। मुख्य आयोजन शहर के सदर बाजार स्थित हिन्द आदर्श इंटर कॉलेज में किया गया। इस मौके पर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के उप प्रबंधक डॉ. एके अग्रवाल ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इसके बाद उन्होंने छात्र-छात्राओं को पेट में कीड़े (कृमि) होने के कारणों और दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजॉल को खाने से होने वाले लाभों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पेट में कीड़े होने के चलते बच्चों और किशोरों में खून की कमी हो जाती है, दरअसल कीड़े पूरा पोषण खा जाते हैं, जिससे बच्चे और किशोर-किशोरियां कुपोषण का शिकार होकर खून की कमी (एनीमिया) से ग्रसित हो जाते हैं।
इसीलिए एक से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोर/किशोरियों के पेट से कीड़े (कृमि) निकालने के लिए एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जा रही है। आज दवा खाने से छूटे हुए बच्चों को पांच फरवरी को माॅपअप राउंड चला कर दवा खिलाई जाएगी। इस मौके पर उप प्रबंधक डॉ. ने शहर के हिन्दू कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज के अलावा खैराबाद के प्राथमिक विद्यालय गुरपलिया, रहीमाबाद, उच्च प्राथमिक विद्यालय अशरफपुर, खैरमपुर, रहीमाबाद, कम्पोजिट विद्यालय कमाल सराय के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र कमाल सराय, रहीमाबाद का निरीक्षण कर बच्चों व किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की।
सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि बच्चे अक्सर जमीन में गिरी चीज उठाकर खा लेते हैं। कई बार वह नंगे पैर ही घूमते हैं। इससे उनके पेट में कीड़े (कृमि) चले जाते हैं। जिससे कि शरीर में आयरन की अवशोषण क्षमता बढ़ जाती है और खून की कमी दूर होती है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के नोडल अधिकारी डॉ. राजशेखर ने बताया कि हर वर्ष, साल में दो बार अभियान चलाकर दो बार पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाती है।
इस अभियान के तहत जिले के 5,854 सरकारी और निजी विद्यालयों के अलावा 4,232 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है। इस अभियान के तहत 24,63,800 बच्चों को एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाने का लक्ष्य है।
इस मौके पर सदर पीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ. शानू कुमार, आरकेएसके के जिला समन्वयक शिवाकांत, आरबीएसके की डीईआईसी प्रबंधक डॉ. सीमा कसौंधन, किशोर स्वास्थ्य काउंसलर कुलदीप, रीता दीक्षित, एएनएम सरोजनी देवी, आशा कार्यकर्ता सुदामा, साधना, रेखा, काॅलेज के प्रबंधक अफजल खान, प्राचार्य नेहा रहमान आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
Feb 01 2024, 18:21