*बगैर किसी भेदभाव अथवा पक्षपात के जनसहभागिता के आधार पर जनहित के लिए कार्य करे: सीएम योगी*
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंगलवार को यहां उनके सरकारी आवास पर भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 2021 एवं वर्ष 2022 बैच के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने भेंट की। सीएम ने इस अवसर पर परिवीक्षाधीन अधिकारियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। ज्ञातव्य है कि इन अधिकारियों को यूपी कैडर अलॉट हुआ है। सीएम योगी ने कहा कि परिवीक्षाधीन पुलिस अधिकारियों को थाने की कार्यपद्धति, सर्किल से समन्वय व पुलिस लाइन की कार्यपद्धति की जानकारी अनिवार्य रूप से हो।
पुलिस कमिश्नर व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन पुलिस अधिकारियों को कम से कम तीन माह अपने साथ अवश्य रखें और परिवीक्षाधीन पुलिस अधिकारी उनके अनुभवों का लाभ लें। इन पुलिस अधिकारियों को अलग-अलग कार्यों की जिम्मेदारी दी जाए। सभी पुलिस अधिकारी मेरिट के अनुसार कार्य करें।सीएम ने कहा कि जनता से संवाद स्थापित करने की क्षमता अधिकारियों को सफल बनाती है। संवाद से बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। जनता के साथ पुलिस का व्यवहार अत्यन्त महत्वपूर्ण है, क्योंकि पुलिस और जनता का आमना-सामना निरन्तर होता रहता है।
उन्होंने सभी परिवीक्षाधीन अधिकारियों को जनता के साथ मधुर व्यवहार करने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इन अधिकारियों का कैरियर शुरू हो रहा है और उन्हें 30-35 साल नौकरी करनी है। इसलिए उन्हें अपनी कार्यप्रणाली और क्षमताओं पर ठीक से फोकस करना होगा। नौकरी के प्रथम 5 से 10 वर्ष इन अधिकारियों के कैरियर के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण होंगे और उसकी दिशा तय करेंगे। इसलिए उन्हें अपनी सत्यनिष्ठा हर हाल में बनाये रखनी चाहिए। पुलिस की वर्दी पहनने के बाद उन्हें भारतीय संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी भलीभांति निभानी होगी ।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों से अच्छा व्यवहार करने के लिए भी कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश का सबसे बड़ा पुलिस बल है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, पुलिस फोर्स के लिए बुनियादी सुविधाएं भी बढ़ायी जा रही हैं। पहले की पुलिसिंग और अब की पुलिसिंग में बहुत अन्तर है। प्रदेश से माफिया व गुण्डाराज समाप्त हो चुका है। तकनीकी से जहां सुविधा होती है, वहीं दुविधा की स्थिति भी उत्पन्न होती है। साइबर अपराध व अवैध ड्रोन परिचालन चुनौती के रूप में सामने आए हैं।
परिवीक्षाधीन पुलिस अधिकारी तकनीक के इस्तेमाल को बेहतर तरीके से सीखें तथा साइबर अपराधों की मॉनीटरिंग करें। हमें समय के अनुरूप चलना होगा तथा सीखने के नये तरीकों को विकसित करना होगा। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों को जन सुनवाई को प्रभावी बनाने के लिए नियमानुसार प्रतिदिन जनता से मिलने के लिए कहा। जनता उनके लिए ‘इंटेलीजेन्स’ का प्रभावी स्रोत बन सकती है।
इसके लिए जनता से लगातार संवाद स्थापित करना होगा तथा फील्ड पर अधिकाधिक समय देना होगा। सभी अधिकारी अपनी छवि के प्रति अत्यन्त सजग रहें। इस अवसर पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक विजय कुमार, डीजी लॉ एण्ड ऑर्डर प्रशान्त कुमार सहित पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Jan 03 2024, 10:58