*फाइलेरिया ग्रसित अंगों की देखभाल के लिए मरीजों को दिए जा रहे किट : डॉ. राजशेखर*
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर- शनिवार को मिली ट्रेनिंग में फाइलेरिया ग्रस्त पैर की साफ-सफाई रखने, पैर धोने व पोंछने के बारे में जानकारी मिली है। डॉक्टर के बताए अनुसार मैं हर दिन कम से कम दो बार अपने पैरों की सफाई करूंगा। इसके साथ ही जिस तरह से आज व्यायाम के बारे में बताया गया है। उसी तरह ही अपने फाइलेरियाग्रस्त पैर को आराम देने के लिए व्यायाम करने पर ध्यान भी दूंगा। यह कहना है हरगांव ब्लॉक के जैतापुर गांव के महादेव फाइलेरिया रोगी सहायता समूह की सदस्य कमला गुप्ता का। उन्होंने यह बात भदेवा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर शनिवार को रुग्णता प्रबन्धन व दिव्यांगता निवारण (एमएमडीपी) का प्रशिक्षण और किट प्राप्त करने के बाद कही।
आयुष्मान मेले में पूर्व की तरह उपचार के साथ ही फाइलेरिया मरीजों को रोग प्रबंधन व हाइड्रोसील के रोगियों को ऑपरेशन की सुविधा भी उपलब्ध कराने संबंधी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोवल के निर्देश के बाद शनिवार को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी प्रशिक्षण और किट प्रदान करने का शुभारंभ भदेवा से शुरू किया गया। इस मौके पर रोगी सहायता समूह के 25 फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान की गई।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. राजशेखर ने बताया कि स्वयंसेवी संस्था सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) जनपद में फाइलेरिया रोगियों का समूह बनाकर फाइलेरिया से बचाव के बारे में जागरूकता फैला रही हैं। अगस्त में आयोजित आईडीए अभियान में लोगों को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मरीजों को प्रभावित अंगों को देखभाल के लिए किट दी जा रही है। किट में प्रभावित अंगों की अच्छी तरह से साफ-सफाई को लेकर टब, मग, तौलिया, साबुन, क्रीम दिया जा रहा है। फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है।
सहायक मलेरिया अधिकारी डॉ. अर्चना मिश्रा ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं। इसमें हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है। पुरुषों के अंडकोष में और महिलाओं के स्तन के में भी सूजन आ जाती है।
फाइलेरिया निरीक्षक ओम प्रकाश भारद्वाज ने प्रभावित अंगों की देखभाल कैसे करना है इसके बारे में प्रदर्शन करके बताया। इसके साथ ही व्यायाम करके भी दिखाया। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से व्यायाम करने से फाइलेरिया प्रभावित अंगों की सूजन में कमी आती है। उन्होंने अंगों की साफ सफाई के बारे में बताया कि कभी भी साबुन को सीधे अंगों पर न लगाएं बल्कि साबुन का फेना (झाग) बनाकर, फेने को अंग पर लगाएं और हल्के हाथ से साफ करें। इसके बाद पानी से धोएं और हल्के हाथों से तौलिए से पोंछें। यदि अंग पर घाव है तो अच्छे से पोंछने के बाद उस पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं। इस मौके पर शेखवापुर गांव के शिवगंगा फाइलेरिया रोगी सहायता समूह की सरिता देवी अपने अनुभव बताएं।
कार्यक्रम में फाइलेरिया निरीक्षक आर्यन शुक्ला, मलेरिया निरीक्षक अंकित श्रीवास्तव, सीएचओ अंजू हलधर, ग्राम प्रधान रामवीर, पंचायत सहायक आशीष कुमार, आशा संगिनी रेखा देवी, आशा कार्यकर्ता प्रभावती बरनवाल, माेहसिना, सीमा देवी, सुमन देवी, रामजती और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उर्मिला श्रीवास्तव सहित सीफार टीम के लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
Dec 24 2023, 17:39