*राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर विशेष: जवाबदेही के अभाव में न्याय से वंचित उपभोक्ता : वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय*

लखनऊ । भारत में प्रत्येक वर्ष 24 दिसम्बर को "राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस" मनाया जाता है। उल्लेखनीय है कि 24 दिसंबर सन् 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था। इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गए।जबकि वर्ष 2019 में पुराने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986के स्थान पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लाया गया जोकि 20 जुलाई,2020 से प्रभावी हुआ इसके अतिरिक्‍त 15 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।

यह दिन भारतीय ग्राहक आन्दोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। भारत में यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया।जबकि वर्ष 2019 मे पुराने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986के स्थान पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लाया गया जोकि 20 जुलाई,2020 से प्रभावी हुआ राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का उद्देश्य उपभोक्ता की उसके अधिकारों एवं जिम्मेदारियों के प्रति उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम किसे कहते है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 व्यापार और उद्योग के शोषण से उन लोगों के अधिकारों और हितों को बचाने के लिए बनाया गया था जो किसी न किसी प्रकार से उपभोक्ता है। इस अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति, जो अपने प्रयोग हेतु वस्तुएं एवं सेवाएं खरीदता है उपभोक्ता है। क्रेता की अनुमति से इन वस्‍तुओं एवं सेवाओं का प्रयोगकर्ता भी उपभोक्‍ता है।

उपभोक्ता के अधिकार

प्रत्येक व्यक्ति एक उपभोक्ता है, चाहे उसका व्यवसाय, आयु,‍ लिंग, समुदाय तथा धार्मिक विचार धारा कोई भी हो। उपभोक्ता अधिकार और कल्याण आज प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का अविभाज्य हिस्सा बन गया है और हमने अपनी दैनिक जीवन में इस सभी का कहीं न कहीं उपयोग किया है। प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को "विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस" मनाया जाता है। यह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ़ केनेडी द्वारा की गई एक ऐतिहासिक घोषणा में बताया गया था, जिसमें चार मूलभूत अधिकार बताए गए हैं।

सुरक्षा का अधिकार

सूचना पाने का अधिकार

चुनने का अधिकार

सुने जाने का अधिकार

इस घोषणा से अंतत: यह तथ्‍य अंतरराष्ट्रीय रूप से मान्य हुआ कि सभी नागरिक, चाहे उनकी आय या सामाजिक स्थिति कोई भी हो उन्‍हें उपभोक्ता के रूप में मूलभूत अधिकार हैं। 9 अप्रैल 1985 एक अन्य उल्लेखनीय दिवस है जब संयुक्त राष्ट्र की महा सभा द्वारा उपभोक्ता संरक्षण के लिए मार्गदर्शी सिद्धांतों का एक सैट अपनाया गया और संयुक्त राष्ट के महा सचिव को नीति में बदलाव या कानून द्वारा इन मार्गदर्शी सिद्धांतों को अपनाने के लिए सदस्य देशों से बातचीत करने का अधिकार दिया गया।

उपभोक्ता अधिकार सरंक्षण के कुछ कानून

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अनुसार कोई व्यक्ति जो अपने उपयोग के लिये सामान अथवा सेवायें खरीदता है वह उपभोक्ता है। क्रेता की अनुमति से ऐसे सामान/सेवाओं का प्रयोग करने वाला व्यक्ति भी उपभोक्ता है। अत: हम में से प्रत्येक किसी न किसी रूप में उपभोक्ता ही है। उपभोक्ता के साथ ही स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन, केंद्र या राज्य सरकार, एक या एक से अधिक उपभोक्ता कार्यवाही कर सकते हैं।

भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम-1885,

पोस्ट आफिस अधिनियम 1898,

उपभोक्ता/सिविल न्यायालय से संबंधित भारतीय वस्तु विक्रय अधिनियम 1930,

कृषि एवं विपणन निदेशालय भारत सरकार से संबंधित कृषि उत्पाद

ड्रग्स नियंत्रण प्रशासन एमआरटीपी आयोग-उपभोक्ता सिविल कोर्ट से संबंधित ड्रग एण्ड कास्मोटिक अधिनियम-1940,

मोनापालीज एण्ड रेस्ट्रेक्टिव ट्रेड प्रेक्टिसेज अधिनियम-1969,

प्राइज चिट एण्ड मनी सर्कुलेशन स्कीम्स (बैनिंग) अधिनियम-1970

उपभोक्ता/सिविल न्यायालय से संबंधित भारतीय मानक संस्थान (प्रमाण पत्र) अधिनियम-1952,

खाद्य पदार्थ मिलावट रोधी अधिनियम-1954,

जीवन बीमा अधिनियम-1956,

ट्रेड एण्ड मर्केन्डाइज माक्र्स अधिनियम-1958,

हायर परचेज अधिनियम-1972,

चिट फण्ड अधिनियम-1982,

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,

रेलवे अधिनियम"-1982

इंफार्मेषन एंड टेक्नोलोजी अधिनियम-2000,

विद्युत तार केबल्स-उपकरण एवं एसेसरीज (गुणवत्ता नियंत्रण) अधिनियम-1993,

भारतीय विद्युत अधिनियम-2003,

ड्रग निरीक्षक-उपभोक्ता-सिविल अदालत से संबंधित द ड्रग एण्ड मैजिक रेमिडीज अधिनियम-1954,

खाद्य एवं आपूर्ति से संबंधित आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955,

द स्टेंडर्डस ऑफ वेट एण्ड मेजर्स (पैकेज्ड कमोडिटी रूल्स)-1977,

द स्टैंडर्ड ऑफ वेट एण्ड मेजर्स (इंफोर्समेंट अधिनियम-1985,

द प्रिवेंशन आॅफ ब्लैक मार्केटिंग एण्ड मेंटीनेंस आफॅ सप्लाइज इसेंशियल कमोडिटीज एक्ट-1980,

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड/केंद्र सरकार से संबंधित जल (संरक्षण तथा प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम-1976,

वायु (संरक्षण तथा प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम-1981,

भारतीय मानक ब्यूरो-सिविल/उपभोक्ता न्यायालय से संबंधित घरेलू विद्युत उपकरण (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश-1981,

भारतीय मानक ब्यूरो से संबंधित भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम-1986,

उपभोक्ता न्यायालय से संबंधित उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,

उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि जवाबदेही के अभाव मे जिला उपभोक्ता आयोगों की स्थिति सोचनीय है निरन्तर तारीख़ पे तारीख़,नियुक्तियों मे देरी, समय पर विधिनुसार आदेश ना होने से उपभोक्ता को वास्तविक लाभ मिल पा रहा है वस्तु पर लागत मूल्य अंकित ना होने से उपभोक्ता ठगा जा रहा रहा है सभी स्तर पर समय से उपभोक्ता को न्याय मिले तभी उपभोक्ता को राहत मिलेगी।

*इंतजार की घड़ियां खत्म, यूपी पुलिस में 60244 पदों पर भर्ती के लिए शेड्यूल जारी, 25 दिसंबर से ऑनलाइन आवेदन शुरू*

लखनऊ । यूपी पुलिस में भर्ती होने के लिए लंबे समय से सपना देखने वाले युवाओं के खुशखबरी है। वह यह है कि यूपी पुलिस में बंपर भर्ती होने जा रही है। इसलिए अब युवाओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है। चूंकि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने आरक्षी नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर भर्ती के लिए शेड्यूल जारी कर दिया गया है।

जारी कार्यक्रम के अनुसार पुलिस बनने के लिए युवा 27 दिसंबर से 16 जनवरी तक आॅनलाइन आवेदन पुलिस भर्ती बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर कर सकते है। बोर्ड ने आवेदन के लिए चार सौ रुपये शुल्क निर्धारित किया है। इसके अलावा आवेदन के लिए शुल्क समायोजन और आवेदन में संशोधन की अंतिम तिथि 18 जनवरी है।

जिनकी उम्र 18 वर्ष पूरी हो गई है उनके लिए यह सुनहरा मौका

यूपी पुलिस में 60244 पदों पर भर्ती में अनारक्षित पदों की संख्या 24102, ईडब्ल्यूएस के लिए पदों की संख्या 6024, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए पदों की संख्या 16264, अनुसूचित जाति के लिए 12650 और अनुसूचित जनजाति के लिए 1204 पद निर्धारित किए गए हैं।

भर्ती के लिए आवश्यक है कि पुरुष एक जुलाई 2023 को 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो और 22 वर्ष की आयु प्राप्त न की हो अर्थात अभ्यर्थी का जन्म दो जुलाई 2001 से पूर्व तथा एक जुलाई 2005 के बाद का नहीं होना चाहिए।

महिला अभ्यर्थी ने एक जुलाई 2023 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो और 25 वर्ष की आयु प्राप्त न की हो अर्थात अभ्यर्थी का जन्म दो जुलाई 1998 से पूर्व तथा एक जुलाई 2005 के बाद का नहीं होना चाहिए।

पुलिस में भर्ती होने के लिए हाईस्कूल व इंटर पास होना जरूरी

पुलिस में भर्ती होने के लिए आपको स्नातक व परास्नातक होने की जरूरत नहीं है। अगर आप हाईस्कूल और इंटर मीडियट में से कोई भी पास है तो अाप पुलिस भर्ती के लिए आवेदन कर सकते है। चूंकि यूपी पुलिस ने भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल व इंटर निर्धारित किया गया है।

जारी कार्यक्रम के अनुसार आवेदन करते समय अभ्यर्थी को आपेक्षित शैक्षिक अर्हता अवश्य धारित करनी चाहिए तथा उसकी अंकतालिका अथवा प्रमाण पत्र तत्समय उसके पास उपलब्ध होने चाहिए। आपेक्षित शैक्षिक अर्हता के लिए परीक्षा में सम्मिलित हुए अथवा सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थी पात्र न होंगे।

आफलाइन कराई जाएगी लिखित परीक्षा

जानकारी के लिए बता दें कि आवेदन पत्र जमा हो जाने के बाद जब सब कुछ सही रहा तो अभ्यर्थी की आॅफलाइन लिखित परीक्षा कराई जाएगी। लिखित परीक्षा में, वस्तुनिष्ठ प्रकार का प्रश्नपत्र रखा जायेगा। लिखित परीक्षा 300 अंकों की होगी, जिसकी समयावधि दो घन्टे की होगी।

इस लिखित परीक्षा में निम्नलिखित चार विषय होंगे, सामान्य ज्ञान, सामान्य हिन्दी, संख्यात्मक एवं मानसिक योग्यता तथा मानसिक अभिरुचि, बुद्धिलब्धि एवं तार्थिक क्षमता। अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में गलत उत्तर देने के लिए ऋणात्मक अंक प्रदान किये जायेंगे।

इस लिखित परीक्षा में कुल 150 प्रश्न होंगे, जिनमें प्रत्येक सही उत्तर के लिए दो अंक निर्धारित है। आरक्षी भर्ती की नियमावली के अनुसार उक्त भर्ती में अभ्यर्थियों को प्रत्येक गलत उत्तर के लिये -0.5 (ऋणात्मक) अक प्रदान किये जायेंगे।

पुरुष वर्ग के लिए यह है शारीरिक मानक

जारी कार्यक्रम के अनुसार पुरुष अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम शारीरिक मानक निर्धारित किया गया है। सामान्य व अन्य पिछले वर्गों और अनुसूचित जातियों के पुरूष अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 168 सेंटीमीटर होनी चाहिए। अनुसूचित जनजाति के पुरुष अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम उचाई 160 सेन्टीमीटर होनी बाहिए।

सीना सामान्य व अन्य पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जातियों के अभ्यर्थियों के लिये न्यूनतम सीने का माप 79 सेंटीमीटर बिना फुलाने पर और कम से कम 84 टीमीटर फुलाने पर और अनुसूक्ति जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिये 77 सेंटीमीटर बिना फुलाने पर और कम से कम 82 सेंटीमीटर फुलाने पर होना साहिए।न्यूनतम संटीमीटर सीने फुलाव अनिवार्य है।

महिला वर्ग के लिए यह है शारीरिक मानक

इसी प्रकार महिला अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम शारीरिक मानक निर्धारित किया गया है। सामान्य अन्य पिछड़े वर्मा तथा अनुसूचित जातियों की महिला अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 152 सेन्टीमीटर होनी चाहिए। अनुसूचित जनजातियों की महिला अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 147 सेन्टीमीटर होनी चाहिए।

महिला अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 40 किलोग्राम । अभिलेखों की संवीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षण की विस्तृत प्रक्रिया का निर्धारण बोर्ड द्वारा किया जायेगा और इसे यथासमय बोर्ड की वेबसाइट पर अभ्यर्थियों के सूबनार्थ प्रदर्शित किया जायेगा।

शारीरिक मानक परीक्षण से असन्तुष्ट होने पर कर सकते है आपत्ति

यदि कोई अभ्यर्थी अपने शारीरिक मानक परीक्षण से असन्तुष्ट है तो वह परीक्षण के ठीक पश्चात उसी दिन वहीं आपति दाखिल कर सकता सकती है। ऐसी समस्त आपत्तियों के समाशोधन के लिए बोर्ड प्रत्येक स्थान पर एक अपर पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी नाम निर्दिष्ट करेगा एवं ऐसे समस्त अभ्यर्थियों का शारीरिक मानक परीक्षण उका नाम निर्दिष्ट अपर पुलिस अधीक्षक व नोडल अधिकारी की उपस्थिति में संवीक्षा व शारीरिक मानक परीक्षण दल द्वारा पुन कराया जायेगा।

आवेदन करने वाले का ऐसा होना चाहिए चरित्र

अभ्यर्थी का चरित्र ऐसा होना चाहिये कि वह सरकारी सेवा में सेवायोजन के लिए सभी प्रकार से उपयुक्त हो सके। नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा इस सम्बन्ध में अपना समाधान किया जायेगा।संघ सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी द्वारा या संध सरकार या किसी राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन किसी निगम या निकाय द्वारा पदच्युत व्यक्ति रीवा में किसी पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगे। नैतिक अधमता के किसी अपराध के लिए दोष सिद्ध व्यक्ति भी सेवा में किसी पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होंगे।

अभ्यर्थी की वैवाहिक स्थिति

नियुक्ति के लिए ऐसा पुरूष अभ्यर्थी पात्र न होगा जिसकी एक से अधिक पत्नियां जीवित हो या ऐसी महिला अभ्यर्थी पात्र न होगी जिसने ऐसे पुरूष से विवाह किया हो जिसकी पूर्व से एक पत्नी जीवित हो।परन्तु सरकार किसी व्यक्ति को इस नियम के प्रवर्तन से छूट दे सकती है यदि उसका समाधान हो जाये कि ऐसा करने के लिए विशेष कारण विद्यमान है।यदि कोई अभ्यर्थी द्विविवाह (bigamy) अथवा बहुविवाह (polygamy) करने का दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा सकती है। भर्ती प्रकिया के किसी भी स्तर पर उसका अभ्यर्थन व चयन निरस्त किया जा सकता है। उसे अन्य भर्ती प्रक्रिया से भी प्रतिवारित (debar) किया जा सकता है।

शारीरिक स्वास्थ्यता कैसी हो

किसी अभ्यर्थी को सेवा में किसी पद पर तब तक नियुक्त नहीं किया जायेगा जब एक कि मानसिक और शारीरिक दृष्टि से उसका स्वास्थ्य अच्छा न हो और यह किसी ऐसे शारीरिक दोष से मुक्त न हो जिससे उसे अपने कर्तव्यों का दक्षतापूर्वक पालन करने में बापा पढ़ने की सम्भावना हो।उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी तथा मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली 2015 के अनुसार शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति पुलिस सेवाओं के अर्ह नहीं होंगे। भर्ती और आवेदन से संबंधित सारी जानकारी वेबसाइट https://uppbpbgov.in पर उपलब्ध है।

प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए विकल्प होंगे

लिखित परीक्षा ओएमआर उत्तर पत्रक पर होगी। प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए विकल्प होंगे। अभ्यर्थी को उनमें से किसी एक विकल्प को चुनना है, जो प्रश्न का उत्तर हो।ओएमआर उत्तर पत्रक की तीन प्रत्तियां होगी जिनमें से मूल प्रति बाह्य एजेंसी, द्वितीय प्रति बोर्ड तथा तृतीय प्रति अभ्यर्थी की होगी। अभ्यर्थी द्वारा मूल प्रति अपने साथ लेकर चले जाने पर उसका अभ्यर्थन स्वतः निरस्त समझा जाएगा।

लिखित परीक्षा, अभिलेखों की संवीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षण तथा शारीरिक दक्ष परीक्षा के प्रवेश-पत्र यथासमय बोर्ड की वेबसाइट http://uppbpb.gov.in पर उपलब्ध होंगे, जहां से अभ्यर्थी उसे स्वयं डाउनलोड कर प्राप्त कर सकेंगे। लिखित परीक्षा, अभिलेखों की संवीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षण तथा शारीरिक दक्षता परीक्षा की तिथियों व समय की सूचना यथा समय बोर्ड की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जायेगी।

शारीरिक दक्षता परीक्षण

अभिलेखों की संवीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षण में सफल पाये गये अभ्यर्थियों से शारीरिक दक्षता परीक्षण में सम्मिलित होने की अपेक्षा की जायेगी जो अर्हकारी प्रकृति की होगी। इस शारीरिक दक्षता परीक्षण में अर्ह होने के लिए पुरूष अभ्यर्थियों के लिए 4.8 किमी की दौड़ 25 मिनट में और महिला अभ्यर्थियों के लिए 2.4 किमी की दौड़ 14 मिनट में पूरी करनी आवश्यक होगी। वे अभ्यर्थी जो विहित समय के भीतर दौड़ पूरी नहीं करते है, भर्ती के लिए पात्र नहीं होंगे तथा उसी स्तर पर चयन प्रक्रिया से बाहर हो जायेंगे।

बोर्ड द्वारा एक समिति का गठन किया जायेगा

शारीरिक दक्षता परीक्षण की विस्तृत प्रकिया बोर्ड द्वारा अवधारित की जायेगी और इसे यथासमय बोर्ड की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जायेगा। इस परीक्षण को संचालित किये जाने के लिए बोर्ड द्वारा एक समिति का गठन किया जायेगा, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नाम निर्दिष्ट कोई डिप्टी कलेक्टर अध्यक्ष होगा और जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा नाम निर्दिष्ट कोई पुलिस उपाधीक्षक सदस्य होगा। यदि बोर्ड द्वारा अपेक्षा की जाती है तो समिति के अन्य सदस्य जिला मजिस्ट्रेट अथवा पुलिस अधीक्षक द्वारा नाम निर्दिष्ट किये जायेंगे।

समस्या के निराकरण के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

आवेदन पत्र भरने में किसी भी प्रकार की परेशानी व समस्या के निराकरण के लिए हेल्पलाइन नंबर 044-47749010 जारी किया जा रहा है जो आवेदन करने की अंतिम तिथि यानी 18 जनवरी 2024 तक क्रियाशील रहेगा। फार्म भरते समय रंगीन फोटो और हस्ताक्षर अलग-अलग अपलोड करना होगा। फोटो में चेहरा साफ हो और फोटो छह महीने के भीतर का हो।

*युवक ने फांसी लगाकर दी जान*

लखनऊ । राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर थानाक्षेत्र में एक युवक ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया। जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 

 महेन्द्र यादव पुत्र राम विलास यादव निवासी ग्राम लालपुर पोस्ट धरैचा थाना खैराबाद जनपद सीतापुर ने थाना इन्दिरानगर पर सूचना दिया कि उसका भाई शैलेन्द्र यादव उम्र करीब 26 वर्ष जो कि एमजे फन सिटी रसूलपुर सादात थाना इन्दिरानगर में करीब डेढ़ वर्ष से पेन्टर का काम करता था ।

 23 दिसंबर को रात्रि में फन सिटी के पीछे बने कमरे के छत में लगे पंखे से मोटे केबिल तार से फंदा बनाकर फांसी लगा लिया है जिससे उसकी मृत्यु हो गयी है। इस सूचना पर एसआई मो. यासीन ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। जिनके द्वारा बताया गया कि मृतक अविवाहित था।

*क्रिसमस पर्व पर सुरक्षा के रहेंगे व्यापक प्रबंध ,प्रमुख बाजारों व भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सादी वर्दी में पुरुष व महिला पुलिस कर्मी रहेंगे तैन

  

लखनऊ । क्रिसमस एवं नववर्ष के अवसर पर शान्ति एवं कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये शहर में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के इंतेजाम किये जा रहे है। चूंकि दो दिन अवकाश होने के कारण बाजारों व सार्वजनिक स्थानों पर भारी भीड़ जुटने की संभावना जताई जा रही है। इसी को देखते हुए शहर के प्रमुख बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर खास ध्यान दिया जा रहा है। ताकि बाजार आने व जाने के दौरान कहीं किसी को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वालों पर पुलिस की रहेगी कड़ी नजर

डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि भीड़ भाड़ वाले इलाकों व प्रमुख बाजारों में सादी वर्दी में महिला व पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे। ताकि बाजार आने वाली महिलाओं के साथ कोई अप्रिय घटना न होने पाये। इसके अवाला कई क्षेत्रों में क्रिसमस पर्व को देखते हुए यातायात में बदलाव किया गया है। उन्होंने बताया कि पर्व के अवसर पर कोई सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन करता पाया गया तो उसके साथ पुलिस सख्ती से पेश आएगी।

रेस्टोरेन्ट, होटल इत्यादि में निर्धारित क्षमता से अधिक व्यक्तियों को प्रवेश देने पर रोक होगी

इसी प्रकार से क्रिसमस पर्व और नव वर्ष के अवसर पर लखनऊ शहर में संचालित समस्त बार, मॉल्स, रेस्टोरेन्ट, होटल इत्यादि में निर्धारित क्षमता से अधिक व्यक्तियों को प्रवेश देने पर रोक होगी। सम्बन्धित संचालक व प्रबन्धक का दायित्व होगा कि वह इस आशय का नोटिस भवन परिसर के बाहर लगवायेंगे एवं व्यवस्था को बनाये रखने के उत्तरदायी होंगे। समस्त पुलिस उपायुक्त, जोन्स को निर्देश दिये गये है कि वह सम्बन्धित के साथ गोष्ठी आयोजित करके दिये गये आदेशों व निदेर्शों से भली-भांति अवगत करा दें।

निर्धारित क्षमता से अधिक व्यक्तियों को टिकट व प्रवेश नहीं दिया जायेगा

परिसरों में मनोरंजक कार्यक्रम चाहे अन्दर या बाहर आयोजित किये जायें उनमें निर्धारित क्षमता से अधिक व्यक्तियों को टिकट व प्रवेश नहीं दिया जायेगा । होटल, मॉल, बार, रेस्टोरेन्ट, सार्वजनिक स्थल इत्यादि पर आयोजक व प्रबन्धक का उत्तरदायित्व होगा कि लाउडस्पीकर्स की ध्वनि तीव्रता निर्धारित मानकों के अन्तर्गत नियन्त्रित रखेंगे ताकि आम नागरिकों को परेशानी न हो। बार के संचालक व प्रबन्धक जिन्हे स्थायी या अस्थायी लाइसेन्स जारी किया गया है । सभी लाइसेन्स की शर्तों का पालन करेंगे, किसी भी दशा में निर्धारित समय सीमा से अधिक समय तक बार का संचालन नहीं करेंगे। उल्लंघन करने की स्थिति में सम्बन्धित विधि के अतिरिक्त 144 का भी उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की जायेगी।

*पूर्व सांसद और अभिनेत्री जयापद्रा की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम मुंबई के लिए रवाना*

लखनऊ । आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी कोर्ट में हाजिर न होने पर पूर्व सांसद और अभिनेत्री जयापद्रा की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम मुंबई के लिए रवाना हो गई। मुंबई में न मिलने पर टीम दिल्ली जाएगी। जल्द ही पूर्व सांसद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा। 

पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के दोनों मामले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में दर्ज किए गए थे। दोनों मामले इन दिनों कोर्ट में विचाराधीन हैं। इन मामलों में पिछली कई तारीखों से वह कोर्ट में पेश नहीं हो रही थीं, जिस पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। 

पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने अदालत के आदेश पर जयाप्रदा की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम बनाई है। यह टीम शनिवार को मुंबई के लिए रवाना हो गई है। एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि टीम को संभावित स्थानों के लिए रवाना कर दिया गया है। कोर्ट के आदेश का पालन कराया जाएगा।

*अमरोहा में भीषण सड़क हादसा, ग्राम प्रधान समेत तीन की मौत, मचा कोहराम*

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में भीषण हादसा हो गया।यहां के अतरासी रोड पर शनिवार देर रात तेज रफ्तार कार बाइक को ओवरटेक करते समय अनियंत्रित होकर गन्ने के खेत में जा पहुंची। रफ्तार ज्यादा होने से कार पलटी खाने के बाद हाईटेंशन लाइन के खंभे से टकाकर फिर पलट गई। इस हादसे में जिले के गांव हाकमपुर के प्रधान विशाल समेत तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई। बाइक सवार समेत दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। 

 सीओ अंजलि कटारिया के मुताबिक नोएडा के रजिस्ट्रेशन नंबर की क्रेटा कार अमरोहा से अतरासी की तरफ जा रही थी। कार में प्रधान विशाल के अलावा रजबपुर थानाक्षेत्र के गांव हाकमपुर के ही राजन, मनोज व अंकित भी सवार थे। हादसा होते ही आसपास के लोगों ने पलटी कार को सीधा किया और चारों को अस्पताल पहुंचाया। जहां विशाल, राजन, मनोज को मृत घोषित कर दिया गया। 

अंकित को हायर सेंटर रेफर किया गया है। विशाल रालोद के पूर्व जिलाध्यक्ष रामवीर सिंह का भतीजा था। सीओ ने बताया कि हादसा होते समय अतरासी से अमरोहा की तरफ से आ रही अर्टिगा कार की साइड भी इस कार से टकराई, जिससे वह भी क्षतिग्रस्त हो गई। उसमें सवार लोग कार छोड़कर भाग गए। सीओ ने बताया कि हादसे में बाइक सवार भी घायल हुआ है, जो रफातपुरा गांव का बताया जा रहा है। उसका नाम नहीं पता चल सका है। उधर जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मचा गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है।

*यूपी में प्रदेश में तैनात कई आईपीएस अफसरों की पदोन्नति का रास्ता साफ,प्रशांत कुमार समेत छह बनेंगे डीजी*

लखनऊ । मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में शनिवार को हुई डीपीसी के बाद प्रदेश में तैनात कई आईपीएस अफसरों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। समिति ने 80 अफसरों के नामों पर विचार किया गया।

इनमें से 77 को प्रोन्नत करने की सिफारिश की गई, जबकि तीन के लिफाफे बंद हैं। छह अधिकारियों को पुलिस महानिदेशक (डीजी) और 1999 बैच के दो अधिकारियों अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) के पद पर प्रोन्नति दी जाएगी।

2006 बैच के पांच अधिकारियों को डीआईजी से आईजी बनाया जाएगा। 2010 बैच के अधिकारियों को एसपी से डीआईजी और 2011 बैच के अधिकारियों को सेलेक्शन ग्रेड दिया गया है। 

1990 बैच के अधिकारी प्रशांत कुमार को डीजी का स्केल पहले ही दे दिया गया था। अब पद रिक्त होने पर उन्हें डीजी का पद दिया गया है। हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटी तिलोत्मा वर्मा, 1991 बैच के राजीव कृष्ण, अभय कुमार प्रसाद व प्रेमचंद मीना और 1992 बैच के दीपेश जुनेजा को भी डीजी बनाने की संस्तुति की गई है।

ऐसे ही 1999 बैच के रमित शर्मा और डॉ. सजीव गुप्ता एडीजी बनेंगे। रमित प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर और डॉ. संजीव सचिव गृह के पर तैनात हैं। 2006 बैच के आईजी पद प्रोन्नत होने वालों में अब्दुल हमीद, शलभ माथुर, धर्मेन्द्र सिंह, एलआर कुमार और आकाश कुलहरि शामिल हैं। 

2010 बैच के डाईआजी के पद पर प्रोन्नत होने वाले अफसरों में वैभव कृष्ण, कलानिधि नैथानी, प्रभाकर चौधरी, संजीव त्यागी, पूनम, कुंतल किशोर, हरीशचंद्र, सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, राठौर किरीट एच भाई, शिव हरि मीना, शैलेश कुमार यादव, राहुल राज, शफीक अहमद, राधेश्याम, कल्पना सक्सेना, सुरेश्वर, रामजी सिंह यादव, संजीव सिंह, राम किशुन, राकेश पुष्कर, मनोज कुमार सोनकर, कुलदीप नारायण, मनीराम सिंह, किरण यादव, प्रमोद कुमार तिवारी, शहाब रसीद खान, एस आनंद व राजीव नारायण मिश्रा हैं।

डॉ. धर्मवीर सिंह, अशोक कुमार (चतुर्थ), प्रदीप गुप्ता और डॉ. ओम प्रकाश सिंह को भी डीआईजी बनाने की संस्तुति की गई है।

*किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की 121वीं जयन्ती: मनाया गया चलो गांव की ओर कार्यक्रम*

लखनऊ- प्रदेश के सभी जनपदों में किसान मसीहा चौधरी चरण म सिंह की 121 वीं जयन्ती चलो गांव की ओर कार्यक्रम के तहत धूमधाम से मनायी गयी। इसी क्रम में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश कार्यालय में चौधरी साहब की प्रतिमा के सम्मुख हवन पूजन तथा मार्ल्यापण किया गया। उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय, राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे, राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा, एवं विजय श्रीवास्तव तथा सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने विधान भवन स्थित चौधरी साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।

इस अवसर पर काकोरी में ग्राम पंचायतों में ग्राम वासियों के बीच जाकर प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा कि चौधरी साहब पूरे देश में एकमात्र किसानों के हमदर्द एवं शुभचिंतक थे जिन्होंने अपने सम्पूर्ण कार्यकाल में किसान हितों की रक्षा के लिए अपने संकल्प का निर्वाह किया। चौधरी साहब का प्रत्येक कदम खेतों की मेड़ पर और किसान के हित में होता था। किसान को उसकी पहचान पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह द्वारा ही दी गयी।

जयन्ती कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष वसीम हैदर, प्रदेश प्रवक्ता अंकुर सक्सेना, प्रदेश महासचिव रजनीकांत मिश्रा, संतोष यादव, अम्बुज पटेल, मनोज सिंह चौहान, किरण सिंह, रमावती तिवारी, प्रीति श्रीवास्तव, व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल, विनोद सोनकर, केजी वर्मा, शैलेन्द्र शर्मा, महेश पाल धनगर, रमेश कश्यप, लखनऊ मण्डल अध्यक्ष रणविजय मौर्य, जिलाध्यक्ष रामसेवक रावत, सम्राट सिंह चौहान, मुकेश, हर्षित, अनीता यादव, शहजाद, प्रभूदयाल, विश्वनाथ यादव आदि लोग शामिल होकर चौधरी साहब को नमन किया।

सरकार गन्ना किसानों के साथ कर रही है अन्याय, प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय लोकदल

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल प्रदेश सरकार से लगातार गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहा है किन्तु सरकार मौन साधे हुए हैं। यदि 23 दिसम्बर किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह जी की जयन्ती तक गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया गया और बकाया भुगतान नहीं हुआ तो राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह जी के नेतृत्व में 26 दिसम्बर को लखनऊ में घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनाव में वादा किया था कि गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन के अन्दर मिलों द्वारा नहीं किया गया तो उन्हें ब्याज सहित भुगतान करना पडेगा। परन्तु आज तक न तो कोई कानून इस पर बना और न ही मिल मालिकों पर किसी प्रकार का दबाव बनाकर इसे लागू किया गया।

गन्ना किसान गन्ना मिलों पर गन्ना गिराकर अपने खेतों में रबी की बुवाई करता है जब मिले जल्दी चलती हैं तो वह खेत खाली कर गेहूं, आलू, सरसों की बुवाई कर देता है। इस वर्ष जानबूझकर मिलों को देरी से चलाया जिसके कारण किसानों की रबी की बुवाई समय पर नहीं हो पाई जिसके कारण किसान परेशान है।

सरकार किसानों की बात सिर्फ चुनाव के समय में करती है उनका वोट लेती है और बाद में मिल मालिकों के साथ मिलकर किसानों का शोषण करने लगती है। आज भी किसानों का गन्ना मिलों पर लगभग पिछले वर्ष का ही भुगतान 800 करोड़ से ज्यादा है जिससे किसान बेहद परेशान है।

वर्तमान पेराई सत्र देर से चलने और समय सीमा के अंदर भुगतान नहीं होे पाने के कारण किसान अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है।

उप्र में गन्ना, आलू ही प्रमुख रूप से व्यापारिक फसल है किन्तु गन्ना और आलू पर सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण गन्ना और आलू के किसान परेशानी और बदहाली के शिकार है। उनको फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता है।

प्रदेश सरकार किसानों को आत्मनिर्भर और आमदनी दोगुना करने के सब्जबाग दिखाती है, लेकिन उसकी नीति और नियत किसानों पर कहर बरपाने की है। किसान आन्दोलन के दौरान केन्द्र सरकार ने अनेक वादे किये थे जिसमें एमएसपी पर कानून बनाकर किसान की उपज का लाभकारी मूल्य का मार्ग प्रशस्त करना, आन्दोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लिये जाने, आन्दोलन के दौरान शहीद किसानों के परिजनों को मुआवजा देना, स्वामीनाथन कमेटी को पूर्णतया लागू करने की बात कही गयी थी जो सभी वादे आज तक पूरे नहीं किये।

गन्ना किसानों को गन्ना उत्पादन में लागत पिछले 4 वर्षो में डेढ गुना बढ गयी है किन्तु केन्द्र सरकार गन्ना मूल्य में मात्र 10 रुपये की वृद्धि की है जो ऊँट के मुँह में जीरा समान है।

प्रदेश सरकार से उम्मीद थी कि वह उप्र के गन्ना किसानों को अन्य राज्य की तरह गन्ना मूल्य 400 रुपये प्रति कुंतल से अधिक करेगी किन्तु प्रदेश सरकार मूकदर्शक की भूमिका में है और मिल मालिक की मर्जी पर किसान को छोड दिया है जो गंभीर चिंता का विषय है।

उज्जवला योजना के तहत महिलाओं के बीच बांटा गैस कनेक्शन

लखनऊ। सआदतगंज के मोहान रोड स्थित महालक्ष्मी हाल में उज्ज्वला योजना के तहत महालक्ष्मी सेवा समिति उपाध्यक्ष दीपू यादव के संयोजन में हरौनी भारत गैस की ओर से 10 गरीब असहाय लोगों को निशुल्क फ्री गैस कनेक्शन रेगुलेटर व चूल्हा का वितरण किया गया।

इस मौके पर प्रेमचंद्र यादव, उमेश शर्मा, संजू यादव, प्रीती गौतम, मोहिनी शर्मा, गायत्री गुप्ता, सीमा, ममता, शबनम, पूजा दीपांकर, शैलेष कुमारी, नीलम निगम, संजय श्रीवास्तव, ज्ञान चंद्र यादव सहित कई लोग शामिल रहे।