सीएम योगी ने 50 बस, 38 इंटरसेप्टर वाहन व 12 पब्लिसिटी वैन को दिखाई हरी झंडी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकना बड़ा चैलेंज है। अधिकांश दुर्घटनाएं ओवरस्पीडिंग के कारण होती हैं। ड्राइवर दक्ष या कुशल न हो, तब भी यह दुर्घटना होती हैं। सीएम ने चिंता जताते हुए एक-एक व्यक्ति की जान बचाने का आह्वान किया। उन्होंने सड़क सुरक्षा व जनजागरूकता पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना में दो वर्ष में 24 हजार से कम लोगों की मृत्यु हुई, जबकि सड़क दुर्घटना में प्रतिवर्ष यूपी में 20-22 हजार लोगों की मौत होती है। थोड़े प्रयास से अमूल्य जान बचाई जा सकती है।

सीएम योगी ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर 50 बस, 38 इंटरसेप्टर वाहन व 12 पब्लिसिटी वैन को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने 4100 इलेक्ट्रिक वाहन स्वामियों के खाते में अनुदान राशि का ऑनलाइन हस्तांतरण किया।

यहां पर परिवहन विभाग व मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के साथ पांच ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टिट्यूट के ऑटोमेशन व संचालन के लिए एमओयू किया गया। वहीं सीएम के समक्ष महिला चालकों के प्रशिक्षण के लिए उप्र कौशल विकास मिशन व उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ भी समझौता ज्ञापन हुआ। सीएम ने यूपी की बेहतरीन ईवी पॉलिसी के बारे में भी बताया।

कोरोना के समय अवर्णनीय है परिवहन विभाग की सेवा

सीएम ने कहा कि परिवहन विभाग ट्रांसपोर्ट का प्रमुख माध्यम है। विभाग ने प्रयागराज कुंभ में बेहतरीन सेवा दी थी।

पहली बार देश-दुनिया के श्रद्धालुओं को कुंभ का वास्तविक अर्थ पता लगा, जब संगम से एक किमी. से कम दूरी तक परिवहन विभाग उन्हें पहुंचा रहा था। कोरोना में भी उप्र के 40 लाख कामगार व 60 लाख अन्य प्रदेशों के कामगारों को गंतव्य तक पहुंचाने में परिवहन विभाग की सेवा अवर्णनीय है। सीएम ने कहा कि आज जिन बसों का शुभारंभ किया गया है। इसका उपयोग एनसीआर रीजन में किया जाएगा।

अब हर क्षेत्र में महिलाएं कर रहीं काम

सीएम ने महिला चालकों के प्रशिक्षण के लिए उप्र कौशल विकास मिशन व उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ हुए एमओयू की चर्चा करते हुए कहा कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को प्रशिक्षण देने का माध्यम बनेगा। स्वयंसेवी समूह की महिलाओं को इससे जुड़ने का अवसर मिलेगा।

महिलाएं अब हर क्षेत्र में काम कर रही हैं। परिवहन निगम ने पिछले दिनों अयोध्या में कार्यक्रम का आगाज किया था। यहां चालक व परिचालक की जिम्मेदारी महिलाओं ने संभाली थी। महिलाओं के लिए प्रशिक्षण के जरिए रोजगार के सृजन की संभावनाएं भी बनेंगी।

यूपी में दो लाख बसों की आवश्यकता

सीएम ने ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में रोजगार के अवसर तलाश रहे प्रदेश के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आज के समय में एक लाख ईवी बसों की आवश्यकता है। इसे गांव-गांव से जोड़ दें तो एक लाख अतिरिक्त बसों यानी की यूपी में कुल दो लाख से अधिक ईवी बसों की आवश्यकता होगी।

इससे रोजगार सृजन के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट की भी बेहतरीन सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि एक करोड़ की बस खऱीदने पर 20 लाख रुपये सरकार दे रही है। इससे डीजल समेत अन्य खर्चों पर अंकुश लग जाएगा। सीएम ने आह्वान किया कि हर पेट्रोल पंप पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग मशीन स्थापित की जानी चाहिए।

कार्यक्रम में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, औद्योगिक व अवस्थापना आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव (परिवहन) वेंकटेश्वर लू, परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर, परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कॉरपोरेट अफेयर्स) राहुल भारती व वाइस प्रेसिडेंट (सीएसआर) तरुण अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

10 लाभार्थियों को दिया चेक

सीएम ने कार्यक्रम में 10 इलेक्ट्रिक वाहन स्वामियों यश त्रिपाठी, शक्ति स्वरूप सिन्हा, सौम्या शुक्ला, अनिल चौधरी, अनुराग सिंह, राजवंश प्रधान, अनिल गुप्ता, पूनम मेहरोत्रा, अनूप सिंह व स्मिता को चेक प्रदान किया।

पांच जनपदों में डीटीआई का ऑटोमेशन व संचालन करेगी मारुति सुजुकी

परिवहन विभाग व मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के साथ पांच ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टिट्यूट के ऑटोमेशन व संचालन के लिए एमओयू किया गया। मारुति सुजुकी के साथ पांच जनपद गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, मथुरा व प्रयागराज में सात वर्ष के संचालन के लिए यह एमओयू हुआ है। दो करोड़ रुपये प्रति सेंटर मारुति सुजुकी की तरफ से लगाया जाएगा। तीन वर्ष तक पांचों इंस्टीट्यूट का मेंटिनेंस भी कंपनी करेगी। इस दौरान सीएम ने कहा कि हमें कुशल ड्राइवर और तकनीकी का बेहतर लाभ मिलेगा।

अधिवक्ताओं ने अपनी ग्यारह सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा

लखनऊ। सरोजनीनगर तहसील बार एसोसिएशन केबी अध्यक्ष कमलेश प्रताप सिंह एवम उपाध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा ने सरोजनीनगर तहसील में आयोजित तहसील सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे जिलाधिकारी को अधिवक्ताओं ने अपनी ग्यारह सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा।

सौंपे गए ज्ञापन में लिखा गया है कि तहसील में उपजिलाधिकारी न्यायालय में तीन सौ मुकदमे प्रतिदिन नियत किए जा रहे है ।जिनकी सुनवाई होना संभव नहीं है।

उपजिलाधिकारी द्वारा अधिवक्ता एवम वाद कारियो को बिना समुचित सुनवाई का अवसर दिए ही खारिज कर दिए जा रहे है ।खारिज किए गए मुकदमों की सूची एवम आदेश की पत्रवालियो की जानकारी अधिवक्ताओं को नहीं उपलब्ध कराई जा रही है ।

उपजिलाधिकारी द्वारा शासन के आदेशों के अनुसार निकाले गए कर्मचारीओ के स्थगन पर नए कर्मचारियों की न्यायालय में नियुक्त किया जाय ।जिससे न्यायायिक एवम प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चल सके ।उपजिलाधिकारी न्यायालय में अनेक वादों की प्रतिलियां गायब है । जिससे अधिवक्ता एवम वादी आए दिन परेशान हो रहे है ।

परिसर में समुचित सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण आए दिन वादकारियों की साइकिल चोरी हो रही है ।परिसर में कैंटीन न होने से जलपान की व्यवस्था नहीं है। यही नहीं इसके अलावा शासन द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशो के अनुसार पुराने विवादित वादों को गुण दोष के आधार पर पत्रावली में प्रथम दिवस अधिवक्ता की उपस्थिति को नजर अंदाज कर पत्रावलियो में सुनवाई का अवसर न देकर पत्रावली आदेश में सुरक्षित कर निस्तारित करके अदम पैरवी एवम साक्ष्य के अभाव में खारिज किए जा रहे है सहित करीब ग्यारह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।

इस पर जिलाधिकारी ने अधिवक्ताओं की इस मांग को अतिशीघ्र पूर्ण किए जाने का आश्वासन दिया।

शिक्षामित्रों ने फिर की नियमितीकरण की मांग

लखनऊ। गोसाईगंज पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार आदर्श समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश को सौंपा।

कई बार ज्ञापन दे चुके शिक्षामित्रों ने एक बार फिर नियमितीकरण की मांग उठाई है। मांगे को माने न जाने पर धरने की चेतावनी दी गई है। एसोशियेशन के प्रदेश महामंत्री उमेश पाण्डेय के नेतृत्व मे जिलाध्यक्ष रामसागर व जिला कोषाध्यक्ष संजय शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा दिए गए ज्ञापन में समान काम का समान वेतन देने और नियमतीकरण सहित अन्य मांगें शामिल किया गया है।

ज्ञापन में कहा गया है की मांगें पूरी न होने पर एक जनवरी से प्रदेश स्तरीय धरना शुरू किया जाएगा। जिलाध्यक्ष ने कहा की शुरू से अब तक शिक्षामित्रो की स्थिति उसी तरह की बनी हुई है।

संजय शर्मा ने सरकार से अपील किया की वर्तमान समय मे सभी एक लाख छियालीस हजार शिक्षामित्र एनसीइटी की निर्धारित मानक योग्यता स्नातक बीटीसी के साथ मे 50 हजार शिक्षामित्र शिक्षक पात्रता परीक्षा भी पास है।

उन्हें अन्य प्रदेशों की तरह शिक्षक का दर्जा दिया जाए। ज्ञापन देने ने शमीम बेग, जयकरन, राधेलाल, मनोज शुक्ला, शेष कुमार, दीपक कश्यप, बाबूलाल, राजीव पाण्डेय, अखिलेश कुमार, मनोज शुक्ला, राजेश रावत, और प्रीति श्रीवास्तव सहित अन्य शिक्षामित्र शामिल रहे।

गोसाईगंज पुलिस ने पकड़ी 352 ग्राम स्मैक

लखनऊ। गोसाईगंज गोसाईगंज पुलिस ने खजुहा गांव के एक व्यक्ति को 352 ग्राम स्मैक सहित गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति पर आरोप है की वह स्मैक की बिक्री करता है। गोसाईगंज क्षेत्र के खजुहा और टिकनियामऊ गांव में इन दिनों स्मैक की बिक्री खूब हो रही है।

शनिवार को गोसाईगंज पुलिस ने खजुहा गांव के ही मजहर अली को 352 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार कर लिया। गोसाईगंज कोतवाली के इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्रा के मुताबिक उप निरीक्षक गुड्डू प्रसाद को गस्त के दौरान निजामपुर चौराहे पर मुखबिर ने सूचना दिया की खजुहा के पास एक व्यक्ति स्मैक की बिक्री कर रहा है।

पुलिस ने मौके पर पहुंच कर एक व्यक्ति को 352 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार कर लिया। बताया गया है की गिरफ्तार व्यक्ति खजुहा निवासी मजहर अली है। मालूम हो की खजुहा और टिकनियामऊ में स्मैक बेचने का धंधा तेजी से चल रहा है। इससे ग्रामीण भी काफी परेशान हैं।

मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में बक्शी का तालाब तहसील में सम्पूर्ण समाधान दिवस का किया गया आयोजन

लखनऊ। मण्डलायुक्त डा रोशन जैकब की अध्यक्षता में आज तहसील बीकेटी में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। मौके पर फरियादियों की समस्या सुनकर उनका निस्तारण करने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया।

उन्होंने कहा कि सरकार की मंशानुरूप जन समस्याओं का त्वरित निस्तारण, जनसामान्य की शिकायतों का स्थानीय स्तर पर समाधान किया जाना सरकार की प्राथमिकता है।

जिसके क्रम में तहसील व थानों में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया जाता है।इसमें स्थानीय नागरिक उपस्थित होकर अपनी समस्याओं का समाधान करा सकते है।

फरीयादियों की समस्या सुनवाई के दौरान मंडलायुक्त को शिकायत कर्ता शैलेंद्र द्वारा बताया गया कि लेखपाल सुजीत, राजेश तिवारी एवं सतपाल द्वारा कार्य में शिथिलता व धन उगाही की जा रही है जिसके संबंध में मंडलायुक्त ने संबंधित लेखपालो को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिये साथ ही लेखपाल राजेश तिवारी के प्रकरण की जांच कराते हुए अगर दोषी पाये जाते है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

मंडलायुक्त ने कहा कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके प्लाटिंग करने वाले भू-माफियाओं व संरक्षण देने वालों के खिलाफ भी कठोरतम कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

मण्डलायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुरूप सभी अधिकारीगण जनता की शिकायतों का निस्तारण त्वरित एवं समयबद्ध तरीके से गुणवत्तापूर्णढंग से एक सप्ताह में करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि शिकायतों के निस्तारण में यदि कोई समस्या है तो उसका कारण स्पष्ट करते हुए अवगत कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने सम्बधित अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अवैध निर्माण को तत्काल रोका जाये, जिससे कि आम जनमानस को वास्तविक न्याय मिल सके।

जनसुनवाई के दौरान मण्डलायुक्त को वृद्धावस्था पेंशन में लापरवाही व शिथिलता की शिकायत मिलने पर ado समाज कल्याण सुहेल अहमद के खिलाफ आरोप पत्र जारी करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि कैंप लगाकर वृद्धवस्था पेंशन की शिकायतों का समाधान करें। समाधान रजिस्टर के अवलोकन के दौरान शिकायत और आख्या रजिस्टर में अपूर्ण मिलने पर प्रभारी संग्रह अमीन विजय कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि देने साथ ही तत्काल रजिस्टर दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए।

इसके बाद मंडलायुक्त को शिकायतकर्ता राम प्रकाश सिंह द्वारा बताया गया कि ग्राम सभा कोरिया मऊ में कई महीने पूर्व खोली गई विद्युत लाइन अभी तक जुड़वाया ही नहीं गया है जिसके कारण विद्युत आपूर्ति बाधित और चालू न हो सकी इसके संबंध में मंडलायुक्त ने एसडीओ विद्युत को प्रतिकूल प्रविष्टि साथ ही तार जोड़ते हुए विद्युत आपूर्ति करने के भी निर्देश दिये।

शिकायतकर्ता मोहम्मद शकील ग्राम मल्हीपुर द्वारा बताया गया कि पानी टंकी के कार्य के उपरांत कार्यदाई संस्था द्वारा सड़कों को खोदकर चले गए, जिसके कारण सड़कों पर चलने वालों को परेशानी हो रही है।

इसके संदर्भ में मंडलायुक्त ने जेई को आरोप पत्र और संबंधित कार्यदाई संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि सम्पूर्ण समाधान दिवस में प्राप्त शिकायतों का वरिष्ठ अधिकारीगण मौके पर जाकर जांच कर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करायें और यदि संज्ञान में आया कि निस्तारण की गुणवत्ता से शिकायतकर्ता संतुष्ट नही है या निस्तारण में लापरवाही बरती गयी है तो सम्बन्धित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

मंडलायुक्त ने कहा समाज का अन्तिम व्यक्ति तक शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पहुंचे ऐसे मंशा के साथ कार्य करें अधिकारीगण। उन्होने भू-माफियाओं को लेकर कहा कि अवैध कब्जा करने वालो पर कड़ी कार्यवाही की जाये और जमीनों को तत्काल कब्जा मुक्त कराया जाये, इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नही की जाएगी।

रिस्पांसिबल वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए मिलेगा सम्मान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के सहयोग से पांच दिसंबर को नई दिल्ली बीकानेर हाउस में आयोजित समारोह में रिस्पांसिबल वाइल्डलाइफ टूरिज्म में अच्छा प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। सम्मान पाने वाले विभिन्न प्रदेशों के लोग होंगे। यूके बेस्ड एनजीओ टाफ्ट की ओर से प्रत्येक चार वर्ष में यह पुरस्कार दिया जाता है। यह छठां टाफ्ट वन्यजीव पर्यटन पुरस्कार-2023 है।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि टाफ्ट एनजीओ व्यक्तियों, व्यवसायों, सेवा प्रदाताओं और सामुदायिक उद्यमों सहित प्रकृति पर्यटन उद्योग में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को पहचानने और पुरस्कृत करने का काम करता है।

इन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में सस्टीनेबल प्रैक्टिस और रिस्पांसिबल टूरिज्म के प्रति गहरी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। टाफ्ट पूरे भारत में असाधारण वन्यजीव पर्यटन उद्यमों और पहलों के माध्यम से दूसरों को भी इसका अनुसरण करने और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद करता है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन और विशाल वन भंडार हैं। विशेष रूप से दुधवा, पीलीभीत, अमानगढ़ और रामपुर में प्रमुख टाइगर रिजर्व हैं।

वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण-पर्यटन और इन अभ्यारण्यों के माध्यम से प्रकृति और पर्यटन के बीच सामंजस्यपूर्ण के साथ अस्तित्व के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, रिस्पांसिबल टूरिज्म में एक सकारात्मक और शक्तिशाली मार्ग को बढ़ावा देगी।

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश में ईको पर्यटन की बहुत संभावनाएं हैं। इस तरह के आयोजन से जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

स्पा की आड़ में चल रहा था देह व्यापार का धंधा,सात गिरफ्तार, तीन लड़कियों को कराया मुक्त ,विभूतिखंड में मंत्री आवास के ठीक सामने मामला

लखनऊ में विभूतिखंड में मंत्री आवास के सामने स्पा की आड़ में देह व्यापार चल रहा था। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार व संरक्षण आयोग के आदेश पर पुलिस ने दो एनजीओ की मदद से छापा मारा। मौके से तीन लड़कियों को मुक्त कराया गया। साथ ही सात लोगों को पकड़ा गया है। इनमें से दो ग्राहक और बाकी स्पा के कर्मचारी बताए जा रहे हैं। राज्य बाल अधिकार आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुक्ति फाउंडेशन के वीरेंद्र कुमार सिंह ने सूचना दी थी कि विभूतिखंड में एलिगेंट स्पा एंड यूनीसेक्स सैलून में देह व्यापार चल रहा है। इस पर संयुक्त पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर फोर्स मांगी गई थी।

आयोग की सदस्य ने बताया कि 1090 में बैठक कर स्पा में छापा मारने की रणनीति बनाई गई। इसमें डीसीपी रूचिता चौधरी का सहयोग मिला। इसके बाद 36 पुलिसकर्मियों की टीम गठित की गई, जिसमें से आधे सिविल ड्रेस में थे। शुक्रवार शाम चार बजे स्पा पर छापा मारा गया। वहां से आजमगढ़, सुल्तानपुर और गोरखपुर की एक-एक लड़की को रेस्क्यू किया गया।

ह्यूमन यूनिटी मूवमेंट (हम) की संस्थापक निदेशक डॉ. संगीता शर्मा के मुताबिक, लड़कियों ने बातचीत में बताया कि उन्हें रिसेप्शनिस्ट की जॉब के लिए नौकरी पर रखा गया था। बाद में देह व्यापार के धंधे में झोंक दिया गया। मुक्ति फाउंडेशन के वीरेंद्र कहते हैं कि यह स्पा संचालक का दुस्साहस ही है कि मंत्री आवास के पास स्पा की आड़ में यह सब कुछ चल रहा था और किसी को पता भी नहीं चला।एडीसीपी पूर्वी अली अब्बास ने बताया कि मामले में अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 की धाराओं के तहत विभूतिखंड थाने में केस दर्ज किया गया है।

विश्व एड्स दिवस पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम

लखनऊ - ’विश्व एड्स दिवस’ के अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधक आदित्य कुमार के मार्गदर्शन एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बी.एन.चौधरी के नेतृत्व में आज अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दीक्षा चौधरी की अध्यक्षता में ऐशबाग स्थित रेलवे पॉली क्लीनिक में ’एड्स जागरूकता’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जागरूकता कार्यक्रम के दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा संजय तिवारी ने एड्स से संबंधित भ्रातिंयों के बारे में बताया कि ’एड्स’ रोग का कोई इलाज नही है, जानकारी ही इसका बचाव है एवं एड्स के बारे में सही जानकारी से ही जान बच सकती है। हाथ मिलाने से, गले लगने से, साथ में कार्य करने से, साथ में खेलने एवं खाना खाने, शौचालय के उपयोग से, मच्छर के काटने से एच.आई.वी. नहीं फैलता है। ’एड्स रोग’ प्रभावित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध से, दूषित खून चढाने से व दूषित सिरिंजो के उपयोग से होता है।

एड्स का सीधा सम्बन्ध क्षय रोग एवं यौन रोग से रहता है, इसलिए इन रोगो से बचना बहुत जरूरी है एवं यौन रोग होने पर किसी प्रशिक्षित चिकित्सक से शीघ्र इलाज करायें वर्ना एच.आई.वी. इंनफेक्शन से खतरा बढ़ जाता है। संयमित आचार, विचार, आहार, विहार एवं व्यवहार भी अपनाने से एचआईवी/एड्स से भी बचा जा सकता है। इस अवसर पर स्वास्थ्य कर्मी, कर्मचारी व उनके परिजन उपस्थित थे।

रोडवेज बस ने बाइक सवार को सामने से मारी टक्कर, दो लोग गम्भीर रूप से जख्मी

लखनऊ- मलिहाबाद थाना क्षेत्र में निर्माणाधीन लखनऊ-हरदोई हाइवे पर हरदोई की तरफ से लखनऊ आ रही रोड़वेज बस ने सामने से आ रहे बाइक सवार को जोरदार टक्कर मार दी। जिससे एक बाइक पर सवार दो व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हो गये। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुचाया, जहां से दोनों को ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।

पुलिस ने बताया कि हरदोई जनपद के थाना बेहटा क्षेत्र के टोडरमल ब्लॉक निवासी मुकीद टेंट का काम करता है। शुक्रवार को आपने साथी पातीराम निवासी सुरजीतपुर गांव के साथ लखनऊ से वापस अपने गांव जा रहे थे। मलिहाबाद चौराहा के निकट बैंकऑफ बड़ौदा के पास हरदोई की तरफ से आ रही रोड़वेज बस ने सामने से बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों बाइक सहित उछलकर दूर जा गिरे। जिससे उनके सिर फट गए।

घटना के तुरंत ही बस चालक ने बस को रोका दिया। आसपास मौजूद राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने गम्भीर रूप से घायल पातीराम व मुकीद को अस्पताल पहुंचाया। जहां से दोनों को ट्रामा सेंटर रिफर कर दिया गया है। इस सबके बीच मौका मिलते ही चालक मौके से फरार हो गया। फिलहाल पुलिस ने बस को कब्जे में ले लिया है।

*दंडात्मक कार्यवाही से बचने के लिए पूर्व में जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराये प्रोमोटर्सः उप्र रेरा

लखनऊ- शुक्रवार को उ.प्र. रेरा ने प्रोमोटर्स को पूर्व में जारी निर्देशों की समीक्षा की और यह पाया कि प्रोमोटर्स द्वारा उनका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इस संबन्ध में उ.प्र. रेरा ने पंजीकृत रियल एस्टेट परियोजनाओं के प्रोमोटर्स को कार्यालय नोटिस जारी किया है, जिसमें पूर्व में जारी किए गए निर्देशों का समय से अनुपालन न होने पर आपत्ति जताई है। उनका अविलंब अनुपालन सुनिश्चित कराने को निर्देशित किया है। रेरा अधिनियम के प्राविधानों के तहत रेरा से जारी निर्देशों का अनुपालन न करना एक दंडनीय कृत्य है जिसके जिम्मेदार स्वयं प्रोमोटर्स होंगे।

ज्ञात हो कि उ.प्र. रेरा ने प्रोमोटर्स को बिना रेरा पंजीयन के परियोजना का प्रचार-प्रसार न करने, पंजीकृत परियोजनाओं के प्रोमोशन व विक्रय में परियोजना की रेरा पंजीयन सँख्या तथा रेरा पोर्टल का प्रमुखता से उल्लेख करने, परियोजनाओं से सम्बन्धित पत्राचार की प्रक्रिया को आधिकारिक व प्रभावी बनाने के लिए प्रोमोटर संस्थान के किसी जिम्मेदार निदेशक का विवरण उपलब्ध कराने, रेरा पोर्टल पर जानकार कार्मिकों की ओर से परियोजनाओं की जानकारी ठीक करते हुए समस्याओं का निस्तारण करने, उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए परियोजनाओं से जुड़े सम्पर्क नम्बर सदैव क्रियाशील रखने, वृहद स्तर की परियोजनाओं के लिए हेल्पलाइन नम्बर रखने और उन पर जानकार व्यक्ति की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था।

इसके अतिरिक्त नवीन परियोजनाओं के पंजीयन में तेजी लाने के लिए परियोजना सम्बन्धित सभी जानकारी भरने, तीनों बैंक खाते खोलने और स्थायी निर्देश की कॉपी पोर्टल पर अपलोड करने, उपभोक्ता के साथ अनुबन्ध केवल रेरा पोर्टल पर उपलब्ध प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित एग्रीमेन्ट फॉर सेल के प्रारूप पर करने, पंजीयन विस्तार का लाभ प्राप्त करने के लिए सभी लंबित और वर्तमान त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट अपलोड करने और नियामक प्राधिकरण के निर्देशानुसार सामयिक जानकारी उपलब्ध कराना शामिल था।

निर्देशों की समीक्षा में यह पाया गया कि कुल 1810 अपेक्षित प्रोमोटर्स में से केवल 666 प्रोमोटर्स द्वारा पत्राचार के लिए निदेशक की जानकारी अपलोड की गई है। प्रोमोटर्स द्वारा परियोजनाओं का प्रचार प्रसार रेरा पंजीयन सँख्या और पोर्टल का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया जा रहा है। इस कारण लगभग 130 से ज्यादा विज्ञापनों में रेरा अधिनियम के अनुसार नोटिस प्रोमोटर्स को प्रेषित किए गए है। रेरा अधिनियम की धारा-37 में प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप उ.प्र. रेरा ने सभी प्रोमोटर्स को कार्यालय नोटिस के माध्यम से फिर से निर्देश जारी किया है और धारा-63 के तहत निर्देशों का अनुपालन न करना दंडनीय है।

उ.प्र. रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी के अनुसार, "रियल एस्टेट सेक्टर के हितधारकों को रेरा अधिनियम के प्राविधानों के अनुरूप ही कार्य करना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए ही निर्देश जारी किए गए थे और उनका अनुपालन करने से पंजीयन और पंजीयन विस्तार सहित अन्य कार्यों में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और जवाबदेही आएगी। हम आशा करते है कि प्रोमोटर्स द्वारा जारी निर्देशों का 100 फ़ीसदी पालन किया जाएगा।"