सरायकेला :महिलाओं के हक - अधिकार, उचित सम्मान के लिए हमेशा आजसू तत्पर रहती हैं : हरेलाल महतो।

सरायकेला : ईचागढ़ प्रखंड के मिलन चौक में अखिल झारखंड महिला संघ की बैठक हुई, जहां ईचागढ़ प्रखंड कमिटी का गठन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आजसू नेता हरेलाल महतो उपस्थित थे। 

मौके पर बैठक को संबोधित करते हुए आजसू नेता हरेलाल महतो ने कहा कि आज पंचायत चुनाव में महिलाओं को समान भागीदारी सुनिश्चित करने का काम आजसू ने ही किया है। यहाँ तक कि आज महिला समूह जो गांव गांव में एक सशक्त संगठन बनकर उभरा है वह भी आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो को दूरगामी सोच का परिणाम है।

 उन्होंने कहा कि आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो जब उपमुख्यमंत्री थे, तब महिलाओं के समान भागीदारी और उचित सम्मान दिलाने में हर संभव प्रयास किया था। हरेलाल महतो ने कहा कि केवल नाममात्र महिला नेतृत्व होने से नहीं बल्कि महिलाओं के सम्मान के लिए दूरगामी सोच रखने वाला नेतृत्व की जरूरत है।

 उन्होंने कहा कि ईचागढ़ विधानसभा में महिलाओं के हक - अधिकार, उचित सम्मान, आरक्षण की बात करने वाला कोई नहीं है, लेकिन आजसू ही एकमात्र ऐसा संगठन है जो महिलाओं के मान सम्मान के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। इस अवसर पर आजसू बुद्धिजीवी मंच के जिलाध्यक्ष योगेंद्र महतो, आजसू महिला संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अमला मुर्मू, शिवेश्वर महतो, दामोदर सिंह मुंडा, पार्वती महतो, गोपेश महतो, दुर्योधन गोप, अरुण महतो, रेणुका पुराण, रेखा प्रमाणिक, गंगा मणी महतो, तपन उरांव, शिव चरण महतो, जीतू महतो, तुलसी महतो, दिलीप दास, भगत सिंह मुंडा, अक्षय महतो आदि ने बैठक को संबोधित किया। 

इस अवसर पर सरायकेला खरसावां जिला के अखिल झारखंड महिला संघ के जिला सचिव के रूप में गंगामणी महतो को मनोनीत किया गया। वहीं, ईचागढ़ प्रखंड कमिटी का गठन किया गया। सभी मनोनीत पदाधिकारियों को आजसू नेता हरेलाल महतो ने बधाई दी एवं पार्टी का अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। 

आजसू महिला महासभा ईचागढ़ प्रखंड कमिटी गठन 

अध्यक्ष - शिवानी महतो

सचिव - शर्मिष्ठा महतो

उपाध्यक्ष - सरला महतो, इंद्रा देवी, वीणा देवी

कार्यकारी अध्यक्ष - कल्पना महतो

सह सचिव - लक्ष्मी देवी, सुकुरमनी देवी, बांसती देवी

कोषाध्यक्ष - सविना देवी

संगठन सचिव - साधना गोप

मीडिया प्रभारी - पंचमी महतो, तरुलता महतो

चाईबासा :पुलिस नें गोईलकेरा थाना क्षेत्र के मारादिरी के आस-पास जंगली / पहाड़ी क्षेत्र से एक 8 किलो का आईईडी बम बरामद किया।

पुलिस को उड़ाने के लिए बिछा रखा था नक्सलियों नें बम

चाईबासा: कोल्हान के पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोईलकेरा थानान्तर्गत ग्राम मारादिरी के आस-पास जंगली / पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों को लक्षित करने के उद्देश्य से नक्सलियों द्वारा पूर्व में लगाये गये 01 (एक) I.E.D बरामद कर सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसी स्थान पर बम निरोधक दस्ता के सहायता से विनिष्ट किया गया है। 

इस सबंध में पुलिस कप्तान आशुतोष कुमार शेखर नें बताया कि प्रतिबंधित भा०क०पा० (माओ०) नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, चमन, कांडे, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन अपने दस्ता सदस्यों के साथ कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधि के लिए भ्रमणशील है, जिसके आलोक में चाईबासा पुलिस, कोबरा 209 BN, 203 BN, 205 BN, झारखण्ड जगुआर एवं सी०आर०पी०एफ० 60 BN, 197 BN, 157 BN, 174 BN, 193 BN, 134 BN, 26 BN की टीमों का एक संयुक्त अभियान दल गठित कर लगातार अभियान संचालित किया जा रहा है।इसी क्रम में 10 अक्तूबर से एक संयुक्त अभियान गोईलकेरा थानान्तर्गत ग्राम कुईड़ा, छोटा कुईड़ा, मारादिरी, मेरालगड़ा, हाथीबुरू, तिलायबेड़ा बोयपाईससांग, कटम्बा, बायहातु, बोरोय, लेमसाडीह के सीमावर्ती क्षेत्र तथा टोन्टो थानान्तर्गत ग्राम हुसिपी, राजाबासा, तुम्बाहाका, रेगड़ा, पाटातोरब, गोबुरू, लुईया के सीमावर्ती क्षेत्र में प्रारंभ किया गया है। अभियान के दौरान शनिवार को संचालित नक्सल विरोधी अभियान जारी है।

बरामदगी:-

1. 08 KG का 01 I.E.D.

आजीविका सखी मण्डल, से जुड़कर बिधूमुखी जी रही है सम्मानजनक जिंदगी

सरायकेला : समूह में जुड़ने से पहले विदुमुखी ने दारू बेचती थी साथ में पति अकेले सब्जी की खेती करते थे और परिवार में कुल तीन सदस्य हैं जिस कारण घर चलाने में दिक्कत होती थी जरुरत को पूरा नहीं कर पाते थे, चाह कर भी अपने पति की मदद करने के लिए कार्य नहीं कर पाती थी।

 समूह में जुड़ने के बाद की स्थिति -

सीआरपी टीम के दौरान गांव में वर्ष 2020 में 15 दिन के लिए ड्राइव टीम आई थी जिन्होंने समूह के बारे में ट्रेनिंग दिया गया और समूह में जुड़ने के बाद समूह संगठन 11 दीदी मिलकर एक सखी मंडल का गठन हुआ।

 पांच सूत्रों का पालन करते हुए अच्छे से समूह चलाने लगे। 

जेएसएलपीएस के माध्यम से फूलों झानों आशीर्वाद योजना के तहत सर्वे करके बिना ब्याज रहित ₹25000 दिया गया। अभी गाय,बत्तख पालन करके प्रत्येक माह 10,000 आए हो रहा है।

 समूह में जुड़ने से पहले दीदी को कई तरह का दिक्कतों का सामना करना पड़ता था एवं परिवार में इनको सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता था फूलो झानों आशीर्वाद योजना के तहत आजीविका के अन्य से साधनों से जुड़कर एवं हड़िया - दारू बेचना छोड़कर एक सम्मानजनक जिंदगी जी।रही है उन्होंने बताया कि उनका सपना है अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना।

सरायकेला :चांडिल अनुमण्डल स्तरीय विद्यार्थी प्रतिभा खोज परीक्षा-2024 के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया आज से ।

सरायकेला : युवा विद्यार्थी केंद्र संगठन द्वारा संचालित अनुमंडलीय स्तरीय प्रतिभा विद्यार्थी खोज परीक्षा-2024 के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया 1 दिसंबर यानी शुक्रवार से शुरू हो चुकी है। यह प्रक्रिया 13 जनवरी तक चलेगी।

इसके लिए संगठन की ऑफिशियल संपर्क/व्हाट्सएप नंबर : 9431991382 में टैक्स मैसेज भेजने पर एक गूगल फॉर्म दिया जायेगा या फिर QR code को स्कैन कर के भी आप गूगल फॉर्म पर जाकर फॉर्म भरा जा सकता है। या फिर अपने विद्यालय के कार्यालय से फार्म प्राप्त कर भरा जा सकता है।

फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियां देना अनिवार्य होगा। इस परीक्षा का संचालन श्री चिरंजीत महतो और श्री धनपति महतो की देखरेख में होगी।

संगठन के संस्थापक श्री सुवर्ण महतो तथा संरक्षक श्री सुशांत महतो एवं मुख्य संरक्षक श्रीमती मधुश्री महतो ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए कहा की लिखित परीक्षा ओएमआर शीट पर अनुमंडल के विभिन्न प्रखंड में निर्धारित केंद्रों पर दिनांक 28 जनवरी होगी। फॉर्म भरते समय लिखित परीक्षा के लिए विद्यार्थीयों को अपने नजदीकी परीक्षा केंद्र में परीक्षा देना है। इसके लिए 4 परीक्षा केंद्र उपलब्ध कराई जाएगी। जो एडमिट कार्ड पर अंकित होगा।

इस वर्ष प्रतिभा विद्यार्थी खोज परीक्षा में कक्षा सातवीं से कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां के तौर पर 2 साइकिल सह 10 विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा और 9वीं-10वीं के विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां के तौर पर 2 साइकिल सह 10 विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। इस परीक्षा में भाग लेने के लिए चांडिल अनुमंडल के किसी भी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालय में कक्षा 7वीं से 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी पात्र होंगे, आवेदन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से किए जा सकेंगे। पात्र विद्यार्थियों को एडमिट कार्ड भी ऑनलाइन/ अपने ही विद्यालय में भेजे जाएंगे। 2023 में तकरीबन तीन सो विद्यार्थी प्रतिभा विद्यार्थी खोज परीक्षा में शामिल हुए थे और उनमें से 20 सफल विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के रूप में 15 हजार रुपये दिए गए थे।

*सरायकेला : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जिले में आगमन की तैयारी को लेकर उपायुक्त ने की जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक*


सरायकेला : माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के संभावित (06 दिसंबर) सरायकेला खरसावां जिले में आगमन को लेकर जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला द्वारा आज पुलिस अधीक्षक सरायकेला डॉक्टर विमल कुमार उप विकास आयुक्त श्री प्रवीण कुमार गागराई समेत अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक आहूत की गई।

बैठक में उपायुक्त नें माननीय मुख्यमंत्री के आगमन की रूप रेखा पर बिंदुवार चर्चा करते हुए बताया कि आगामी 6 दिसंबर 2023 को माननीय मुख्यमंत्री का सरायकेला खरसावां जिला में आगमन संभावित है। उन्होंने कहा माननीय मुख्यमंत्री का कार्यक्रम सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत खरसावां प्रखंड के फुटबॉल मैदान खरसावां में संभावित है।

इस क्रम में उपायुक्त ने कार्यक्रम स्थल की साफ-सफाई, हेलीपैड,पार्किंग, विभिन्न विभागों के द्वारा लगाए जाने वाले स्टॉल, विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास/उद्घाटन तथा विभिन्न योजनाओं के तहत चयनित लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण आदि तैयारी को लेकर संबंधित पदाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान उपायुक्त ने संबंधित विभाग एवं सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को लाभुकों की आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। वही विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास उद्घाटन तथा परिसंपत्तियों की वितरण संबंधित सूची 3 दिसंबर 2023 तक गोपनीय शाखा में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान उपायुक्त नें कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के 30 स्टॉल जैसे- कृषि, पशुपालन,कल्याण,समाज कल्याण, आवास,परिवहन,जल संसाधन, उद्योग, विद्युत, पेयजल, सामाजिक सुरक्षा, वन विभाग, जेएसएलपीएस, मनरेगा, आवास, राजस्व, आधार केंद्र, बैंक, आई.पी.आर.डी, शिक्षा, श्रम एवं नियोजन, मत्स्य , पुलिस 100, जल संसाधन, विधुत, भूमि संरक्षण आदी) अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी तथा योजना संबंधित आवेदन प्राप्त करने के निर्देश दिए। इस दौरान उपायुक्त में विभागीय पदाधिकारी को स्टॉल पर विभाग स्तर से पदाधिकारी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने तथा योजना संबंधित आवेदन, पंपलेट/बैनर आदी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निदेश दिए।वही संबंधित पदाधिकारी को कार्यक्रम स्थल पर विधुत आपूर्ति, पेयजल तथा चलंत शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निदेश दिए।

मौके पर उपरोक्त के अलावा अपर उपायुक्त श्री सुबोध कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी चांडिल, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला नियोजन पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं अन्य सभी विभागों के वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहें।

'आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के विभिन्न वार्ड में शिविर का किया गया आयोजन

सरायकेला : आपकी योजना,आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत आज सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां प्रखंड के चिलकु, कुचाई प्रखंड के अरुवां, चांडिल प्रखंड के रसुनिया , तथा नीमडीह प्रखंड के आदरडीह तथा कुकड़ू प्रखंड के जानुम पंचायत मे पंचायत स्तरीय शिविर का आयोजन किया गया। वही नगर निकाय क्षेत्र के नगर निगम आदित्यपुर के वार्ड संख्या 9-10 में शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर में विभिन्न विभागों के स्टाल लगाकर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी तथा योग्य लाभुकों का आवेदन प्राप्त किया गया वहीं दर्जनों लाभुकों को ऑन-द-स्पॉट सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की लाभ प्रदान की गई।

खरसावां प्रखंड के चिलकु पंचायत में विधायक दशरथ गागराई तथा नीमडीह प्रखंड के जानुम पंचायत में विधायक सबिता महतो हुए उपस्थित

'आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत आज खरसावां प्रखंड के चिलकु पंचायत में माननीय विधायक श्री दशरथ गागराई खरसावां विधानसभा, तथा नीमडीह प्रखंड के आदरडीह एवं कुकड़ू प्रखंड के जानुम पंचायत में माननीय विधायक श्रीमती सबिता महतो, इचागढ़ विधानसभा मुख्य अतिथि के रूपये में उपस्थित होकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय विधायक श्री दशरथ गागराई एवं श्रीमती सबिता महतो जी के द्वारा सरकार द्वारा तीसरे चरण में चलाई जा रही आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य तथा इससे होने वाले लाभ एवं सरकार की उपलब्धियों के बारे में जानकारी साझा की गई। साथ ही लोगो से अपने अपने पंचायतो में आयोजित शिविर में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित हो सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ हेतु आवेदन करने के अपील की गई। इसके पश्चात शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण कर विभिन्न योजनाओं के तहत चयनित लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।

जिले के विभिन्न पंचायत में आयोजित शिविर में प्राप्त आवेदन तथा निष्पादित मामलों की संख्या निम्न प्रकार है

▪️ खरसावां (चिलकु)- 1742 आवेदन/533 निष्पादन

▪️ कुचाई (अरुवां)- 1691 आवेदन/6311 निष्पादन

▪️ चांडिल (रसूनिआ)- 1693 आवेदन/ 519 निष्पादन

▪️ नीमडीह (आदरडीह)- 1624 आवेदन/ 613निष्पादन

▪️ कुकड़ू (जानुम)- 1535 आवेदन/622 निष्पादन

▪️ नगर निगम आदित्यपुर (वार्ड-9, 10)- 276 आवेदन/00 निष्पादन

सरायकेला : आपकी योजना,आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत 02 दिसंबर 2023 को पंचायत स्तरीय शिविर का होगा आयोजन

सरायकेला : 'आपकी योजना,आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत कल दिनांक 02 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को जिले के पांच प्रखंड के पांच पंचायत तथा 02 नगर निकाय क्षेत्र के तीन वार्ड में पंचायत स्तरीय शिविर का आयोजन किया जाएगा। उक्त शिविर में विभिन्न विभागों के स्टाल लगा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी तथा योग्य लाभुकों के आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत चयनित लाभकों के बीच परीसंपत्तियों का वितरण किया जायेगा।

पंचायत स्तरीय शिविर में अधिक से अधिक भागीदारी का किया गया आयोजन

इस संबंध में उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला ने समस्त जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा है कि 'आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत जिले के सभी पंचायत में निर्धारित तिथि के तहत पंचायत स्तरीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है। अपने निकटतम आयोजित शिविर में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित हो सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त करें तथा योग्यतनुसार योजनाओं के लाभ हेतु आवेदन करें। साथ ही अपने आस-पास के लोगो को भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभ लेने हेतु प्रेरित करें।

होने वाले पंचायत स्तरीय शिविरों की सूची निम्न प्रकार है

▪️ सरायकेला- हद्दू

▪️ राजनगर- गम्हरिया

▪️ गम्हरिया- दुगनी

▪️ चांडिल- चिलगू

▪️ इचागढ़- टीकर

▪️ नगर निगम आदित्यपुर- वार्ड संख्या 11, 12 (सामुदायिक भवन आदित्यपुर)

▪️ नगर परिषद कपाली- संख्या - 05

चांडिल पुलिस ने बालू लदे एक हाइवा किया जब्त,चालक फरार

सरायकेला : चांडिल थाना क्षेत्र के एन-एच 33 कान्दरबेड़ा आसपास चांडिल थाना पुलिस बल ने एक बालू लॉडेट हाईवा संख्या JH05CF0396 गाड़ी को पकड़ा। पुलिस बल को देखते ही हाईवा चालक गाड़ी छोड़कर भाग निकले वहीं चांडिल पुलिस ने हाइवे को अपने कब्जे में लेकर बालू की चालान की जांच कर रही है।

चाण्डिल महिला पुलिस अधिकारी को पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इनका चालान का टाइमिंग फेल रहा ।

बालू लदा हाईवे पश्चिम बंगाल के गोपी बल्लवपुर से बालू ला रही थी । हाईवे गाड़ी नंबर संख्या JH05,CF, 0396 गाड़ी का 28/11/2023/-5 बज कर 17-मिनीट/,PM/ वैलिडिटी टाइम है । 29/11/2023/ 8 बजकर 17 मिनीट AM तक था ।

वही 1/12/2023 दिसंबर को सुबह चांडिल पुलिस ने कान्दरबेड़ा आसपास यह बालू लादे हाईवे को जप्त किया ।

चांडिल थाना प्रभारी दिनेश ठाकुर से पूछे जाने पर उन्होंने बताया की बालू लदा हाईवे पश्चिम बंगाल के झारग्राम जिला गोपीबल्लभपुर से आ रही थी जो कि उसके पास चालान हे या नहीं इसका जांच जिला खनन अधिकारी करेगी।

बालू लोड हाईवा ट्रक पकड़ा जाने पर पं0बंगाल या बिहार का चालान पेश किया जाता है, जैसे सरकार को लाखों रुपया राजस्व नुकसान हो रहा है।

मिली सूत्र के अनुसार झारखंड राज्य के राजस्व का मिली भगत लुटहोता है। सरायकेला खरसावां जिला के कुछ पदाधिकारी की मिलीभगत से बालू माफिया हो रहा हे मालामाल जेसे पश्चिम बंगाल के झारग्राम जिला के गोपीबल्लभपुर का चलाना की खरीदारी से और बालू सरायकेला जिला के चांडिल अनुमंडल स्थित ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत सुवर्णरेखा नदी के विभिन्न बालू घाट जेसे मानिकुई ,नीमडीह,चांडिल,ईचागढ़,तिरुलडीह , सोड़ो,जगरोडीह ,आदि घाटों से बालू की उठाव और चालान पश्चिम बंगाल की दिखाया जाता । एन एच 33 मुख्य राज्य मार्ग हाइवे में गाड़ी पहुंच जाने के बाद उक्त चालक का सो किया जाता । इससे अंदाजा लगाया जाए कितना गाड़ी लोकेल से अवेध बालू की धुलाई किया जाता हे।पश्चिम बंगाल की बालू के नाम पर ऊंचे स्तर से खरीदबिक्री होता हे।जिसे आप नागरिक को पीएम आवास बनाने के लिए मोटा रकम देकर बालू खरीदारी होता ।बालू के कारण आज कोई पीएम आवास अधर में लटके हुए हे।

आदित्यपुर सुवेक्षा होटल में हुई हत्या के बाद पुलिस ने की छापेमारी,होटल संचालक पर जांच के बाद होगी कार्रवाई

सरायकेला : आदित्यपुर सुवेक्षा होटल में हुई हत्या के बाद सरायकेला एसडीएम और डीएसपी हैड क्वाटर के नृतत्व में शहर के सभी होटलो में छापेमारी की गई जिसमें 4 जोड़ी युवक युवतियां को हिदायत दिया गया और होटल संचालकों पर एसडीएम और डीएसपी की ओर अग्रिम करवाई की जाएगी ।

जिला के आदित्यपुर थाना क्षेत्र में सुवेक्षा होटल में एक साल के अंदर 4 लोगो की हत्या के बाद सरायकेला जिला पुलिस अब होटल संचालकों पर अग्रिम करवाई को लेकर तेज हो गई है।

इस दौरान आज सुवेक्षा होटल में गुरुवार को हुई हत्या के बाद होटल के रूम नंबर 103 को शील कर दिया गया है । जिला प्रसाशन ने इसके बाद जिले के एसडीओ ओर डीएसपी को छापेमारी के आदेश दिया। आदित्यपुर के आर आई टी मोड़ के पास सुवेक्षा होटल , राय मार्केट के ओयों होटल में 4 जोड़े युवक युक्तियों को प्रसाशन ने जांच के दौरान पकड़ा और होटल के संचालकों सख्त हिदायत देकर करवाई करने की बात कही ।

आज विश्व एड्स दिवस,दुनिया में इस दिवस को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है

सरायकेला : विश्व एड्स दिवस पूरी दुनिया में हर साल 1 दिसम्बर को लोगों को एड्स (एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम) के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है। एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण के कारण होने वाला महामारी का रोग है। यह दिन सरकारी संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा एड्स से संबंधित भाषण या सार्वजनिक बैठकों में चर्चा का आयोजन करके मनाया जाता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने साल 1995 में विश्व एड्स दिवस के लिए एक आधिकारिक घोषणा की जिसका अनुकरण दुनिया भर में अन्य देशों द्वारा किया गया। एक मोटे अनुमान के मुताबिक, 1981-2007 में करीब 25 लाख लोगों की मृत्यु एचआईवी संक्रमण की वजह से हुई। यहां तक कि कई स्थानों पर एंटीरेट्रोवायरल उपचार का उपयोग करने के बाद भी, 2007 में लगभग 2 लाख लोग (कुल का कम से कम 270,000 बच्चे) इस महामारी रोग से संक्रमित थे।

विश्व एड्स दिवस समारोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य दिन समारोह बन गया है। विश्व एड्स दिवस स्वास्थ्य संगठनों के लिए लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने, इलाज के लिये संभव पहुँच के साथ-साथ रोकथाम के उपायों पर चर्चा करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

विश्व एड्स दिवस का इतिहास

विश्व एड्स दिवस की पहली बार कल्पना 1987 में अगस्त के महीने में थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न द्वारा की गई थी। थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न दोनों डब्ल्यू.एच.ओ.(विश्व स्वास्थ्य संगठन) जिनेवा, स्विट्जरलैंड के एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के लिए सार्वजनिक सूचना अधिकारी थे। उन्होंने एड्स दिवस का अपना विचार डॉ. जॉननाथन मन्न (एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के निदेशक) के साथ साझा किया, जिन्होंने इस विचार को स्वीकृति दे दी और वर्ष 1988 में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाना शुरू कर दिया।

उनके द्वारा हर साल 1 दिसम्बर को सही रुप में विश्व एड्स दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने इसे चुनाव के समय, क्रिसमस की छुट्टियों या अन्य अवकाश से दूर मनाने का निर्णय लिया। ये उस समय के दौरान मनाया जाना चाहिए जब लोग, समाचार और मीडिया प्रसारण में अधिक रुचि और ध्यान दें सकें।

एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम, जो यूएन एड्स के रूप में भी जाना जाता है, वर्ष 1996 में प्रभाव में आया और दुनिया भर में इसे बढ़ावा देना शुरू कर दिया गया। एक दिन मनाये जाने के बजाय, पूरे वर्ष बेहतर संचार, बीमारी की रोकथाम और रोग के प्रति जागरूकता के लिये विश्व एड्स अभियान ने एड्स कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वर्ष 1997 में यूएन एड्स शुरु किया।

शुरु के सालों में, विश्व एड्स दिवस के विषयों का ध्यान बच्चों के साथ साथ युवाओं पर केन्द्रित था, जो बाद में एक परिवार के रोग के रूप में पहचाना गया, जिसमें किसी भी आयु वर्ग का कोई भी व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित हो सकता है। वर्ष 2007 के बाद से विश्व एड्स दिवस को व्हाइट हाउस द्वारा एड्स रिबन का एक प्रतिष्ठित प्रतीक देकर शुरू किया गया था।

विश्व एड्स दिवस के विषय (थीम)

यूएन एड्स ने विश्व एड्स दिवस अभियान बीमारी के बारे में बेहतर वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिये विशेष वार्षिक विषयों के साथ इसका आयोजन किया।

विश्व एड्स दिवस के सभी वर्षों के विषयों की सूची इस प्रकार है:

वर्ष 1988 में एड्स दिवस अभियान का विषय, "संचार" था।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1989 का विषय, "युवा" था।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1990 का विषय, "महिलाएँ और एड्स" था।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1991 का विषय, 'चुनौती साझा करना" था।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1992 का विषय था, "समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1993 का विषय, "अधिनियम"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1994 का विषय, "एड्स और परिवार"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1995 का विषय, "साझा अधिकार, साझा दायित्व"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1996 का विषय, "एक विश्व और एक आशा"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1997 का विषय, "बच्चे एड्स की एक दुनिया में रहते हैं"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1998 का विषय, "परिवर्तन के लिए शक्ति: विश्व एड्स अभियान युवा लोगों के साथ।"

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1999 का विषय, " जानें, सुनें, रहें: बच्चे और युवा लोगों के साथ विश्व एड्स अभियान"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2000 का विषय, "एड्स: लोग अन्तर बनाते हैं"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2001 का विषय, "मैं देख-भाल करती/करता हूँ। क्या आप करते हैं"?

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2002 का विषय, "कलंक और भेदभाव"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2003 का विषय, "कलंक और भेदभाव"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2004 का विषय, "महिलाएँ, लड़कियाँ, एचआईवी और एड्स"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2005 का विषय था, "एड्स रोको: वादा करो"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2006 का विषय था, "एड्स रोको: वादा करो-जवाबदेही"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2007 का विषय था, "एड्स रोको: वादा करो- नेतृत्व"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2008 का विषय था, "एड्स रोको: वादा करो- नेतृत्व - सशक्त - उद्धार"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2009 का विषय था,“विश्वव्यापी पहुँच और मानवाधिकार”।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2010 का विषय था,“विश्वव्यापी पहुँच और मानवाधिकार”।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2011 से वर्ष 2015 तक का विषय था, "शून्य प्राप्त करना: नए एचआईवी संक्रमण शून्य। शून्य भेदभाव। शून्य एड्स से संबंधित मौतें"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2016 का विषय था, "एचआईवी रोकथाम के लिए हाथ ऊपर करें"

वर्ष 2017 में विश्व एड्स दिवस के लिए थीम "माई हेल्थ, माई राइट" था।

वर्ष 2018 में विश्व एड्स दिवस के लिए थीम "नो योर स्टेटस (Know Your Status)" था।

वर्ष 2019 में विश्व एड्स दिवस के लिए थीम "कम्युनिटीज मेक द डिफरेंस" था।

वर्ष 2020 में विश्व एड्स दिवस के लिए थीम "एंडिंग द HIV/AIDS एपिडेमिक: रेसिलिएंस एंड इम्पैक्ट" था।

विश्व एड्स दिवस पर लाल रिबन पहनने का महत्व

पूरे विश्व भर में लोग आज के दिन लाल रीबन पहनकर एड्स से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति अपनी भावनात्मकता व्यक्त करते है। ऐसा लोगों में इस मुद्दे के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही इस रोग से लड़ रहे लोगो के लिए सहायता राशि जुटाने के लिए भी लोग इस लाल रीबन को बेचते हैं।

इसी तरह यह, इस बामारी से लड़ते हुए अपनी जान गवानें लोगों के प्रति श्रद्धांजलि प्रदान करने का भी एक जरिया है। जैसा कि यूएनएड्स के द्वारा बताया गया है कि “यह लाल रिबन एचआईवी से ग्रस्त व्यक्तियों तथा उनके देखभाल करने वाले लोगों के प्रति सद्भावना प्रकट करने का एक तरीका है” विश्व एड्स दिवस के मौके पर लाल रिबन पहनना लोगों के भीतर इस मुद्दे पर जागरुकता लाने तथा इस बीमारी के पीड़ीतों से होने वाले भेदभाव को रोकने का एक अच्छा तरीका है। यह लाल रिबन लोगों में जागरुकता लाने के लिए पूरे विश्व भर में कही भी उपयोग किया जा सकता है।

विश्व एड्स दिवस पर क्रियाएँ

लोगों में जागरुकता बढ़ाने और उस विशेष वर्ष के विषय के सन्देश को प्रसारित करने के लिये विश्व एड्स दिवस पर विभिन्न प्रकार की क्रियाएँ की जाती हैं। लोगों के बीच में जागरुकता बढ़ाना ही कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य है। कुछ गतिविधियाँ नीचे दी गयी है:

समुदाय आधारित व्यक्तियों और संगठनों को योजनाबद्ध बैठक के आयोजन के लिये विश्व एड्स दिवस गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिये। ये अच्छी तरह से स्थानीय क्लीनिकों, अस्पतालों, सामाजिक सेवा एजेंसियों, स्कूलों, एड्स वकालत समूहों आदि से शुरू किया जा सकता है।

बेहतर जागरूकता के लिए वक्ताओं और प्रदर्शकों द्वारा एकल कार्यक्रम या स्वतंत्र कार्यक्रमों का एक अनुक्रम मंचों, रैलियों, स्वास्थ्य मेलों, समुदायिक कार्यक्रमों, विश्वास सेवाओं, परेड, ब्लॉक दलों और आदि के माध्यम से निर्धारित किये जा सकते हैं।

विश्व एड्स दिवस से मान्यता प्राप्त एजेंसी बोर्ड द्वारा एक सार्वजनिक बयान को प्रस्तुत किया जा सकता है।

स्कूलों, कार्य स्थलों या सामुदायिक समूहों के लिये लाल रिबन आशा के चिह्न के रुप में पहनना और बाँटना चाहिये। सामाजिक मीडिया के आउटलेट के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिबन भी वितरित किया जा सकता है।

सभी गतिविधियों (जैसे डीवीडी प्रदर्शनियाँ और एड्स की रोकथाम पर सेमिनार) व्यवसायों, स्कूलों, स्वास्थ्य देखभाल संगठनों, पादरी और स्थानीय एजेंसियों को उनके महान काम के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

किसी सार्वजनिक पार्क में एक कैण्डललाईट परेड आयोजित की जा सकती है या निकटतम एजेंसी में आयोजित गायकों, संगीतकारों, नर्तकों, कवियों, कहानी वक्ताओं और आदि मनोरंजक प्रदर्शन के माध्यम से एड्स की रोकथाम का संदेश वितरित कर सकता है।

विश्व एड्स दिवस के बारे में जानकारी अपनी एजेंसी की वेब साइट को जोड़ने के द्वारा वितरित की जा सकती है।

सभी की योजनाबद्ध कार्यक्रमों और गतिविधियों को पहले से ही ई-मेल, समाचार पत्र, डाक से या इलेक्ट्रॉनिक बुलेटिन के माध्यम से वितरित किया जाना चाहिए।

लोगों को एचआईवी / एड्स के लिए प्रदर्शनियों, पोस्टर, वीडियो आदि प्रदर्शित करके जागरूक किया जा सकता है।

विश्व एड्स दिवस की गतिविधियों के बारे में ब्लॉग, फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से या अन्य सामाजिक मीडिया वेबसाइटों के माध्यम से लोगों के एक बड़े समूह को सूचित किया जा सकता है।

विश्व एड्स दिवस मनाने के लिये अन्य समूह सक्रिय रूप से योगदान कर सकते हैं।

एक मोमबत्ती की रोशनी के समारोह को एचआईवी/एड्स के कारण जिन व्यक्तियों का निधन हो गया हो की स्मृति में आयोजित किया जा सकता है।

धार्मिक नेताओं को एड्स की असहिष्णुता के बारे में कुछ बात करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों को साहचर्य प्रदान करने के लिए भोजन, आवास, परिवहन सेवा शुरू की जा सकती है। उन में नैतिकता को बढ़ाने के लिये सामाजिक कार्य, पूजा या अन्य कार्यों में आमंत्रित किया जा सकता है।

विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य

हर साल विश्व एड्स दिवस मनाने का उद्देश्य, नए और प्रभावी नीतियों और कार्यक्रमों को बनाने, स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के साथ ही एचआईवी/एड्स के प्रति स्वास्थ्य क्षेत्रों की क्षमता को बढ़ाने के लिए सदस्य राज्यों का अच्छी तरह से समर्थन करना है। विश्व एड्स दिवस के मुख्य उद्देश्यों में से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं:

विश्व स्तर पर एचआईवी / एड्स के लिए रोकथाम और नियंत्रण के उपायों को बढ़ाने के लिए सदस्य देशों का मार्गदर्शन।

सदस्य देशों को रोकथाम की योजना लागू करने, देख-रेख करने के साथ ही साथ एचआईवी / एड्स के इलाज, परीक्षण, एसटीआई नियंत्रण और एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी के लिये तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना।

लोगों को उन एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं या अन्य वस्तुओं के बारे में जागरूक करना जो एचआईवी / एड्स के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं।

सबसे प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए अभियान में सम्मानित (धार्मिक/कुलीन) समूहों को शामिल करना।

एड्स के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं में योगदान करने के लिए स्कूलों, विश्वविद्यालयों और सामाजिक संगठनों से अधिक छात्रों को प्रोत्साहित करना।

एचआईवी / एड्स के संक्रमित रोगियों की संख्या को नियंत्रित करने के साथ ही धार्मिक समूहों को कंडोम के लिए प्रोत्साहित करना।

विश्व एड्स दिवस नारा, उद्धरण और संदेश

"एचआईवी/एड्स की कोई सीमा नहीं है।"

“एक व्यक्ति की एड्स से मदद, समाज की मदद के समान है”।

“एड्स एक बिल्कुल दुखद बीमारी है। एड्स के बारे में कोई दैवीय प्रतिकार मानना बकवास के समान है”।

"एक बच्चे को प्यार, हँसी और शांति दें, एड्स नहीं"।

“मैं एक व्यक्ति को जानता हूँ जो नपुंसक था, जिसने अपनी पत्नी को एड्स दिया और जो एक चीज उन्होंने की वो केवल एक किस (चुम्बन) थी।”

"यदि आप लोगों को आंकलन करते है, तो आपके पास उन्हें प्यार करने के लिए कोई समय नहीं है।"

"एड्स एक बीमारी है कि इसके बारे में बात करना मुश्किल है"।

"मेरे बेटे की एड्स से मौत हो गई है।"

"एड्स पर शिक्षा की कमी, भेदभाव, भय, और आतंक के कारण झूठ ने मुझे घेर लिया।"

"आपको एक दोस्त के साथ एक गले लगने या हाथ मिलाने या भोजन करने से एड्स नहीं हो सकता है"।

“एड्स बहुत डरावना है। मुझे उम्मीद है कि यह मुझे नहीं है”।

एड्स के बारे में

एड्स(इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम या एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम) एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनो वायरस) की वजह से होता है, जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। इस रोग को पहली बार 1981 में मान्यता मिली। ये एड्स के नाम से पहली बार 27 जुलाई 1982 को जाना गया।

एचआईवी संक्रमण आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में प्रेषित हो जाता है यदि उन्होंने शारीरिक द्रव या रक्त श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से कभी सीधे संपर्क किया है। पहले की अवधि में, एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों पर बहुत से सामाजिक कलंक (लांछन) लगाये जाते थे। अनुमान के मुताबिक, ये उल्लेख किया गया है कि, 33 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हैं और 2 लाख लोगों का हर साल इसकी वजह से निधन हो जाता है।

एचआईवी एक वायरस है, यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की टी-कोशिकाओं पर हमला करता है और जिसके कारण एक रोग होता है जो एड्स के रूप में जाना जाता है। यह मानव शरीर के तरल पदार्थों में पाया जाता है जैसे: संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य, योनि तरल पदार्थ, स्तन के दूध में जो दूसरों में सीधे संपर्क जैसे: रक्त आधान, ओरल सेक्स, गुदा सेक्स, योनि सेक्स या दूषित सुई का इंजेक्शन लगाने से फैलता है। यह प्रसव के दौरान या स्तनपान के माध्यम से गर्भवती महिलाओं से बच्चों में भी फैल सकता है।

ये पश्चिम-मध्य अफ्रीका के क्षेत्र में 19 वीं और 20 वीं सदी में हुआ था। असल में इसका कोई भी इलाज नहीं है, लेकिन हो सकता है कि कुछ उपचारों के माध्यम से कम किया जा सके।

एचआईवी / एड्स के लक्षण और संकेत

एचआईवी / एड्स से संक्रमित व्यक्ति के निम्नलिखित संकेत और लक्षण है:

बुखार

ठंड लगना

गले में खराश

रात के दौरान पसीना

बढ़ी हुई ग्रंथियाँ

वजन घटना

थकान

दुर्बलता

जोड़ो का दर्द

मांसपेशियों में दर्द

लाल चकत्ते

लेकिन, इस रोग के कई मामलों में प्रारंभिक लक्षण कई वर्षों तक दिखाई नहीं देते जिसके दौरान एचआईवी वायरस के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली नष्ट हो जाती है, जो लाइलाज है। संक्रमित व्यक्ति इस अवधि के दौरान किसी भी लक्षण को कभी महसूस नहीं करता है और स्वस्थ दिखाई देता है।

लेकिन एचआईवी संक्रमण (वायरस इसके खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं) के आखिरी चरण में व्यक्ति एड्स की बीमारी से ग्रसित हो जाता है। आखिरी चरण में संक्रमित व्यक्ति को निम्नलिखित संकेत और लक्षण दिखने शुरू हो जाते है:

धुंधली दृष्टि

स्थायी थकान

बुखार (100 degree F के ऊपर)

रात का पसीना

दस्त (लगातार और जीर्ण)

सूखी खाँसी

जीभ और मुंह पर सफेद धब्बे

ग्रंथियों में सूजन

वजन घटना

साँसों की कमी

ग्रास नलीशोथ (कम घेघा अस्तर की सूजन)

कपोसी सार्कोमा, गर्भाशय ग्रीवा, फेफड़ों, मलाशय, जिगर, सिर, गर्दन के कैंसर और प्रतिरक्षा प्रणाली (लिम्फोमा) का कैंसर।

मेनिनजाइटिस, इन्सेफेलाइटिस और परिधीय न्यूरोपैथी

टोक्सोप्लाज़मोसिज़ (मस्तिष्क का संक्रमण)

यक्ष्मा

निमोनिया

एड्स के बारे में समाज में कुछ मिथक फैल गये हैं। एड्स हाथ मिलाने, गले लगने, छींकने, अटूट त्वचा को छूने या एक ही शौचालय के उपयोग के माध्यम से कभी नहीं फैलता है।