रोडवेज बस ने बाइक सवार को सामने से मारी टक्कर, दो लोग गम्भीर रूप से जख्मी

लखनऊ- मलिहाबाद थाना क्षेत्र में निर्माणाधीन लखनऊ-हरदोई हाइवे पर हरदोई की तरफ से लखनऊ आ रही रोड़वेज बस ने सामने से आ रहे बाइक सवार को जोरदार टक्कर मार दी। जिससे एक बाइक पर सवार दो व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हो गये। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुचाया, जहां से दोनों को ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।

पुलिस ने बताया कि हरदोई जनपद के थाना बेहटा क्षेत्र के टोडरमल ब्लॉक निवासी मुकीद टेंट का काम करता है। शुक्रवार को आपने साथी पातीराम निवासी सुरजीतपुर गांव के साथ लखनऊ से वापस अपने गांव जा रहे थे। मलिहाबाद चौराहा के निकट बैंकऑफ बड़ौदा के पास हरदोई की तरफ से आ रही रोड़वेज बस ने सामने से बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों बाइक सहित उछलकर दूर जा गिरे। जिससे उनके सिर फट गए।

घटना के तुरंत ही बस चालक ने बस को रोका दिया। आसपास मौजूद राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने गम्भीर रूप से घायल पातीराम व मुकीद को अस्पताल पहुंचाया। जहां से दोनों को ट्रामा सेंटर रिफर कर दिया गया है। इस सबके बीच मौका मिलते ही चालक मौके से फरार हो गया। फिलहाल पुलिस ने बस को कब्जे में ले लिया है।

*दंडात्मक कार्यवाही से बचने के लिए पूर्व में जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराये प्रोमोटर्सः उप्र रेरा

लखनऊ- शुक्रवार को उ.प्र. रेरा ने प्रोमोटर्स को पूर्व में जारी निर्देशों की समीक्षा की और यह पाया कि प्रोमोटर्स द्वारा उनका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इस संबन्ध में उ.प्र. रेरा ने पंजीकृत रियल एस्टेट परियोजनाओं के प्रोमोटर्स को कार्यालय नोटिस जारी किया है, जिसमें पूर्व में जारी किए गए निर्देशों का समय से अनुपालन न होने पर आपत्ति जताई है। उनका अविलंब अनुपालन सुनिश्चित कराने को निर्देशित किया है। रेरा अधिनियम के प्राविधानों के तहत रेरा से जारी निर्देशों का अनुपालन न करना एक दंडनीय कृत्य है जिसके जिम्मेदार स्वयं प्रोमोटर्स होंगे।

ज्ञात हो कि उ.प्र. रेरा ने प्रोमोटर्स को बिना रेरा पंजीयन के परियोजना का प्रचार-प्रसार न करने, पंजीकृत परियोजनाओं के प्रोमोशन व विक्रय में परियोजना की रेरा पंजीयन सँख्या तथा रेरा पोर्टल का प्रमुखता से उल्लेख करने, परियोजनाओं से सम्बन्धित पत्राचार की प्रक्रिया को आधिकारिक व प्रभावी बनाने के लिए प्रोमोटर संस्थान के किसी जिम्मेदार निदेशक का विवरण उपलब्ध कराने, रेरा पोर्टल पर जानकार कार्मिकों की ओर से परियोजनाओं की जानकारी ठीक करते हुए समस्याओं का निस्तारण करने, उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए परियोजनाओं से जुड़े सम्पर्क नम्बर सदैव क्रियाशील रखने, वृहद स्तर की परियोजनाओं के लिए हेल्पलाइन नम्बर रखने और उन पर जानकार व्यक्ति की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था।

इसके अतिरिक्त नवीन परियोजनाओं के पंजीयन में तेजी लाने के लिए परियोजना सम्बन्धित सभी जानकारी भरने, तीनों बैंक खाते खोलने और स्थायी निर्देश की कॉपी पोर्टल पर अपलोड करने, उपभोक्ता के साथ अनुबन्ध केवल रेरा पोर्टल पर उपलब्ध प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित एग्रीमेन्ट फॉर सेल के प्रारूप पर करने, पंजीयन विस्तार का लाभ प्राप्त करने के लिए सभी लंबित और वर्तमान त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट अपलोड करने और नियामक प्राधिकरण के निर्देशानुसार सामयिक जानकारी उपलब्ध कराना शामिल था।

निर्देशों की समीक्षा में यह पाया गया कि कुल 1810 अपेक्षित प्रोमोटर्स में से केवल 666 प्रोमोटर्स द्वारा पत्राचार के लिए निदेशक की जानकारी अपलोड की गई है। प्रोमोटर्स द्वारा परियोजनाओं का प्रचार प्रसार रेरा पंजीयन सँख्या और पोर्टल का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया जा रहा है। इस कारण लगभग 130 से ज्यादा विज्ञापनों में रेरा अधिनियम के अनुसार नोटिस प्रोमोटर्स को प्रेषित किए गए है। रेरा अधिनियम की धारा-37 में प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप उ.प्र. रेरा ने सभी प्रोमोटर्स को कार्यालय नोटिस के माध्यम से फिर से निर्देश जारी किया है और धारा-63 के तहत निर्देशों का अनुपालन न करना दंडनीय है।

उ.प्र. रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी के अनुसार, "रियल एस्टेट सेक्टर के हितधारकों को रेरा अधिनियम के प्राविधानों के अनुरूप ही कार्य करना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए ही निर्देश जारी किए गए थे और उनका अनुपालन करने से पंजीयन और पंजीयन विस्तार सहित अन्य कार्यों में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और जवाबदेही आएगी। हम आशा करते है कि प्रोमोटर्स द्वारा जारी निर्देशों का 100 फ़ीसदी पालन किया जाएगा।"

विद्युत उपभोक्ताओं को ठगने की तैयारी में बिजली कंपनियांः उपभोक्ता परिषद

लखनऊ- प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में गुरूवार देर शाम वार्षिक राजस्व आवश्यकता रिपोर्ट दाखिल की गई। जिसमें 11000 करोड से ज्यादा का गैप दिखाया गया है। साथ ही साथ ही इसे विद्युत नियामक आयोग के ऊपर ही छोड़ा गया है। वह इस गैप को अपने तरीके से निर्णय करें। इसके विरोध में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर यह मुद्दा उठाया। जब प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड रूपया सरप्लस निकल रहा है और वह भी विद्युत नियामक आयोग ने निकाला है। ऐसे में उसके एवज में बिजली दरों में बढोतरी का चोर दरवाजे से प्रस्ताव दाखिल किया जाना अपने आप में चिंता का विषय है।

उपभोक्ता परिषद ने इससे संबंधित एक जनहित प्रस्ताव भी आयोग में दाखिल किया और कहा कि वास्तव में बिजली कंपनियों को यदि कानून की जानकारी है तो कानून के तहत 33122 करोड के एवज में दरों में कमी का प्रस्ताव दाखिल करना चाहिए था। ऐसे में विद्युत नियामक आयोग तत्काल जनहित में निर्णय लेते हुए बिजली कंपनियों की ओर से दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता को बिजली कंपनियों को वापस करते हुए संशोधित प्रस्ताव मंगवाये, जिसमें उपभोक्ताओं के निकल रहे सर प्लस के एवज में दरों में कमी का प्रस्ताव दाखिल करने का निर्देश जारी करे।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियां प्रदेश के उपभोक्ताओं को नादान समझती है। वह क्या सोचती है? विद्युत नियामक आयोग के निर्णय के खिलाफ उनके द्वारा एपलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दाखिल करके उपभोक्ताओं को लाभ से वंचित कर लेंगे तो उन्हें शायद यह ज्ञान नहीं है कि केवल मुकदमा दाखिल करने से कोई प्रक्रिया नहीं रुकती है , जब तक की किसी भी याचिका में कोई अंतरिम आदेश न जारी किया गया हो और या तो कोई स्टे आर्डर जारी किया गया हो। ऐसे में मुकदमा दाखिल करने मात्र से प्रक्रिया रोकी नहीं जा सकत, इसलिए अब समय आ गया है कि विद्युत नियामक आयोग को प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का जो सर प्लस धनराशि टैरिफ आदेश में निकला है। उसके आधार पर बिजली दरों में कमी का संशोधित प्रस्ताव मंगवाया जाए। अन्यथा की स्थिति में उपभोक्ता परिषद को अपने तरीके से वैधानिक कार्रवाई के लिए बाध्य होना पडेगा।

मां चन्द्रिका देवी मंदिर का होगा सौन्दर्यीकरण, लगभग 8 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत

लखनऊ- प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ के बख्शी का तालाब स्थित माँ चन्द्रिका देवी मंदिर के सौन्दर्यीकरण एवं लाइटिंग कार्य के लिए लगभग 8 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस धनराशि में से मंदिर परिसर के सौन्दर्यीकरण कार्य पर 6.30 करोड़ रुपये तथा प्रकाश आदि की व्यवस्था के लिए 1.65 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जायेगी। यह प्राचीन मंदिर लखनऊ के धार्मिक स्थलों में प्रमुख स्थान रखता है। यहां पर दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं दर्शनार्थी साल भर आते हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए पर्यटक सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि बख्शी का तालाब विकासखंड में कठवारा गांव स्थित मां चंद्रिका देवी का अत्यंत प्राचीन और भव्य मंदिर है। प्रदेश में इस शक्तिपीठ का अपना अलग महत्व है। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। अमावस्या पर बड़ा मेला लगता है। इसमें स्थानीय लोगों के अलावा बाहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। बड़ी संख्या में ऐसे भी श्रद्धालु आते हैं जो यहां पूजा-अर्चना करने के बाद बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और रूमी दरवाजा आदि जगह भ्रमण करते हैं।

श्री सिंह ने बताया कि मां चंद्रिका देवी मंदिर परिसर में जिगजैग रेलिंग, पहुंच मार्ग का निर्माण, प्रकाश व्यवस्था और साइनेज लगाए जाएंगे। इसके अलावा हाईमास्क लाइटें, तालाब का निर्माण, जलनिकासी की व्यवस्था की जाएगी। बेंच, बच्चों का पार्क भी बनेगा और गोमती नदी पर घाट का विकास कराया जाएगा। कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था समेत अन्य कार्य कराए जाएंगे। दूसरी योजना के तहत मां चंद्रिका देवी मंदिर 16 नंबर ट्यूबवेल से माँ चंद्रिका देवी मंदिर खंड तीन तक स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए पर्यटन स्थलों का विकास कराया जा रहा है। यहां की आवश्यकताओं को देखते हुए सुविधाओं में और वृद्धि की जा रही है। उन्होंने बताया कि यथाशीघ्र इस मंदिर के लिए स्वीकृत धनराशि को अवमुक्त करते हुए प्रस्तावित कार्य शुरू करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार राजधानी के कई अन्य धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के इमारतों एवं मंदिरों आदि का सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जायेगा।

बाइबिल व कुरान के अनुसार लिव इन रिलेशनशिप मान्य नहीं,स्पेशल मैरिज एक्ट खत्म होना चाहिए: मनोजकांत

लखनऊ- संस्कृति पुनरूत्थान समिति व राष्ट्रधर्म प्रकाशन लिमिटेड के तत्वावधान में संस्कृति भवन राजेन्द्र नगर में 'विवाह' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने समलैंगिक विवाह व लिव इन रिलेसनशिप पर चिंता जाहिर की।

इस अवसर पर स्वामी मुरारी दास ने कहा कि सनातन धर्म के अलावा बाइबिल व कुरान के अनुसार भी समलैंगिक विवाह व लिव इन रिलेशनशिप मान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जब हम आधुनिकता में जियेंगे तो कैसा विवाह। आज बाजारीकरण प्रदर्शन करवा रहा है। व्यक्ति व परिवार का कर्तव्य क्या है। इसे हम भूल रहे हैं। इसलिए बच्चे भी असंस्कारित हो रहे है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख मनोजकांत ने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट को खत्म करने की आवश्यकता है। समलैंगिक विवाह केवल वासना तृप्ति के लिए किया जाता है तो उन्हें गोद लेने का अधिकार क्यों चाहिए। उन्होंने कहा कि हर बात में न्यायपालिका को हस्तक्षेप भी नहीं करना चाहिए।

मनोजकांत ने कहा कि मुगलकाल में पारिवारिक व्यवस्था में शिथिलता आयी है। जहां से व्यक्ति समाज के लिए बनता था वह परिवार आज कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा हिन्दू धर्म में विवाह एक संस्कार है। आध्यात्मिक उन्नति के लिए विवाह आवश्यक माना गया है। प्राचीनकाल में आठ प्रकार के विवाह प्रचलित थे। सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख ने कहा कि बाजारवाद समाज को तोड़ रहा है। इसके लिए समाज को जागरूक होना पड़ेगा। सामाजिक विषमता को दूर करना होगा। शिक्षा मूल्यपरक होनी चाहिए।

राष्ट्रधर्म के प्रभारी निदेशक सर्वेशचन्द्र द्विवेदी ने कहा कि समलैंगिक विवाह अप्राकृतिक है। यह अपसंस्कृति का आक्रमण है। इसके लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसके लिए राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा जायेगा।

बाबूलाल शर्मा ने कहा कि इसके लिए समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है। विवाह केवल स्त्री-पुरूष के बीच ही होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. हरमेश सिंह चौहान ने की।

डिप्लोमा इंजीनियर्स पीडब्लूडी का मुख्यालय पर धरना स्थगित

लखनऊ। डिप्लोमा इंजीनियर्स लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर्स द्वारा एक दिसम्बर को मुख्यालय पर आयोजित प्रदेश स्तरीय धरना स्थगित कर दिया गया है। यह जानकारी प्रदेश अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी ने दी।

द्विवेदी ने बताया कि इं. अरविन्द्र कुमार जैन प्रमुख अभियंता विकास एवं विभाागध्यक्ष, प्रमुख अभियंता इं. वी.के. श्रीवास्तव प्रमुख अभियंता ग्रामीण संड़क द्वारा बलिया में दबंग ठेकेदार और तीन जनपदों के अधिशासी अभियंताओं द्वार उत्पीड़न को रोकने का सुस्पष्ट आश्वासन मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया।

वार्ता से संघ की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी, महामंत्री इं. प्रकाश चन्द्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं. श्रवण कुमार के साथ इं. एच.एन. मिश्रा अध्यक्ष डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ शामिल थे।

ज्ञात हो कि बलिया में ठेकेदारों द्वारा की जा रही गुण्डागर्दी को रोकने तथा उनके विरूद्व गैंगस्टर की कार्यवाही करने और औरया, मुजज्जफर नगर, लखीमपुर के अधिषासी अभियंताओं द्वारा डिप्लोमा इंजीयनर्स के उत्पीड़न को रोकने तथा उनके विरूद्व कार्यवाही की मांग की।

डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रेषित संघर्ष नोटिस 10 नवम्बर के माध्यम से प्रस्तुत किये गये मांग पत्र पर विभागीय उदासीनता प्रदर्षित करते हुए विचार न किये जाने से प्रदेशभर के डिप्लोमा इंजीनियर्स में व्यापक आक्रोष 23 नवम्बर पूरे प्रदेश के मण्डल मुख्यालय पर धरना/विरोध प्रदर्शन कर एक दिसम्बर को राजधानी में आकर प्रदेश भर के डिप्लोमा इंजीनियर्स ने मुख्यालय घेराव का निर्णय लिया था।

उच्च स्तर पर संघ से वार्ता के उपरान्त आला अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासन के उपरान्त संघ के उच्च कार्यकारिणी ने 1 दिसम्बर का प्रस्तावित धरना, घेराव स्थगित कर दिया है। कार्यकारिणी स्थगन पत्र में यह स्थगन दो सप्ताह के समय के लिए दिया है। आश्वासन के अनुसार कार्यवाही न होने पर 19 को पुनः आन्दोलन की घोषणा की जाएगी।

सरोजनीनगर में गरीबों को बांटे गए कंबल और कपड़े

लखनऊ। सरोजनीनगर में गुरुवार की सुबह 10 से 11:30 बजे तक क्षेत्र के गौरी स्कूटर इंडिया अमौसी के आनंद विहार में गरीब निर्धन परिवारों को ठंड से बचाने के लिए सामाजिक संस्था राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद आगे आकर कम्बल व गर्म कपड़े वितरित किए गए।

बढ़ती ठंड को देखते हुए गांव एवं शहर के विभिन्न जगह पर जरूरत मंद परिवार को चिन्हित कर पांच सौ से ज्यादा गरीबों को कंबल एवं कपड़े बांटे गए।समाज हित के लिए बनाई गई इस संस्था की ओर से गरीब पुरुषों को कपड़े एवं गरीब महिलाओं को कंबल बांटे गए।

संस्था अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने बताया कि शीतलहर और सर्द हवाओं से कड़कती ठंड की वजह से सड़क किनारे सोने वाले लोग खुद को इससे बचाते हुए नज़र आए। ऐसे में संस्था की ये टीम अपनी गाड़ी में राहत सामग्री और कंबल लेकर ठंड से बचाते हुए इन बेघर लोगों को दिखें।

अंकित शुक्ला ने कहा कि हमारी टीम छोटी हैं और हम सब अपनी कमाई के पैसे से मिलकर ये काम करते है। हम सब इस समाज से बहुत कुछ लेते है और हमारा यह फर्ज है कि हमें जितना मिला है।

उसका कुछ अंश इस समाज को जरूर लौटाएं। साथ ही इनकी टीम ने खुले आसमान के नीचे रात गुजारते गरीबों को यह एहसास दिलाया कि समाज में मानवता खत्म नहीं हुई है। कार्यक्रम में मोहित शुक्ला, अजीत लल्लू , अश्वनी, सोनू, मनीष सिंह ,जतिन, अमन सिंह , सत्यम सिंह , दिलीप, कमल , पप्पू , प्रमोद , मनोज सहित तमाम अन्य लोग मौजूद रहे।

शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय के दिव्यांग छात्रों ने गेट बंद कर किया प्रदर्शन, अन्य छात्रों से धक्का मुक्की, छात्रा घायल

लखनऊ। मोहान रोड स्थित डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालयत्र में चौथे दिन गुरूवार को भी दिव्यांग छात्र अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। जहॉ मुख्य प्रवेश द्धार पर अन्य जबरदस्ती गेट खोलने लगे।

जहां प्रदर्शनकारी छात्रों से धक्का मुक्की होने लगी। उसी दौरान एक छात्रा के गंभीर चोट आ गई। जिससे छात्रा बेहोश हो गई। बेहोश छात्रा को एम्बुलेंस से लोकबंधू अस्पताल भिजवाया गया। जहॉ उसे ट्रामासेंटर रेफर कर दिया गया।

विश्वविद्यालय में दिव्यांग छात्र चीफ प्राक्टर सैफाली यादव को हटाने, सीसीटीवी कैमरे लगवाने, शुद्ध पेयजल, रिकार्डर व्यवस्था सहित विभिन्न मांगों को लेकर गेट बंद कर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान के अन्य छात्र गेट खोलने लगे।

जिसको लेकर प्रदर्शनकारी छात्रों से धक्का मुक्की होनें लगी। उस दौरान छात्रा को गंभीर चोट आ गई। छात्र आशीष जाटव, राहुल यादव, अंकुर कुमार, तबस्सुम, अर्जुन प्रजापति, विजय शर्मा, पवन मिश्रा, राज भारती ने आरोप लगाया कि अपनी मांगों को लेकर शांति पूर्वक गेट बंद कर प्रदर्शन कर रहे थे।

पुलिस व विश्वविद्यालय प्रशासन की मौजूदगी में अन्य छात्र आए और जबरन गेट खोलने लगे। विरोध करने पर दिव्यांग छात्रा डीएएड वीआई द्धितीय वर्ष पूजा गौड़ व छात्र आशीष जाटव की पिटाई कर दी। जहॉ पूजा गौड़ को गंभीर चोट आ गई और बेहोश हो गई। जिसे एम्बुलेंस से लोकबंधू भिजवाया।

जहॉ डाक्टरों ने उसे ट्रामासेंटर रेफर कर दिया। साथ ही आरोप लगाया कि लॉ फैकल्टी के छात्र चीफ प्राक्टर के कहने पर आए थे और मारपीट की। देर शाम तक छात्र चीफ प्राक्टर सैफाली यादव को हटाने व मारपीट करने वाले दोषी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन जारी रखा।

वहीं शाम को एसडीएम सरोजनीनगर सचिन वर्मा मौके पर पहॅुचे और छात्रों से वार्ता की। जहॉ छात्र अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। वहीं एसडीएम सचिन वर्मा ने छात्रों से लिखित ज्ञापन मांगा। साथ ही कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं छात्रों ने 22 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन एसडीएम सरोजनीनगर सचिन वर्मा को सौंपा।

छोटे और मध्यम वर्गी किसानों से प्राथमिकता के आधार पर धान क्रय किया जायेः मंडलायुक्त

लखनऊ। मण्डलायुक्त डा रोशन जैकब की अध्यक्षता में आज अपने कार्यालय सभाकक्ष में धान क्रय किये जाने के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण मण्डलीय समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। उन्होंने धान क्रय से सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

मण्डलायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों का धान क्रय का भुगतान बिना किसी विलम्ब के ससमय कराया जाये। उन्होंने कहा कि धान क्रय के उपरान्त 48 घण्टे में किसानों का भुकतान सभी संबंधित संस्थाएं करना सुनिश्चित करे। छोटे और मध्यम वर्गी किसानों से प्राथमिकता के आधार पर धान क्रय किया जाये। सभी धान क्रय केन्द्रों का गुणवत्तापूर्ण एवं पारदर्शी ढंग से संचालन किया जाये।

उन्होंने निर्देश दिये कि सम्बन्धित अधिकारी प्रत्येक सप्ताह धान क्रय केन्द्रों का निरीक्षण करते रहे और प्रतिदिन क्रय सेन्टरों का फीडबैक लेते रहे। किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न उत्पन्न होने पाये।

बैठक के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि मण्डल में 9,95,000 मैट्रिक टन धान क्रय का लक्ष्य निर्धारित है। मण्डल के सभी क्रय सेन्टरों को क्रियाशील कर दिया गया है। लखनऊ में 29 क्रय सेन्टर बनाये गये है जिसके दौरान 01 नवम्बर से धान क्रय केन्द्र पर खरीद प्रारम्भ कर दी गयी है।

इसी के क्रम में मण्डल के सभी जनपदों के धान क्रय केन्द्र का मण्डलायुक्त द्वारा फीडबैक लिया गया। संबंधित अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी एवं रायबरेली में स्थापित कुल 573 क्रय केन्द्रों पर 617 वाहनों में जीपीएस इंस्टॉल किया जा चुका है। मंडलायुक्त ने शेष वाहनों में जीपीएस इंस्टॉलेशन तत्काल कराने के निर्देश दिए।

मंडलायुक्त ने कहा कि प्रत्येक क्रय केन्द्र पर उपकरणों (इलेक्ट्रॉनिक काँटा, नमी मापक यंत्र व विनोईंग फैन एवं ई-पॉप मशीन) की उपलब्धता शतप्रतिशत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने कहा कि शासन के मंशानुरूप पारदर्शी ढंग से गुणवत्तापरक धान क्रय एवं कृषकों को त्वरित भुगतान कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि सभी धान क्रय केंद्रों पर होल्डिंग व बैनर भी लगाया जाना सुनिश्चित किया जाये साथ ही उन्होंने कहा कि सेंटर वाइज धान क्रय का संबंधित अधिकारी द्वारा स्वयं समीक्षा किया जाय। उन धान खरीद केंद्रों पर विशेष फोकस किया जाए जिन केंद्रों कि पिछले वर्ष लक्ष्य के सापेक्ष खरीद अच्छी नहीं हुई ।

इस अवसर पर अपर आयुक्त न्यायिक घनश्याम सिंह, क्षेत्रीय खाद्यय नियंत्रक, सभी जनपदों के एआरएमओ सहित विभागीय अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

श्रम एवं सेवायोजन मंत्री ने किया उपकर संग्रहण के लिए बनाए गए पोर्टल का उद्घाटन

लखनऊ। प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने इंडियन बैंक द्वारा उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण द्वारा श्रमिकों के कल्याण हेतु वसूले जाने वाले उपकर संग्रहण के लिए बनाए गए पोर्टल का उद्घाटन आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस पोर्टल से श्रमिकों के कल्याण के लिए वसूले जाने वाले उपकर का डिजिटल संग्रह संभव हो सकेगा, जिससे संबंधित इस संबंध में डेटा का अपडेटेड रख-रखाव किया जाना आसान हो जाएगा।

श्रम मंत्री ने कहा कि देश के निर्माण और अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ‘श्रमेव जयते‘ के नारे के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार श्रमिकों के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।

प्राथमिकता पर किसानों और मजदूरों के हितलाभ की योजनायें चलाते हुए उनके जीवन शैली को बेहतर से बेहतर बनाने का कार्य किया जा रहा है और निश्चित ही यह पोर्टल श्रमिकों के बहुमुखी विकास की कड़ी में अभूतपूर्व भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि प्रभावी तरह से उपकर संग्रह के निरन्तर प्रयास से ही सार्थक परिणाम आयेंगे।

श्रम मंत्री ने कहा कि देश के विकास में श्रमिकों का बहुत बड़ा योगदान है। श्रमिकों के कल्याण के लिए सामूहिक प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि उनके और उनके परिवार, बच्चों के जीवन को बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा प्रदेश है, इसलिए यहाँ चुनौतियां भी कम नहीं है।

उन्होंने कहा कि उपकर संग्रह एक बहुत बड़ी चुनौती है, जिसे सभी के प्रयास से ही सरल, सुगम और पारदर्शी भी बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा इस पोर्टल को सफल बनाने के लिए लोगों को जागरूक करें। तभी इसकी सार्थकता सिद्ध होगी।

श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मन्नू कोरी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता श्रमिकों का विकास करना हैं। यह पोर्टल प्रदेश को डिजिटल बनाने के साथ-साथ प्रदेश के श्रमिकों के “श्रम को सम्मान‘‘ देना भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को डिजिटल बनाने की दिशा में यह पोर्टल इंडियन बैंक का एक महत्वपूर्ण प्रयास सिद्ध होगा।

प्रमुख सचिव श्रम, अनिल कुमार ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से सेस कलेक्शन सुगमतापूर्वक प्राप्त किया जा सकेगा और इसकी सतत् निगरानी भी की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक है कि समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन हो, तभी वास्तविकता में इसका लाभ लिया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि उपकर संग्रह पोर्टल के माध्यम से उपकर जमा करने की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया जा रहा है, जिससे श्रमिकांे को अधिक से अधिक लाभ पहुँचाया जा सकेगा।

बीओसीडबल्यू सचिव, निशा अनंत ने कहा कि सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए निर्माण कार्य से जुड़ी संस्थाओं और कंपनियों से 01 प्रतिशत का उपकर वसूल करती है, जिसे श्रमिकों के कल्याण में लगाया जाता है।

इस पोर्टल के माध्यम से मजदूरों के कल्याणकारी योजनाओं (बीमा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा, आपदा राहत आदि) में खर्च किए जाने के लिए वसूले जाने वाले उपकर के संग्रह करने में अधिक पारदर्शिता आएगी और श्रमिकों के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध हो सकेगी।

क्षेत्र प्रबन्धक, इण्डियन बैंक पंकज त्रिपाठी ने बताया कि अब उपकर जमा करने वाली संस्थाएं डेबिट या क्रेडिट कार्ड, यूपीआई, वॉलेट आदि के द्वारा पोर्टल के माध्यम से उपकर को डिजिटली जमा कर सकेंगी।

ऑनलाइन संग्रहण से उपकर भुगतान करने वालों को अधिक आसानी होगी, जिससे निश्चित रूप से उपकर संग्रहण की मात्रा में वृद्धि होगी। विभिन्न स्रोतों से उपकर संग्रह एक ही खाते में एकत्र किया जाएगा। 75 जिलों के अलग-अलग खाता बनाए रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह लेखांकन को अधिक स्पष्ट और आसान बना देगा।

श्री त्रिपाठी ने बताया कि उपकर संग्रह पोर्टल उपकर भुगतानकर्ता की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए सिंगल विन्डो ऑनलाइन प्लेटफार्म होगा। यहां उपकर भुगतानकर्ता स्वयं को पंजीकृत कर सकता है और अपने प्रोजेक्ट कार्यों के लिए उपकर का भुगतान कर सकता है, जो निर्माण गतिविधियों के लिए अनिवार्य है। इससे उपकर भुगतान के लिए उपकर भुगतानकर्ता का समय और प्रयास बचेगा और ऑनलाइन मोड के माध्यम से उपकर भुगतान करने में आसानी होगी।

इस कार्यक्रम में अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार राज्य परामर्शदात्री समिति, रघुराज सिंह, श्रम आयुक्त, मार्कंडेय शाही, विशेष सचिव श्रम कुणाल सिल्कू के अलावा श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित रहे।