saraikela

Dec 01 2023, 16:06

आदित्यपुर सुवेक्षा होटल में हुई हत्या के बाद पुलिस ने की छापेमारी,होटल संचालक पर जांच के बाद होगी कार्रवाई

सरायकेला : आदित्यपुर सुवेक्षा होटल में हुई हत्या के बाद सरायकेला एसडीएम और डीएसपी हैड क्वाटर के नृतत्व में शहर के सभी होटलो में छापेमारी की गई जिसमें 4 जोड़ी युवक युवतियां को हिदायत दिया गया और होटल संचालकों पर एसडीएम और डीएसपी की ओर अग्रिम करवाई की जाएगी ।

जिला के आदित्यपुर थाना क्षेत्र में सुवेक्षा होटल में एक साल के अंदर 4 लोगो की हत्या के बाद सरायकेला जिला पुलिस अब होटल संचालकों पर अग्रिम करवाई को लेकर तेज हो गई है।

इस दौरान आज सुवेक्षा होटल में गुरुवार को हुई हत्या के बाद होटल के रूम नंबर 103 को शील कर दिया गया है । जिला प्रसाशन ने इसके बाद जिले के एसडीओ ओर डीएसपी को छापेमारी के आदेश दिया। आदित्यपुर के आर आई टी मोड़ के पास सुवेक्षा होटल , राय मार्केट के ओयों होटल में 4 जोड़े युवक युक्तियों को प्रसाशन ने जांच के दौरान पकड़ा और होटल के संचालकों सख्त हिदायत देकर करवाई करने की बात कही ।

saraikela

Dec 01 2023, 13:06

आज विश्व एड्स दिवस,दुनिया में इस दिवस को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है

सरायकेला : विश्व एड्स दिवस पूरी दुनिया में हर साल 1 दिसम्बर को लोगों को एड्स (एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम) के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है। एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण के कारण होने वाला महामारी का रोग है। यह दिन सरकारी संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा एड्स से संबंधित भाषण या सार्वजनिक बैठकों में चर्चा का आयोजन करके मनाया जाता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने साल 1995 में विश्व एड्स दिवस के लिए एक आधिकारिक घोषणा की जिसका अनुकरण दुनिया भर में अन्य देशों द्वारा किया गया। एक मोटे अनुमान के मुताबिक, 1981-2007 में करीब 25 लाख लोगों की मृत्यु एचआईवी संक्रमण की वजह से हुई। यहां तक कि कई स्थानों पर एंटीरेट्रोवायरल उपचार का उपयोग करने के बाद भी, 2007 में लगभग 2 लाख लोग (कुल का कम से कम 270,000 बच्चे) इस महामारी रोग से संक्रमित थे।

विश्व एड्स दिवस समारोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य दिन समारोह बन गया है। विश्व एड्स दिवस स्वास्थ्य संगठनों के लिए लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने, इलाज के लिये संभव पहुँच के साथ-साथ रोकथाम के उपायों पर चर्चा करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

विश्व एड्स दिवस का इतिहास

विश्व एड्स दिवस की पहली बार कल्पना 1987 में अगस्त के महीने में थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न द्वारा की गई थी। थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न दोनों डब्ल्यू.एच.ओ.(विश्व स्वास्थ्य संगठन) जिनेवा, स्विट्जरलैंड के एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के लिए सार्वजनिक सूचना अधिकारी थे। उन्होंने एड्स दिवस का अपना विचार डॉ. जॉननाथन मन्न (एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के निदेशक) के साथ साझा किया, जिन्होंने इस विचार को स्वीकृति दे दी और वर्ष 1988 में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाना शुरू कर दिया।

उनके द्वारा हर साल 1 दिसम्बर को सही रुप में विश्व एड्स दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने इसे चुनाव के समय, क्रिसमस की छुट्टियों या अन्य अवकाश से दूर मनाने का निर्णय लिया। ये उस समय के दौरान मनाया जाना चाहिए जब लोग, समाचार और मीडिया प्रसारण में अधिक रुचि और ध्यान दें सकें।

एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम, जो यूएन एड्स के रूप में भी जाना जाता है, वर्ष 1996 में प्रभाव में आया और दुनिया भर में इसे बढ़ावा देना शुरू कर दिया गया। एक दिन मनाये जाने के बजाय, पूरे वर्ष बेहतर संचार, बीमारी की रोकथाम और रोग के प्रति जागरूकता के लिये विश्व एड्स अभियान ने एड्स कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वर्ष 1997 में यूएन एड्स शुरु किया।

शुरु के सालों में, विश्व एड्स दिवस के विषयों का ध्यान बच्चों के साथ साथ युवाओं पर केन्द्रित था, जो बाद में एक परिवार के रोग के रूप में पहचाना गया, जिसमें किसी भी आयु वर्ग का कोई भी व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित हो सकता है। वर्ष 2007 के बाद से विश्व एड्स दिवस को व्हाइट हाउस द्वारा एड्स रिबन का एक प्रतिष्ठित प्रतीक देकर शुरू किया गया था।

विश्व एड्स दिवस के विषय (थीम)

यूएन एड्स ने विश्व एड्स दिवस अभियान बीमारी के बारे में बेहतर वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिये विशेष वार्षिक विषयों के साथ इसका आयोजन किया।

विश्व एड्स दिवस के सभी वर्षों के विषयों की सूची इस प्रकार है:

वर्ष 1988 में एड्स दिवस अभियान का विषय, "संचार" था।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1989 का विषय, "युवा" था।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1990 का विषय, "महिलाएँ और एड्स" था।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1991 का विषय, 'चुनौती साझा करना" था।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1992 का विषय था, "समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1993 का विषय, "अधिनियम"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1994 का विषय, "एड्स और परिवार"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1995 का विषय, "साझा अधिकार, साझा दायित्व"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1996 का विषय, "एक विश्व और एक आशा"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1997 का विषय, "बच्चे एड्स की एक दुनिया में रहते हैं"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1998 का विषय, "परिवर्तन के लिए शक्ति: विश्व एड्स अभियान युवा लोगों के साथ।"

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 1999 का विषय, " जानें, सुनें, रहें: बच्चे और युवा लोगों के साथ विश्व एड्स अभियान"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2000 का विषय, "एड्स: लोग अन्तर बनाते हैं"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2001 का विषय, "मैं देख-भाल करती/करता हूँ। क्या आप करते हैं"?

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2002 का विषय, "कलंक और भेदभाव"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2003 का विषय, "कलंक और भेदभाव"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2004 का विषय, "महिलाएँ, लड़कियाँ, एचआईवी और एड्स"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2005 का विषय था, "एड्स रोको: वादा करो"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2006 का विषय था, "एड्स रोको: वादा करो-जवाबदेही"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2007 का विषय था, "एड्स रोको: वादा करो- नेतृत्व"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2008 का विषय था, "एड्स रोको: वादा करो- नेतृत्व - सशक्त - उद्धार"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2009 का विषय था,“विश्वव्यापी पहुँच और मानवाधिकार”।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2010 का विषय था,“विश्वव्यापी पहुँच और मानवाधिकार”।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2011 से वर्ष 2015 तक का विषय था, "शून्य प्राप्त करना: नए एचआईवी संक्रमण शून्य। शून्य भेदभाव। शून्य एड्स से संबंधित मौतें"।

विश्व एड्स दिवस के अभियान के लिए वर्ष 2016 का विषय था, "एचआईवी रोकथाम के लिए हाथ ऊपर करें"

वर्ष 2017 में विश्व एड्स दिवस के लिए थीम "माई हेल्थ, माई राइट" था।

वर्ष 2018 में विश्व एड्स दिवस के लिए थीम "नो योर स्टेटस (Know Your Status)" था।

वर्ष 2019 में विश्व एड्स दिवस के लिए थीम "कम्युनिटीज मेक द डिफरेंस" था।

वर्ष 2020 में विश्व एड्स दिवस के लिए थीम "एंडिंग द HIV/AIDS एपिडेमिक: रेसिलिएंस एंड इम्पैक्ट" था।

विश्व एड्स दिवस पर लाल रिबन पहनने का महत्व

पूरे विश्व भर में लोग आज के दिन लाल रीबन पहनकर एड्स से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति अपनी भावनात्मकता व्यक्त करते है। ऐसा लोगों में इस मुद्दे के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही इस रोग से लड़ रहे लोगो के लिए सहायता राशि जुटाने के लिए भी लोग इस लाल रीबन को बेचते हैं।

इसी तरह यह, इस बामारी से लड़ते हुए अपनी जान गवानें लोगों के प्रति श्रद्धांजलि प्रदान करने का भी एक जरिया है। जैसा कि यूएनएड्स के द्वारा बताया गया है कि “यह लाल रिबन एचआईवी से ग्रस्त व्यक्तियों तथा उनके देखभाल करने वाले लोगों के प्रति सद्भावना प्रकट करने का एक तरीका है” विश्व एड्स दिवस के मौके पर लाल रिबन पहनना लोगों के भीतर इस मुद्दे पर जागरुकता लाने तथा इस बीमारी के पीड़ीतों से होने वाले भेदभाव को रोकने का एक अच्छा तरीका है। यह लाल रिबन लोगों में जागरुकता लाने के लिए पूरे विश्व भर में कही भी उपयोग किया जा सकता है।

विश्व एड्स दिवस पर क्रियाएँ

लोगों में जागरुकता बढ़ाने और उस विशेष वर्ष के विषय के सन्देश को प्रसारित करने के लिये विश्व एड्स दिवस पर विभिन्न प्रकार की क्रियाएँ की जाती हैं। लोगों के बीच में जागरुकता बढ़ाना ही कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य है। कुछ गतिविधियाँ नीचे दी गयी है:

समुदाय आधारित व्यक्तियों और संगठनों को योजनाबद्ध बैठक के आयोजन के लिये विश्व एड्स दिवस गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिये। ये अच्छी तरह से स्थानीय क्लीनिकों, अस्पतालों, सामाजिक सेवा एजेंसियों, स्कूलों, एड्स वकालत समूहों आदि से शुरू किया जा सकता है।

बेहतर जागरूकता के लिए वक्ताओं और प्रदर्शकों द्वारा एकल कार्यक्रम या स्वतंत्र कार्यक्रमों का एक अनुक्रम मंचों, रैलियों, स्वास्थ्य मेलों, समुदायिक कार्यक्रमों, विश्वास सेवाओं, परेड, ब्लॉक दलों और आदि के माध्यम से निर्धारित किये जा सकते हैं।

विश्व एड्स दिवस से मान्यता प्राप्त एजेंसी बोर्ड द्वारा एक सार्वजनिक बयान को प्रस्तुत किया जा सकता है।

स्कूलों, कार्य स्थलों या सामुदायिक समूहों के लिये लाल रिबन आशा के चिह्न के रुप में पहनना और बाँटना चाहिये। सामाजिक मीडिया के आउटलेट के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिबन भी वितरित किया जा सकता है।

सभी गतिविधियों (जैसे डीवीडी प्रदर्शनियाँ और एड्स की रोकथाम पर सेमिनार) व्यवसायों, स्कूलों, स्वास्थ्य देखभाल संगठनों, पादरी और स्थानीय एजेंसियों को उनके महान काम के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

किसी सार्वजनिक पार्क में एक कैण्डललाईट परेड आयोजित की जा सकती है या निकटतम एजेंसी में आयोजित गायकों, संगीतकारों, नर्तकों, कवियों, कहानी वक्ताओं और आदि मनोरंजक प्रदर्शन के माध्यम से एड्स की रोकथाम का संदेश वितरित कर सकता है।

विश्व एड्स दिवस के बारे में जानकारी अपनी एजेंसी की वेब साइट को जोड़ने के द्वारा वितरित की जा सकती है।

सभी की योजनाबद्ध कार्यक्रमों और गतिविधियों को पहले से ही ई-मेल, समाचार पत्र, डाक से या इलेक्ट्रॉनिक बुलेटिन के माध्यम से वितरित किया जाना चाहिए।

लोगों को एचआईवी / एड्स के लिए प्रदर्शनियों, पोस्टर, वीडियो आदि प्रदर्शित करके जागरूक किया जा सकता है।

विश्व एड्स दिवस की गतिविधियों के बारे में ब्लॉग, फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से या अन्य सामाजिक मीडिया वेबसाइटों के माध्यम से लोगों के एक बड़े समूह को सूचित किया जा सकता है।

विश्व एड्स दिवस मनाने के लिये अन्य समूह सक्रिय रूप से योगदान कर सकते हैं।

एक मोमबत्ती की रोशनी के समारोह को एचआईवी/एड्स के कारण जिन व्यक्तियों का निधन हो गया हो की स्मृति में आयोजित किया जा सकता है।

धार्मिक नेताओं को एड्स की असहिष्णुता के बारे में कुछ बात करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों को साहचर्य प्रदान करने के लिए भोजन, आवास, परिवहन सेवा शुरू की जा सकती है। उन में नैतिकता को बढ़ाने के लिये सामाजिक कार्य, पूजा या अन्य कार्यों में आमंत्रित किया जा सकता है।

विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य

हर साल विश्व एड्स दिवस मनाने का उद्देश्य, नए और प्रभावी नीतियों और कार्यक्रमों को बनाने, स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के साथ ही एचआईवी/एड्स के प्रति स्वास्थ्य क्षेत्रों की क्षमता को बढ़ाने के लिए सदस्य राज्यों का अच्छी तरह से समर्थन करना है। विश्व एड्स दिवस के मुख्य उद्देश्यों में से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं:

विश्व स्तर पर एचआईवी / एड्स के लिए रोकथाम और नियंत्रण के उपायों को बढ़ाने के लिए सदस्य देशों का मार्गदर्शन।

सदस्य देशों को रोकथाम की योजना लागू करने, देख-रेख करने के साथ ही साथ एचआईवी / एड्स के इलाज, परीक्षण, एसटीआई नियंत्रण और एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी के लिये तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना।

लोगों को उन एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं या अन्य वस्तुओं के बारे में जागरूक करना जो एचआईवी / एड्स के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं।

सबसे प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए अभियान में सम्मानित (धार्मिक/कुलीन) समूहों को शामिल करना।

एड्स के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं में योगदान करने के लिए स्कूलों, विश्वविद्यालयों और सामाजिक संगठनों से अधिक छात्रों को प्रोत्साहित करना।

एचआईवी / एड्स के संक्रमित रोगियों की संख्या को नियंत्रित करने के साथ ही धार्मिक समूहों को कंडोम के लिए प्रोत्साहित करना।

विश्व एड्स दिवस नारा, उद्धरण और संदेश

"एचआईवी/एड्स की कोई सीमा नहीं है।"

“एक व्यक्ति की एड्स से मदद, समाज की मदद के समान है”।

“एड्स एक बिल्कुल दुखद बीमारी है। एड्स के बारे में कोई दैवीय प्रतिकार मानना बकवास के समान है”।

"एक बच्चे को प्यार, हँसी और शांति दें, एड्स नहीं"।

“मैं एक व्यक्ति को जानता हूँ जो नपुंसक था, जिसने अपनी पत्नी को एड्स दिया और जो एक चीज उन्होंने की वो केवल एक किस (चुम्बन) थी।”

"यदि आप लोगों को आंकलन करते है, तो आपके पास उन्हें प्यार करने के लिए कोई समय नहीं है।"

"एड्स एक बीमारी है कि इसके बारे में बात करना मुश्किल है"।

"मेरे बेटे की एड्स से मौत हो गई है।"

"एड्स पर शिक्षा की कमी, भेदभाव, भय, और आतंक के कारण झूठ ने मुझे घेर लिया।"

"आपको एक दोस्त के साथ एक गले लगने या हाथ मिलाने या भोजन करने से एड्स नहीं हो सकता है"।

“एड्स बहुत डरावना है। मुझे उम्मीद है कि यह मुझे नहीं है”।

एड्स के बारे में

एड्स(इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम या एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम) एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनो वायरस) की वजह से होता है, जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। इस रोग को पहली बार 1981 में मान्यता मिली। ये एड्स के नाम से पहली बार 27 जुलाई 1982 को जाना गया।

एचआईवी संक्रमण आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में प्रेषित हो जाता है यदि उन्होंने शारीरिक द्रव या रक्त श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से कभी सीधे संपर्क किया है। पहले की अवधि में, एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों पर बहुत से सामाजिक कलंक (लांछन) लगाये जाते थे। अनुमान के मुताबिक, ये उल्लेख किया गया है कि, 33 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हैं और 2 लाख लोगों का हर साल इसकी वजह से निधन हो जाता है।

एचआईवी एक वायरस है, यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की टी-कोशिकाओं पर हमला करता है और जिसके कारण एक रोग होता है जो एड्स के रूप में जाना जाता है। यह मानव शरीर के तरल पदार्थों में पाया जाता है जैसे: संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य, योनि तरल पदार्थ, स्तन के दूध में जो दूसरों में सीधे संपर्क जैसे: रक्त आधान, ओरल सेक्स, गुदा सेक्स, योनि सेक्स या दूषित सुई का इंजेक्शन लगाने से फैलता है। यह प्रसव के दौरान या स्तनपान के माध्यम से गर्भवती महिलाओं से बच्चों में भी फैल सकता है।

ये पश्चिम-मध्य अफ्रीका के क्षेत्र में 19 वीं और 20 वीं सदी में हुआ था। असल में इसका कोई भी इलाज नहीं है, लेकिन हो सकता है कि कुछ उपचारों के माध्यम से कम किया जा सके।

एचआईवी / एड्स के लक्षण और संकेत

एचआईवी / एड्स से संक्रमित व्यक्ति के निम्नलिखित संकेत और लक्षण है:

बुखार

ठंड लगना

गले में खराश

रात के दौरान पसीना

बढ़ी हुई ग्रंथियाँ

वजन घटना

थकान

दुर्बलता

जोड़ो का दर्द

मांसपेशियों में दर्द

लाल चकत्ते

लेकिन, इस रोग के कई मामलों में प्रारंभिक लक्षण कई वर्षों तक दिखाई नहीं देते जिसके दौरान एचआईवी वायरस के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली नष्ट हो जाती है, जो लाइलाज है। संक्रमित व्यक्ति इस अवधि के दौरान किसी भी लक्षण को कभी महसूस नहीं करता है और स्वस्थ दिखाई देता है।

लेकिन एचआईवी संक्रमण (वायरस इसके खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं) के आखिरी चरण में व्यक्ति एड्स की बीमारी से ग्रसित हो जाता है। आखिरी चरण में संक्रमित व्यक्ति को निम्नलिखित संकेत और लक्षण दिखने शुरू हो जाते है:

धुंधली दृष्टि

स्थायी थकान

बुखार (100 degree F के ऊपर)

रात का पसीना

दस्त (लगातार और जीर्ण)

सूखी खाँसी

जीभ और मुंह पर सफेद धब्बे

ग्रंथियों में सूजन

वजन घटना

साँसों की कमी

ग्रास नलीशोथ (कम घेघा अस्तर की सूजन)

कपोसी सार्कोमा, गर्भाशय ग्रीवा, फेफड़ों, मलाशय, जिगर, सिर, गर्दन के कैंसर और प्रतिरक्षा प्रणाली (लिम्फोमा) का कैंसर।

मेनिनजाइटिस, इन्सेफेलाइटिस और परिधीय न्यूरोपैथी

टोक्सोप्लाज़मोसिज़ (मस्तिष्क का संक्रमण)

यक्ष्मा

निमोनिया

एड्स के बारे में समाज में कुछ मिथक फैल गये हैं। एड्स हाथ मिलाने, गले लगने, छींकने, अटूट त्वचा को छूने या एक ही शौचालय के उपयोग के माध्यम से कभी नहीं फैलता है।

saraikela

Dec 01 2023, 10:12

*बुंडू :हेठकांची में बन रहे पुल में अनियमितता का आरोप, ग्रामीणों के विरोध के बाद पीलर के लिए बांधे गए छड़ो को ठेकेदार द्वारा खुलवाया गया।*

बुंडू:ग्रामीणों ने कार्य विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजनान्तर्गत बुंडू के हेठ कांची एवं बनघर गांवों के बीच कांची नदी पर बन रहे पुल में अनियमितता का आरोप लगाया। ग्रामीणों के विरोध के बाद पीलर निर्माण हेतु नींव में बांधे गए छड़ों को ठेकेदारों द्वारा खुलवाया गया।

 बताया गया कि पुनः ढलाई कर पीलर का निर्माण ग्रामीणों की इच्छानुसार की जाएगी। उक्त पुल का शिलान्यास गत 13 फरवरी को विधायक विकास कुमार मुंडा ने किया था। लगभग आठ करोड़ की लागत से बनने वाले उक्त पुल में कुल ग्यारह पीलर बनने हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बन रहे पीलर की नींव की गहराई कम रखी गई है।

 वहां दलदल है। ग्रामीणों के अनुसार डीपीआर में नींव की गहराई नीचे चट्टान मिलने तक होनी चाहिए लेकिन चट्टान मिलने से पहले ही नींव की छड़ बांध कर पीलर उठाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि कांची नदी पर ही हराडीह एवं बामलाडीह में बने पुल टुट गए और हारिण में बना पुल दब गया है। पुलों के टुटने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यहां पुल निर्माण पुरी मजबूती के साथ किया जाय। 

ग्रामीणों के विरोध के बाद गुरुवार को ठेकेदार द्वारा बांधे गए छड़ों को खोला गया। साइड इंचार्ज नागमणी कुमार ने कहा कि काम डीपीआर के अनुसार ही किया जा रहा है। फिर भी ग्रामीणों की मांग के अनुसार बांधे गए छड़ों को खोल दिया गया है। पुनः ढलाई की जाएगी और उसके बाद ही छड़ बांध पीलर निर्माण कार्य शुरु किया जाएगा। मौके पर उपस्थित विधायक प्रतिनिधि मनोज मंडल ने कहा कि काम डीपीआर के अनुसार ही ग्रामीणों की मांगों के अनुरुप पुरी मजबूती से किया जाय।

saraikela

Dec 01 2023, 10:10

नीमडीह प्रखंड के लुपुंगडीह तक राष्ट्रीय राजमार्ग 32 की स्थिति खस्ताहाल,उड़ते धूल और सड़क पर गड्डा से लोग परेशान*

सरायकेला : जिला के चांडिल गोलचक्कर मुख्य राज्य मार्ग से लेकर नीमडीह प्रखंड के लुपुंगडीह तक राष्ट्रीय राजमार्ग 32 की स्थिति खस्ताहाल है । 

सड़क पर बने अनगिनत गड्ढों और उड़ती धूल से राहगीरों के साथ आम लोग भी परेशान है।

 प्रतिदिन उड़ते धूल से राहगीर परेशान रहने लगे हैं।

चांडिल के इस सड़क की मरम्मत की मांग करते हुए स्थानीय लोग थक चुके हैं। बार-बार आश्वासन मिलने के बाद अब लोग इस मुद्दे पर बात करना बंद कर दिए है। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है। 

 सड़क की ऐसी स्थिति होने के कारण कई बार गाड़ियां खराब हो जाने के कारण सड़क पर लंबा जाम भी लग जाता है।हर दिन कई बार ऐसी स्थिति होती है जब लोगों को सड़क की खराब स्थिति के कारण ट्रैफिक से दो चार होना पड़ता है। खासकर बारिश के दिनों में यह स्थिति और भी भयावह हो जाती है। 

 रांची के सांसद संजय सेठ क्षेत्र में आने पर सड़क मरम्मत को लेकर हर बार अलग-अलग बात करते हैं। सांसद ने पहले कहा कि यह रेलवे का मामला है, फिर कहा कि बरसात खत्म होते ही सड़क मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा। बरसात के कारण काम नहीं हो पा रहा है, इसके बाद उन्होंने कहा कि छह तारीख से सड़क निर्माण का काम प्रारंभ होगा। सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बरसात बीत गए कई छह तारीख गुजर गए, लेकिन सड़क मरम्मत का काम अब तक शुरू नहीं सका है।  

जानकारी के अनुसार फिलहाल सड़क की मरम्मत के लिए निविदा प्रक्रिया में है। पहली बार निविदा निकाले जाने के बाद किसी भी ठेकेदार ने निविदा नहीं डाली थी। इसके बाद दूसरी बार निविदा निकाली गयी. इस बार तीन ठेकेदारों ने निविदा में हिस्सा लिया है।

saraikela

Nov 30 2023, 21:19

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से भटकते हुए हाथी का झुंड लेटेम्दा रेलवे स्टेशन पहुंचे


सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से भटकते हुए हाथी का झुंड लेटेम्दा रेलवे स्टेशन पहुंचे ।विशाल गजराज को देखने पहुंचे सैकडो ग्रामीण ,आज दोपहर के आसपास यह झुंड धान की खेत और जंगल होते ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचे। 

इस में विशाल ट्रस्कर हाथी कुकड़ु प्रखण्ड क्षेत्र के विभिन्न गांव में दलमा सेंचुरी के हाथियों के झुंड से बिछड़कर एकला भ्रमण करते देखे गए । 

चांडिल वन क्षेत्र के अधीन कुकडु प्रखण्ड के लेटेमदा साथ दर्जनों गांव में यह गजराज मस्त होकर विचरण करते रहते हे । जिसे देखने सैकडो की संख्या में ग्रामीण लेटेमदा पहुंचे ।यह गजराज एक गांव होकर दूसरे गांव धान की खेती में घुसकर अपना निवाला बनाकर चलते रहते । ओर पैर तले कुचल कर धान के पक्के फसल को नष्ट कर देते हैं

ग्रामीणों का कहना है कि चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीणों को हाथियों की झुंड द्वारा जान से मारने की कार्य किया। हमेशा जंगली हाथियों की झुंड इस क्षेत्र में विचरण करते रहते हैं । साथ ही गरीब किसान की उगाये गए फसल को खाते और नष्ट कर देते हैं। कभी कभी इन हाथियों के झुंड से लोगों की जान भी चली जाती है। कोई बार लोगो भागने के दौरान जख्मी हो जाते है।

चांडिल वन विभाग की ओर से गजराज की झुंड गांव ओर पंचायत में प्रवेश कर जाने की सूचना लोगो को नही दिए जाने के कारण ग्रामीणों को हाथियों का सामना करना पड़ता है । जिसे जान भी चले जाते हैं ।

जंगल और जंगली जीवजंतु की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा वन एवं पर्यावरण विभाग को प्रति बर्ष करोड़ों रुपया मुहैया कराया जाता है।ओर ग्रामीणों को आपने और अपनी परिवार की सुरक्षा खुद उठाना पड़ता है।

saraikela

Nov 30 2023, 21:17

कभी दलमा सेंचुरी नक्सलियों के आतंक का आतंक से तबाह था आज हाथियों के उपद्रव से लोग परेशान हैं


सरायकेला : झारखंड राज्य में एक दशक पूर्व लोग दलमा में नक्सलियों के आतंक से परेशान हैं।  पश्चिम बंगाल से हाथियों का झुंड घाटशिला ओर चाकूलिया से दलमा सेंचुरी में प्रवेश करते हैं। 

साथ ही उड़ीसा राज्य से हाथियों का झुंड सरायकेला खरसावां जिला के कंद्रा जंगल से वापस चले जाते हैं। पुरूलिया जिला के अयोध्या पहाड़ से झारखंड राज्य में प्रवेश कर जाते हैं परंतु दलमा सेंचुरी में एंट्री नही करते, जंगल में गजो का झुंड दलमा से सटे छोटे छोटे जंगलों में डेरा डाल देते हैं।

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से भटकते हुए हाथियों का झुंड लेटेम्दा रेलवे स्टेशन पहुंचे ।विशाल गजराज को देखने पहुंचे सैकडो ग्रामीण ,आज दोपहर के आसपास हाथियों का झुंड धान के खेत और जंगल होते ग्रामीण क्षेत्र में विशाल ट्रास्कर गजराज कुकड़ु प्रखण्ड क्षेत्र के विभिन्न गांव में दलमा सेंचुरी के गजराज की झुंड से बिछड़कर एकला भ्रमण करते देखा गया ।

saraikela

Nov 30 2023, 21:07

सरायकेला : 'आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत आज सरायकेला, विभिन्न पंचायतों तथा नगर निकाय के वार्ड में शिविर लगाया गया

 सरायकेला :'आपकी योजना,आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत आज सरायकेला-खरसावां जिले के 6सरायकेला प्रखंड के सिनी , राजनगर प्रखंड के डुमरडीहा , गम्हरिया प्रखंड के कपाली वार्ड संख्या वार्ड संख्या 04 में शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विभिन्न विभागों के स्टाल लगाकर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी तथा योग्य लाभुकों का आवेदन प्राप्त किया गया वहीं दर्जनों लाभुकों को ऑन-द-स्पॉट सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की लाभ प्रदान की गई।

नगर निगम आदित्यपुर के वार्ड संख्या 7-8 में माननीय मंत्री श्री चम्पाई सोरेन, सरायकेला के सिनी पंचायत में माननीय विधायक श्री दशरथ गागराई तथा गम्हरिया के बड़ाकांकड़ा पंचायत में जिला परिषद अध्यक्ष हुए उपस्थित.

 नगर निगम आदित्यपुर के वार्ड संख्या 7-8 में आयोजित शिविर में माननीय मंत्री श्री चम्पाई सोरेन आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री झारखण्ड सरकार उपस्थित हुए वही सरायकेला के सिनी पंचायत में आयोजित शिविर में माननीय विधायक श्री दशरथ गागराई तथा गम्हरिया प्रखंड के बड़ाकांकड़ा पंचायत में आयोजित शिविर में जिला परिषद अध्यक्ष श्री सोनाराम बोदरा उपस्थित हुए। विभिन्न कार्यक्रमों में उपस्थित मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों के द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपने-अपने मंतव्य साझा किए गए इसके पश्चात शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण कर विभिन्न योजनाओं के तहत चयनित लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।

आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में आयोजित शिविर को सम्बोधित करते हुए माननीय मंत्री श्री चम्पाई सोरेन नें कहा कि सरकार राज्य के ऐसे वर्ग जो किसी कारण वस योजनाओं से वंचित रह जाते है, कार्यालयों तक उनकी पहिचान नहीं हो पाती उन्हें योग्य योजनाओं का लाभ प्रदान करने हेतू लगातार तीसरी चरण में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित कर रही है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का सीधा लाभ वंचित परिवार को मिल रहा है, कार्यक्रम में लोगो की उपस्थिति तथा विभिन्न योजनाओं के तहत प्राप्त आवेदन यह दर्शाता है कि लोग काफ़ी उत्साहित है। इस दौरान उन्होंने सरकार के विभिन्न उपलब्धियों के बारे में जानकारी साझा कर लोगो को अपने पंचायत/वार्ड में आयोजित शिविर में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ हेतू आवेदन करने की बात कही। 

इसके तत्पश्चातय माननीय मंत्री महोदय के द्वारा शिविर में लगाए गए विभिन्न स्टॉल का निरिक्षण किया गया साथ ही विभिन्न योजनाओं के तहत चयनित लाभुकों के बिच परिसम्पातियों का वितरण किया गया। 

जिले के विभिन्न पंचायत में आयोजित शिविर में प्राप्त आवेदन तथा निष्पादित मामलों की संख्या निम्न प्रकार है

▪️ सरायकेला (सिनी )- 1695 आवेदन/903 निष्पादन

▪️ राजनगर (डुमरडीहा)- 1147 आवेदन/477 निष्पादन

▪️ गम्हरिया (बड़ाकांकड़ा)- 1565 आवेदन/ 229 निष्पादन

▪️ इचागढ़(तिरुलडीह)- 1544 आवेदन/324 निष्पादन

▪️ चांडील (आसनबानी)- 1018 आवेदन/273 निष्पादन

▪️ नगर निगम आदित्यपुर (वार्ड )- 289 आवेदन/ 164 निष्पादन

▪️ नगर पंचायत सरायकेला (वार्ड )- 146 आवेदन/00 निष्पादन

▪️ नगर परिषद कपाली (वार्ड )- 170 आवेदन/00 निष्पादन

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Nov 30 2023, 21:03

सरायकेला :कपाली में विधायक सविता महतो ने किया आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का शुभारंभ


सरायकेला : कपाली नगर परिषद अंतर्गत वार्ड संख्या 04 में गुरुवार को आपकी योजना,आपकी सरकार,आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक सविता महतो ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया। 

इस दौरान विधायक प्रत्येक स्टॉल में जाकर योजनाओं की जानकारी ली और सभी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरी लगन से योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचे सुनिश्चिंत करने का निर्देश दिया। इस दौरान विधायक ने अपने हाथों से चयनित लाभुकों के बीच परिसंपत्ति व सैकड़ों लाभुकों के बीच कंबल का भी वितरण किया।

 इस अवसर पर झामुमो केंद्रीय सदस्य काबलु महतो, शेख फरीद, मो अरशद, मो नौसाद, इनामुल हक, नोडल पदाधिकारी समेत काफी संख्या में आम लोग के साथ सभी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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Nov 30 2023, 20:58

सरायकेला : 01 दिसंबर 2023 को जिले के पांच प्रखंड तथा एक नगर निकाय क्षेत्र के विभिन्न वार्ड मे पंचायत स्तरीय शिविर का होगा आयोजन


सरायकेला : 'आपकी योजना,आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत कल दिनांक 01 दिसंबर 2023 दिन शुक्रवार को जिले के पांच प्रखंड के पांच पंचायत तथा 01 नगर निकाय क्षेत्र के दो वार्ड में पंचायत स्तरीय शिविर का आयोजन किया जाएगा।

 उक्त शिविर में विभिन्न विभागों के स्टाल लगा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी तथा योग्य लाभुकों के आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत चयनित लाभकों के बीच परीसंपत्तियों का वितरण किया जायेगा।

पंचायत स्तरीय शिविर में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ हेतु आवेदन करें- उपायुक्त

 इस संबंध में उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला ने समस्त जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा है कि 'आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत जिले के सभी पंचायत में निर्धारित तिथि के तहत पंचायत स्तरीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है। अपने निकटतम आयोजित शिविर में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित हो सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त करें तथा योग्यतनुसार योजनाओं के लाभ हेतु आवेदन करें। साथ ही अपने आस-पास के लोगो को भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभ लेने हेतु प्रेरित करें।

कल दिनांक 01 दिसंबर 2023 को विभिन्न पंचायत/वार्डों में आयोजित होने वाले पंचायत स्तरीय शिविरों की सूची निम्न प्रकार है

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Nov 30 2023, 20:55

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से भटकते हुए हाथी का झुंड लेटेम्दा रेलवे स्टेशन पहुंचे


सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से भटकते हुए हाथी का झुंड लेटेम्दा रेलवे स्टेशन पहुंचे ।विशाल गजराज को देखने पहुंचे सैकडो ग्रामीण ,आज दोपहर के आसपास यह झुंड धान की खेत और जंगल होते ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचे। 

इस में विशाल ट्रस्कर हाथी कुकड़ु प्रखण्ड क्षेत्र के विभिन्न गांव में दलमा सेंचुरी के हाथियों के झुंड से बिछड़कर एकला भ्रमण करते देखे गए । 

चांडिल वन क्षेत्र के अधीन कुकडु प्रखण्ड के लेटेमदा साथ दर्जनों गांव में यह गजराज मस्त होकर विचरण करते रहते हे । जिसे देखने सैकडो की संख्या में ग्रामीण लेटेमदा पहुंचे ।यह गजराज एक गांव होकर दूसरे गांव धान की खेती में घुसकर अपना निवाला बनाकर चलते रहते । ओर पैर तले कुचल कर धान के पक्के फसल को नष्ट कर देते हैं

ग्रामीणों का कहना है कि चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीणों को हाथियों की झुंड द्वारा जान से मारने की कार्य किया। हमेशा जंगली हाथियों की झुंड इस क्षेत्र में विचरण करते रहते हैं । साथ ही गरीब किसान की उगाये गए फसल को खाते और नष्ट कर देते हैं। कभी कभी इन हाथियों के झुंड से लोगों की जान भी चली जाती है। कोई बार लोगो भागने के दौरान जख्मी हो जाते है।

चांडिल वन विभाग की ओर से गजराज की झुंड गांव ओर पंचायत में प्रवेश कर जाने की सूचना लोगो को नही दिए जाने के कारण ग्रामीणों को हाथियों का सामना करना पड़ता है । जिसे जान भी चले जाते हैं ।

जंगल और जंगली जीवजंतु की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा वन एवं पर्यावरण विभाग को प्रति बर्ष करोड़ों रुपया मुहैया कराया जाता है।ओर ग्रामीणों को आपने और अपनी परिवार की सुरक्षा खुद उठाना पड़ता है।