क्रिकेट विश्व कप, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया में भारत को मिली पहली सफलता, 241 रन का पीछा कर रही कंगारू टीम

विश्व कप का फाइनल मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। भारतीय टीम 50 ओवर में 240 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 50 ओवर में 241 रन बनाने हैं। उसे पहला झटका डेविड वॉर्नर के रूप में लगा। मिचेल मार्श और ट्रेविस हेड क्रीज पर हैं।

भारत को पहली सफलता मोहम्मद शमी ने दिलाई। उन्होंने दूसरे ओवर की पहली गेंद पर डेविड वॉर्नर को आउट कर दिया। वॉर्नर तीन गेंद पर सात रन बनाकर आउट हुए। ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड और मिचेल मार्श क्रीज पर हैं।

भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की पारी शुरू हो गई है। ट्रेविस हेड के साथ डेविड वॉर्नर क्रीज पर उतरे हैं। भारत के लिए जसप्रीत बुमराह ने गेंदबाजी की शुरुआत की। बुमराह की गेंद वॉर्नर के बल्ले से निकली और स्लिप की ओर गई। गेंद कोहली और शुभमन गिल के बीच में से निकल गई। दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे का मुंह देखते रहे और गेंद को पकड़ने का प्रयास नहीं किया।

भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप के फाइनल में 240 रन पर सिमट गई। कंगारू टीम को जीत के लिए 241 रन का लक्ष्य बना है। भारत के लिए केएल राहुल ने सबसे ज्यादा 66 और विराट कोहली ने 54 रन बनाए। कप्तान रोहित शर्मा ने 47 और सूर्यकुमार यादव ने 18 रन बनाए। कुलदीप यादव ने 10 रनों का योगदान दिया।

इन पांच खिलाड़ियों के अलावा कोई भी दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। रवींद्र जडेजा नौ, मोहम्मद शमी छह, श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल चार-चार रन बनाकर आउट हुए। जसप्रीत बुमराह एक रन ही बना पाए। मोहम्मद सिराज नौ रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को दो-दो सफलता मिली। ग्लेन मैक्सवेल और एडम जम्पा ने एक-एक विकेट लिए।

भारत के लिए इस मैच में विराट कोहली और केएल राहुल ने चौथे विकेट के लिए 67 रन की सबसे बड़ी साझेदारी की। रोहित शर्मा और विराट कोहली ने दूसरे विकेट के लिए 46 रन जोड़े। रोहित, कोहली और राहुल अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए।

श्रेयस अय्यर, शुभमन गिल, सूर्यकुमार बड़े मौके पर फेल हो गए। भारत पहली बार इस विश्व कप में ऑलआउट हुआ है। अब सारा दारोमदार गेंदबाजों पर है। उनसे खतरनाक गेंदबाजी की उम्मीद है। मोहम्मद शमी ने टूर्नामेंट में अब तक 23 विकेट लिए हैं। उन्होंने सेमीफाइनल में सात विकेट हासिल किए थे।

मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए और मेरे शब्द व्यर्थ नहीं जाने चाहिए...', नोट लिखकर फंदे से झूली 14 वर्षीय लड़की

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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर युवा निरंतर अपनी जान दे रहे हैं। आरक्षण के लिए अब तक एक दर्जन से अधिक युवाओं ने आत्महत्या कर ली है। ताजा महाराष्ट्र के मामला जालना का है, जहां 14 वर्षीय एक लड़की ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली। सुसाइड नोट में उसने मराठा आरक्षण का जिक्र किया था। पुलिस को यह सुसाइड नोट हाथ लगा है। इसमें लिखा है, मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए और मेरे शब्द व्यर्थ नहीं जाने चाहिए। पुलिस ने बताया कि इस नाबालिग लड़की ने बृहस्पतिवार को सोमेश्वर इलाके में अपने घर के एक कमरे में फांसी लगा ली। पता चलने के पश्चात् उसे आनन फानन में नजदीकी चिकित्सालय ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने कहा कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। तहकीकात की जा रही है।

बता दें कि महाराष्ट्र में एक सप्ताह के अंदर खुदखुशी का यह दूसरा मामला है। कुछ दिन पहले नांदेड़ में एक 23 वर्षीय एक युवक ने जहर खाकर अपनी जान दे दी थी। उसने भी सुसाइड नोट में इसका जिक्र किया था। उसने इसमें लिखा था, यह मेरे लिए सरकारी नौकरी का सवाल है. ‘एक मराठा, लाख मराठा’. इस घटना के मामले में भाग्यनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कर तहकीकात आरम्भ की थी।

दरअसल, कुछ दिन पहले मराठा आरक्षण आंदोलन ने हिंसात्मक रूप अख्तियार कर लिया था। प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए थे तथा इसको लेकर कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। मनोज जरांगे पाटील के अनशन आरम्भ करने के बाद से यह आंदोलन और विकराल रूप ले लिया था। जारांगे की भूख हड़ताल के पश्चात् सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने उन मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया, जिससे वे OBC कोटा का लाभ उठा सकें। बता दें कि महाराष्ट्र की 30 प्रतिशत से ज्यादा आबादी वाला मराठा समुदाय शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी रोजगार दोनों में अपने सदस्यों के लिए आरक्षण की वकालत कर रहा है। मनोज जारांगे ने प्रदेश सरकार के लिए 24 दिसंबर तक आरक्षण का ऐलान करने की नई समय सीमा तय की है।

क्रिकेट विश्व कप, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के मैच में भारत की टीम 240 रनों पर सिमट गई, पांच को छोड़कर कोई भी दहाई का आंकड़ा भी नहीं कर सका

 विश्व कप का फाइनल मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। मैच की पहली इनिंग में भारतीय टीम 50 ओवर में 240 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 50 ओवर में 241 रन बनाने हैं।

 बड़ा स्कोर नहीं बना पाई टीम इंडिया

भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप के फाइनल में 240 रन पर सिमट गई। कंगारू टीम को जीत के लिए 241 रन का लक्ष्य बना है। भारत के लिए केएल राहुल ने सबसे ज्यादा 66 और विराट कोहली ने 54 रन बनाए। कप्तान रोहित शर्मा ने 47 और सूर्यकुमार यादव ने 18 रन बनाए। कुलदीप यादव ने 10 रनों का योगदान दिया। इन पांच खिलाड़ियों के अलावा कोई भी दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। रवींद्र जडेजा नौ, मोहम्मद शमी छह, श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल चार-चार रन बनाकर आउट हुए। जसप्रीत बुमराह एक रन ही बना पाए। मोहम्मद सिराज नौ रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को दो-दो सफलता मिली।

सचिन पायलट के किले को बचाने के लिए मैदान में उतरी कांग्रेस, 11 मंत्रियों के लिए अपनी सीट बचाने की चुनौती

मुख्यमंत्री पद को लेकर पांच साल तक अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग पर अभी खत्म नहीं हुई है। इसका ही नतीजा रहा है कि कांग्रेस के पोस्टर से पायलट गायब कर दिए गए, जिससे सचिन के प्रभाव वाले कांग्रेस के सबसे मजबूत किले पूर्वी राजस्थान पर पार्टी के लिए सियासी खतरा मंडराने लगा। अब इस किले को सुरक्षित रखने के लिए कांग्रेस मैदान में उतर गई है। राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद डैमेज कंट्रोल किया जा रहा है। कांग्रेस के चुनावी पोस्टर पर पायलट के फोटो की वापसी की गई। तीन दिन पहले ही चुनावी सभा में राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट का हाथ मिलवाकर सब ठीक होने का संदेश देने की कोशिश की।

गहलोत ने एक कदम और आगे बढ़कर एक्स पर सचिन के साथ अपनी फोटो जारी कर 'एक साथ जीत रहे हैं, कांग्रेस फिर से' का संदेश दिया। इसका असर भी होता नजर आ रहा है। चुनाव से दस दिन पहले तक अपनी टोंक सीट तक सीमित पायलट के 18 नवंबर को अजमेर और अलवर जिले में प्रचार के चार कार्यक्रम लगे। 2018 के चुनाव की बात करें तो पायलट काफी पहले से पूर्वी राजस्थान सहित पूरे प्रदेश में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे थे। ऐसे में चुनाव के अंतिम दौर में अचानक पायलट के लिए भी माहौल को बदलना आसान नहीं होगा। कांग्रेस सियासी समीकरण के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर अन्य नेताओं को भी पूर्वी राजस्थान में उतार रही है।

पूर्वी राजस्थान के 4 जिलों में भाजपा का नहीं खुला था खाता

जयपुर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, दौसा, सवाईमाधोपुर, टोंक और अजमेर जिले की ज्यादातर सीटों पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का प्रभाव माना जाता है।

इसके तीन कारण प्रमुख हैं, 

पहला सचिन के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट दौसा व भरतपुर से सांसद रह चुके हैं। दूसरा सचिन पायलट खुद भी दौसा, अजमेर से सांसद रहे और अभी टोंक से विधायक हैं। तीसरा इन जिलों की 60 फीसदी से ज्यादा सीटें गुर्जर और मीणा बहुल हैं।

मीणा वोटर कांग्रेस के साथ हैं, जबकि गुर्ज्जर भाजपा के। पिछले चुनाव में सचिन पायलट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। कांग्रेस के सत्ता में आने पर पायलट के सीएम बनने की उम्मीद थी। इसका नतीजा रहा कि पूर्वी राजस्थान के कई जिलों से भाजपा का सफाया हो गया। भरतपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, दौसा यानी चार जिलों में भाजपा खाता तक नहीं खोल पाई।

नौ जिलों में 11 मंत्रियों की फंसीं सीटें

राजस्थान के नौ जिलों में सर्वाधिक 66 सीटे हैं, जिनमें से 37 कांग्रेस के पास है। 14 सीटों पर बसपा और निर्दलीयों का कब्जा था। ये सभी फिलहाल कांग्रेस सरकार को अपना समर्थन दे रहे थे।

एक तरह से 51 सीटें कांग्रेस के खाते में थीं, जबकि भाजपा 15 सीटें ही जीत पाई थी।

कांग्रेस ने 11 विधायकों को कैबिनेट और राज्य मंत्री बनाया था। इनमें जयपुर के सिविल लाइंस से प्रताप सिंह खाचरियावास, कोटपुतली से राजेंद्र यादव, सिकराय से ममता भूपेश, लाल सोट से परसादी लाल मीणा, दौसा से मुरारी लाल मीणा, करौली जिले के सपोटरा रमेश मीणा, अलवर ग्रामीण से टीकाराम जूली, बानसूर से शकुंतला रावत, भरतपुर से सुभाष गर्ग, डीग कुम्हेर से विश्वेंद्र सिंह और कामां से जाहिदा शामिल हैं।

ज्यादातर मंत्रियों की सीटें फंसी पड़ी हैं। जनता में इतनी नाराजगी है कि स्थानीय स्तर पर मंत्रियों के खिलाफ उनके सामने विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी तक की जा रही है।

किला भेदने के लिए नड्डा से लेकर पीएम मोदी तक जुटे

राजस्थान में पूर्वी इलाका भाजपा के लिए सबसे कमजोर कड़ी है। इसे मजबूत करने के लिए भाजपा लगातार एक के बाद एक कदम उठा रही है। कांग्रेस के इस किले पर कब्जा करने के लिए पिछले एक साल से बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक जुटे हैं। 2023 फरवरी में पीएम मोदी ने दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे का शुभारंभ किया था। इसके लिए दौसा में कार्यक्रम किया था। साल की शुरुआत में भीलवाड़ा स्थित गुर्जर समाज के देवनारायण मंदिर का पीएम ने दर्शन किया था। भरतपुर में मोदी ने रैली भी की। इस इलाके में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ और स्मृति ईरानी को भी मैदान में उतारा जा चुका है। भाजपा ने गुर्जर आरक्षण को लेकर आंदोलन करने वाले स्वर्गीय किरोड़ी बैंसला के बेटे विजय बैंसला सहित कई सीटों पर गुर्जर समाज के प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।

सचिन पायलट के प्रभाव वाले 9 जिलों की 66 सीटें

जयपुर (19)

अलवर (11)

भरतपुर (7)

धौलपुर (4)

करौली (4)

सवाईमाधोपुर (4)

दौसा (5)

टोंक (4)

अजमेर (8)

उत्तरकाशी टनल हादसा: 8 दिन से फंसे हैं मजदूर, गडकरी-धामी ने लिया जायजा, कहा- पीड़ितों को बचाना हमारी प्राथमिकता

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दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 40 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। रेस्क्यू का आज आठवां दिन है।लगातार मजदूरों की जान बचाने की कोशिश जारी है। हालांकि, मजदूरों को रेस्क्यू करने के कई प्रयास अबतक असफल हो चुके हैं। इस बीच रविवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी राहत और बचाव कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उनके साथ उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। नितिन गडकरी ने कहा कि अभी मजदूरों तक पहुंचने में दो से ढाई दिन लगेंगे।

नितिन गडकरी का कहना है, "पिछले 7-8 दिनों से हम पीड़ितों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकालना उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार की प्राथमिकता है। बताया कि उन्होंने यहां काम करने वाले संबंधित अधिकारियों के साथ घंटे भर बैठक की है। हम छह वैकल्पिक विकल्पों पर काम कर रहे हैं और भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियां यहां काम कर रही हैं। पीएमओ से भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सुरंग विशेषज्ञों और बीआरओ अधिकारियों को भी बुलाया गया है। हमारे पहली प्राथमिकता फंसे हुए पीड़ितों को भोजन, दवा और ऑक्सीजन उपलब्ध कराना है।

वहीं, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने कहा कि सुरंग में बिजली और पानी की कमी है। 2 किमी. की जगह है। पहले दिन से हम 4 इंच के पाइप के जरिए खाना भेज रहे हैं। सूरज की रोशनी वहां नहीं पहुंच रही है, हम डॉक्टरों के सुझाव के अनुसार विटामिन बी, विटामिन सी और अवसादरोधी दवाएं भेज रहे हैं। ये लोग लंबे समय से सुरंग में काम कर रहे हैं, इसलिए उनमें कोई निराशा नहीं है, और वे बाहर आने के लिए उत्सुक हैं। इसमें कुछ समय लगेगा, लेकिन हम अंततः उन्हें बाहर निकाल लेंगे।

*विश्व कप का फाइनल देखने वालों की वीवीआईपी गेस्ट लिस्ट पर संजय राउत का तंज, बोले-पीएम मोदी बॉलिंग तो अमित शाह करेंगे बैटिंग*

#sanjay_raut_took_a_dig_at_pm_modi 

गुजरात का अहमदाबाद नरेंद्र मोदी स्टेडियम रविवार को होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस मुकाबले में देश-दुनिया की कई नामचीन हस्तियां भी शामिल होंगीं। मैच देखने पहुंचने वाली इन नामचीन हस्तियों की लिस्ट सामने आई है जिसमें 100 से अधिक वीवीआईपी शामिल हैं।इस मुकाबले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश और दुनियाभर के 100 से अधिक वीवीआईपी गेस्ट शामिल होंगे। फाइनल मैच देखने के लिए पीएम मोदी भी वहां मौजूद होंगे। इसपर शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राउत ने चुटकी ली है। राउत ने कहा क्रिकेट में राजनीति लाने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन अहमदाबाद में ऐसा किया जा रहा।

संजय राउत ने इस महा मुकाबले को राजनीतिक इवेंट बनाने का आरोप बीजेपी सरकार पर लगाया है। स्टेडियम में पीएम मोदी और भाजपा नेताओं की भरमार पर उन्होंने सवाल खड़ा किया है। संजय राउत ने कहा है कि पीएम नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से ही हर चीज को उनका राजनीतिक इवेंट बना दिया जाता है। उन्होंने कहा है, इस देश में जब से केंद्र और कई राज्यों में मोदी सरकार आई है, हर चीज पर राजनीतिक आयोजन किया जा रहा है। क्रिकेट में राजनीति करने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन अहमदाबाद में ऐसा किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा, ऐसा लग रहा है कि यहां पर जैसे पीएम मोदी बॉलिंग करेंगे, अमित शाह बैटिंग करेंगे और बीजेपी नेता बाउंड्री पर खड़े होंगे। पीएम मोदी के रहते हुए हमें सुनने को मिलेगा कि हमने वर्ल्ड कप जीत लिया। आज कल इस देश में कुछ भी होता रहता है।

बता दें कि क्रिकेट वर्ल्ड कप देखने पहुंचने वाले जिन 100 से अधिक वीवीआईपी गेस्ट की सूची सामने आई है उसमें पीएम और कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट और गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस और पूर्व जस्टिस के अलावा 8 से ज्यादा राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। वहीं, विदेशी मेहमानों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री और ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल भी अहमदाबाद पहुंचेगा। मुकाबला देखने को लिए सिंगापुर, अमेरिका और यूएई के राजदूत भी स्टेडियम में नजर आएंगे।

बच्चों और महिलाओं को रिहा करने के लिए हमास राजी, अमेरिका और इजरायल के साथ किया अस्थाई समझौता

अमेरिका, इजरायल के साथ एक कथित अस्थायी समझौते के तहत हमास बंधक बनाए गए बच्चों और महिलाओं के रिहा करने के लिए तैयार हो गया। अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने इस कथित समझौते को लेकर रिपोर्ट किया है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, कथित समझौते के तहत सभी पक्ष कम से कम पांच दिनों के लिए जंग पर रोक लगाएंगे। जबकि 24 घंटों में 50 से ज्यादा बंधकों को रिहा किया जाएगा।

हालांकि इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिका के अधिकारियों ने ऐसे किसी समझौते से इनकार किया है। अखबार के मुताबिक, समझौते में शामिल लोगों के मुताबिक अगले कुछ दिनों में बंधकों की रिहाई शुरू की जा सकती है। शनिवार को नेतन्याहू ने कहा कि बंधकों के संबंध में कई अप्रमाणित अफवाहें और कई गलत रिपोर्टें चल रही है। लेकिन मैं वादा करता हूं अगर कोई समझौता होगा तो हम आपको रिपोर्ट करेंगे।

व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इजरायल और हमास अभी तक अस्थायी युद्धविराम पर किसी समझौते पर नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका समझौता तक पहुंचने के लिए काम करना जारी रख रहा है।

गाजा के हालात

विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूएन की एक टीम के मुताबिक, गाजा के अल-शिफा अस्पताल के दीवारों पर गोलीबारी के निशान देखे गए हैं। इसके अलावा टीम ने कहा कि अस्पताल के बाहर लाशों का अंबार लगा है। हमास प्रशासित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि उत्तरी गाजा के जबालिया में दो विस्फोट हुए हैं, जिनमें 80 लोग मारे गए हैं।

इंदौर की विधानसभा एक से प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय और संजय शुक्ला जनसंपर्क के दौरान आए आमने सामने, तीखी नोक झोंक का वीडियो वायरल

मप्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है और तीन दिसंबर को फैसला आना है। सरकार किसकी बनेगी इसमें तो अभी वक्त है लेकिन प्रत्याशियों की तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इंदौर की सर्वाधिक चर्चित सीट विधानसभा एक में मतदान के दिन भी तनातनी हो गई। यहां से भाजपा के प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस के प्रत्याशी संजय शुक्ला आमने सामने हो गए। सड़क पर दोनों टकराए और बातों ही बातों में दोनों ने एक दूसरे पर छींटाकशी की। वहीं दोनों ओर से तीखी नोक झोंक की बात भी सामने अाई है। इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।

दरअसल, इसका पूरे मामले का वीडियो भी सामने आया है, इस वीडियो में संजय शुक्ला ने आपत्ति लेते हुए विजयवर्गीय से कहा कि बाहर के लोगों को लेकर घूम रहे हो। विधानसभा के लोगों को लेकर घूमो। तभी कार्यकर्ता बोल पड़े कि हम सब इसी विधानसभा के हैं। इस समय विजयवर्गीय चिंटू वर्मा को लेकर जनसंपर्क कर रहे थे। चिंटू वर्मा देपालपुर निवासी हैं और भाजपा ग्रामीण के जिला महामंत्री हैं। वे खुद भी वीडियो में दिख रहे हैं।

वर्ल्ड कप में इतिहास रचने वाले क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद शमी के गांव को CM योगी का बड़ा तोहफा, किया ये ऐलान

 वनडे वर्ल्ड कप में अपने शानदार खेल प्रदर्शन को लेकर ख़बरों में छाए गेंदबाज मोहम्मद शमी के गांव सहसपुर अली नगर के दिन भी बहुरने वाले हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रांतीय रक्षक दल के प्रस्ताव पर जिम्मेदार अधिकारीयों ने उनके गांव में मिनी स्टेडियम निर्माण की कवायद आरम्भ की है। CDO ने शुक्रवार को गांव पहुंचकर जमीन का मौका मुआयना किया।

सीएम योगी ने राज्य के 20 जिलों में जहां ब्लाक स्तर पर खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं नहीं हैं, वहां स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। सीएम ने पिछले दिनों प्रांतीय रक्षक दल को इन ब्लॉकों में मिनी स्टेडियम निर्माण के प्रस्ताव भेजने का आदेश जारी किया था। अधिकारीयों ने जिले में मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए जोया ब्लॉक क्षेत्र के गांव सहसपुर अली नगर का चयन किया था। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इसी गांव के निवासी हैं। सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 7 विकेट लेकर उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचाने में अहम किरदार निभाया है। 

तत्पश्चात, सीएम ने काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। CDO अश्वनी कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को गांव पहुंचकर चयनित जमीन का मुआयना किया। CDO के अनुसार, बजट मिलते ही निर्माण आरम्भ करा दिया जाएगा। वही अमरोहा के कलेक्टर राजेश कुमार त्‍यागी ने बताया कि मोहम्मद शमी के गांव में मिनी स्टेडियम के साथ ओपन जिम बनाने का प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है। वहां पर पर्याप्त तथा उपयुक्त जमीन भी है।

पढ़िए, चंद्रयान की सफलता के बाद अब नए मिशन पर ISRO, 350 किलो का रोवर ऐसे रचेगा इतिहास

चंद्रमा पर चंद्रयान 3 लैंडर की सफल सॉफ्ट-लैंडिंग के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब दो अन्य चंद्र अन्वेषण मिशनों पर काम कर रहा है। अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC/ISRO), अहमदाबाद के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि दो महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन - ल्यूपेक्स और चंद्रयान -4 का लक्ष्य सटीक लैंडिंग तकनीक के साथ चंद्रमा के 90-डिग्री (अंधेरे पक्ष) पर 350 किलोग्राम के विशाल लैंडर को उतारना है और वहां से सैंपल लेकर वापस आना है।

17 नवंबर को पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के 62वें स्थापना दिवस समारोह में एक सभा को संबोधित करते हुए, देसाई ने कहा कि, “चंद्रयान 3 मिशन के बाद उत्पन्न उत्साह के बाद अब हम इस बार संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन पर काम करने जा रहे हैं।” (चंद्रयान 3) हम 70 डिग्री तक गए, ल्यूपेक्स मिशन में हम चंद्रमा के अंधेरे पक्ष का निरीक्षण करने के लिए 90 डिग्री तक जाएंगे और वहां एक विशाल रोवर उतारेंगे, जिसका वजन 350 किलोग्राम तक है, चंद्रयान 3 रोवर 30 किलोग्राम का ही था, इसलिए इस मिशन में लैंडर भी बहुत बड़ा होगा।”

चंद्रयान 4 मिशन के बारे में बोलते हुए, देसाई ने कहा कि, 'चंद्रयान 3 की सफलता के बाद अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बारे में चर्चा के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी चाहते थे कि हम अब बड़ी चुनौतियों का सामना करें।' वैज्ञानिक ने कहा कि, "नए मिशन के साथ चुनौतियां हैं, उम्मीद है कि हम इसे अगले 5 से 10 वर्षों में करने में सक्षम होंगे।" उन्होंने आगे कहा कि, “जापानी पहले ही 7 सितंबर को एक चंद्रमा मिशन लॉन्च कर चुके हैं, जो सटीक लैंडिंग करेगा, इसलिए इस तकनीक का उपयोग इस मिशन में भी किया जाएगा, क्योंकि हम 90 डिग्री पर एक क्रेटर के किनारे पर 1 किमी x 1 किमी के अन्वेषण क्षेत्र के साथ 350 किलोग्राम के रोवर के साथ (चंद्रयान 3 500 मीटर x500 मीटर था) एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण सटीक लैंडिंग करने की कोशिश कर रहे हैं।"

बताया कि जबकि चंद्रयान 3 मिशन केवल एक चंद्र दिवस के लिए था, आगामी मिशन 7 चंद्र दिनों की अवधि तक चलेगा, जो लगभग 100 पृथ्वी दिनों के बराबर है। नए मिशन के साथ ये चुनौतियां हैं, इसलिए उम्मीद है कि हम ऐसा करने में सक्षम होंगे अगले 5 से 10 वर्षों में चंद्रयान 4 मिशन पर वैज्ञानिक ने कहा कि, “हमने चंद्रयान 4 मिशन की योजना बनाई है, इसे चंद्र सैंपल वापसी मिशन कहा जाएगा, इस मिशन में हम उतरेंगे और चंद्रमा की सतह से नमूना लेकर वापस आ सकेंगे। इस मिशन में, लैंडिंग चंद्रयान 3 की तरह ही होगी, मगर केंद्रीय मॉड्यूल परिक्रमा मॉड्यूल के साथ डॉक करने के बाद वापस आ जाएगा, जो बाद में पृथ्वी के वायुमंडल के पास अलग हो जाएगा और पुनः प्रवेश मॉड्यूल चंद्रमा की मिट्टी और चट्टान के नमूने के साथ वापस आ जाएगा। यह एक बहुत महत्वाकांक्षी मिशन है, उम्मीद है कि अगले पांच से सात वर्षों में हम चंद्रमा की सतह से नमूना लाने की इस चुनौती को पूरा कर लेंगे।”

कहा कि, “इसके लिए दो लॉन्च वाहनों की आवश्यकता होगी, इसलिए दो लॉन्च होंगे क्योंकि चार मॉड्यूल (ट्रांसफर मॉड्यूल लैंडर मॉड्यूल एस्केंडर मॉड्यूल और री-एंट्री मॉड्यूल) लॉन्च किए जाएंगे, आरएम और टीएम को चंद्र कक्षा में पार्क किया जाएगा और दो लॉन्च किए जाएंगे। नीचे जाएं जिससे एसेंडर मॉड्यूल लैंडर मॉड्यूल से अलग हो जाएगा और नमूना एकत्र करेगा। हमारे पास अभी यह सब कागज पर है और हम इसे प्राप्त करने के लिए विभिन्न तकनीक पर काम कर रहे हैं और यह ISRO में उपलब्ध क्षमताओं के साथ प्राप्त किया जा सकता है।''

बता दें कि, वर्तमान में, ISRO जापानी अंतरिक्ष एजेंसी, JAXA के सहयोग से अपने अगले अंतरिक्ष उद्यम की तैयारी में है। इसे LuPEX, या चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण के रूप में डब किया गया है। 23 अगस्त को, भारत ने एक बड़ी छलांग लगाई जब चंद्रयान 3 लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा, जिससे यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया और चंद्रयान 2 की क्रैश लैंडिंग की 4 वर्ष पहले निराशा समाप्त हो गई थी। अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश बन गया है।

उतरने के बाद, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्र सतह पर अलग-अलग कार्य किए, जिसमें सल्फर और अन्य छोटे तत्वों की उपस्थिति का पता लगाना, सापेक्ष तापमान रिकॉर्ड करना और इसके चारों ओर की गतिविधियों को सुनना शामिल था। चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग के तुरंत बाद, भारत ने 2 सितंबर को अपना पहला सौर मिशन आदित्य एल1 लॉन्च किया। अब तक की अपनी यात्रा में, अंतरिक्ष यान चार पृथ्वी-बाउंड युद्धाभ्यास और एक ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) युद्धाभ्यास से गुजर चुका है। सफलतापूर्वक. इस प्रक्रिया में, अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बच निकला।