कुमार विश्वास की सुरक्षा में तैनात CRPF के जवान हटाए गए, जानें क्यों किया गया ऐसा

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कवि कुमार विश्वास की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को ड्यूटी से हटा दिया गया है।कुमार विश्वास की सुरक्षा से हटाए गए कमांडो की जगह दूसरे कमांडो के एक बैच को ड्यूटी पर तैनात किया गया है। हाल ही में हुई रोड रेज की कथित घटना के बाद ये फैसला लिया गया है।इसकी जानकारी अधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को दी।बता दें कि कवि कुमार विश्वास के सुरक्षाकर्मियों और एक निजी डॉक्टर के बीच कार निकालने को लेकर विवाद हो गया था। जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने 9 नवंबर को दोनों पक्षों की एफआईआर दर्ज कर ली है। सशस्त्र कर्मियों पर डॉक्टर ने मारपीट के आरोप लगाए हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कुमार विश्वास की वीआईपी सुरक्षा में तैनात तीन सीआरपीएफ जवानों को ड्यूटी से हटा दिया गया है और कमांडो की एक अन्य टीम ने उनकी जगह ले ली है। सूत्रों ने कहा कि सीआरपीएफ जवानों को आठ नवंबर को हुई रोड रेज की कथित घटना की जांच लंबित रहने तक ड्यूटी से हटाया गया है। सीआरपीएफ महानिदेशक एस एल थाओसेन ने घटना की समीक्षा के बाद कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है।

क्या है है मामला

दरअसल, यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का है, जब कुमार विश्वास 8 नवंबर को गाजियाबाद से अलीगढ़ में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। इस दौरान एक डॉक्टर ने आरोप लगाया था कि कुछ सशस्त्र कर्मियों ने उसके साथ मारपीट की है। वहीं, कुमार विश्वास की टीम की ओर से भी थाने में शिकायत कराई गई थी कि उनके काफिले में एक कार घुस गई और उनके वाहनों को टक्कर मारने की कोशिश की गई, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने विरोध किया तो, कार चालक ने हमला कर दिया। हालांकि, शुरुआती जांच के बाद पुलिस द्वारा कहा गया था कि हमले के आरोप साबित नहीं हुए हैं।

बता दें कि कुमार विश्वास द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तान समर्थकों का समर्थन करने का आरोप लगाने के बाद केंद्र ने पिछले साल उन्हें सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा इकाई का एक छोटा सा ‘वाई’ श्रेणी का सशस्त्र सुरक्षा कवर प्रदान किया था।

सुप्रीम कोर्ट की पंजाब के राज्यपाल को खरी-खरी, सीजेआई बोले-उनको अंदेशा है वो आग से खेल रहे हैं?

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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में सरकार और राज्यपाल के बीच जारी डेडलॉक की स्थिति पर चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर अपनी टिप्पणी में कहा कि पंजाब में जो हो रहा है, वह बेहद चिंताजनक है और वह इससे बिल्कुल भी खुश नहीं हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि क्या राज्यपाल को इस बात का जरा भी अंदेशा है कि वो आग से खेल रहे हैं? 

सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने में देरी को लेकर शुक्रवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से नाराजगी जताई और सुनवाई के दौरान कहा कि आप आग से खेल रहे हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ ने पंजाब राज्यपाल के वकील से पूछा कि अगर विधानसभा का कोई सत्र अवैध घोषित हो भी जाता है तो सदन द्वारा पास किया गया बिल कैसे गैरकानूनी हो जायेगा? 

क्या ऐसे देश का संसदीय लोकतंत्र बचेगा?

सीजेआई ने आगे कहा कि अगर राज्यपाल को लगता भी है कि बिल गलत तरीके से पास हुआ है तो उसे विधानसभा अध्यक्ष को वापस भेजना चाहिए। अगर राज्यपाल इसी तरीके से बिल को गैरकानूनी ठहराते रहे तो क्या ऐसे देश का संसदीय लोकतंत्र बचेगा?

पंजाब सरकार ने कहा- बिल रोकने के बहाने राज्यपाल बदला ले रहे

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के वकील से पूछा कि आप किसी बिल को अनिश्चित काल के लिए नहीं रोक कर रख सकते हैं। सिंघवी ने पंजाब सरकार की तरफ से कहा कि बिल रोकने के बहाने राज्यपाल बदला ले रहे हैं। चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर संविधान में कहा लिखा है कि राज्यपाल स्पीकर द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को अवैध करार दे सकते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि मेरे सामने राज्यपाल के लिखे दो पत्र हैं जिसमें उन्होंने सरकार को कहा कि चूंकि विधानसभा का सत्र ही वैध नहीं है तो वो बिल पर अपनी मंजूरी नहीं दे सकते हैं।

बता दें कि पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का कहना है कि पंजाब सरकार द्वारा जून में बुलाया गया विधानसभा सत्र असंवैधानिक है, इसलिए इस सत्र में किए गए काम भी असंवैधानिक हैं। वहीं सरकार का कहना है कि अभी सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ है तो सरकार जब चाहे सत्र बुला सकती है।

एमपी के सतना में राहुल गांधी ने बीजेपी और नरेन्द्र मोदी पर बोला हमला, कहा-बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर हैं। सभी दलों के दिग्गज चुनावी रैली कर जनता को अपने-अपने पाले में करने में जुटे हैं। इसी क्रम में आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में एक रैली को संबोधित का। राहुल गांधी ने रैली में एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधते हुए युवाओं की बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है।

सतना के बीटीआई ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आज हर युवा कह रहा है कि वह बेरोजगार है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके लोग कुली बनने पर मजबूर हैं। मैं कन्याकुमारी से कश्मीर 4000 किमी तक पैदल चला। बहुत सारे लोगों से बात की। हर वर्ग से मिला। इस दौरान में दो सवाल पूछता था। क्या कर रहे हो, कितना पढ़े हो। जबाव मिलता था इंजीनियरिंग की है, डॉक्टरी की है, लीगल स्ट्डीज की है, लेकिन बेरोजगार हैं। राहुल गांधी ने कहा कि ये युवा देश के निर्माण में, विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं लेकिन इन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

करोड़ों रुपये का सूट पहनते हैं मोदी जी-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, देश और राज्य की सरकार को अफसर चलाते हैं। जिस राज्य में बीजेपी की सरकार है, उस राज्य में युवा बेरोजगार है। मध्य प्रदेश में ओबीसी की सरकार नहीं है, इस राज्य में ओबीसी की कोई भागीदारी नहीं है। मोदी जी हजारों करोड़ रुपये के हवाई जहाज में जाते हैं, करोड़ों रुपये का सूट पहनते हैं और कहते हैं कि हम ओबीसी हैं। 

एमपी में सरकार आते ही जातियों की गणना कराएंगे-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश में सरकार आते ही जातियों की गणना कराएंगे।देश में सरकार आते ही पूरे देश में जाति की गणना कराई जाएगी। जाति गणना देश का एक्सरे है।इससे आबादी और भागीदारी पता चलेगी तभी जनता का विकास हो सकता है, तस्वीर बदलेगी।

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी, पराली जलाने से रोकना ही होगा, राज्य सरकारें उठाएं सख्त कदम

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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है।कोर्ट ने कहा कि हम 6 साल से इस समस्या पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान होते हुए नहीं दिखाई दे रहा है।कोर्ट ने आगे कहा, आज दिल्ली में बारिश हुई है, शायद भगवान ने लोगों की प्रार्थना सुन ली और उनकी सहायता की है। इसके लिए सरकार को थैंक्यू नहीं बोला जा सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए अपने आदेश में कहा कि पराली जलाने को तत्काल कैसे रोका जाए इस पर सरकारें मिलकर व्यवस्था तैयार करें। हमें सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को तलब करने पर मजबूर न करें।

दिल्ली की आबो-हवा बीते कई दिनों से बेहद खतरनाक स्थिति में है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है।प्रदूषण के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल सहित तीन जजों की बेंच ने की। बेंच ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि पराली जलाने से रोकना होगा राज्य सरकारें कठोर कदम उठाये।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 6 साल से लगातारा प्रदूषण हो रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद यह अभी भी हो रहा है। अब हमें नतीजे चाहिए. जस्टिस कौल ने कहा कि हर साल प्रदूषण कि परेशानी होती है। पिछले 6 साल से लगातार ऐसा हो रहा है। एमाइकस क्यूरे ने कहा कि डेटा लगभग समान ही है। जस्टिस कौल ने कहा कि 32% कृषि अपशिष्ट के जरिए हो रहा है। 17% वाहनों की वजह से है। एमाइकस ने कहा कि 32% कई सोर्स से है। जैसे बायोमास व अन्य भी शामिल है। दिल्ली यह आपत्ति करता है कि प्रदूषण में अन्य राज्यों का योगदान है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में लगातार पराली जलाई जा रही है। दोनों में से सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं पंजाब में हो रही हैं। पराली जलाने के कारण पंजाब में भूजल स्तर भी लगातार घट रहा है। पंजाब के कई इलाकों में लगातार जलाई जा रही पराली पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि पराली जलाने को तत्काल कैसे रोका जाए, इस पर सरकारें मिलकर व्यवस्था तैयार करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक और रेगिस्तान नहीं चाहते हैं। इसलिए क्यों न धान की खेती ही बंद कर दी जाए।फसल बदलने का कदम भी व्यापक कदमों में रखकर उठाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब में किसान बहुत अच्छी तरह से संगठित हैं। कोर्ट ने पंजाब सरकार से भी पूछा है कि आप किसान संगठनों से बात क्यों नहीं करते हैं? सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि प्रदूषण का स्तर कम होना चाहिए, इसके लिए कल का इंतजार नहीं किया जा सकता।

जो लोग भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे, वो आज रामनाम की दुशाला ओढ़ने लगे हैं': CM शिवराज

 मध्य प्रदेश का चुनावी घमासान अपने चरम पर है। मतदान के लिए अब कुछ दिन ही शेष हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में भाजपा उम्मीदवार माया सिंह के समर्थन में रैली की। उन्होने अपने एक इंटरव्यू कहा कि इस बार भाजपा मध्य प्रदेश में 200 से अधिक सीटें जीतेगी। हमारी जीत रिकॉर्ड तोड़ होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठकर लोगों को कांटे की टक्कर लगती है, मगर ये एकतरफा है। कहा कि कांग्रेस एवं कमलनाथ का मतलब भ्रष्टाचार है।

क्या लाड़ली बहना स्कीम रेवड़ी नहीं है, इस प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि ये रेवड़ी नहीं, बल्कि आधी आबादी के साथ पूरा न्याय है। क्या बहनें अपनी छोटी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दूसरों के आगे हाथ फैलाती रहेंगी, क्या महिलाओं का संसाधनों पर अधिकार नहीं है। मैंने लाड़ली लक्ष्मी योजना से सफर तय किया था। फिर हम क्या विवाह योजना लेकर आए। ये सभी योजनाएं उनका अधिकार हैं। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों एवं सांसदों को भी चुनावी मैदान में उतार दिया है, इसके जवाब में शिवराज सिंह ने कहा कि पार्टी की रणनीति है कि सभी बड़े नेता चुनाव लड़ेंगे। हमारे पास नेताओं की एक पूरी टोली है, इसलिए सभी चुनाव लड़ रहे हैं। शिवराज ने कहा था कि मैं चला गया तो बहुत याद आऊंगा, इसे लेकर उन्होंने कहा कि ये आत्मीयता के रिश्ते हैं। पूरा मध्य प्रदेश मेरा परिवार ह। मैंने सरकार नहीं, परिवार चलाया है। 

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि मेरे लिए प्रभु श्री राम कभी भी चुनाव का विषय नहीं रहे। वह हमारी आस्था के केंद्र हैं। ये चुनावी मुद्दा नहीं है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग प्रभु श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे, वह आज रामनाम की दुशाला ओढ़ने लगे हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे हैं। नीतीश को लेकर शिवराज सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने जो अमर्यादित टिप्पणी की, उसके कारण दुखी हैं। मैं तो सोनिया गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या उनके भी नीतीश कुमार के जैसे विचार हैं। यदि नहीं तो नीतीश को विपक्षी गठबंधन इंडिया से बाहर करें। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी घोटालेबाज पार्टी कांग्रेस हैं। जब कांग्रेस डेढ़ वर्ष के लिए सत्ता में आई तो उन्होंने बल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एवं कमलनाथ का मतलब भ्रष्टाचार है।

करोड़ों का सोना दान करने वाले KCR के पास अपनी 'कार' तक नहीं, चुनावी हलफनामे में खुद को बताया 'किसान'

 तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने गजवेल और कामारेड्डी सीटों से नामांकन दाखिल किया है। चुनाव आयोग को सौंपे गए एक हलफनामे में प्रभावशाली राजनीतिक शख्सियत के बारे में दिलचस्प जानकारी सामने आई है।

केसीआर: सोने के दान से लेकर किसान और शपथ पत्र के खुलासे तक

मंदिरों को हाई-प्रोफाइल सोना दान के लिए जाने जाने वाले केसीआर ने अपने हलफनामे में खुलासे कर चौंका दिया है। भव्य सोने के योगदान के बावजूद, उनका दावा है कि उनके पास कार नहीं है और वे खुद को एक किसान के रूप में पहचानते हैं। हलफनामे में उनकी बीए पास शैक्षणिक योग्यता का खुलासा किया गया है और तेलंगाना राज्य आंदोलन से संबंधित नौ लंबित आपराधिक मामलों का उल्लेख किया गया है।

तेलंगाना में चुनावी गतिशीलता

30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ, बीआरएस, कांग्रेस और भाजपा सहित राजनीतिक दावेदार जीत के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। चुनावी हलफनामे में केसीआर की संपत्तियों, देनदारियों और व्यक्तिगत विवरणों को दर्शाया गया है, जो बारीकी से देखे जाने वाले चुनावी मुकाबले के लिए मंच तैयार करता है।

केसीआर के हलफनामे की मुख्य बातें

संपत्ति और देनदारियां: केसीआर ने 17.83 करोड़ रुपये से अधिक की चल संपत्ति और 8.50 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति घोषित की है। विशेष रूप से, उनके पास कोई कार नहीं है और उनकी कुल देनदारी 17 करोड़ रुपये से अधिक है।

आय और पारिवारिक विवरण: आयकर रिटर्न से पता चलता है कि 31 मार्च, 2023 तक केसीआर की कुल आय 1.60 करोड़ रुपये से अधिक है। उनकी पत्नी शोभा की आय 8.68 लाख रुपये से अधिक है। उनके हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की कुल आय 34 लाख रुपये से अधिक है, जिसमें कृषि आय 1.44 करोड़ रुपये से अधिक है।

आपराधिक रिकॉर्ड और पारिवारिक वाहन: केसीआर ने कोई आपराधिक दोष सिद्ध नहीं होने का दावा किया है और अपने नाम पर कोई वाहन पंजीकृत नहीं होने का उल्लेख किया है। हालाँकि, परिवार के सदस्यों के पास ट्रैक्टर सहित कई वाहन हैं।

केटी रामा राव का नामांकन: धन और देनदारियों की पुष्टि

केसीआर के बेटे और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने भी नामांकन दाखिल किया, जिसमें 6.92 करोड़ रुपये की कुल चल संपत्ति का खुलासा किया गया। उनकी पत्नी के पास 26.4 करोड़ रुपये और बेटी के पास 1.43 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रामा राव की कुल वार्षिक आय 11.6 लाख रुपये है।

 चुनावी परिदृश्य और धन गतिशीलता

जैसे-जैसे तेलंगाना चुनाव के लिए तैयार हो रहा है, दिलचस्प व्यक्तिगत विवरण, संपत्ति के खुलासे और पारिवारिक संपत्ति से गतिशीलता आकार ले रही है। केसीआर का हलफनामा और रामा राव का नामांकन चुनावी परिदृश्य में संपत्ति, देनदारियों और राजनीतिक प्रमुखता की तस्वीर पेश करता है।

“गाजा पर कब्जा नहीं चाहते”, सेना के आक्रामक रुख के बीच इजरायली पीएम नेतन्‍याहू

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इजरायली सेना गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर ताबड़ तोड़ हमले कर रही है। इस बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनका देश गाजा पर कब्जा करना, उसका प्रशासन करना या उसे जीतना नहीं चाहता है।बता दें कि इजरायल-हमास के बीच लगातार 34 दिन से युद्ध जारी है। इस दौरान अब तक करीब 12 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 15000 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इस बीच बार-बार संयुक्त राष्ट्र इजरायल से संघर्ष विराम लागू करने का अनुरोध कर रहा है। ऐसे में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ये बयान सामने आया है।

एफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर स्‍ट्राइक के साथ-साथ जमीनी हमले भी तेज कर दिये गए हैं। इन हमलों में इजरायली सेना को काफी कामयाबी मिल रही है। इस बीच ये सवाल भी उठ रहे हैं कि इजरायल कहीं गाजा पट्टी पर कब्‍जा करने का इरादा तो नहीं रखता...? इस पर सफाई देते हुए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा कि इजरायल की सेना गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ अपने हमले में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है, लेकिन इजरायल, फिलिस्तीनी क्षेत्र पर फिर से कब्जा करने की योजना नहीं बना रहा है।

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि हमास से लड़ाई खत्म होने के बाद गाजा की सुरक्षा की जिम्मेदारी अनंतकाल तक इजराइल संभालेगा। इसे एक तरह से गाजा पर इजराइल के कब्जे की चाहत के तौर पर देखा गया। हालांकि अमेरिका ने कहा है कि लड़ाई के बाद इजराइल अगर गाजा पर कब्जा करता है तो वह उसका विरोध करेगा। अब नेतन्याहू के बयान से साफ है कि अमेरिका के विरोध के बाद इजाइल के भी सुर बदल गए हैं।दरअसल, इस्राइल-हमास की लड़ाई में अमेरिका खुलकर इस्राइल का समर्थन कर रहा है लेकिन बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने एक बयान में साफ कहा था कि गाजा पर इस्राइल का कब्जा एक बड़ी भूल होगी। 

सात अक्टूबर को हमास आतंकवादियों ने इजरायली शहरों पर अप्रत्याशित हमला किया था। उसके बाद इजराइल गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई कर रहा है। हमास के हमले में इज़राइल में लगभग 1,400 लोगों की मौत हो गई और हमास ने 220 से अधिक लोगों का अपहरण कर लिया। हमास संचालित गाजा के अधिकारियों के अनुसार, इजराइल के हमले में गाजा में लगभग 10,500 लोग मारे गए हैं।

'आपका पैसा मोदी जी अडानी को देते हैं और वो दुबई में जाकर...', मध्यप्रदेश में राहुल गांधी ने बोला PM पर हमला

मध्यप्रदेश में मतदान के पहले भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस के दिग्गज अपनी-अपनी ताकत झोंक रहे हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी सतना, छतरपुर जिले के दौरे पर हैं। प्रियंका चित्रकूट में हैं। वहीं राहुल गांधी आज अशोकनगर जिले के दौरे पर हैं। उन्होंने नई सराई में जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी सरकार पर जमकर हमला बोला। जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अडानी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा। 

राहुल गांधी ने कहा कि ये एक दूसरे को धर्म के नाम पर लड़ा रहे हैं। राहुल ने कहा कि दो सरकारें चलती हैं एक गरीबों की मदद करती है एक बिजनेसमैन की सहायता करती है। आपका पैसा मोदी जी अडानी को देते हैं तथा अडानी दुबई में जाकर बड़ा सा घर खरीद लेते हैं। जाति जनगणना इन सभी से निपटने का तरीका है, जिसे मैं एक्स-रे कहता हूं। जिस दिन जाति जनगणना होगी उस दिन मध्यप्रदेश के लोगों को पता चल जाएगा कि लोग बेरोजगार क्यों हैं। मैं मोदी जी से बोलता हूं जाति जनगणना के लिए तो मोदी जी बोलते हैं कि जात तो है ही नहीं। अपने आप को OBC बोलते हैं, मगर जब जाति जनगणना की बात होती है तो कहते हैं जाति तो एक ही है, गरीब हैं। 

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो 27 लाख किसानों का कर्जा माफ करेंगे। 100 यूनिट बिजली फ्री देंगे। 2 लाख रुपये तक का किसानों का कर्जा कांग्रेस सरकार माफ करेगी। यहां पर 2600 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का दाम करेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर गैस सिलेंडर का भाव 500 रुपये करेंगे। सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने सीधी के पेशाब कांड पर भी भारतीय जनता पार्टी को जमकर घेरा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे के करोड़ों के लेनदेन की बात भी की। राहुल गांधी ने कहा कि अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाते हैं जनता से कहते हैं हिन्दी सीखो। आपको बच्चों को विदेशी कंपनी में नौकरी के लिए अंग्रेजी की आवश्यकता है। राहुल गांधी ने कहा कि ओबीसी, दलित एवं आदिवासियों को जो मिलना चाहिए वो मिलेगा। मैंने जाति जनगणना कराने का मन बना लिया है।

देश में हिन्दुओं की वजह से लोकतंत्र कायम व लोकतांत्रिक मूल्य की परंपरा, लेकिन अब बढ़ रही असहिष्णुता : जावेद अख्तर


गीतकार जावेद अख्तर ने दिवाली पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिंदू संस्कृति में सहिष्णुता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत में यदि लोकतंत्र कायम है तो इसकी वजह हिंदू संस्कृति ही है। उन्होंने कहा कि यह सोचना कि हम ही सही हैं और दूसरे लोग गलत हैं, यह हिंदू संस्कृति का हिस्सा नहीं है। हालांकि उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि अब असहिष्णुता बढ़ रही है, लेकिन देश में लोकतंत्र भी इसी वजह से कायम है क्योंकि हिंदू संस्कृति सहिष्णुता वाली है। वह महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे की ओर से आयोजित कार्यक्रम दीपोत्सव में हिस्सा ले रहे थे।

इस दौरान उनके साथ मंच पर सलीम खान भी मौजूद थे। दोनों लेखक लंबे समय बाद एक मंच पर नजर आए, जबकि एक दौर में दोनों के बीच मतभेद की खबरें भी आई थीं। सलीम-जावेद की जोड़ी ने शोले जैसी सुपरहिट फिल्म की पटकथा लिखी थी। जावेद अख्तर ने इस मौके पर असहिष्णुता बढ़ने का दावा किया। उन्होंने कहा, 'आज जो फिल्में बन रही हैं, उन्हें परिवार के साथ बैठकर नहीं देखा जा सकता। अभिव्यक्ति की आजादी कम हुई है और यह बात तो मैं लगातार दोहरा रहा हूं। यदि आज हम शोले लिख रहे होते तो मंदिर में अभिनेत्री के साथ धर्मेंद्र के डायलॉग्स पर बवाल मच जाता। इसी तरह संजोग फिल्म में ओमप्रकाश जिस तरह गानों में कृष्ण और सुदामा की कहानी सुनाते हैं, क्या आज वैसा हो सकता है।'

हिंदुओं की सोच विशाल, यही खासियत; क्या अब छोड़ देंगे विरासत?

अकसर राजनीतिक मसलों पर मुखरता से बोलने वाले जावेद अख्तर ने कहा, 'असहिष्णुता आज बढ़ रही है। पहले कुछ लोग होते थे, जो असहिष्णु थे। हिंदू वैसे नहीं थे। हिंदुओं की सबसे बड़ी खासियत यही रही है कि उनकी सोच विशाल रही। यदि यह खासियत खत्म हो गई तो वे भी दूसरे लोगों की तरह हो जाएंगे। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने तो आपसे ही जीना सीखा है, लेकिन क्या हिंदू ही उन मूल्यों को छोड़ देंगे? उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि आज देश में लोकतंत्र कायम है और इसे बनाए रखने में हिंदू संस्कृति ने मदद की है।

भारत से निकलो तो भूमध्यसागर तक दूसरा लोकतांत्रिक देश नहीं

वह कहते हैं कि आगे देखते हैं कि क्या होता है। फिलहाल तो आप भारत से निकलें तो भूमध्यसागर तक कोई दूसरा देश ऐसा नहीं है, जहां लोकतांत्रिक व्यवस्था हो। यहां लोकतंत्र इसलिए है क्योंकि जो जैसा चाहे सोच सकता है। जो मूर्ति पूजा करता है, वह भी हिंदू है। जो नहीं करता है, वह भी हिंदू है। यदि कोई एक ही देवता को मानता है तो वह भी हिंदू है। दूसरा यदि 32 करोड़ देवताओं को मानता है तो वह भी हिंदू है। यदि कोई किसी की भी पूजा नहीं करता तो भी वह हिंदू है। यही हिंदू संस्कृति है, जो हमें लोकतांत्रिक मूल्य देती है। उसी की वजह से इस देश में लोकतंत्र जिंदा है।

पाकिस्तान में भारत के एक और दुश्मन का खात्मा, लश्कर-ए-तैय्यबा का आतंकी अकरम गाजी मारा गया

#former_commander_of_lashkar_e_taiba_akram_khan_was_shot_dead_in_pakistan

पाकिस्‍तान से एक और आतंकी के मारे जाने की खबरें आई हैं। खैबर पख्‍तून्‍ख्‍वां में अकरम खान उर्फ गाजी की अज्ञात हमलावरों ने हत्‍या कर दी है।अकरम गाजी की गुरुवार को पाकिस्तान के बाजौर में अज्ञात हमलावरों ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई।आतंकी अकरम गाजी ने साल 2018 से 2020 तक लश्कर भर्ती सेल का नेतृत्व किया था। साथ ही वह पाकिस्तान में अपने भारत विरोधी भाषणों के लिए जाना जाता था।

बताया जा रहा है कि अकरम खान उर्फ अकरम गाजी की पाकिस्तान के बाजौर में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी।अकरम लश्कर-ए-तैयबा का एक जाना-माना नाम है। वह लंबे समय से चरमपंथी गतिविधियों में शामिल था। साथ ही उसने लश्कर भर्ती सेल का नेतृत्व किया था। वह चरमपंथी हितों के प्रति सहानुभूति रखने वाले व्यक्तियों की पहचान करता था और उन्हें भर्ती करने में एक जिम्मेदार भूमिका निभाता था। 

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले का था मास्टरमाइंड

अकरम की हत्‍या को आईएसआई के साथ ही लश्‍कर के सरगना हाफिज सईद के लिए भी बड़ा झटका बताया जा रहा है। गाजी लश्‍कर के लिए भारत के खिलाफ सबसे महत्‍वपूर्ण आतंकी था। संगठन का मानना था कि वह भारत के खिलाफ घाटी के युवाओं को काफी प्रभावी तरीके से भड़का सकता था। व‍ह अक्‍सर भारत के खिलाफ जहर उगलता था। वर्ष 2018 में जम्मू-कश्मीर के सुंजवान में हुए आतंकी हमले का वह मास्टरमाइंड था। अकरम गाजी ने कश्मीर से ख्वाजा शाहिद का अपहरण कर लिया था। बाद में पीओके में नियंत्रण रेखा के पास उसका कटा हुआ सिर पाया गया था। वह भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने के मुख्य सूत्रधारों में से एक था। 

पहले भी पाकिस्तान में हुई आतंकियों की हत्या

पिछले एक सप्ताह में पाकिस्तान में हुई भारत के दुश्मन की लगातार यह दूसरी हत्या है। इससे पहले एक और आतंकी को अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया था।इसी साल अक्टूबर में पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लतीफ पाकिस्तान के गुजरांवाला शहर से भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक था और 2016 में पठानकोट वायु सेना स्टेशन में घुसने वाले चार आतंकवादियों का हैंडलर था।