*अवैध पटाखा और सामग्री बरामद,क्राइम ब्रांच व पुलिस टीम ने दी दबिश, कार्रवाई से मचा हड़कंप*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर अवैध पटाखा का कारोबार करने वाले सक्रिय हो गए हैं। मुखबिर की सूचना की सूचना पर क्राइम ब्रांच व थाने की पुलिस टीम ने स्टेशन रोड स्थित कुछ दुकानों को खंगाला। इस दौरान हजारों रुपए के अवैध पटाखे व निर्माण में प्रयुक्त होने वाले सामान को बरामद किया गया। इसके चलते बाजार में हड़कंप है।

पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने स्टेशन रोड पर पटाखा कारोबारी के मकान व दुकान पर दबिश दी। हालांकि बड़ी सफलता हाथ नहीं आई। कमरों व दुकानों के खंगालने के बाद केवल कुछ पटाखे व निर्माण में प्रयुक्त होने वाला सामान बरामद हुआ। देश शाम तक जांच पड़ताल का क्रम बना था, उधर बाजार के बीचों बीच करोड़ों का पटाखा जगह-जगह गोदामों में डंप होने से लोगों में भय बना हुआ है।

इसके पूर्व विस्फोट में क‌ईयों की जान गई गई थी। बड़े पटाखा व्यापारी पासवर्ड के जरिए छोटे दुकानदारों को अधिक को अधिक दाम पर बेचने काम कर रहे हैं। इस कार्रवाई में एक पटाखा व्यापारी को पकड़ कर जहां कार्रवाई की गई। वहीं मुख्य व्यापारी अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। गत वर्ष व्यापक पैमाने पर पटाखा बरामद किया गया है।

*गलत इंजेक्शन से मौत मामले जांच टीम गठित,जांच में खामियां मिलने पर सीएमओ ने एसीएमओ का रोका वेतन*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। ब्लाॅक क्षेत्र के कसिदहां गांव निवासी बुजुर्ग की गलत इंजेक्शन लगाने से हुई मौत के मामले में सीएमओ डॉ संतोष कुमार चक ने दोबारा जांच के लिए टीम गठित कर दी है। पहली जांच टीम में खामियां मिलने पर सीएमओ ने दोबारा जांच के लिए टीम गठित की है। जांच में लापरवाही बरतने पर सीएमओ ने एसीएमओ डॉ ओपी शुक्ला का चार दिन का वेतन रोक दिया है।

बीते 25 अक्टूबर को सुंदरपुर गांव स्थित निजी चिकित्सालय में अपने बहू को दवा दिलाने गए कसिदहां निवासी बुजुर्ग बडोर गौतम 55 वर्ष ने अपने घाव को दिखाया तो चिकित्सक ने उसे दवा देते हुए एक इंजेक्शन लगाया था। आरोप है कि चिकित्सक के इंजेक्शन लगाने के बाद बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ी गई और उनकी मौत हो गई। सीएमओ ने मामले की जांच के लिए तत्काल तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। रिपोर्ट में तमाम खामियां पाई गई थी।

*बदला मौसम का मिजाज,एसी कूलर बंद,निकले स्वेटर- मफलर*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जनपद में हवा रुख बदलते ही लोगों को ठंड का एहसास होने लगा है। एक सप्ताह से सुबह-शाम मौसम बदल जा रहा है। दिन में धूप हो रही है। सुबह शाम लोग एसी कूलर बंदकर ऊनी वस्त्र पहन ले रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक 2 नवंबर के बाद पश्चिमी क्षेत्रों में होने वाली गिरावट के बाद पूर्वांचल के जिलों में 10 नवंबर के बाद तापमान में गिरावट आएगी। जिलेवासी इन दिनों दोहरे मौसम की मार झेल रहे हैं।

सुबह शाम जहां गुलाबी ठंड का असर देखा जा रहा है तो वहीं दोपहर में तीखी धूप का असर रहा है। जिसके कारण तमाम लोग बीमार हो रहे हैं। मौसम विभाग की मानें तो जिले में आगामी एक सप्ताह से अधिक समय से ऐसा ही मौसम बने रहने का अनुमान है।

खासकर सुबह व शाम में तापमान में गिरावट बनी रहेगी। मौसम के बदले रवैये के कारण बच्चों और बुजुर्गों पर इसका असर देखा जा रहा है। तमाम लोगों ने गर्म कपड़े पहनना भी शुरू कर दिए हैं। जिले में 10 नवंबर के बाद तापमान में गिरावट देखा जा सकता है। जिससे सर्दी बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।

मौसम विभाग ने बताया कि अक्टूबर समापन की ओर है। नवंबर से ठंड का एहसास लोगों को होने लगता है। इन दिनों निरंतर तापमान में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। आगामी सप्ताह तक ऐसा ही रहेगा। बताया कि दो नवंबर को पश्चिमी क्षेत्रों में तापमान में गिरावट सिलसिला शुरू हो जाएगा। जिसका असर पूर्वांचल की तरफ 10 नवंबर तक देखा जाएगा।

*करवा चौथ नजदीक, गुलजार हुए बाजार*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। हिंदू धर्म में सुहागिनों के लिए करवाचौथ का व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती रखती हैं. कुंवारी लड़की भी मनपसंद वर पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं. रात में चांद देखने के बाद अपना व्रत खोलती हैं. इस बार ये पर्व 1 नवंबर को मनाया जाएगा। करवा शब्द का अर्थ मिट्टी का बर्तन होता है. चौथ का शाब्दिक अर्थ चतुर्थी है।

इस दिन शाम को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद पति, पत्नी को मिट्टी के बर्तन (करवा) से पानी पिलाकर व्रत खुलवाता है।करवा पंच तत्वों का प्रतीक माना जाता है. मिट्टी के करवा में पांच तत्व होते है जल, हवा , मिट्टी, अग्नि, व आकाश. इससे ही हमारा शरीर भी बना है. करवा में मिट्टी और पानी मिलाया जाता है. पानी में मिट्टी को गला कर करवा बनाया जाता है। भूमि तत्व और जल तत्व का प्रतीक है. उसे बनाकर धूप और हवा से सुखाया जाता है, जो आकाश तत्व और वायु तत्व के प्रतीक है. फिर आग में तपाया जाता है।

भारतीय संस्कृति में पानी को ही परब्रह्म माना गया है. जल ही सब जीवों की उत्पत्ति का केंद्र है. इस तरह मिट्टी के करवे से पानी पिलाकर पति पत्नी अपने रिश्ते में पंच तत्व और परमात्मा दोनों को साक्षी बनाकर अपने दांपत्य जीवन को सुखी बनाने की कामना करते हैं. मिट्टी के तपे हुए बर्तन में पानी पीना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह उपयोगी है. आयुर्वेद में भी मिट्टी के बर्तन में इसे फायदेमंद माना गया है। जिले में एक नवंबर को करवाचौथ मनाया जाएगा।

इससे पहले बाजार गुलजार हो गए हैं। सुहागिन महिलाएं बाजार में खरीदारी करने पहुंच रही हैं। बाजार में कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ नजर आ रही है। वे दुकानदारों से सिल्क, आर्गिंजा वैराइटी की साड़ी और फैंसी चूड़ी की मांग कर रही है।

लाल रंग की साड़ी उनकी पहली पसंद है। खरीदारी बढ़ने से दुकानदारों के चेहरे की रौनक बढ़ गई है। त्योहारी सीजन में जिले के रोडवेज व बस स्टेशनों पर भीड़ बढ़ गई है।जनपद के ज्ञानपुर, भदोही, चौरी, औराई, गोपीगंज,जंगीगंज, ऊंज, कोईरौना, अभोल, दुर्गागंज, सुरियावां क्षेत्र के बाजार में दुकानों पर करवा चौथ के सामान से सज गए हैं।

करवा, चलनी, सरई, चुड़ी सहित श्रृंगार सामग्री की जमकर खरीदारों हो रही है। दुकानों पर दोपहर से रात तक महिलाओं का जमावड़ा दिखाई दे रहा है। चूड़ी और साड़ी की खरीदारी महिलाएं उत्साह से कर रही है।

*रेफरल सेंटर बने जिले के स्वास्थ केंद्र, रोजाना 35 फीसदी मरीज हो रहे रेफर*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के अस्पताल रेफरल सेंटर बन गए हैं। संसाधनों के अभाव और चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर दिन बड़ी संख्या में इमरजेंसी केस पहुंचते हैं, लेकिन अधिकतर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। यहीं हाल जिले के बड़े अस्पतालाें की है। सीएचसी की अपेक्षा यहां संसाधन तो हैं, लेकिन विशेषज्ञों की कमी भारी पड़ती है।

विभाग के अनुसार जिले में हर दिन पांच से साढ़े पांच हजार लोगों की ओपीडी होती है। वहीं सभी सीएचसी पर हर दिन 90 से 95 के बीच इमरजेंसी केस पहुंचते हैं। इसमें 35 फीसदी से अधिक केस रेफर कर दिए जाते हैं।जिले में महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय और महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय दो बड़े चिकित्सालयों के साथ ही सुरियावां, भदोही, दुर्गागंज, डीघ, गोपीगंज और औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। जनपद के इन आठों स्वास्थ्य केन्द्रों में दोनों बड़े चिकित्सालयों को छोड़ दिया जाए तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुविधाओं का घोर अभाव है।

यहां पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती है न ही पर्याप्त संसाधन। अधिकांश सीएचसी में सर्जन, हड्डी विशेषज्ञ, फिजिशियन, महिला चिकित्सकों का टोटा है। इसके कारण यहां पहुंचने वाले अधिकांश इमरजेंसी केसों को जिला चिकित्सालय या फिर भदोही के महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय रेफर कर दिया जाता है। विभाग के मुताबिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 5000-5500 की मरीजों की हर दिन ओपीडी होती है। इसके अलावा तकरीबन 100 से 125 मरीज इमरजेंसी केस भी पहुंचते हैं। इसमें ज्यादातर केस रेफर कर दिए जाते हैं।

हालांकि सीएचसी पर तैनात अधीक्षक का दावा है कि सेंटर से केवल दो से चार की संख्या में केस रेफर किए जाते हैं, लेकिन हकीकत है कि संसाधन और विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से बड़ी संख्या में मरीजों को रेफर कर दिए जाते हैं। वहीं जिला चिकित्सालय में सबसे अधिक केस रेफर होकर आते हैं। वहां भी बड़ी संख्या में चिकित्सकों की कमी है। जिला चिकित्सालय में कुल 32 पद हैं, लेकिन फिलहाल केवल 18 चिकित्सक ही तैनात है। जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, ईएनटी विशेषज्ञ, सर्जन विशेषज्ञ के साथ बाल रोग विशेषज्ञ के चिकित्सकों की तैनाती नहीं है। इससे मरीजों को परेशानी होती है।

जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, मरीजों पर भारी

जिला चिकित्सालय में हर दिन 50-60 मरीज पहुंचते हैं। विभाग के अनुसार रोजाना चार से पांच मरीज रेफर किए जाते हैं। सीएचसी की अपेक्षा यहां संसाधन व चिकित्सकों की तैनाती होने से कम मरीज रेफर होते हैं, लेकिन दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। यहां पर वेंटिलेटर, आसीयू सहित अन्य व्यवस्थाएं नहीं हैं। न्यूरोलॉजिस्ट, कॉडियोलाजिस्ट, इएनटी सर्जन, सर्जन नहीं हैं। इससे समस्याएं बढ़ती हैं। एमबीएस अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय तिवारी ने बताया कि अक्तूबर माह के 27 दिनों में यहां से कुल 19 मरीज रेफर हुए हैं। इसमें 10 सड़क दुर्घटना के मामले हैं। बाकी 9 मरीज तीमारदोरों की मांग करने पर रेफर किए गए।

रात में नहीं रुकती महिला डाक्टर

जिला चिकित्सालय में रात में महिला चिकित्सक नहीं रुकती हैं। प्रसूता के आने पर चिकित्सक से ऑनकाल होने के बाद नर्स उन्हें दवाएं देती हैं। सीरियस केस होने पर उन्हें मंडलीय अस्पताल मिर्जापुर, वाराणसी या स्वरुप रानी रेफर कर दिया जाता है। महिला चिकितसकों को ठहरने के लिए रात में व्यवस्था नहीं हैं।

किस सीएचसी पर हर दिन पहुंच रहे कितने मरीज

सीएचसी - इमरजेंसी मरीज - रेफर

दुर्गागंज - 05-06 - 02-03

सुरियावां - 20-25 - 08-09

औराई - 10-12 - 04-06

गोपीगंज - 30-35 - 10-12

डीघ - 14-15 - 06-07

भदोही - 0-02 - 0-01

(नोट-भदोही में एबीएस सहित प्राइवेट अस्पताल अधिक होने से सीएचसी में इमरजेंसी केस कम पहुंचते हैं )

सीएचसी में सुविधाओं को दुरूस्त करने का कार्य किया जा रहा है। कुछ कमियां हैं उसे दुरूस्त किया जा रहा है। हालांकि जिला चिकित्सालय व एमबीएस में पर्याप्त संसाधन हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों केा पर्याप्त इलाज किया जाता है।

- डॉ. एसके चक, सीएमओ।

*भदोही में दुकान से लाखों की चोरी ,सेंध लगाकर साड़ी की दुकान में घुसे, सुबह ग्रामीणों ने दुकानदार को दी जानकारी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गोपीगंज थाना क्षेत्र के शिखापुर गांव में बीती रात चोरों ने एक साड़ी के दुकान में सेंध लगाकर लाखों का चोरी कर लिए। घटना की जानकारी होते ही पीड़ित ने सुबह थाने में चोरी की तहरीर दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।

बता दें की गोपीगंज थाना क्षेत्र के शिखापुर बाजार में शिखापुर गांव निवासी अनिल पांडे का साड़ी की दुकान है । प्रतिदिन की तरह दुकान बंद करके दुकानदार अपने घर चला गया । बीती रात चोरों ने दुकान के पीछे सेंध लगाकर दुकान में रखे साड़ी व अन्य कपड़ा उठा ले गए। जबकि दुकान में 32 हजार रुपए रखे नगद भी चोरों ने गल्ला समेत उठा ले गए।

घटना की जानकारी सुबह ग्रामीणों में दुकान दार को दिया। दुकान पर पहुंचे पीड़ित ने देखा तो होश उड़ गए और तत्काल चोरी की सूचना गोपीचंद थाना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही मौके पर थाना पुलिस पहुंचकर चोरी के मामले की जानकारी लेते हुए छानबीन में जुट गई है और जल्द खुलासा करने का आश्वासन दिया। बता दे कि अनिल पांडे साड़ी के दुकान से ही अपने परिवार का भरण पोषण करते थे।

बता दें की शिखापुर गांव निवासी अनिल पांडे की दुकान शिखापुर बाजार में थी । जहां पर बीती रात चोरों ने सेंध लगाकर दुकान में रखे कपड़े व नगद उठा ले गए। पीड़ित ने बताया कि लाखों की चोरी हो गई और हम इसी दुकान से अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। दीपावली का त्यौहार नजदीक है ऐसे में चोरी हो जाने के बाद अब मेरे सामने भरण पोषण का भी संकट उत्पन्न हो गया है।पुलिस प्रशासन से मांग किया कि जल्द चोरों की गिरफ्तारी व घटना की खुलासा हो।

*रेफरल सेंटर बने जिले के स्वास्थ केंद्र, रोजाना 35 फीसदी मरीज हो रहे रेफर*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के अस्पताल रेफरल सेंटर बन गए हैं। संसाधनों के अभाव और चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर दिन बड़ी संख्या में इमरजेंसी केस पहुंचते हैं, लेकिन अधिकतर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। यहीं हाल जिले के बड़े अस्पतालाें की है। सीएचसी की अपेक्षा यहां संसाधन तो हैं, लेकिन विशेषज्ञों की कमी भारी पड़ती है।

विभाग के अनुसार जिले में हर दिन पांच से साढ़े पांच हजार लोगों की ओपीडी होती है। वहीं सभी सीएचसी पर हर दिन 90 से 95 के बीच इमरजेंसी केस पहुंचते हैं। इसमें 35 फीसदी से अधिक केस रेफर कर दिए जाते हैं।जिले में महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय और महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय दो बड़े चिकित्सालयों के साथ ही सुरियावां, भदोही, दुर्गागंज, डीघ, गोपीगंज और औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। जनपद के इन आठों स्वास्थ्य केन्द्रों में दोनों बड़े चिकित्सालयों को छोड़ दिया जाए तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुविधाओं का घोर अभाव है।

यहां पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती है न ही पर्याप्त संसाधन। अधिकांश सीएचसी में सर्जन, हड्डी विशेषज्ञ, फिजिशियन, महिला चिकित्सकों का टोटा है। इसके कारण यहां पहुंचने वाले अधिकांश इमरजेंसी केसों को जिला चिकित्सालय या फिर भदोही के महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय रेफर कर दिया जाता है। विभाग के मुताबिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 5000-5500 की मरीजों की हर दिन ओपीडी होती है। इसके अलावा तकरीबन 100 से 125 मरीज इमरजेंसी केस भी पहुंचते हैं। इसमें ज्यादातर केस रेफर कर दिए जाते हैं।

हालांकि सीएचसी पर तैनात अधीक्षक का दावा है कि सेंटर से केवल दो से चार की संख्या में केस रेफर किए जाते हैं, लेकिन हकीकत है कि संसाधन और विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से बड़ी संख्या में मरीजों को रेफर कर दिए जाते हैं। वहीं जिला चिकित्सालय में सबसे अधिक केस रेफर होकर आते हैं। वहां भी बड़ी संख्या में चिकित्सकों की कमी है। जिला चिकित्सालय में कुल 32 पद हैं, लेकिन फिलहाल केवल 18 चिकित्सक ही तैनात है। जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, ईएनटी विशेषज्ञ, सर्जन विशेषज्ञ के साथ बाल रोग विशेषज्ञ के चिकित्सकों की तैनाती नहीं है। इससे मरीजों को परेशानी होती है।

जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, मरीजों पर भारी

जिला चिकित्सालय में हर दिन 50-60 मरीज पहुंचते हैं। विभाग के अनुसार रोजाना चार से पांच मरीज रेफर किए जाते हैं। सीएचसी की अपेक्षा यहां संसाधन व चिकित्सकों की तैनाती होने से कम मरीज रेफर होते हैं, लेकिन दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। यहां पर वेंटिलेटर, आसीयू सहित अन्य व्यवस्थाएं नहीं हैं। न्यूरोलॉजिस्ट, कॉडियोलाजिस्ट, इएनटी सर्जन, सर्जन नहीं हैं। इससे समस्याएं बढ़ती हैं। एमबीएस अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय तिवारी ने बताया कि अक्तूबर माह के 27 दिनों में यहां से कुल 19 मरीज रेफर हुए हैं। इसमें 10 सड़क दुर्घटना के मामले हैं। बाकी 9 मरीज तीमारदोरों की मांग करने पर रेफर किए गए।

रात में नहीं रुकती महिला डाक्टर

जिला चिकित्सालय में रात में महिला चिकित्सक नहीं रुकती हैं। प्रसूता के आने पर चिकित्सक से ऑनकाल होने के बाद नर्स उन्हें दवाएं देती हैं। सीरियस केस होने पर उन्हें मंडलीय अस्पताल मिर्जापुर, वाराणसी या स्वरुप रानी रेफर कर दिया जाता है। महिला चिकितसकों को ठहरने के लिए रात में व्यवस्था नहीं हैं।

किस सीएचसी पर हर दिन पहुंच रहे कितने मरीज

सीएचसी - इमरजेंसी मरीज - रेफर

दुर्गागंज - 05-06 - 02-03

सुरियावां - 20-25 - 08-09

औराई - 10-12 - 04-06

गोपीगंज - 30-35 - 10-12

डीघ - 14-15 - 06-07

भदोही - 0-02 - 0-01

(नोट-भदोही में एबीएस सहित प्राइवेट अस्पताल अधिक होने से सीएचसी में इमरजेंसी केस कम पहुंचते हैं )

सीएचसी में सुविधाओं को दुरूस्त करने का कार्य किया जा रहा है। कुछ कमियां हैं उसे दुरूस्त किया जा रहा है। हालांकि जिला चिकित्सालय व एमबीएस में पर्याप्त संसाधन हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों केा पर्याप्त इलाज किया जाता है।

- डॉ. एसके चक, सीएमओ।

अब आलू के दामों में लगी आग, किसान चिंतित



भदोही। बोआई शुरू होने के साथ ही आलू के दामों में भी वृद्धि हो गई है। इसके कारण किसानों के साथ ही गरीबों की मुसीबतें बढ़ गई है। आलम है कि अब थाली से सब्जी गायब हो रही है। तीन से चार दिनों में ढ़ाई गुना दाम बढ़ा दिया गया है। बाजार में 20 रुपए किलो आलू बिक रहा है। आरोप है कि प्रदेश के साथ ही जिले के बड़े व्यापारियों द्वारा आलू समेत अन्य जरुरी खाद्य सामानों की जमकर कालाबाजारी की जा रही है। परिणामस्वरूप जहां सामनों के दामों में आग लगी हुई है। वहीं लोगों बजट बिगड़ जा रहा है।

आलू बोआई का सीज़न अभी चल रहा है। इस बीच 18 से 20 रुपए तक आलू बाजार में बेचा जा रहा है। समय रहते सरकार व प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया तो आने वाले दिनों में शादी विवाह का सीजन शुरू होने के बाद आलू महंगा हो जाएगा। अधिक दाम किसानों के सामने भी विकट स्थितियां हो गई है। किसान राजबली, बनारसी बाबू, शिवनाथ गौड़, लालचंद मौर्य ने बताया कि एक सप्ताह तक बाजार में आठ रुपए किलो तक आलू मिल रहा था। इन दिनों 18 से लेकर 20 रुपए किलो बिक रहा है। ऐसे में बोआई में दिक्कत है। बाकी किसानों के दामों में पहले ही बढ़ोतरी थी।

*प्रभारी निरीक्षक व चौकी प्रभारी सहित तीन पुलिस कर्मी निलंबित*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- पुलिस अधीक्षक डा.मीनाक्षी कात्यायन ने प्रभारी निरीक्षक गोपीगंज सदानंद सिंह व चौकी प्रभारी प्रवीण शेखर ओझा व बीट आरक्षी सहित तीन पुलिसकर्मियों को कर्तव्य पालन के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया हैl

इन पर भरत मिलाप कार्यक्रम के दौरान दो समुदायों के मध्य मार-पीट,छेड़खानी की घटना के संबंध में पुलिस उच्चाधिकारियों को समय पर घटना से जुड़े सही तथ्यों की जानकारी न देने व घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगा हैl

गुरुवार की रात गोपीगंज में आयोजित भरत-मिलाप के दौरान नाबालिग/पीड़िता के साथ छेड़खानी की बात को लेकर दो समुदायों (हिंदू मुस्लिम) के मध्य मार-पीट की घटना हो गयी थी।

इस संबंध में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक सदानंद सिंह,चौकी प्रभारी कस्बा गोपीगंज उप निरीक्षक प्रवीण शेखर व बीट आरक्षी आनंद वर्मा ने पुलिस उच्चाधिकारियों को ससमय घटना से जुड़े सही तथ्यों की जानकारी न देते हुए कर्तव्य पालन में घोर लापरवाही की गई। लापरवाही बरतने के आरोप प्रथम दृष्टया प्रारम्भिक जांच में सही पाया गया। आरोप सही पाए जाने पर

पुलिस अधीक्षक ने तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक सदानंद सिंह, चौकी प्रभारी गोपीगंज उप निरीक्षक प्रवीण शेखर व बीट आरक्षी आनंद वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए इनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया हैं।

*नाबालिग से छेड़छाड़ और हत्या के दोषी को आजीवन कारावास*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पाॅक्सो की अदालत ने नाबालिग से छेड़छाड़ एवं हत्या मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने मात्र 10 महीने में मामले का निपटारा कर दिया। कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जनवरी 2023 में सुरियावां के एक गांव में घटना हुई थी।

अभियोजन के मुताबिक, सुरियावां थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी करीब 16 वर्ष को अरविंद विश्वकर्मा ग्राम मीनापुर थाना ऊंज दो से तीन महीने से परेशान कर रहा था। शिकायत उसकी बेटी ने घर वालों से की, लेकिन पंचू और उसका बड़ा भाई सुनील विश्वकर्मा उर्फ दारा के डर एवं भय, लोक लज्जा के कारण कहीं शिकायत नहीं किया।

सुनील ने उससे एक बार कहा था कि यदि अरविंद विश्वकर्मा उर्फ पंचू की बात उसकी बेटी नहीं मानी तो उसकी हत्या कर देंगे। दो से तीन दिन शौच जाते समय उसकी बेटी को खींचने का प्रयास आरोपियों ने किया। इस घटना के बाद वह बेटी के साथ अपनी चचेरी बहन को भेजने लगा। उस दौरान पीछे से पत्नी भी जाती थी। 18 जनवरी 2023 को उसकी बेटी जैसे ही पंडित जी के खेत के करीब पहुंची तभी अरविंद उर्फ पंचू विश्वकर्मा ने उसका रास्ता रोक लिया।

विरोध करने पर सुनील विश्वकर्मा ने कहा कि इसे गोली मार दो। पंचू ने उसकी बेटी के सिर में शाम सात बजे गोली मार दिया। अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या एवं पाॅक्सो के विभिन्न धाराओं में आरोपत्र न्यायालय में भेजा। जहां गवाहों के बयानात दर्ज करने के बाद न्यायाधीश श्रीमती मधु डोगरा की अदालत ने दोषी अरविंद विश्वकर्मा उर्फ पंचू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं दोषी के खिलाफ 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।