'आप' सांसद संजय सिंह को कोर्ट से झटका, दिल्ली आबकारी नीति मामले में 10 नवंबर तक बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत

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दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की न्यायिक हिरासत शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 10 नवंबर तक बढ़ा दी। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया था।बता दें कि संजय सिंह की गिरफ्तारी ईडी ने 4 अक्टूबर को की थी। वहीं कोर्ट में सुनवाई से पहले संजय सिंह ने कहा कि सत्ता के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।

कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश होने से पहले आप सांसद ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा ‘सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। वहीं आप आदमी पार्टी ने नेता का दावा है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की साजिश के तहत गिरफ्तार कराया गया है। इससे पहले दिल्ली में केंद्र सरकार और बीजेपी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन किया।

कोर्ट में हिरासत पर सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने सिंह को अपने पारिवारिक खर्चों और संसद सदस्य के रूप में क्षेत्र के कामों के लिए दो चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी। जज ने संबंधित जेल अधिकारियों को संजय सिंह के लिए उनके निजी डॉक्टर सहित उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया।

हरियाणा के 19 साल के गैंगस्टर के खिलाफ इंटरपोल ने जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस, जानें योगेश कादियान कैसे पहुंचा यूएस

#interpols_red_corner_notice_against_19_year_old_gangster_yogesh_kadyan

भारत के गैंगस्टर्स इन दिनों दुनियाभर में सुर्खियां बटोर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से भारत के भगोड़े कनाडा और अमेरिका में शरण ले रहे हैं। भारतीय जांच एजेंसियों ने इन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दी। जिसके बाद कई गैंगस्टर तो अंडरग्राउंड हो गए लेकिन कुछ फर्जी पासपोर्ट के सहारे विदेश भागने में सफल रहे।इन्ही खुंखार अपराधियों में से एक है 19 साल का योगेश कादयान।हरियाणा के झज्जर के रहने वाले इस गैंगस्टर के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगेश पर हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश और आर्म्स एक्ट का आरोप लगा है। सूत्रों के मुताबिक, 19 साल का गैंगस्टर भारत से भागकर अमेरिका में शरण ले चुका है।

बताया जा रहा है कि योगेश कादयान भारत से फरार होने के बाद अमेरिका चला गया और वह वहीं पनाह लिया हुआ है।इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करते हुआ बताया कि योगेश के खिलाफ अपराधिक साजिश, हत्या के प्रयास, प्रतिबंधित हथियारों और गोल-बारूद के प्रयोग में मामले दर्ज हैं। एजेंसी ने उसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उसकी हाईट 1.72 मीटर है और वजन लगभग 70 किलो है। इसके साथ ही उसके बलों और आंखों का रंग भी काला है। इसके साथ ही उसके बाएं हाथ पर एक तिल भी है।

छोटी सी उम्र में योगेश अत्याधुनिक हथियार चलाने में माहिर माना जाता है। बालिग होने से पहले ही वह खतरनाक अपराधों को अंजाम दे चुका है।योगेश शार्प शूटर है और मॉडर्न हथियार चलाने में एक्सपर्ट है। हरियाणा का रहने वाला योगेश पंजाब की कुख्यात बंबीहा गैंग से भी ताल्लुक रखता है। वह गैंगवॉर की कई घटनाओं में शामिल रहा था।

'रथ प्रभारी' नियुक्ति के मामले में चुनाव आयोग ने दिया बड़ा आदेश, मोदी सरकार की योजना को बड़ा झटका

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चुनाव आयोग के एक आदेश ने केन्द्र सरकार के एक अभियान पर ब्रेक लगा दिया है। केंद्र सरकार की देशभर में सरकारी अधिकारियों की मदद से 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' निकालने की योजना थी। केंद्र ने सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाने के लिए चुनाव अभियान में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप निदेशकों को जिला 'रथप्रभारी' के रूप में नियुक्त करने की योजना बनाई है। चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से प्रस्तावित विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए चुनावी राज्यों में केंद्रीय अधिकारियों को रथ प्रभारी नियुक्त किए जाने से रोकने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को सरकार को केंद्रीय योजनाओं के प्रचार के लिए प्रस्तावित ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’को पांच दिसंबर तक 5 चुनावी राज्यों में नहीं निकालने को कहा। बता दें राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

चुनावी राज्यों में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ पर रोक

चुनाव आयोग ने इस संबंध में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को लेटर लिखा। लेटर में चुनाव आयोग ने कहा कि यह आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों को 'जिला रथप्रभारी' या प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए विशेष अधिकारियों के रूप में नामित करने के लिए मंत्रालयों को एक पत्र भेजा गया है। लेटर में आयोग ने कहा कि पांच राज्यों - मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव होने हैं, वहां आदर्श आचार संहिता पहले ही लागू हो चुकी है। ऐसे में जिन निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू है, वहां 5 दिसंबर, 2023 तक गतिविधियां नहीं की जानी चाहिए।

पूर्व नौकरशाहों ने आदेश के खिलाफ राष्ट्रपति को लिखी ती चिठ्ठी

बता दें कि बीते हफ्ते सरकार ने सभी केंद्रीय मंत्रियों को शीर्ष अधिकारियों के नाम देने को कहा था, जिन्हें आगामी विकसित भारत संकल्प यात्रा में अलग-अलग जिलों में रथ प्रभारी बनाया जाएगा। हालांकि सरकार के इस आदेश पर कई अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की है। पूर्व नौकरशाहों ने तो इस आदेश के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी भी लिखी है। अधिकारियों का कहना है कि नियम, सरकारी अधिकारियों को किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने की इजाजत नहीं देते। अधिकारियों के एक वर्ग और विपक्ष के एतराज के बीच चुनाव आयोग का निर्देश सामने आया है।

खड़गे ने लिखा था पीएम मोदी को पत्र

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरकारी अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाने पर कड़ी आपत्ति जता चुके हैं। खरगे ने पत्र में लिखा कि 'यह सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल्स, 1964 का साफ उल्लंघन है, जो कहता है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लेगा। खरगे ने लिखा कि सरकारी अधिकारी सूचना प्रसारित करें, यह स्वीकार्य है लेकिन सरकारी योजनाओं का जश्न मनाने से वह सत्ताधारी पार्टी के राजनीतिक कार्यकर्ता लगेंगे। तथ्य यह है कि सिर्फ बीते नौ साल की उपलब्धियों का प्रचार किया जा रहा है।

असम में सरकारी कर्मचारी की दूसरी शादी पर पाबंदी, सीएम सरमा ने कहा कि पहले भी यह नियम था

#assam_government_employees_cannot_have_second_marriage

असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने अपने कर्मचारियों पर पति या पत्नी के जीवित रहते हुए किसी अन्य से शादी करने पर रोक लगा दी है। सरमा सरकार ने राज्य में सरकारी कर्मचारियों की शादी के संबंध में 58 साल पुराने इस कानून को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। यही नहीं, दूसरा विवाह करने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। 

सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति अगर इस कानून का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि “कोई भी सरकारी कर्मचारी जिसकी पत्नी जीवित है, वह सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी नहीं करेगा, भले ही उसे व्यक्तिगत कानून के तहत दूसरी शादी की इजाजत हो। इस कानून के मुताबिक कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं कर सकता। ऐसे पुरुष या महिला को दूसरी शादी करने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि यह नियम बहुत पहले से ही है और अब हम इसे लागू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, पहले भी यह नियम था, लेकिन हमने इसे लागू नहीं किया था। अब हम इसे लागू करने पर विचार कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक यह अधिसूचना कार्मिक अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज वर्मा ने 20 अक्टूबर को ही जारी की थी लेकिन यह गुरुवार को सामने आई है। इस आदेश में 58 साल पुराने असम सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 26 के प्रावधानों का हवाला दिया गया है।

अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर के अरनिया सेक्टर में फिर तोड़ा सीजफायर

#pakistan_ceasefire_violation_on_bsf_posts_in_arnia_jammu

पाकिस्तान ने एक बार फिर सीज फायर का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान रेंजर्स ने गुरुवार रात जम्मू के अरनिया और आर एस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित भारतीय चौकियों पर बिना उकसावे के गोलीबारी की जिसमें एक जवान और चार नागरिक घायल हो गए।

गुरुवार रात 8 बजे के करीब बिना किसी उकसावे के पाकिस्तानी रेंजर्स ने अरनिया सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल (बीएमएफ) की चौकियों पर फायरिंग शुरू कर दी। बीएसएफ जवानों ने पाकिस्तान के इस उकसावे वाली हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया।जानकारी के मुताबिक इस दौरान बीएसएफ की एक पोस्ट पर मोर्टार अटैक भी हुआ है। हालांकि वह दीवार में फंस गया। जम्मू में 5 भारतीय चौकियों पर पाक सैनिकों की गोलीबारी में 1 बीएसएफ जवान और 4 नागरिक घायल हो गए हैं।

पाकिस्तान की ओर से 9 दिनों में यह दूसरा सीजफायर उल्लंघन है। 17 अक्टूबर को अरनिया सेक्टर में ही पाकिस्तान रेंजर्स ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की थी। पाकिस्तान की ओर से बीते हफ्ते भी जम्मू में स्थित आरएस पुरा के इंटरनेशनल बॉर्डर पर सीजफायर का उल्लंघन किया गया था। पाकिस्तान की ओर से अचानक की गई गोलीबारी में सीमा सुरक्षा बल के दो जवान जख्मी हो गए थे। इस घटना के बाद भारतीय जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की थी और सैनिकों ने पाकिस्तानी पोस्ट इकबाल और खन्नोर की ओर गोलीबारी की थी।

यह गोलीबारी ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान की राजनीतिक बड़ी उथल-पुथल जारी है। तीन बार के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख 73 वर्षीय शरीफ लंदन में आत्म-निर्वासन में चार साल बिताने के बाद शनिवार को पाकिस्तान लौट आए हैं। नवाज शरीफ वतन लौटते ही भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने की बात कही है। उनका कहना है कि पाकिस्‍तान, कश्‍मीर का मसला सुलझाकर भारत के साथ अच्‍छे संबंधों को फिर से शुरू करना चाहता है। लाहौर के मिनार-ए-पाकिस्तान में उन्होंने अपनी पहली सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कहा, हम एक स्वतंत्र और व्यापक विदेश नीति चाहते हैं। हम पड़ोसी राज्यों के साथ दोस्ताना रिश्ते बना कर अपने मुल्क को एक आर्थिक ताकत बनाना चाहते हैं। दूसरों से लड़कर या संघर्ष करके पाकिस्तान का विकास नहीं किया जा सकता। मैं बदले में नहीं विकास में विश्वास रखता हूं।

अपनी ही पार्टी की सांसद हेमा मालिनी पर नरोत्तम मिश्रा के बिगड़े बोल, जानें ऐसा क्या कह गए, जिसने कांग्रेस को दे दिया मौका

#narottammishrascontroversialstatementoverhema_malini

मध्य प्रदेश के चुनावी माहौल में राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैठे बिठाए कांग्रेस के हाथों में एक मुद्दा थमा दिया है। जिसके बाद बीजेपी नेता पर महिला विरोदी होने के आरोप लग रहे हैं।मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब सूबे के गृह मंत्री जानी मानी कलाकार हेमा मालिनी को लेकर दिये बयान को लेकर विवाद में फंस गये हैं।दरअसल, एक सभा में नरोत्तम मिश्रा के बोल अपनी उपलब्धियों का बखान करते करते बिगड़ गए। बोलते-बोलते नरोत्तम मिश्रा की जुबान फिसली और वे अपनी ही पार्टी की महिला सांसद पर अमर्यादित बात कह गए। जब उनका वीडियो वायरल हुआ तो कांग्रेस ने कहा महिला विरोधी बयान के लिये नरोत्तम मिश्रा से माफ़ी मांगने की मांग की है।

नरोत्तम मिश्रा ने क्या कहा

दरअसल, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा दतिया में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने मथुरा से अपनी ही पार्टी की सांसद हेमा मालिनी का भी जिक्र किया और कहा, मेरे दतिया ने उड़ान भरी तो बागेश्वर धाम आए, प्रदीप मिश्रा आए, मेरे दतिया ने उड़ान भरी तो कलशयात्रा निकाली गई है और दतिया ने उड़ान भरी तो सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर हेमा मालिनी को भी नचवा दिया।

अपने दल की नेता को भी नहीं बख्शते-दिग्विजय सिंह

काँग्रेस इसे हेमा मालिनी और एक महिला का अपमान बता रही है। कांग्रेस का कहना है एक तरफ मुख्यमंत्री खुद को मामा कहकर लाड़ली बहना योजना चलाते हैं औऱ दूसरी तरफ उनके मंत्री अपनी ही पार्टी की नेता हेमामालिनी का इस तरह अपमान करते हैं। उनके इस बयान को लेकर अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'संस्कारी बीजेपी के माननीय मंत्री जी का महिलाओं को लेकर वास्तविक ओछापन भी सुनें। अपने दल की नेता को भी नहीं बख्शते।' इसी के साथ उन्होंने नरोत्तम मिश्रा का यह वीडियो भी पोस्ट किया है।

बीजेपी की महिला विरोधी सोच- रागिनी नायक

पार्टी की प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा हेमा मालिनी जी जो उन्हीं की पार्टी की नेता हैं उनके बारे में ये कहना कि हम हेमा मालिनी को नचाएंगे, ये बीजेपी की महिला विरोधी सोच है। हाथी के दांत खाने के औऱ दिखाने के औऱ. वोट बटोरने के लिये लाड़ली बहना हो जाती है। बीजेपी के ये नेता कैसे महिलाओं को कमोडिफाय कर रहे हैं। ये लज्जा का विषय है। शिवराज सिंह चौहान को नरोत्तम मिश्रा से माफी मंगवानी चाहिए औऱ खुद भी माफी मांगनी चाहिये क्योंकि वो खुद को मामा कहते हैं।

बता दें कि नरोत्तम मिश्रा भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता हैं और 2008 से दतिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार वह अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चौथी बार मैदान में उतर रहे हैं। मध्य प्रदेश में 7 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

अपनी ही पार्टी की सासंद हेमा मालिनी पर नरोत्तम मिश्रा के बिगड़े बोल, जानें ऐसा क्या कह गए, जिसने कांग्रेस को दे दिया मौका

#narottam_mishra_s_controversial_statement_over_hema_malini

मध्य प्रदेश के चुनावी माहौल में राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैठे बिठाए कांग्रेस के हाथों में एक मुद्दा थमा दिया है। जिसके बाद बीजेपी नेता पर महिला विरोदी होने के आरोप लग रहे हैं।मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब सूबे के गृह मंत्री जानी मानी कलाकार हेमा मालिनी को लेकर दिये बयान को लेकर विवाद में फंस गये हैं।दरअसल, एक सभा में नरोत्तम मिश्रा के बोल अपनी उपलब्धियों का बखान करते करते बिगड़ गए। बोलते-बोलते नरोत्तम मिश्रा की जुबान फिसली और वे अपनी ही पार्टी की महिला सांसद पर अमर्यादित बात कह गए। जब उनका वीडियो वायरल हुआ तो कांग्रेस ने कहा महिला विरोधी बयान के लिये नरोत्तम मिश्रा से माफ़ी मांगने की मांग की है।

नरोत्तम मिश्रा ने क्या कहा

दरअसल, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा दतिया में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने मथुरा से अपनी ही पार्टी की सांसद हेमा मालिनी का भी जिक्र किया और कहा, मेरे दतिया ने उड़ान भरी तो बागेश्वर धाम आए, प्रदीप मिश्रा आए, मेरे दतिया ने उड़ान भरी तो कलशयात्रा निकाली गई है और दतिया ने उड़ान भरी तो सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर हेमा मालिनी को भी नचवा दिया।

अपने दल की नेता को भी नहीं बख्शते-दिग्विजय सिंह

काँग्रेस इसे हेमा मालिनी और एक महिला का अपमान बता रही है। कांग्रेस का कहना है एक तरफ मुख्यमंत्री खुद को मामा कहकर लाड़ली बहना योजना चलाते हैं औऱ दूसरी तरफ उनके मंत्री अपनी ही पार्टी की नेता हेमामालिनी का इस तरह अपमान करते हैं। उनके इस बयान को लेकर अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'संस्कारी बीजेपी के माननीय मंत्री जी का महिलाओं को लेकर वास्तविक ओछापन भी सुनें। अपने दल की नेता को भी नहीं बख्शते।' इसी के साथ उन्होंने नरोत्तम मिश्रा का यह वीडियो भी पोस्ट किया है।

बीजेपी की महिला विरोधी सोच- रागिनी नायक

पार्टी की प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा हेमा मालिनी जी जो उन्हीं की पार्टी की नेता हैं उनके बारे में ये कहना कि हम हेमा मालिनी को नचाएंगे, ये बीजेपी की महिला विरोधी सोच है। हाथी के दांत खाने के औऱ दिखाने के औऱ. वोट बटोरने के लिये लाड़ली बहना हो जाती है। बीजेपी के ये नेता कैसे महिलाओं को कमोडिफाय कर रहे हैं। ये लज्जा का विषय है। शिवराज सिंह चौहान को नरोत्तम मिश्रा से माफी मंगवानी चाहिए औऱ खुद भी माफी मांगनी चाहिये क्योंकि वो खुद को मामा कहते हैं।

बता दें कि नरोत्तम मिश्रा भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता हैं और 2008 से दतिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार वह अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चौथी बार मैदान में उतर रहे हैं। मध्य प्रदेश में 7 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

पश्चिम बंगाल राशन घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को किया गिरफ्तार

#west_bengal_tmc_minister_jyotipriya_malik_arrested

प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया है।ईडी ने राशन घोटाला मामले में लंबी पूछताछ के बाद गुरुवार देर रात ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम गुरुवार सुबह घोटाले की जांच के सिलसिले में कोलकाता के साल्ट लेक में स्थित मलिक के आवास पर पहुंची। इसके बाद ईडी अधिकारियों ने ज्योतिप्रिय मलिक से पूछताछ शुरू की, जो देर रात तक जारी रही। बाद में ईडी ने कथित भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

ईडी ने आधिकारिक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को राशन वितरण में भ्रष्टाचार के कथित मामले में गिरफ्तार किया गया है। वहीं, गिरफ्तारी के बाद जब ईडी के अधिकारी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों की मदद से मंत्री मलिक को ले जा रहे थे तो मीडियाकर्मी उनके आसपास जमा हो गए। इस दौरान मलिक ने कहा कि उन्हें बड़ी साजिश का शिकार बनाया गया है। ज्योतिप्रिय मलिक वर्तमान में बतौर राज्य मंत्री वन विभाग का जिम्मा संभाल रहे हैं। इससे पहले उनके पास खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का प्रभार था।

वहीं ईडी की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने गुरुवार को कहा था कि मलिक अस्वस्थ हैं। उन्होंने चेताया कि यदि मलिक के साथ कुछ हुआ, तो वह भारतीय जनता पार्टी और ईडी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करायेंगी। बनर्जी ने ईडी के एक्शन को भाजपा द्वारा विपक्षी नेताओं के खिलाफ ‘गंदा राजनीतिक खेल’ भी बताया।

महुआ मोइत्रा का क्या होगा? पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में बढ़ सकती हैं मुश्किलें, एथिक्स कमेटी ने मामले को बताया गंभीर

#cash_for_query_mahua_moitra_case_serious_ethics_committee 

पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में एथिक्स कमेटी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को बुलाया है। महुआ को सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा गया है। एथिक्स कमेटी ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में बुधवार को पहली बैठक की। इस दौरान जय अनंत देहाद्रई से भी पूछताछ की गई। बीजेपी नेता निशिकांत दुबे भी एथिक्स कमेटी के समक्ष पेश हुए। कमेटी ने इस पूरे मामले को एक गंभीर मामला बताया है।

एथिक्स कमेटी इस बात से सहमत है कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं और समिति उन पर गंभीरता से विचार करेगी। सूत्रों के अनुसार इससे पहले जय अनंत देहाद्राई और निशिकांत दुबे कमेटी के समक्ष पेश हुए। कमेटी ने दोनों की बात सुनी। निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत से हरेक पक्ष के बारे में बात हुई। कमेटी ने कहा है कि यह बहुत ही गंभीर विषय है। कमेटी ने कमेटी ने गृह मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से भी जानकारी मांगी। दोनों मंत्रालयों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई। 

अब एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को 11 बजे अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है। दोनों का पक्ष सुनने के बाद एथिक्स कमेटी जल्द से जल्द महुआ मोइत्रा को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाना चाहती थी लेकिन विपक्ष के कुछ सांसदों ने आग्रह किया कि वो संसदीय कमेटी के टूर पर बाहर जा रहे हैं. लौटने के बाद महुआ को बुलाया जाए। लिहाजा कमिटी ने बैठक की अगली तारीख 31 अक्टूबर को तय की और उसी दिन महुआ मोईत्रा को उस पर लगे आरोपों पर पक्ष रखने के लिए 11 बजे कमिटी के सामने पेश होने के लिए बुलाया है।

बता दें कि बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि टीएमसी सांसद ने संसद में सवाल पूछे जाने के बदले कैश और गिफ्ट लिया था। 15 अक्टूबर को बिड़ला को लिखे पत्र में, दुबे ने कहा कि मोइत्रा के करीबी वकील ने अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए उनके और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के बीच “रिश्वत के आदान-प्रदान के अकाट्य सबूत” साझा किए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपनी शिकायत में बीजेपी सदस्य निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश के पहले सवाल आरोपों के समर्थन में देहाद्राई द्वारा साझा किए गए दस्तावेजों का हवाला दिया है।

बिड़ला ने इस मामले को बीजेपी सदस्य विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति के पास भेज दिया था। देहाद्राई एथिक्स कमेटी के सामने अपना बयान दर्ज कराने वाले पहले व्यक्ति थे, जबकि दुबे दोपहर में पैनल के सामने पेश हुए।

कतर में इंडियन नेवी के 8 पूर्व जवानों को सुनाई गई फांसी की सजा, भारत सरकार देगी फैसले को चुनौती

#ex_navy_officers_gets_death_penalty_in_qatar

भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है।नौसेना के पूर्व 8 जवानों को कोर्ट ने गुरुवार को जासूसी के मामले में फांसी की सजा सुनाई। इसको लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं।विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम कानूनी टीम के संपर्क में हैं। कानूनी सहायता दिलाने के साथ ही हम इस मामले को कतर के उच्च अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे।

 

कतर में जिन 8 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है ये सभी वहां की अल दहरा कंपनी में काम करते थे। पिछले एक साल से कैद में हैं, भारत की ओर से कई बार इन पर दया दिखाने और छोड़ने की अपील की गई, लेकिन हर बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई। गुरुवार को कतर की अदालत ने इन्हें सजा सुनाई। 

मंत्रालय ने कहा, हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। इस मामले को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे। 

विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि मामले पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। पीड़ित भारतीयों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही कतर के अधिकारियों के समक्ष भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा।

इजरायल के लिए जासूसी करने का है आरोप

ये सभी ऑफिसर भारतीय नौसेना में अलग-अलग पोस्ट पर काम कर चुके हैं। उनके ऊपर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है। इन 8 लोगों में प्रतिष्ठित ऑफिसर भी शामिल हैं। इन्होंने कभी प्रमुख भारतीय युद्धपोतों की कमान संभाली थी। फिलहाल डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे। ये एक प्राइवेट फर्म है, जो कतर के सशस्त्र बलों को ट्रेनिंग और इससे जुड़ी सर्विस मुहैया करती है।