डॉ. सूर्यकान्त एसीपी इंडिया चैप्टर के काउंसिल मेम्बर निर्वाचित,2 वर्ष का होगा कार्यकाल


लखनऊ। अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन, इंडिया चैप्टर (एसीपी) 2012 में भारत आया और जनवरी 2015 में भारतीय चैप्टर की स्थापना हुई। एसीपी आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञों और उपविशेषज्ञों का एक विविध समुदाय है जो उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता से एकजुट है।

प्रशिक्षु स्वास्थ्य से लेकर जटिल बीमारी तक वयस्कों के निदान, उपचार और दयालु देखभाल के लिए वैज्ञानिक ज्ञान और नैदानिक विशेषज्ञता लागू करते हैं। दुनिया भर के देशों में 152,000 सदस्यों के साथ, एसीपी दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सा-विशिष्ट सोसायटी है। 14,000 से अधिक सदस्य यू.एस. के बाहर रहते हैं। आज यह सबसे तेजी से बढ़ते अंतरराष्ट्रीय चैप्टर में से एक है।

हाल ही में डॉ. सूर्यकान्त को ’’डॉक्टर ऑफ साइंस (डी.एस.सी.)’’ की (मानद उपाधि) से सम्मानित किया गया। यह उपाधि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में रोगी सेवा, शिक्षा, प्रशिक्षण एवं शोध कार्यों में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट एवं अप्रतिम योगदान देने हेतु प्रदान की गयी।

डॉ. सूर्यकान्त केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में लगभग 18 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं 12 वर्ष से विभागाध्यक्ष के पद पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 21 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं लंग कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 800 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जनरलस में प्रकाशित हो चुके हैं।

साथ ही 2 अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है।

50 से अधिक परियोजनाओं का किया है निर्देशन

लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक परियोजनाओं का निर्देशन, 21 फैलोशिप्स, 15 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उनके नाम ही जाता है, तथा इससे पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 21 फैलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है तथा ब्रोन्कियल अस्थमा के क्षेत्र में बेस्ट इनोवेशन (एलएस लोवेश पुरस्कार) 2006 भी शामिल है।

उन्हें उप्र. सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवार्ड (विज्ञान के क्षेत्र में उप्र का सर्वोच्च पुरस्कार) और केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा एवं उप्र हिन्दी संस्थान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 184 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

ज्ञात रहे कि डॉ. सूर्यकान्त जो जोनल टास्क फोर्स नार्थ जोन (क्षय उन्मूलन) के चेयरमैन भी हैं, विगत कई वर्षों से टी.बी. उन्मूलन में उप्र का देश में नेतृत्व कर रहे हैं। साथ ही साथ टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील हैं।

*शरद पूर्णिमा पर मथुरा में महाकवि सूरदास की तपोस्थली गोवर्धन के चंद्र सरोवर पर होंगे कई कार्यक्रम*

जयवीर सिंह

लखनऊ। सूरदास जी की तपोस्थली गोवर्धन के गांव परासौली स्थित चंद्र सरोवर पर शरद पूर्णिमा को शरदोत्सव का आयोजन किया गया है। इस आयोजन के माध्यम से द्वापरयुग की शोभा को जीवंत करने का प्रयास किया जायेगा। इस कार्यक्रम के दौरान गोपी-गीत तथा पद गायन किया जायेगा।

इस आयोजन के दौरान हजारों की संख्या में दीप प्रज्वलित करके चंद्र सरोवर को जगमगाया जायेगा। शरद पूर्णिमा के दिन समूचे ब्रज में प्रेम और रस भाव की दिव्यता के साथ शरदोत्सव मनाया जाएगा।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि गोवर्धन के गांव परासौली स्थित चंद्र सरोवर पर महारास की अनूठी परंपरा है। चंद्र सरोवर के किनारे सूर कुटी ही सूरदास जी की साधना स्थली है, जहां उन्होने कालजयी पदों की रचना की थी।

उन्होंने बताया कि उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा ने महारास की इस परंपरा को जीवित रखने और उसे नयापन देने के लिए पिछले कुछ वर्ष से प्रयास शुरू किया है। परासौली के चंद्र सरोवर के किनारे परिषद द्वारा तैयार कराये गये ओपन एयर थिएटर (ओएटी) में शरद पूर्णिमा को 28 अक्टूबर (शनिवार) सायं 06 बजे से रात 09 बजे तक धवल चांदनी में लगभग दो दर्जन महिला व पुरुष कलाकार महारास की प्रस्तुति देगें। इस बार शरदोत्सव पर कुछ मंदिरों मे ग्रहण के कारण यह पर्व 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

श्री सिंह ने बताया कि सूरदास की तपोस्थली गोवर्धन के गॉव परासौली स्थित चंद्र सरोवर पर शरद पूर्णिमा को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके मथुरा की गौरवशाली एवं समृद्ध परम्परा को श्रद्धालुओं के बीच प्रदर्शित की जायेगी।

इसके साथ ही शरदोत्सव को जीवंत बनाकर आगन्तुकों को इसकी महत्ता एवं इसमें छिपे हुए संदेश को देने का प्रयास किया जायेगा। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा को सभी कार्यक्रमों को पूरी दिव्यता एवं भव्यता के साथ आयोजित कराने के निर्देश दिये गए हैं।

*मेरी माटी मेरा देश के तहत अमृत कलश यात्रा का गोमती तट पर आयोजन*

लखनऊ। मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के तहत अमृत कलश यात्रा का राज्य स्तरीय आयोजन 28 अक्टूबर, 2023 को अपराह्न 04ः00 बजे वसुधा वंदन अमृत वाटिका, गोमती तट झूलेलाल पार्क लखनऊ में किया गया है। इस कार्यक्रम में उ0प्र0 के मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, केन्द्रीय राज्य मंत्री आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय कौशल किशोर, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) खेल एवं युवा कल्याण विभाग गिरीश चन्द्र यादव, महापौर लखनऊ सुषमा खर्कवाल, राज्यसभा सदस्य दिनेश शर्मा व डा अशोक बाजपेयी भी मौजूद रहेंगे।

श्री सिंह ने बताया कि इसके अलावा अध्यक्ष जिला पंचायत लखनऊ आरती रावत, विधान परिषद सदस्य मोहसिन रजा, मुकेश शर्मा, डा महेन्द्र सिंह, बुक्कल नवाब, उमेश द्विवेदी, अवनीश कुमार सिंह, डा लालजी प्रसाद निर्मल के अलावा विधानसभा सदस्य आशुतोष टंडन, डा नीरज बोरा, जय देवी, योगेश शुक्ला, अमरेश कुमार तथा डा राजेश्वर सिंह को भी आमंत्रित किया गया है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि इसके अतिरिक्त प्रमुख सचिव संस्कृति पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य विभाग मुकेश कुमार मेश्राम, आयुक्त लखनऊ मण्डल डा रोशन जैकब, जिलाधिकारी लखनऊ सूर्यपाल गंगवार तथा निदेशक संस्कृति शिशिर इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के तहत अमृत महोत्सव की यात्रा में उप्र में अब तक 6000 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए 16 करोड़ से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की गयी। यह कार्यक्रम मातृ भूमि तथा वीरों का वंदन है। यह महोत्सव राष्ट्र के जागरण का महोत्सव है। इसके साथ ही सुराज्य के सपने को साकार करने, वैश्विक शांति तथा विकास का महोत्सव है।

*अमृत कलश यात्रा के अंतिम चरण की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन सजग,मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में हुई बैठक*

लखनऊ। शासन की मंशा के अनुरूप अमृत कलश यात्रा को सकुशल संपन्न करने के उद्देश्य से आज कलेक्ट्रेट स्थित डा एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में मंडलायुक्त डा रोशन जैकब द्वारा 28 अक्टूबर 2023 को जनपद लखनऊ में अमृत कलश यात्रा की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराये जाने हेतु महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई।

बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि झूलेलाल वाटिका स्थित अमृत वाटिका में राज्य स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के समस्त विकास खण्डों, नगर पंचायत, नगर निगम के लगभग 4 हजार वालेंटियर्स अपने-अपने कलश लेकर आ रहे है। विभिन्न जनपदों से आ रहे मिट्टी के कलशों को जनपद लखनऊ में लाकर 1600 पीतल के कलशों उपलब्ध कराया जायेगा।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर कलशों को व्यवस्थित रूप से रखा जाए। जिसके लिए मण्डल/जनपदवार बूथ बनाये जायेगें। किस जनपद से कितने वालेंटियर्स आ रहें है जिसकी सूची सम्बन्धित जनपद से प्राप्त कर ली जाये। बैठक मे अन्य जनपदों से आने वाले लोगो के ठहरनें हेतु स्थान, आने-जाने के लिए संसाधन उपलब्ध कराने सहित विभिन्न व्यवस्थाओं की विस्तार से चर्चा की गयी।

मंडलायुक्त ने निर्देश दिये कि एक स्थान पर एक ही मण्डल के जनपदों के वालेंटियर्स के ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। मंडलायुक्त ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वालेंटियर्स को लाने एवं ले जाने के लिए पर्याप्त बसों की व्यवस्था, नगर निगम को ठहरनें के स्थान पर पर्याप्त व्यवस्थाएं करने जैसे सचल शौचालयों, साफ-सफाई, चूने कर छिड़काव करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन-जिन चिन्हित स्थानों पर ठहरनें की व्यवस्था की जा रही है उसका संयुक्त टीम द्वारा सत्यापन करा लिया जाये। मुख्य कार्यक्रम के साथ ही संस्कृति विभाग द्वारा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। मंडलायुक्त ने नगर निगम को निर्देश दिए गए की उनके द्वारा पेड़ो की कटाई छटाई, मार्ग की मरम्मत, रेलिंग की रंगाई पुताई व मरम्मत आदि कराने के निर्देश दिए। साथ ही निर्देश दिया की कार्यक्रम स्थल पर जो भी हाई मास्क लाइट लगी है उन सब को भी कार्यशील किया जाए।

मंडलायुक्त ने कहा कि विभिन्न जनपदों से आने वाले कलशों को कलेक्ट करने के लिए मंडलवार दो काउंटर बनवाने के निर्देश दिए गए। साथ ही सभी काउंटर पर उनके मंडल के नाम की नेम प्लेट लगवाने के भी निर्देश दिए गए। उक्त के साथ ही मंडलायुक्त द्वारा अमृत वाटिका में सेल्फी पॉइंट और फूलों की सजावट करवाने के भी निर्देश दिए गए। सिटी टूर के लिए ट्रांसपोर्ट सिटी द्वारा बसों की उपलब्धता के साथ ही हेल्थ कैंप भी लगाया जाना सुनिश्चित किया जाये।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन,अपर जिलाधिकारी पूर्वी अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा शुभी सिंह, पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, सूचना, मण्डी परिषद सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहें।

*फसल बीमा अवश्य कराएं किसान : कृषि मंत्री*

लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा प्रदेश के सभी किसानों से अपील की गई है कि वे रबी सीजन 2023 में अपनी फसलों का बीमा अवश्य करायें। उन्होंने कहा कि इससे आपदा की स्थिति में संभावित क्षति की भरपाई हो सकेगी। यह महत्वपूर्ण योजना है जो विषम परिस्थितियों में किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि रबी फसलों के बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2023 निर्धारित की गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रबी की फसलों के लिए मात्र 1.5 प्रतिशत प्रीमियम ही किसान भाइयों को देना पड़ता है शेष प्रीमियम की धनराशि राज्य सरकार और केंद्र सरकार अपने बजट से देती है। राज्य सरकार के द्वारा रु0 172.33 करोड़ रुपये राज्यांश की धनराशि किसानों के फसल के प्रीमियम के लिए जारी की जा चुकी है। पिछले 6 वर्षों के भीतर करीब 48 लाख किसानों को 4155.66 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति प्राप्त हुई है। प्रदेश के सभी किसान भाइयों बहनों से अनुरोध होगा कि रबी में बुआई कर रहे अपने फसलों का बीमा करा कर उन्हें सुरक्षा कवच प्रदान करें।

*फाइलों में कैद हो गई एसटीएफ की जांच रिपोर्ट, लखनऊ जेल में बंगलादेशी बंदियों की फंडिंग का मामला, एसटीएफ की जांच रिपोर्ट में हुई थी पैसे के लेनदे

आर के यादव

लखनऊ। राजधानी की लखनऊ जेल में बांग्लादेशी बंदियों की फंडिंग के मामले में लखनऊ लीपापोती कर डाली गई। एसटीएफ और डीआईजी जेल की जांच के बाद भी इस गंभीर मामले के दोषी अफसरों व वार्डरों को क्लीन चिट दे दी है। ऐसा तब है जब जेल में बंद बांग्लादेशी बंदियों के पास ढाका से कोलकाता होते हुए लखनऊ जेल पैसा आने के एटीएस के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है। एटीएस की टीम बीते करीब एक पखवाड़े से अधिक समय से इस मामले की जांच की। इसमें लखनऊ जेल में तैनात दर्जनों वार्डरों से पूछताछ भी कई गई थी।

मामला राजधानी की लखनऊ जेल का है। जिला जेल में बांग्लादेश के कई विचाराधीन व सजायाफ्ता बन्दी निरुद्ध है। सूत्रों का कहना है कि बंदियों के खर्चापानी की फंडिंग बांग्लादेश से हो रही है। बांग्लादेशी बंदियों की फंडिंग में जेल के कई अधिकारी व वार्डर शामिल है। बंदियों के मैसेज भेजने के लिए वार्डर दो सौ से पांच सौ रुपये तक वसूल करते है। सूत्रों का कहना है कि स्थानीय व आसपास जिलों के बंदियों के अलावा बांग्लादेशी बंदी भी इन्ही वार्डर से मैसेज करवाते है। मैसेज के माध्यम से बन्दी खर्च के लिए पैसा मंगवाते है। विदेशों से आनी वाली रकम का 10 फीसद हिस्सा रकम लाने वाला वार्डर रखता है शेष धनराशि जेल में बंद बंदी को मिल जाती है।

मामले का खुलासा होने पर जेल मुख्यालय के तत्कालीन मुखिया डीजी पुलिस/आईजी जेल ने इस मामले की जांच लखनऊ परिक्षेत्र के तत्कालीन डीआईजी जेल को सौंपी। सूत्रों को कहना है कि जांच के दौरान उन्होंने एटीएस के चिन्हित करीब 40 बंदियों व वार्डरों के बयान भी दर्ज किए। इसके बाद जांच अधिकारी ने मामले के दोषी अफसरों को क्लीन चिट दे दी गई। एसटीएफ और डीआईजी जेल की दोहरी जांच के बाद भी इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

सूत्रों का कहना है कि डीआईजी ने तत्कालीन विभागाध्यक्ष को जो जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है उसमें कुछ वार्डरों की भूमिका संदिग्ध बताते हुए जेल प्रशासन के अधिकारियों को क्लीन चिट दी गई, जबकि एसटीएफ की जांच में पैसे के लेनदेन में लगे कई वार्डरों के बैंक खातों में मोटी रकम होने की पुष्टि हुई है। सूत्र बताते हैं कि करीब एक माह तक एसटीएफ ने इस मामले की गहन जांच की। एसटीएफ ने मामले की जांच रिपोर्ट तत्कालीन विभागाध्यक्ष को सौंपी। यह जांच रिपार्ट अभी तक फाइलों में दबी पड़ी हुई है।

ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं-डीआईजी जेल

लखनऊ जेल में बंगलादेश बंदियों की फंडिंग के मामले की जांच रिपोर्ट के संबंध में जब जेल मुख्यालय के डीआईजी जेल अरविंद कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला फिलहाल उनके संज्ञान में नहीं है। उनकी तैनाती के पूर्व की यह घटना है। जहां तक रही एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के मामले की बात तो वह पता करके ही इस बारे में कुछ बता पाएंगे। जांच में यदि जेलकर्मी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

*लखनऊ में फिर एक वृद्धा पर जुल्म, कृष्णानगर पुलिस बनी मददगार*

यूपी की राजधानी लखनऊ में एक बार एक वृद्धा पर जुल्म की कहानी सामने आई है।कलियुगी बेटे व बहू ने 70 वर्षीय वृद्ध मां पर इतना जुल्म किया कि वह घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गयी। भूखे प्यासे राजाजीपुरम से भटकते हुए वृद्धा कृष्णा नगर थाने पहुंच गयी। जहां जिसने भी इस मां की दास्तान सुनी उसकी आंखे भर आयीं। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि मंगलवार को दोपहर बदहवास हालत में थाने में महिला डेस्क पर पहुंची वृद्धा को महिला पुलिस कर्मियों ने संभाला।वृद्धा को चाय नास्ता कराया और भूखी मां को खाना खिलाया। थोड़ा सहज महसूस होने पर वृद्धा ने लड़खड़ाती आवाज में अपनी दास्तान सुनाई और पता बताया।

वृद्धा ने अपना नाम शकुंतला पत्नी स्वर्गीय इंद्र शंकर वर्मा बताया और पता नेशनल हॉस्पिटल के सामने राजाजीपुरम बताया। उसने बताया कि बेटे बहु ने धोखे से उसका दस्तक करा कर मकान सहित पूरी संपत्ति अपने नाम कर ली है। वृद्ध अंतिम उम्मीद लेकर अपने भाई के घर कृष्णा नगर के लिए चली थी किंतु पूरा पता उसे नहीं मालूम था। जब वह परेशान हो गई तो कृष्णा नगर थाने में चली गई । मामले की जानकारी होते ही कृष्णा नगर कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह ने राजाजीपुरम वाले पते की तस्दीक करवाई फिर महिला पुलिस टीम के साथ वृद्ध मां को उसके घर पहुंचवाया।

जहां पुलिस ने वृद्धा के बेटे श्रीस कुमार उर्फ बेबू को चेतावनी दी की मां को दोबारा प्रताड़ित किया तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के तेवर देखकर बेटे व बहू सहम गए और उनकी आंखें खुल गई। बेटे ने पुलिस को भरोसा दिलाया कि अब दोबारा ऐसी गलती नहीं होगी। हम पत्नी बच्चों के साथ अब मां का पूरा ख्याल रखेंगे।

*घोर लापरवाही:संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चे एचआईवी संक्रमित, सपा प्रमुख  अखिलेश यादव ने दोषियों को सख्त से सख्त देने की मांग*

लखनऊ । कानपुर में संक्रमित खून चढ़ाने के कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में आए बच्चों के मामले पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तत्काल मामले की जांच करने और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि उत्तर प्रदेश में संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चों को एचआईवी और हेपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है। इस लापरवाही की तत्काल जांच हो और इस तरह की घातक गलती की सख्त से सख्त सजा दी जाए। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था देखने वाला कोई नहीं है।

कानपुर में संक्रमित खून चढ़ने के कारण थैलेसीमिया के 14 पीड़ित गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। ये हेपेटाइटिस बी, सी के साथ-साथ एचआईवी पॉजिटिव भी पाए गए हैं। हैलट के बालरोग अस्पताल के थैलेसीमिया सेंटर में जब रोगियों की जांच की गई तो संक्रमण पता चला है।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को तीन से चार सप्ताह में एक बार खून जरूर चढ़ता है। इन्हें साल में 18 से 20 बार खून की जरूरत पड़ती है। आशंका है कि विंडो पीरियड में लिए गए खून को चढ़ाए जाने से इन पीड़ितों को संक्रमण हुआ है।

*कांग्रेस अध्यक्ष ने इस लापरवाही को बताया शर्मनाक*

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है। यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को एचआईवी, एड्स और हैपेटाइटिस बी, सी जैसी चिंताजनक बीमारियां हो गई हैं। ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है। मासूम बच्चों को भाजपा सरकार के इस अक्षम्य अपराध की सजा भुगतनी पड़ रही है। मोदी जी कल हमें 10 संकल्प लेने की बड़ी-बड़ी बातें सीखा रहे थे, क्या उन्होंने कभी अपनी भाजपा सरकारों की रत्तीभर भी जवाबदेही तय की है।
*घोर लापरवाही:संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चे एचआईवी संक्रमित, सपा प्रमुख  अखिलेश यादव ने दोषियों को सख्त से सख्त देने की मांग*

लखनऊ । कानपुर में संक्रमित खून चढ़ाने के कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में आए बच्चों के मामले पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तत्काल मामले की जांच करने और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि उत्तर प्रदेश में संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चों को एचआईवी और हेपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है। इस लापरवाही की तत्काल जांच हो और इस तरह की घातक गलती की सख्त से सख्त सजा दी जाए। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था देखने वाला कोई नहीं है।

कानपुर में संक्रमित खून चढ़ने के कारण थैलेसीमिया के 14 पीड़ित गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। ये हेपेटाइटिस बी, सी के साथ-साथ एचआईवी पॉजिटिव भी पाए गए हैं। हैलट के बालरोग अस्पताल के थैलेसीमिया सेंटर में जब रोगियों की जांच की गई तो संक्रमण पता चला है।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को तीन से चार सप्ताह में एक बार खून जरूर चढ़ता है। इन्हें साल में 18 से 20 बार खून की जरूरत पड़ती है। आशंका है कि विंडो पीरियड में लिए गए खून को चढ़ाए जाने से इन पीड़ितों को संक्रमण हुआ है।

*कांग्रेस अध्यक्ष ने इस लापरवाही को बताया शर्मनाक*

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है। यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को एचआईवी, एड्स और हैपेटाइटिस बी, सी जैसी चिंताजनक बीमारियां हो गई हैं। ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है। मासूम बच्चों को भाजपा सरकार के इस अक्षम्य अपराध की सजा भुगतनी पड़ रही है। मोदी जी कल हमें 10 संकल्प लेने की बड़ी-बड़ी बातें सीखा रहे थे, क्या उन्होंने कभी अपनी भाजपा सरकारों की रत्तीभर भी जवाबदेही तय की है।
*घोर लापरवाही:संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चे एचआईवी संक्रमित, सपा प्रमुख  अखिलेश यादव ने दोषियों को सख्त से सख्त देने की मांग*

लखनऊ । कानपुर में संक्रमित खून चढ़ाने के कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में आए बच्चों के मामले पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तत्काल मामले की जांच करने और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि उत्तर प्रदेश में संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चों को एचआईवी और हेपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है। इस लापरवाही की तत्काल जांच हो और इस तरह की घातक गलती की सख्त से सख्त सजा दी जाए। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था देखने वाला कोई नहीं है।

कानपुर में संक्रमित खून चढ़ने के कारण थैलेसीमिया के 14 पीड़ित गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। ये हेपेटाइटिस बी, सी के साथ-साथ एचआईवी पॉजिटिव भी पाए गए हैं। हैलट के बालरोग अस्पताल के थैलेसीमिया सेंटर में जब रोगियों की जांच की गई तो संक्रमण पता चला है।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को तीन से चार सप्ताह में एक बार खून जरूर चढ़ता है। इन्हें साल में 18 से 20 बार खून की जरूरत पड़ती है। आशंका है कि विंडो पीरियड में लिए गए खून को चढ़ाए जाने से इन पीड़ितों को संक्रमण हुआ है।

*कांग्रेस अध्यक्ष ने इस लापरवाही को बताया शर्मनाक*

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है। यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को एचआईवी, एड्स और हैपेटाइटिस बी, सी जैसी चिंताजनक बीमारियां हो गई हैं। ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है। मासूम बच्चों को भाजपा सरकार के इस अक्षम्य अपराध की सजा भुगतनी पड़ रही है। मोदी जी कल हमें 10 संकल्प लेने की बड़ी-बड़ी बातें सीखा रहे थे, क्या उन्होंने कभी अपनी भाजपा सरकारों की रत्तीभर भी जवाबदेही तय की है।