*फाइलों में कैद हो गई एसटीएफ की जांच रिपोर्ट, लखनऊ जेल में बंगलादेशी बंदियों की फंडिंग का मामला, एसटीएफ की जांच रिपोर्ट में हुई थी पैसे के लेनदे

आर के यादव

लखनऊ। राजधानी की लखनऊ जेल में बांग्लादेशी बंदियों की फंडिंग के मामले में लखनऊ लीपापोती कर डाली गई। एसटीएफ और डीआईजी जेल की जांच के बाद भी इस गंभीर मामले के दोषी अफसरों व वार्डरों को क्लीन चिट दे दी है। ऐसा तब है जब जेल में बंद बांग्लादेशी बंदियों के पास ढाका से कोलकाता होते हुए लखनऊ जेल पैसा आने के एटीएस के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है। एटीएस की टीम बीते करीब एक पखवाड़े से अधिक समय से इस मामले की जांच की। इसमें लखनऊ जेल में तैनात दर्जनों वार्डरों से पूछताछ भी कई गई थी।

मामला राजधानी की लखनऊ जेल का है। जिला जेल में बांग्लादेश के कई विचाराधीन व सजायाफ्ता बन्दी निरुद्ध है। सूत्रों का कहना है कि बंदियों के खर्चापानी की फंडिंग बांग्लादेश से हो रही है। बांग्लादेशी बंदियों की फंडिंग में जेल के कई अधिकारी व वार्डर शामिल है। बंदियों के मैसेज भेजने के लिए वार्डर दो सौ से पांच सौ रुपये तक वसूल करते है। सूत्रों का कहना है कि स्थानीय व आसपास जिलों के बंदियों के अलावा बांग्लादेशी बंदी भी इन्ही वार्डर से मैसेज करवाते है। मैसेज के माध्यम से बन्दी खर्च के लिए पैसा मंगवाते है। विदेशों से आनी वाली रकम का 10 फीसद हिस्सा रकम लाने वाला वार्डर रखता है शेष धनराशि जेल में बंद बंदी को मिल जाती है।

मामले का खुलासा होने पर जेल मुख्यालय के तत्कालीन मुखिया डीजी पुलिस/आईजी जेल ने इस मामले की जांच लखनऊ परिक्षेत्र के तत्कालीन डीआईजी जेल को सौंपी। सूत्रों को कहना है कि जांच के दौरान उन्होंने एटीएस के चिन्हित करीब 40 बंदियों व वार्डरों के बयान भी दर्ज किए। इसके बाद जांच अधिकारी ने मामले के दोषी अफसरों को क्लीन चिट दे दी गई। एसटीएफ और डीआईजी जेल की दोहरी जांच के बाद भी इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

सूत्रों का कहना है कि डीआईजी ने तत्कालीन विभागाध्यक्ष को जो जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है उसमें कुछ वार्डरों की भूमिका संदिग्ध बताते हुए जेल प्रशासन के अधिकारियों को क्लीन चिट दी गई, जबकि एसटीएफ की जांच में पैसे के लेनदेन में लगे कई वार्डरों के बैंक खातों में मोटी रकम होने की पुष्टि हुई है। सूत्र बताते हैं कि करीब एक माह तक एसटीएफ ने इस मामले की गहन जांच की। एसटीएफ ने मामले की जांच रिपोर्ट तत्कालीन विभागाध्यक्ष को सौंपी। यह जांच रिपार्ट अभी तक फाइलों में दबी पड़ी हुई है।

ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं-डीआईजी जेल

लखनऊ जेल में बंगलादेश बंदियों की फंडिंग के मामले की जांच रिपोर्ट के संबंध में जब जेल मुख्यालय के डीआईजी जेल अरविंद कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला फिलहाल उनके संज्ञान में नहीं है। उनकी तैनाती के पूर्व की यह घटना है। जहां तक रही एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के मामले की बात तो वह पता करके ही इस बारे में कुछ बता पाएंगे। जांच में यदि जेलकर्मी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

*लखनऊ में फिर एक वृद्धा पर जुल्म, कृष्णानगर पुलिस बनी मददगार*

यूपी की राजधानी लखनऊ में एक बार एक वृद्धा पर जुल्म की कहानी सामने आई है।कलियुगी बेटे व बहू ने 70 वर्षीय वृद्ध मां पर इतना जुल्म किया कि वह घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गयी। भूखे प्यासे राजाजीपुरम से भटकते हुए वृद्धा कृष्णा नगर थाने पहुंच गयी। जहां जिसने भी इस मां की दास्तान सुनी उसकी आंखे भर आयीं। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि मंगलवार को दोपहर बदहवास हालत में थाने में महिला डेस्क पर पहुंची वृद्धा को महिला पुलिस कर्मियों ने संभाला।वृद्धा को चाय नास्ता कराया और भूखी मां को खाना खिलाया। थोड़ा सहज महसूस होने पर वृद्धा ने लड़खड़ाती आवाज में अपनी दास्तान सुनाई और पता बताया।

वृद्धा ने अपना नाम शकुंतला पत्नी स्वर्गीय इंद्र शंकर वर्मा बताया और पता नेशनल हॉस्पिटल के सामने राजाजीपुरम बताया। उसने बताया कि बेटे बहु ने धोखे से उसका दस्तक करा कर मकान सहित पूरी संपत्ति अपने नाम कर ली है। वृद्ध अंतिम उम्मीद लेकर अपने भाई के घर कृष्णा नगर के लिए चली थी किंतु पूरा पता उसे नहीं मालूम था। जब वह परेशान हो गई तो कृष्णा नगर थाने में चली गई । मामले की जानकारी होते ही कृष्णा नगर कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह ने राजाजीपुरम वाले पते की तस्दीक करवाई फिर महिला पुलिस टीम के साथ वृद्ध मां को उसके घर पहुंचवाया।

जहां पुलिस ने वृद्धा के बेटे श्रीस कुमार उर्फ बेबू को चेतावनी दी की मां को दोबारा प्रताड़ित किया तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के तेवर देखकर बेटे व बहू सहम गए और उनकी आंखें खुल गई। बेटे ने पुलिस को भरोसा दिलाया कि अब दोबारा ऐसी गलती नहीं होगी। हम पत्नी बच्चों के साथ अब मां का पूरा ख्याल रखेंगे।

*घोर लापरवाही:संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चे एचआईवी संक्रमित, सपा प्रमुख  अखिलेश यादव ने दोषियों को सख्त से सख्त देने की मांग*

लखनऊ । कानपुर में संक्रमित खून चढ़ाने के कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में आए बच्चों के मामले पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तत्काल मामले की जांच करने और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि उत्तर प्रदेश में संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चों को एचआईवी और हेपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है। इस लापरवाही की तत्काल जांच हो और इस तरह की घातक गलती की सख्त से सख्त सजा दी जाए। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था देखने वाला कोई नहीं है।

कानपुर में संक्रमित खून चढ़ने के कारण थैलेसीमिया के 14 पीड़ित गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। ये हेपेटाइटिस बी, सी के साथ-साथ एचआईवी पॉजिटिव भी पाए गए हैं। हैलट के बालरोग अस्पताल के थैलेसीमिया सेंटर में जब रोगियों की जांच की गई तो संक्रमण पता चला है।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को तीन से चार सप्ताह में एक बार खून जरूर चढ़ता है। इन्हें साल में 18 से 20 बार खून की जरूरत पड़ती है। आशंका है कि विंडो पीरियड में लिए गए खून को चढ़ाए जाने से इन पीड़ितों को संक्रमण हुआ है।

*कांग्रेस अध्यक्ष ने इस लापरवाही को बताया शर्मनाक*

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है। यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को एचआईवी, एड्स और हैपेटाइटिस बी, सी जैसी चिंताजनक बीमारियां हो गई हैं। ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है। मासूम बच्चों को भाजपा सरकार के इस अक्षम्य अपराध की सजा भुगतनी पड़ रही है। मोदी जी कल हमें 10 संकल्प लेने की बड़ी-बड़ी बातें सीखा रहे थे, क्या उन्होंने कभी अपनी भाजपा सरकारों की रत्तीभर भी जवाबदेही तय की है।
*घोर लापरवाही:संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चे एचआईवी संक्रमित, सपा प्रमुख  अखिलेश यादव ने दोषियों को सख्त से सख्त देने की मांग*

लखनऊ । कानपुर में संक्रमित खून चढ़ाने के कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में आए बच्चों के मामले पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तत्काल मामले की जांच करने और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि उत्तर प्रदेश में संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चों को एचआईवी और हेपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है। इस लापरवाही की तत्काल जांच हो और इस तरह की घातक गलती की सख्त से सख्त सजा दी जाए। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था देखने वाला कोई नहीं है।

कानपुर में संक्रमित खून चढ़ने के कारण थैलेसीमिया के 14 पीड़ित गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। ये हेपेटाइटिस बी, सी के साथ-साथ एचआईवी पॉजिटिव भी पाए गए हैं। हैलट के बालरोग अस्पताल के थैलेसीमिया सेंटर में जब रोगियों की जांच की गई तो संक्रमण पता चला है।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को तीन से चार सप्ताह में एक बार खून जरूर चढ़ता है। इन्हें साल में 18 से 20 बार खून की जरूरत पड़ती है। आशंका है कि विंडो पीरियड में लिए गए खून को चढ़ाए जाने से इन पीड़ितों को संक्रमण हुआ है।

*कांग्रेस अध्यक्ष ने इस लापरवाही को बताया शर्मनाक*

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है। यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को एचआईवी, एड्स और हैपेटाइटिस बी, सी जैसी चिंताजनक बीमारियां हो गई हैं। ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है। मासूम बच्चों को भाजपा सरकार के इस अक्षम्य अपराध की सजा भुगतनी पड़ रही है। मोदी जी कल हमें 10 संकल्प लेने की बड़ी-बड़ी बातें सीखा रहे थे, क्या उन्होंने कभी अपनी भाजपा सरकारों की रत्तीभर भी जवाबदेही तय की है।
*घोर लापरवाही:संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चे एचआईवी संक्रमित, सपा प्रमुख  अखिलेश यादव ने दोषियों को सख्त से सख्त देने की मांग*

लखनऊ । कानपुर में संक्रमित खून चढ़ाने के कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में आए बच्चों के मामले पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तत्काल मामले की जांच करने और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि उत्तर प्रदेश में संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चों को एचआईवी और हेपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है। इस लापरवाही की तत्काल जांच हो और इस तरह की घातक गलती की सख्त से सख्त सजा दी जाए। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था देखने वाला कोई नहीं है।

कानपुर में संक्रमित खून चढ़ने के कारण थैलेसीमिया के 14 पीड़ित गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। ये हेपेटाइटिस बी, सी के साथ-साथ एचआईवी पॉजिटिव भी पाए गए हैं। हैलट के बालरोग अस्पताल के थैलेसीमिया सेंटर में जब रोगियों की जांच की गई तो संक्रमण पता चला है।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को तीन से चार सप्ताह में एक बार खून जरूर चढ़ता है। इन्हें साल में 18 से 20 बार खून की जरूरत पड़ती है। आशंका है कि विंडो पीरियड में लिए गए खून को चढ़ाए जाने से इन पीड़ितों को संक्रमण हुआ है।

*कांग्रेस अध्यक्ष ने इस लापरवाही को बताया शर्मनाक*

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है। यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को एचआईवी, एड्स और हैपेटाइटिस बी, सी जैसी चिंताजनक बीमारियां हो गई हैं। ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है। मासूम बच्चों को भाजपा सरकार के इस अक्षम्य अपराध की सजा भुगतनी पड़ रही है। मोदी जी कल हमें 10 संकल्प लेने की बड़ी-बड़ी बातें सीखा रहे थे, क्या उन्होंने कभी अपनी भाजपा सरकारों की रत्तीभर भी जवाबदेही तय की है।
*घोर लापरवाही:संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चे एचआईवी संक्रमित, सपा प्रमुख  अखिलेश यादव ने दोषियों को सख्त से सख्त देने की मांग*

लखनऊ । कानपुर में संक्रमित खून चढ़ाने के कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में आए बच्चों के मामले पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तत्काल मामले की जांच करने और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि उत्तर प्रदेश में संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चों को एचआईवी और हेपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है। इस लापरवाही की तत्काल जांच हो और इस तरह की घातक गलती की सख्त से सख्त सजा दी जाए। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था देखने वाला कोई नहीं है।

कानपुर में संक्रमित खून चढ़ने के कारण थैलेसीमिया के 14 पीड़ित गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। ये हेपेटाइटिस बी, सी के साथ-साथ एचआईवी पॉजिटिव भी पाए गए हैं। हैलट के बालरोग अस्पताल के थैलेसीमिया सेंटर में जब रोगियों की जांच की गई तो संक्रमण पता चला है।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को तीन से चार सप्ताह में एक बार खून जरूर चढ़ता है। इन्हें साल में 18 से 20 बार खून की जरूरत पड़ती है। आशंका है कि विंडो पीरियड में लिए गए खून को चढ़ाए जाने से इन पीड़ितों को संक्रमण हुआ है।

*कांग्रेस अध्यक्ष ने इस लापरवाही को बताया शर्मनाक*

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है। यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को एचआईवी, एड्स और हैपेटाइटिस बी, सी जैसी चिंताजनक बीमारियां हो गई हैं। ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है। मासूम बच्चों को भाजपा सरकार के इस अक्षम्य अपराध की सजा भुगतनी पड़ रही है। मोदी जी कल हमें 10 संकल्प लेने की बड़ी-बड़ी बातें सीखा रहे थे, क्या उन्होंने कभी अपनी भाजपा सरकारों की रत्तीभर भी जवाबदेही तय की है।
*अन्तर्राज्यीय स्तर पर नकली देशी घी बनाने वाले गैंग का भण्डाफोड़, नकली देशी घी बनाने के उपकरण व सामग्री भारी मात्रा में बरामद

लखनऊ । यूपी एसटीएफ को जनपद आगरा के थाना हरिपर्वत क्षेत्र में अवैध रूप से नकली देशी घी बनाने वाले गैंग का भण्डाफोड़ कर नकली देशी घी की फैक्ट्री संचालित करने के उपकरण व सामग्री व भारी मात्रा में नकली घी जिसकी कीमत लगभग रुपये 15 लाख बरामद करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम अवनीश कुमार, ईब्राहिम उर्फ ईब्बो और राजा है। ये तीनों आगरा के ही रहने वाले हैं।

एसटीएफ को पश्चिमी यूपी के जनपदों में अवैध रूप से नकली देशी घी बनाने वाला गिरोह व नकली देशी घी की फैक्ट्री संचालित कर व सक्रिय होकर अपराध किये जाने क सूचनायें प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों व टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था।इसी क्रम में एसटीएफ की टीम को सूचना मिली कि थाना हरिपर्वत कमिश्नरेट आगरा में नकली देशी घी की फैक्ट्री संचालित है।

एसटीएफ ने मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर पहुंचकर स्थानीय थाना व जनपद आगरा के खाद्य विभाग को सूचना से अवगत कराते हुए मौके पर आने को कहा गया, स्थानीय थाना हरिपर्वत आगरा व जनपद आगरा के खाद्य विभाग के सहायक आयुक्त अमित कुमार मय टीम के आने के उपरान्त मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर चेकिंग कर उपरोक्त नकली देशी घी की फैक्ट्री व उक्त फैक्ट्री को संचालित करने वाले तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिससे उपरोक्त बरामदगी हुई।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ पर बताया कि यह फैक्ट्री करीब 4-5 माह पूर्व चालू की है जिसका सरगना अवनीश कुमार गर्ग है। इण्टरनेट पर देखकर यह लोग सुगंधित रसायन एसेन्स गुजरात से एवं फर्जी कूटरचित फर्जी खाद्य लाइसेंस ट्रेडमार्क व आएसओ मार्का का रैपर दिल्ली से तैयार कराते है। सोयाबीन ऑयल, वनस्पति तेल व सुगंधित रसायन एसेन्स मिलाकर नकली घी तैयार किया जाता है जिसे आगरा, अलीगढ़ एवं आसपास के सीमावर्ती राज्यों व जनपदों में इसकी सप्लाई करते है।गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना हरिपर्वत कमिश्नरेट आगरा में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

पातालकोट एक्सप्रेस के दो डिब्बों में लगी आग, दो झुलसे

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के थाना मलपुरा के भाड़ई रेलवे स्टेशन के पास पंजाब के फिरोजपुर से मध्य प्रदेश के सिवनी जाने वाली पातालकोट एक्सप्रेस (14624) के दो डिब्बों में आग लग गई। बुधवार दोपहर को हुई इस घटना के पीछे के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। सूत्रों से मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस आग की चपेट में दो यात्री आए हैं।

ट्रेन में लगी आग से चीख-पुकार मच गई। प्रशासन को भी इसकी सूचना दे दी गई है। जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों की मदद से रेलवे अधिकारी आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। मौके पर फायर ब्रिगेड पहुंची है। साथ ही आनन-फानन थाना पुलिस और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) भी पहुंच गई है। आग बुझाने में सभी कड़ी मशक्कत कर रहे हैं।

*देवप्रयाग पहुंचकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल व बच्चों के साथ स्नान कर मां गंगा का लिया आशीर्वाद*

लखनऊ । दशहरा पर्व पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पत्नी डिंपल और बच्चों के साथ देवप्रयाग पहुंचे। यहां उन्होंने संगम पर स्नान कर मां गंगा का अशीर्वाद लिया। अखिलेश इसके बाद केदारनाथ धाम दर्शन के लिए भी जाएंगे। वह सपरिवार यहां आए हुए हैं।

प्रयागराज में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में उनका संगठन बनेगा। उनकी कोशिश होगी कि उनकी पार्टी यहां से चुनाव लड़े। इंडिया गठबंधन मजबूत है। कांग्रेस और सपा में मतभेद नहीं है। सिर्फ दोनों के सोचने का तरीका अलग है।

पूर्व मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव के आने पर संगम स्थल पर उन्हें देखने व मिलने के लिए स्थानीय लोगो व यात्रियों की भीड़ लग गयी। कई लोगाें द्वारा उनके साथ सेल्फी भी ली गयी। देवप्रयाग के प्राकृतिक सौंदर्य से प्रभावित अखिलेश यादव ने कहा कि वह शीतकाल में दोबारा देवप्रयाग आयेंगे व अवश्य गंगा स्नान भी करेंगे।

अखिलेश यादव के आने पर यहाँ पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था बनाई गयी थी। उत्तराखण्ड में अखिलेश यादव की ससुराल होने से उनका यहाँ खास नाता भी है। देवप्रयाग तीर्थ में सपा नेता अखिलेश यादव के आने से कई राजनैतिक कयास भी लगने शुरू हो गये हैं। फिलहाल सपा प्रमुख के आने से क्षेत्र में काफी हलचल भी बनती दिखी।

मेरठ मेडिकल कॉलेज के तीन जूनियर डॉक्टर सस्पेंड,डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर हुई कार्रवाई

लखनऊ। मेरठ के मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में सोमवार शाम हुए विवाद के बाद तीन जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पूरे मामले का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है। तीन सदस्यों की जांच कमेटी गठित कर तीन दिन में रिपोर्ट प्रेषित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

जानकारी के अनुसार मेडिकल थाना क्षेत्र के कमालपुर गांव निवासी दीपक के पांच वर्षीय पुत्र कुणाल के दाएं हाथ का अंगूठा सोमवार शाम कट गया था।

दीपक अपने भाई देवेंद्र और भाभी प्रीति के साथ पुत्र को लेकर मेडिकल काॅलेज की इमरजेंसी में पहुंचे थे। पट्टी करते समय बच्चा रोने लगा तो परिजनों ने चिकित्सक को आराम से उपचार करने के लिए कहा। जिस पर उनकी चिकित्सकों से कहासुनी हो गई थी। आरोप है कि जूनियर डॉक्टरों ने दीपक और देवेंद्र को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पीड़ितों ने थाने पहुंचकर घटना की तहरीर भी दी।

डिप्टी सीएम के निर्देशानुसार कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने तीन जूनियर चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है। साथ ही डॉ. ज्ञानेश्वर टॉक, डॉ. वैभव तिवारी एवं डॉ. हर्षवधन को नामित करते हुए जांच कमेटी का गठन किया है। तीन दिन में यह कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर ही अगली कार्रवाई की जाएगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीजों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।