अब “एक्स” पर भी कर सकेंगे ऑडियो और वीडियो कॉल, एलन मस्क ने किया नए फीचर का ऐलान

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एक्स पर काफी दिनों से ऑडियो-वीडियो कॉल को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। ऐसा फीचर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम पर पहले से ही है। लेकिन अब एक्स पर भी यूजर्स ऑडियो-वीडियो कॉल कर सकेंगे।एक्स के कई यूजर्स को ऑडियो और वीडियो कॉलिंग का फीचर दिख रहा है। कई यूजर्स को ऑडियो-वीडियो कॉलिंग का नोटिफिकेशन एक्स एप को ओपन करते ही मिला है।

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ट्विटर के ऑडियो और वीडियो कॉल फीचर का अर्ली वर्जन एलन मस्क ने ट्विटर के जरिए शेयर किया है। ऑडियो और वीडियो कॉल फीचर को ऑन करने के लिए सबसे पहले आपको सेटिंग में जाकर प्राइवेसी एंड सेफ्टी ऑप्शन में आना होगा। यहां आपको डायरेक्ट मैसेज पर क्लिक कर ऑडियो और वीडियो कॉलिंग के ऑप्शन को ऑन करना होगा। यदि ये फीचर आपके अकाउंट पर लाइव होगा तो ये आपको दिखाने लगेगा वरना आपको थोड़ा इंतजार और करना होगा, इस फीचर को ऑन करते ही आप ये भी तय कर पाएंगे कि आपको कौन कॉल कर सकता है। दरअसल, आप ऑडियो और वीडियो कॉल को सिर्फ कांटेक्ट, या फिर जिन लोगों को आप फॉलो करते हैं या फिर ऐसे लोग जो वेरीफाइड हैं, उन तक सीमित कर सकते हैं।

नया फीचर केवल प्रीमियम सब्सक्राइबर्स के लिए है। केवल ब्लू टिक यूजर्स ही ऑडियो-वीडियो कॉल कर सकते हैं। हालांकि कॉल को रिसीव करने की सुविधा सभी के पास होगी। वहीं अगर आप नहीं चाहते कि आपको हर कोई कॉल करें तो इसके लिए भी कंपनी ने तीन ऑप्शन दिए हैं।

-पहला- जो लोग आपकी Address Book में जुड़े हुए हैं।

-दूसरा- जिन्हें आप फॉलो करते हैं।

-तीसरा- वेरिफाइड यूजर्स। 

लंबे समय से ट्विटर के जिस फीचर को लेकर बाजार में हाइप बनी हुई थी आखिरकार कंपनी ने उस फीचर को लाइव करना शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे ये सभी यूजर्स को मिल रहा है। अगस्त में कंपनी की सीईओ लिंडा याकारिनो ने ये कंफर्म किया था की जल्द ट्विटर में ऑडियो और वीडियो कॉल फीचर मिलेगा और लोग बिना नंबर शेयर किया भी एक दूसरे से बातचीत कर पाएंगे।

एलन मस्क ने पिछले साल 27 अक्टूबर 2022 को 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर (अब एक्स) खरीदा था। इसके बाद कई बड़े फैसलों को लेकर मस्क चर्चा में रहे हैं। एलन मस्क एक्स को 'एवरीथिंग ऐप' बनाना चाहते हैं, जिसमें वह पेमेंट सर्विस सहित अन्य फीचर ऐड करने वाले हैं।

भारत ने कनाडा के लिए वीजा सेवा पर लगी रोक हटाई, 4 कैटेगरी में मिली मंजूरी, जानें सेवा बहाल होने पर ओटावा की प्रतिक्रिया

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भारत और कनाडा के रिश्तों के बीच जमी बर्फ पिछलने लगी है। दरअसल दोनों देशों के बीच जारी तनाव के दौरान भारत ने कनाडा के लिए वीजा सेवा पर लगी रोक को हटा दिया है। हालांकि फिलहाल केवल चार कैटेगरी के लिए ही वीजा सेवाओं को फिर से शुरू किया गया है।इसे लेकर कनाडा ने भी भारत का स्वागत किया है। कनाडा के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कनाडाई नागरिकों के लिए चिंताजनक समय के बाद एक अच्छा संकेत आया है।बता दें कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाडा के बीच तनाव जारी है।

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भारत आज यानी बृहस्पतिवार से कनाडा में कुछ श्रेणी की वीजा सेवाएं फिर शुरू करेगा।ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, इस संबंध में कनाडा के कुछ हालिया कदमों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया है कि 26 अक्टूबर से प्रवेश वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा, और कॉन्फ्रेंस वीजा श्रेणियों के लिए वीजा सेवाओं को फिर शुरू किया जाएगा।

कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा, हमें लगता है कि सेवाओं को निलंबित किया ही नहीं जाना चाहिए था।उन्होंने कहा कि ‘भारत के साथ वास्तव में चिंताजनक राजनयिक स्थिति ने कई समुदायों में काफी भय पैदा कर दिया है। वहीं, आपात प्रबंधन मंत्री और सिख नेता हरजीत सज्जन ने कहा कि वीजा प्रक्रिया फिर से शुरू होना अच्छी खबर है, लेकिन वह इस पर अटकलें नहीं लगाएंगे कि नई दिल्ली क्या संदेश देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, यह जानकर अच्छा लगा कि उन्होंने इसे (सेवाएं) बहाल कर दिया है। यदि उन्होंने यह कदम उठाया ही नहीं होता, तो बेहतर होता।

विदेश मंत्री जयशंकर ने दिए थे संकेत

यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा था कि अगर भारत कनाडा में अपने राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति देखता है तो वह कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवाएं बहुत जल्द फिर शुरू करने पर विचार कर सकता है। जयशंकर ने कहा था कि कुछ हफ्ते पहले भारत द्वारा वीजा सेवाओं को अस्थायी रूप से रोकने के पीछे मुख्य कारण कनाडा में अपने राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता थी और भारतीय अधिकारियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में ओटावा की असमर्थता राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के सबसे बुनियादी पहलू को चुनौती देती है।

इस वजह से भारत ने कर दिया था विजा सर्विस को सस्पेंड

भारत और कनाडा में तनाव की वजह खालिस्तानी दहशतगर्द हरदीप सिंह निज्जर की हत्या है। जिसका इल्जाम कनाडा ने भारत पर लगाया था। इसके साथ ही कनाडा ने एक भारतीय डिप्लोमेट को ओटावा छोड़कर जाने को कहा था। कनाडा के जरिए लगाए आरोपों को भारत ने इनकार किया था, इसके बाद भारत जवाबी कार्रवाई करते हुए, भारत में मौजूद कनाडा के डिप्लोमेट को भारत छोड़ने का हुक्म सुना दिया था। इसके बाद भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सर्विस को सस्पेंड कर दिया।

तेलंगाना चुनाव में भाजपा का बड़ा दांव, सीट बंटवारे को लेकर अमित शाह से चर्चा कर रहे अभिनेता सह राजनेता पवन कल्याण

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 30 नवंबर के विधानसभा चुनावों के लिए संभावित चुनाव पूर्व गठबंधन पर भाजपा की तेलंगाना इकाई और अभिनेता-सह-राजनेता के संगठन के बीच चल रही बातचीत के क्रम में, जनसेना के संस्थापक पवन कल्याण ने राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। जनसेना के सूत्रों के अनुसार, पवन कल्याण, जनसेना राजनीतिक मामलों की समिति के अध्यक्ष नादेंडला मनोहर के साथ, बुधवार को गृह मंत्री शाह से मिले, जिन्होंने तेलंगाना भाजपा नेतृत्व और पवन कल्याण से उनके हैदराबाद आगमन से पहले एक समझ बनाने के लिए कहा।

अमित शाह शुक्रवार को यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) में आयोजित होने वाले भारतीय पुलिस सेवा (IPS) परिवीक्षाधीनों के 75वें (नियमित भर्ती) बैच की पासिंग आउट परेड की समीक्षा करेंगे और एक चुनावी रैली को भी संबोधित करेंगे। जनसेना सूत्रों ने मीडिया को बताया है कि, "कल्याण और मनोहर दोनों कल रात हैदराबाद लौट आए। कल्याण किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले आज जनसेना तेलंगाना नेताओं के साथ चर्चा करेंगे।"

केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना भाजपा प्रमुख जी किशन रेड्डी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं से कहा कि वह पहले ही हैदराबाद में कल्याण से मिल चुके हैं और आगामी विधानसभा चुनावों में चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना पर प्रारंभिक चर्चा की है। यह कहते हुए कि जनसेना NDA का हिस्सा है, उन्होंने कहा कि पवन कल्याण भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा कर रहे हैं। जनसेना ने 2 अक्टूबर को कहा कि पार्टी 30 नवंबर के चुनावों में कुल 119 में से 32 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी। बता दें कि, पवन कल्याण ने हाल ही में पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के साथ गठबंधन की घोषणा की है।

MP चुनाव: अखिलेश यादव ने मांगी थी छह, दिग्विजय देना चाहते थे चार, इसीलिए कांग्रेस-सपा में खिंच गई तलवार ! पढ़िए, पूरी खबर

मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के रुख ने I.N.D.I.A. गठबंधन में उसके सहयोगियों को गुस्सा कर दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा), आम आदमी पार्टी (AAP) और अब जनता दल यूनाइटेड (JDU) जैसी पार्टियों ने आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा उनके हितों की कथित अनदेखी को लेकर चिंता जताई है। जबकि कांग्रेस का कहना है कि गठबंधन मुख्य रूप से लोकसभा चुनावों के लिए था, जिसके बाद गठबंधन की व्यवहार्यता और नैतिकता सवाल में आ गई है।

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अखिलेश यादव की नाराजगी

मध्य प्रदेश में गठबंधन न होने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस के प्रति खुलकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह शुरू में सपा को सीटें देने के लिए प्रतिबद्ध थी, लेकिन बाद में अपने कहे से मुकर गई। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पहले पता होता कि गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए है, तो वे कांग्रेस से जुड़ते ही नहीं। अखिलेश के असंतोष के कारण विधानसभा चुनाव के लिए सपा के 42 उम्मीदवारों की एक सूची तुरंत जारी की गई, जल्द ही एक और सूची जारी करने की योजना है।

कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की

अखिलेश यादव की शिकायतों के जवाब में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गठबंधन को टूटने से बचाने की कोशिश की। उन्होंने खुलासा किया कि सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा हुई थी। हालांकि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इस मुद्दे को राज्य नेतृत्व पर छोड़ दिया था, जिससे बातचीत टूट गई। दिग्विजय ने अखिलेश यादव की प्रशंसा की और अपने विश्वास की पुष्टि की कि सपा भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी। दिग्विजय सिंह ने बताया कि, अखिलेश यादव 6 सीट चाह रहे थे, जबकि हमने (दिग्विजय ने) कमलनाथ को 4 सीट देने का सुझाव दिया था। लेकिन, दोनों में बातचीत नहीं बन पाई। 

असफल गठबंधन वार्ता

दिग्विजय ने गठबंधन की चर्चाओं पर अंतर्दृष्टि साझा की, जिसमें कहा गया कि सपा को उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर सीटें आवंटित करने के बारे में बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि चर्चा सपा को दी जाने वाली सीटों की संख्या पर टूट गई। जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सपा के साथ गठबंधन चाहते थे और उन्होंने चार सीटों की पेशकश का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस प्रस्ताव को कांग्रेस के भीतर कोई फायदा नहीं हुआ। अंतत: गठबंधन सफल नहीं हो सका।

मध्य प्रदेश की राजनीति पर असर

टूटे हुए गठबंधन का मध्य प्रदेश की राजनीति पर खासा प्रभाव पड़ेगा, खासकर उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्रों में, जहां सपा की महत्वपूर्ण उपस्थिति है। सपा और बसपा जैसी पार्टियों ने अक्सर बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल जैसे क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे पारंपरिक वोटिंग पैटर्न बाधित हुआ है और भाजपा और कांग्रेस दोनों पर असर पड़ा है। सपा के स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश से सटी सीटों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

AAP मैदान में उतरी

कांग्रेस-सपा में दरार के अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) भी मध्य प्रदेश में चुनावी मैदान में उतर गई है। AAP अपने प्रयासों को विंध्य क्षेत्र पर केंद्रित कर रही है, जिससे राज्य में राजनीतिक परिदृश्य में जटिलता की एक और परत जुड़ गई है।

सपा का चुनावी प्रभाव

सपा ने बुन्देलखण्ड और विंध्य क्षेत्रों में अपने चुनावी प्रभाव का प्रदर्शन किया है, जहां पिछले चुनावों के दौरान वह कई सीटों पर दूसरे और तीसरे स्थान पर रही थी। इन क्षेत्रों में कुल 56 विधानसभा सीटें हैं जो सीधे तौर पर सपा की मौजूदगी से प्रभावित हैं। जबकि, सपा ने पहले 2003 में सात विधायकों के साथ मध्य प्रदेश चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था, बाद के चुनावों में उतनी सफलता नहीं मिली। राज्य में चल रहा राजनीतिक ड्रामा एक दिलचस्प और अप्रत्याशित चुनावी लड़ाई के लिए मंच तैयार करता है, जिसका कांग्रेस-सपा गठबंधन पर संभावित प्रभाव पड़ सकता है।

आदि कैलाश से धारचूला आते समय तंपा मंदिर के पास गहरी खाई में गिरे वाहन, हादसे में छह लोगों की मौत, रेस्क्यू कर निकाले गए शव

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आदि कैलाश से धारचूला आते समय मंगलवार को तंपा मंदिर के पास गहरी खाई में गिरे वाहन में सवार सभी छह लोगों की मृत्यु हो गई है। मृतकों में चार आदि कैलाश यात्री बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली निवासी है। चालक सहित एक अन्य व्यक्ति स्थानीय है।

मंगलवार को बोलेरो कैंपर वाहन आदि कैलाश से यात्रियों को लेकर गुंजी से धारचूला आ रहा था। धारचूला से करीब 30 किमी दूर तंपा मंदिर के पास वाहन अनियंत्रित होकर करीब एक किमी गहरी खाई में गिर गया। वाहन के परखच्चे उड़ गए थे और किसी के जीवित बचे होने की उम्मीद नहीं थी।

 रात को नहीं हो सका रेस्क्यू

मंगलवार को अंधेरा होने और खड़ी चट्टान तथा मौसम के प्रतिकूल होने से रात को रेस्क्यू संभव नहीं हो सका। बुधवार सुबह कोतवाली धारचूला, थाना पांगला पुलिस, हाईवे पेट्रोल पुलिस यूनिट, फायर बिग्रेड यूनिट धारचूला, एसडीआरएफ, सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की टीमों ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया। टीम ने खड़ी चट्टान से होते हुए नदी किनारे तक पहुंचकर शवों को निकालकर सड़क तक पहुंचाया। आदि कैलाश जाने वाले यात्रियों को इनर लाइन परमिट जारी होता है। साथ ही आइटीबीपी के चेक पोस्ट पर भी रिकार्ड रखा जाता है।

परमिट के अनुसार मृतकों में 40 वर्षीय सत्यब्रत परिदा निवासी बेंगलुरु (कर्नाटक), 58 वर्षीय नीलाला आनंद लोकेश कुमार निवासी हैदराबाद (तेलंगाना), 48 वर्षीय महेश चंद्र मिश्रा निवासी फ्लैट नंबर वन टाइप-एन एसयूटी कैंपस, सेक्टर-तीन द्वारका (नई दिल्ली), 52 वर्षीय प्रज्ञा निवासी 84 डीडीए फ्लैट्स, साउथ वेस्ट दिल्ली आदि कैलाश यात्रा पर गए थे।

उनके साथ वाहन चालक पिथौरागढ़ निवासी 24 वर्षीय हिमांशु कुमार और 39 वर्षीय वीरेंद्र कुमार थे। रविवार को चारों लोग आदि कैलाश पहुंचे थे और मंगलवार को लौट रहे थे।

उत्तराखंड में अरबों रुपये की वक्फ संपत्तियों की स्थिति अब RTI दायरे में होंगी, सार्वजनिक हो सकेगी जानकारी; सरकार ने आदेश किया जारी

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उत्तराखंड में अरबों रुपये की वक्फ संपत्तियों की स्थिति, उनके आय-व्यय और कार्यों की प्रक्रिया कैसे संचालित हो रही है, अब इसकी जानकारी सार्वजनिक हो पाएगी।

सूचना आयोग की सख्ती के बाद वक्फ संपत्तियों को आरटीआइ एक्ट में दायरे में लाने के आदेश उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कर दिए हैं। करीब 2200 वक्फ संपत्तियां उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में पंजीकृत हैं।

वक्फ अधिनियम-1995 (संशोधित 2013) के तहत इन पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का नियंत्रण तो है, लेकिन यहां पारदर्शी व्यवस्था से हमेशा पल्ला झाड़ा जाता रहा है। इसी कारण से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन ने लोक सूचनाधिकारियों की तैनाती से परहेज किया। नए आदेश के बाद ऐसी मनमर्जी नहीं चलेगी।

जुलाई 2022 में मांगी गई थी जानकारी

वक्फ संपत्तियों का सूचना का अधिकार अधिनियम से परहेज का मामला नगर पंचायत पिरान कलियर निवासी अधिवक्ता दानिश सिद्दीकी के आरटीआई आवेदन के माध्यम से सामने आया था। उन्होंने पिरान कलियर दरगाह के विभिन्न कार्यों की जानकारी उत्तराखंड वक्फ बोर्ड से जुलाई 2022 में मांगी थी।

जवाब में बताया गया कि पिरान कलियर में कोई लोक प्राधिकारी नहीं है, लिहाजा इस संबंध में सूचना नहीं दी जा सकती। प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी स्तर से भी जानकारी न मिलने पर प्रकरण सूचना आयोग पहुंचा।

अपील पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने वक्फ बोर्ड के अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए वक्फ अधिनयम और वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण आदि तथ्यों को स्पष्ट करने को कहा था।

जिसके बाद यह साफ हुआ कि सभी वक्फ संपत्तियां बोर्ड के नियंत्रण में हैं और बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी किसी भी वक्फ संपत्ति के दस्तावेजों आदि का निरीक्षण, परीक्षण कर सकते हैं या करवा सकते हैं। सभी वक्फ संपत्तियां सरकार के अधीन पाई गई।

सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने प्रकरण में पूर्व व वर्तमान मुख्य कार्यपालक अधिकारी से भी जवाव मांगा था। जिसके क्रम में पिरान कलियर दरगाह के प्रबंधन को आरटीआई एक्ट के दायरे में लाने के आदेश भी कर दिए गए। अब यहां लोक सूचना अधिकारी की तैनाती कर दी गई है। इसके साथ ही अन्य सभी वक्फ प्रबंधन में भी आरटीआई एक्ट लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं।

सूचना आयोग ने निर्देश दिए हैं कि छह माह के भीतर सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा-4 के तहत मैनुअल तैयार किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सूचना देने के लिए विधिसम्मत व्यवस्था बनाने को कहा।

हमास ने इजरायल पर क्यों किया हमला? बाइडेन ने बताई वजह, भारत से जोड़ा कनेक्‍शन

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इजराइल और हमास के बीच जोरदार जंग जारी है। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बार फिर हमास पर हमला बोला है।ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बाइडेन ने दो टूक कहा है कि आतंकी संगठन हमास कायर है और फिलिस्तीनी नागरिकों के पीछे छिपा हुआ है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस जंग को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे को लेकर हाल ही में जी-20 सम्मेलन के दौरान हुआ एलान भी हमास की तरफ से इजराइल पर अचानक किए गए हमले का एक कारण हो सकता है।

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बाइडन ने ऑस्‍ट्रेलियाई पीएम के साथ एक संवाददाता सम्‍मेलन में कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि हमास ने जिन वजहों से इजरायल पर हमला किया, उनमें एक यह भी है कि हम इजरायल का क्षेत्रीय देशों के साथ एकीकरण बढ़ा रहे थे। हालांकि मेरे पास इसका सबूत नहीं है। लेकिन मेरी अंतरात्मा मुझसे यही कहती है कि इजरायल के लिए क्षेत्रीय एकीकरण की दिशा में काम की वजह से हमास ने यह हमला किया।

बाइडेन ने चीन को लेकर कहा कि हम बेल्ट एंड रोड पहल पर प्रतिस्पर्धा करने जा रहे हैं और हम इसे एक अलग तरीके से कर रहे हैं। चीन की बेल्ट एंड रोड पहल कर्ज में डूब गई है और अधिकांश देशों के लिए एक फंदा बन गई है, जिन्होंने इस पर हस्ताक्षर किए हैं।’ उन्होंने कहा कि वे जी-7 के भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं ताकि उन देशों के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जा सके। बाइडन ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'उदाहरण के तौर पर जी-20 में हम रियाद से पश्चिम एशिया, सऊदी अरब, इस्राइल, यूनान होते हुए रेल मार्ग नहीं बल्कि भूमध्यसागर से यूरोप तक पाइपलाइन बनाने के प्रस्ताव पर काम करने में सफल रहे।’

वहीं, इजराइल का पक्ष लेते हुए बाइडेन ने कहा कि उनके पास अपने लोगों के नरसंहार का जवाब देने का अधिकार और जिम्मेदारी है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इजराइल के पास इन आतंकवादियों के खिलाफ अपनी रक्षा करने के लिए आवश्यक सब कुछ हो।

बता दें कि बीते सात अक्तूबर को ही हमास के आतंकियों ने अचानक इजराइल पर हमला बोला था और 1400 से ज्यादा लोगों को मार दिया था। इतना ही नहीं हमास ने कई लोगों को बंधक भी बना लिया। हमास के इस हमले के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर हमले किए हैं और इनमें अब तक 6500 से ज्यादा की मौत हो चुकी है।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी का बड़ा एक्शन, कांग्रेस अध्यक्ष के घर रेड, सीएम गहलोत के बेटे को भी समन जारी

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राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी के निशाने पर कोई और नहीं बल्कि राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत हैं। राजस्थान में हुए पेपर लीक मामले में ईडी ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर छापेमारी की है।वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को समन भेजा है। ईडी ने पूछताछ के लिए एफईएमए के तहत वैभव गहलोत को कल का समन दिया है।

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प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार सुबह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के ठिकानों पर छापे मारे हैं। पेपर लीक प्ररकण में ईडी की टीम ने डोटासरा के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर दबिश दी। एक टीम उनके निजी आवास सीकर भी पहुंची।हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ले चुके निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुडला पर भी ईडी का एक्शन हुआ है। हुडला को कांग्रेस ने महुआ से अपना प्रत्याशी बनाया है। डोटासरा के सीकर और जयपुर आवास पर छापे मारे हैं। ईडी ने कुल 12 स्थानों पर कार्रवाई की है। जयपुर में तीन और सीकर में दो ठिकाने शामिल हैं।

पिछले महीने भी ईडी ने की थी छापेमारी

पिछले महीने भी ईडी ने पेपर लीक प्रकरण में कलाम कोचिंग सेंटर के संचालकों के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी। ईडी को पेपर लीक प्रकरण से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज मिले हैं। डोटासरा का बेटा कलाम कोचिंग सेंटर के संचालक मंडल में हैं। इस वजह से डोटासरा के घर पर यह कार्रवाई हुई है। कलाम कोचिंग का नाम विधानसभा में भी उठ चुका है। एक साथ कई सिलेक्शऩ आरएएस भर्ती परीक्षा में देने के कारण यह कोचिंग चर्चा में रही है। इस कार्रवाई के बाद कुछ गिरफ्तारियां भी हो सकती है।

सीएम गहलोत ने बोला हमला

इधर, ईडी के एक्शन के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने एजेंसी की इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, दिनांक 25 अक्टूबर राजस्थान की महिलाओं के लिए कांग्रेस की गारंटियां लॉन्च। वहीं दिनांक 26/10/23 राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के यहां ईडी की रेड। मेरे बेटे वैभव गहलोत को ईडी में हाज़िर होने का समन। अब आप समझ सकते हैं, जो मैं कहता आ रहा हूं कि राजस्थान के अंदर ईडी की रेड रोज़ इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके।

गाजा पट्टी पर अभी जमीनी हमला नहीं करेगा इजराइल, जानें इसके पीछे की वजह

#israel_agrees_to_delay_invasion_of_gaza 

इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है।इस बीच इजराइल ने गाजा पर संभावित आक्रमण को अभी के लिए टाल दिया है। इजरायल की सेना ने एक दिन पहले घोषणा की थी कि वह गाजा में जमीनी हमले के लिए पूरी तरह से तैयार है।हालांकि, अमेरिका के कहने पर इजरायल ने अभी गाजा में जमीनी सैन्य अभियान शुरू ना करने का फैसला लिया है।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि इजराइल फिलहाल गाजा पर संभावित आक्रमण को अभी के लिए टाल दिया है। इजरायल ने आक्रमण रोकने पर सहमति जताई है, ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका अमेरिकी सैनिकों की रक्षा के लिए क्षेत्र में मिसाइल रक्षा प्रणाली शुरू कर सके। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कहा, अमेरिकी अधिकारियों ने इजरायल को तब तक रुकने के लिए मना लिया है जब तक कि इस सप्ताह के अंत में इस क्षेत्र में अमेरिकी वायु-रक्षा प्रणालियां स्थापित नहीं हो जाती।

अमेरिका का मानना है कि हमास के कब्जे वाली गाजा पट्टी पर आक्रमण शुरू होने के बाद उनकी सेना को आतंकवादी संगठन निशाना बना सकते हैं। ऐसे में बिना वायु-रक्षा प्रणाली की तैनाती के वह क्षेत्र में जमीनी जंग नहीं चाहता है। इसके अलावा अमेरिका हमास से बंधकों को छुड़ाने के लिए भी एक और कोशिश करना चाहता है। अमेरिका को डर है कि जमीनी हमले के बाद बंधकों को हमास से छुड़ाना मुश्किल हो सकता है। साथ ही उसे जमीनी हमले के बाद युद्ध के पूरे क्षेत्र में फैलने का भी डर है। ऐसे में फिलहाल अमेरिका कुछ समय चाहता है।

इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जिस तरह 7 अक्टूबर को हमास ने कायराना हमला किया था उसके बाद इजराइल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और गाजा में जमीनी आक्रमण करने की तैयारियां की जा रही हैं। नेतन्याहू ने कहा कि ‘हमास के सभी सदस्यों की मौत करीब है। उन्होंने बुधवार शाम को राष्ट्र को दिए संबोधन में कहा कि युद्ध के दो मुख्य लक्ष्य हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को नष्ट कर उसका खात्मा करना और हमारे बंधकों को घर वापस लाने के लिए हरसंभव कदम उठाना है।

इजराइल ने सात अक्टूबर को हमास के बर्बर हमले के बाद से गाजा में जमीनी अभियान के लिए 4 लाख सैनिकों को तैनात करने की योजना बनाई है। नेतन्याहू ने हमास की तुलना इस्लामिक स्टेट से करते हुए कहा, ‘जब हम लड़ाई जारी रहने के बीच गाजा में जाएंगे तो हम हत्यारों, अत्याचारों के दोषियों से पूरी कीमत वसूल करेंगे।’ उन्होंने गाजा के नागरिकों से दक्षिणी गाजा में जाने की अपील दोहराई।

गाजा पट्टी पर अभी जमीनी हमला नहीं करेगा इजराइल, जानें इसके पीछे की वजह

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इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है।इस बीच इजराइल ने गाजा पर संभावित आक्रमण को अभी के लिए टाल दिया है। इजरायल की सेना ने एक दिन पहले घोषणा की थी कि वह गाजा में जमीनी हमले के लिए पूरी तरह से तैयार है।हालांकि, अमेरिका के कहने पर इजरायल ने अभी गाजा में जमीनी सैन्य अभियान शुरू ना करने का फैसला लिया है।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि इजराइल फिलहाल गाजा पर संभावित आक्रमण को अभी के लिए टाल दिया है। इजरायल ने आक्रमण रोकने पर सहमति जताई है, ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका अमेरिकी सैनिकों की रक्षा के लिए क्षेत्र में मिसाइल रक्षा प्रणाली शुरू कर सके। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कहा, अमेरिकी अधिकारियों ने इजरायल को तब तक रुकने के लिए मना लिया है जब तक कि इस सप्ताह के अंत में इस क्षेत्र में अमेरिकी वायु-रक्षा प्रणालियां स्थापित नहीं हो जाती।

अमेरिका का मानना है कि हमास के कब्जे वाली गाजा पट्टी पर आक्रमण शुरू होने के बाद उनकी सेना को आतंकवादी संगठन निशाना बना सकते हैं। ऐसे में बिना वायु-रक्षा प्रणाली की तैनाती के वह क्षेत्र में जमीनी जंग नहीं चाहता है। इसके अलावा अमेरिका हमास से बंधकों को छुड़ाने के लिए भी एक और कोशिश करना चाहता है। अमेरिका को डर है कि जमीनी हमले के बाद बंधकों को हमास से छुड़ाना मुश्किल हो सकता है। साथ ही उसे जमीनी हमले के बाद युद्ध के पूरे क्षेत्र में फैलने का भी डर है। ऐसे में फिलहाल अमेरिका कुछ समय चाहता है।

इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जिस तरह 7 अक्टूबर को हमास ने कायराना हमला किया था उसके बाद इजराइल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और गाजा में जमीनी आक्रमण करने की तैयारियां की जा रही हैं। नेतन्याहू ने कहा कि ‘हमास के सभी सदस्यों की मौत करीब है। उन्होंने बुधवार शाम को राष्ट्र को दिए संबोधन में कहा कि युद्ध के दो मुख्य लक्ष्य हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को नष्ट कर उसका खात्मा करना और हमारे बंधकों को घर वापस लाने के लिए हरसंभव कदम उठाना है।

इजराइल ने सात अक्टूबर को हमास के बर्बर हमले के बाद से गाजा में जमीनी अभियान के लिए 4 लाख सैनिकों को तैनात करने की योजना बनाई है। नेतन्याहू ने हमास की तुलना इस्लामिक स्टेट से करते हुए कहा, ‘जब हम लड़ाई जारी रहने के बीच गाजा में जाएंगे तो हम हत्यारों, अत्याचारों के दोषियों से पूरी कीमत वसूल करेंगे।’ उन्होंने गाजा के नागरिकों से दक्षिणी गाजा में जाने की अपील दोहराई।