तिरुलडीह गोलीकांड के शहीद को आजसू नेता हरेलाल महतो ने दी श्रद्धांजलि

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सरायकेला : तिरुलडीह गोलीकांड के शहादत दिवस के अवसर पर आजसू पार्टी के नेता हरेलाल महतो ने श्रद्धासुमन अर्पित किया। हरेलाल महतो के नेतृत्व में आजसू कार्यकर्ताओं ने चांडिल प्रखंड के कुरली, चौका मोड़, ईचागढ़ प्रखंड के चोगा, आदारडीह, कुकडू प्रखंड के तिरुलडीह शहीद बेदी, तिरुलडीह मोड़ जीवी, कुकडू प्रखंड मुख्यालय तथा सिरुम मोड़ पर स्थित प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

शहीद धनंजय महतो के पैतृक गांव आदारडीह में स्थित प्रतिमाओं पर माल्यार्पण के पश्चात हरेलाल महतो ने शहीद धनंजय महतो की पत्नी बारी देवी को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। यहाँ से सैकड़ों की संख्या में आजसू के कार्यकर्ता मोटरसाइकिल जुलूस की शक्ल में तिरुलडीह पहुंची। जहां श्रद्धांजलि देने के पश्चात मोटरसाइकिल जुलूस कुकडू व सिरुम पहुंची। 

मौके पर आजसू नेता हरेलाल महतो ने कहा कि शहीदों के नाम पर राजनीति करने वालों के दिन समाप्ति की ओर है। तिरुलडीह गोलीकांड के शहीद अजित महतो एवं धनंजय महतो के नाम पर राजनीति करके कई लोग सत्ता में आए, उन्हें जनता ने विधानसभा भेजा। जनता को उम्मीद थी कि ईचागढ़ विधानसभा के शहीदों को सम्मान मिलेगा, जनता के समस्याओं का समाधान होगा, लेकिन जनता के उम्मीद के विपरीत काम हो रहा है। हरेलाल महतो ने कहा कि जिन विषयों को लेकर अजित महतो व धनंजय महतो आंदोलन करते हुए शहीद हुए थे, वह विषय आज भी जिंदा है।

 उन विषयों पर कोई बात भी नहीं करना चाहता है। हरेलाल महतो ने कहा कि अजित महतो व धनंजय महतो के संघर्ष और त्याग को कब सम्मान मिलेगा?उन्होंने कहा कि जब तक ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, इत्यादि की समुचित व्यवस्था नहीं उपलब्ध होगी, तब तक शहीदों के सपने अधूरे रहेंगे। इस मौके पर शहीद धनंजय महतो की पत्नी बारी देवी, शहीद पुत्र उपेन चंद्र महतो, आजसू जिलाध्यक्ष सचिन महतो, सत्यनारायण महतो, सुसेन महतो, गुरूपद सोरेन, दुर्योधन गोप, गोपेश महतो, अरुण महतो, तुलसी महतो, जीतू महतो, माधव सिंह मुंडा, दिलीप प्रमाणिक, योगेंद्र महतो, गुरुचरण महतो, दामोदर सिंह मुंडा समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

सरायकेला :शहीद स्थल तिरुलडीह में अजित/ धनंजय का 42 वां शहादत दिवस आयोजित।


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सरायकेला : कुकडु प्रखंड अंतर्गत तिरुलडीह में शहीद अजित महतो व धनंजय महतो का शहादत स्थल में 42 वीं शहादत दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहीद धनंजय के पुत्र उपेन महतो, ईचागढ़ के विधायक सविता महतो, झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति के केंद्रीय सदस्य मोतीलाल महतो, जिप उपाध्यक्ष श्रीमती मधुश्री महतो,समाजसेवी खगेन महतो ,आजसु के केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो, झामुमो के वरिष्ठ नेता सुखराम हेंब्रम, भाजपा के जिलाध्यक्ष विजय महतो, जे बी के एस एस के सक्रिय सदस्य गोपेश महतो, जिला परिषद सदस्य उषा देवी, झारखंड आंदोलनकारी सुनील कुमार महतो, जे बी के एस एस के चांडिल अनुमंडल के सक्रिय सदस्य तरुण महतो, भाजपा नेता बिनोद राय आदि ने शहीद अजित महतो एवं धनंजय महतो के शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। 

इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने शहीदों के आश्रित को बड़े बड़े आश्वासन दिया कि उन लोगों के हक अधिकार के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा। लेकीन 42 साल बीतने के बाद भी शहीद अजित महतो व धनंजय महतो को शहीद का दर्जा नहीं देना अनेक अनसुलझी पहेली को जन्म दे रहा है। 

शहादत दिवस पर बड़े बड़े आश्वासन दिया जाता है, वादे किए जाते हैं लेकिन आज तक एक वादा पूरा नहीं हुआ है।

दुर्गापूजा के अवसर पर विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए चाईवासा में प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठक की

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चाईबासा : चाईबासा शहर स्थित परिसदन सभागार में दुर्गा पूजा महोत्सव-2023 अंतर्गत राज्य भर में विधि-व्यवस्था संधारण के के लिए गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, की बैठक हुई।

झारखंड सरकार द्वारा पश्चिमी सिंहभूम जिले के लिए प्रतिनियुक्त वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी अरवा राजकमल(भा.प्र.से) एवं वरीय पुलिस पदाधिकारी माइकलराज एस.(भा.पु.से) के संयुक्त अध्यक्षता तथा सिंहभूम पुलिस उपमहानिरीक्षक अजय लिंडा, पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल, पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर की मौजूदगी में विधि व्यवस्था संधारण में संलग्न प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी की उपस्थिति में समीक्षा की गई।

विधि व्यवस्था की समीक्षा उपरांत वरीय पदाधिकारियों द्वारा चाईबासा तथा चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र का भ्रमण कर विभिन्न पूजा पंडालों का निरीक्षण किया गया। इस क्रम में चक्रधरपुर थाना स्थित सीसीटीवी कंट्रोल रूम क्रियाकलापों की भी जानकारी ली गई।

सरायकेला:नारायण प्राइवेट लुपुंगडिह परिसर में बिहार के केसरी बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह की जयंती मनाई गई


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सरायकेला :- चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के नारायण प्राइवेट लुपुंगडिह परिसर में बिहार के केसरी बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह (सिन्हा )की जयंती मनाई गई एवम उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

इस अवसर संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे जी ने कहाश्री कृष्ण सिन्हा का जन्म 21 अक्टूबर 1887 को बंगाल प्रेसीडेंसी (अब शेखपुरा जिले का हिस्सा ) के मुंगेर जिले के बरबीघा के माउर गांव में एक भूमिहार परिवार में हुआ था ।

जब वह पाँच वर्ष के थे, तब उनकी माँ, जो एक विनम्र और धार्मिक विचारों वाली व्यक्ति थीं, की प्लेग से मृत्यु हो गई। उनकी शिक्षा गांव के स्कूल और मुंगेर के जिला स्कूल में हुई। 1906 में वे पटना कॉलेज में शामिल हुए , जो उस समय कलकत्ता विश्वविद्यालय का एक सहयोगी था।

उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री और फिर पटना विश्वविद्यालय से कानून में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और 1915 से मुंगेर में अभ्यास करना शुरू कर दिया कि श्री कृष्ण सिंह जी को श्री बाबू के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य बिहार के पहले मुख्यमंत्री (1946-61) थे। 

द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि को छोड़कर, सिन्हा 1937 में प्रथम कांग्रेस मंत्रिमंडल के समय से लेकर 1961 में अपनी मृत्यु तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। ब्रिटिश भारत में उन्हें कुल मिलाकर लगभग आठ वर्षों तक कारावास की अलग-अलग सजाएँ काटनी पड़ीं । 

सिन्हा की जन सभाओं में उन्हें सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती थी। [5] जब वह जनता को संबोधित करने के लिए खड़े होते थे तो उनकी शेर जैसी दहाड़ के कारण उन्हें बिहार केसरी के नाम से जाना जाता था।उनके करीबी दोस्त और प्रख्यात गांधीवादी बिहार विभूति एएन सिन्हा ने अपने निबंध मेरे श्री बाबू में लिखा है कि, "1921 से, बिहार का इतिहास श्री बाबू के जीवन का इतिहास रहा है" स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान बहुत रहा है श्री कृष्ण सिन्हा पहली बार महात्मा गांधी से 1916 में सेंट्रल हिंदू कॉलेज , बनारस में और बाद में दिसंबर 1920 में शाह मुहम्मद जुबैर के घर पर मिले। 

मुंगेर में, उन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए लगातार काम करने की कसम खाई। गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भाग लेने के लिए उन्होंने 1921 में वकालत छोड़ दी । इस अवसर मुख्य रूप से उपस्थित थे एडवोकेट निखिल कुमार,शांति राम महतो,पवन कुमार महतो, कृष्णपद महतो, देवकृष्ण महतो,अजय मंडल,गौरव महतो, निमाई मंडल, सिशुमति दास, आदि मौजूद थे।

विधिक सेवा समिति की और से PLV कार्तिक गोप ने कुकड़ू प्रखण्ड़ में चलाया विधिक जागरूकता अभियान


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सरायकेला : नालसा एवं झालसा तथा ड़ालसा तथा SDLSCअनुमण्डीय विधिक सेवा समिति की और से PLV कार्तिक गोप ने कुकड़ू प्रखण्ड़ अन्तर्गत ग्राम बाकार कुड़ी उपर टोला गाँव मे महिलाओं के साथ मे हो रहे बलात्कार से संबंधित अभियान लगातार 100 दिन तक अभियान चलाया जायेगा.

एवं महिलाओं का अधिकार से संबंधित अनाथ बच्चों का पालन पोषण योजना बंदियों के अधिकार तथा मानव तस्करी बाल विवाह घरेलू हिंसा टाफिक से संबंधित नियम सरकार द्वारा चलाया जा रहा योजना के बारे मे ग्रामीणओं को जानकारी दिया गया साथ ग्रामीणों को कहा कि किसी भी समस्या होने पर PLV कार्तिक गोप से ईस नम्बर 9955802247 में संपर्क करने को कहाँ गया .

उपस्थित ग्रामीणआदि काभी संख्या में उपस्थित थे.

बुंडु: आज महा सप्तमी के अवसर पर बुंडू में नव पत्रिका प्रवेश के साथ पूजा पंडालों में दुर्गोत्सव की धूम शुरू


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बुंडू: आज महा सप्तमी के अवसर पर बुंडू में नव पत्रिका प्रवेश पूजा के साथ ही पूजा पंडालों में दुर्गोत्सव धूम शुरू हो गई। 

शहर में जहां एक से बढ़कर एक भव्य पूजा पंडाल बनाए गए हैं, वहीं कई पूजा आयोजन ऐसे भी हैं जो परंपरागत ढंग से दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं। 

माता के भक्तगण सुबह से ही माता के भक्तिमय रंगों में उत्साहित नजर आ रहे हैं। 

बुंडू के पुजारी अनुभवी पंडित ने बताया कि हमलोग नदी तालाब जाकर नवपत्रिका को लेकर आते हैं वहां पर महास्नान कराया जाता है महास्नान के बाद नवपत्रिका का महास्नान कराकर भक्तिभाव से लाया जाता है और नवपत्रिका की स्थापना की जाती है। इस तरह माता का प्रवेश कराया जाता है फिर विधि विधान के साथ पूजा आरंभ की जाती है। महासप्तमी की पूजा के साथ पुष्पांजलि की जाती है उसके बाद महाआरती आरंभ किया जाता है। सभी पूजा के लिए पंडालों की ओर रुख करते हैं और पुष्पांजलि का कार्यक्रम चलता रहता है। 

शहर में चारों तरफ आकर्षक पूजा पंडालों को रौनक देखते ही बनती है। रंग बिरंगे फूल पत्तियों और प्राकृतिक जीव जन्तुओं की आकृति में सजे आकर्षक विद्युत साज सज्जा दुर्गा पूजा में चार चांद लगा दिए हैं।

 सुबह से ही बड़े छोटे, युवा महिला पुरुष सभी नए वस्त्र परिधान में माता के भक्तिमय गीतों का आनंद ले रहे हैं।

सरायकेला : यहां हो रहे दो मंदिरों में दुर्गापूजा के सप्तमी तिथि पर मां कालरात्रि का कलश यात्रा निकला


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सरायकेला : जिला के चांडिल अनुमंडल स्थित यहां दो मंदिरों में हो रहे पूजा के दौरान स्पतमी तिथि को पुजारियों द्वारा मां कालरात्री की भव्य कलश यात्रा वामनी नदी से सार्वजनिक मंदिर चांडिल और कदमडीह सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमिटी चांडिल से आज सुबह कड़ी सुरक्षा की बीच कलश यात्रा निकाला गया।

यह कलश यात्रा गाजा बाजा के साथ श्रद्धालू भक्तों एवं मंदिर के पुजारी के साथ निकला गया।इस कलश यात्रा में सैकड़ो श्रद्धालु और भक्त मंडली उपस्थि रहे।

नवरात्र के सातवें दिन शत्रुओं का नाश करती हैं मां कालरात्रि

चांडिल सार्वजनिक मंदिर के पुजारी जयदेव वनर्जी ने बताया कि महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए। इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं। मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। 

जीवन की हर समस्या को पल भर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं ।

 पश्चिमसप्तम कालरात्रि यानि नागदौन - 

यह नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती है। सभी प्रकार के रोगों की नाशक सर्वत्र विजय दिलाने वाली मन एवं मस्तिष्क के समस्त विकारों को दूर करने वाली औषधि है।

सरायकेला : दलमा जंगल की तराई में बसे चालियामा में डीआइजी अजय लिंडा ने फीता काट कर किया दुर्गा पूजा पंडाल का उदघाटन।

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सरायकेला : कोल्हान के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत चालियामा गांव में श्री श्री सार्वजनीन दुर्गा पूजा समिति जाडूखल द्वारा आयोजित भव्य दुर्गा पूजा पंडाल का मुख्य अतिथि कोल्हान के डीआइजी अजय लिंडा, अति विशिष्ट अतिथि सरायकेला खरसावां के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला व विशिष्ठ अतिथि पुलिस अधीक्षक डॉ0 विमल कुमार ने फीता काट कर उदघाटन किया। । 

इस अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कोल्हान के डीआइजी अजय लिंडा ने कहा कि मैं दलमा अंचल के में विषय में अखबार में पढ़ा करते थे। आज इस क्षेत्र पहुंचकर बहुत खुशी हुई इस क्षेत्र के निवासी काफी शांति व अमन चैन प्रिय है। उन्होंने कहा कि दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति के सदस्यों व ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर इस क्षेत्र को माओवादियों से मुक्त कर इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने में अहम योगदान दिया। 

इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए पुलिस हमेशा सहयोग करेगी। माता दुर्गा से प्रार्थना है कि आप सभी बहुत खुशी के साथ त्यौहार मनाएं। हम सभी जानते हैं कि बुराई में अच्छाई की जीत है, आज हम लोग यह भी शपथ लें कि इस क्षेत्र में कभी माओवादियों को घुसने नहीं देगें। इस अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा कि इस क्षेत्र के लोगों से पूर्ण आशा है कि शांति स्थापित करने में सहयोग करेंगे। इसके पूर्व अतिथियों का गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया गया। दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्वलन मार्डी ने डीआईजी को मां दुर्गा का प्रतीक चिन्ह, सचिव रामकृष्ण महतो ने उपायुक्त को एवं स्वपन दास ने पुलिस अधीक्षक को माता का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर पुजा समिति के अध्यक्ष राधा गोविंद सिंह, सचिव पूर्व मुखिया हरिपद सिंह, कोषाध्यक्ष तारापद रजक, मुखिया मंगली सिंह, पंसस अरुण चंद्र गोराई, पूर्व जिप उपाध्यक्ष अशोक कुमार साव, विपुल सिंह, बुलेट नाग, पद्मालोचन सिंह, जिप सदस्य अनिता पारित, पद्मालोचन सिंह, हीरालाल मल्लिक, शरत सिंह, जगदीश सिंह, श्यामपद सिंह, युधिष्ठिर सिंह, सुभाष मंडल आदि उपस्थित थे।

सरायकेला :1873 से चांडिल बाज़ार में शुरू हुए मां दुर्गा पूजा का डाकमुकूट प्रतिमा एक ही परिवार के द्वारा बनाया जाता है


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आज भी उसी परिवार के सूत्रधार द्वारा 150 बर्षों से डाकमुकुट प्रतिमा का किया जाता है निर्माण  

सरायकेला : ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चांडिल में एक मात्र सार्वजनिक दुर्गा पूजा का आयोजन सन 1873 से हो रहा है।

 चांडिल बाजार में आयोजित यह पूजा उस समय मूर्तिकार सूत्रधार परिवार द्वारा इस पूजा का मूर्ति बनाया, पश्चिम बंगाल बाघमुंडी थाना क्षेत्र के निवासी यह प्रसिद्ध सूत्रधार परिवार के चंडी दा के पूर्वज स्व.सिदाम दत्त द्वारा प्रथम बार मां दुर्गा का डाकमुकुट प्रतिमा मूर्ति बनाया था। 

आज उसी के वंशज द्वारा चांडिल बाजार में डाकमुकुट मूर्ति बनाया जाता है । ब्रिटिश कार्यकाल से मां दुर्गा का पूजा अर्चना चांडिल के सार्वजनिक द्वारा किया जाता रहा है । उस समय कर्णकुठीर में मां दुर्गा का पूजा अर्चना होता था । आज के दौर में मां का मंदिर उड़ीसा राज्य के मंदिर तर्ज के बनाया गया । जो अलग ही पहचान बना है।इस मंदिर में एक ही परिवार के सूत्रधार कार्य करते आए,और एक ही परिवार के पंडित द्वारा मां का पूजा अर्चना करते देखा गया है। जो मां के असीम कृपा  से सम्भव हो पाया है। 

डॉ शिशिर कुमार बनर्जी ने कहा कि यह मंदिर का संस्थापक। स्व० कार्तिक चंद्र डां, स्व० प्रतम राय, स्व० युगल प्रसाद दारिपा , स्व० योग्गेश्वर मंडल हैं जिनके द्वारा दुर्गा पूजा का आयोजन 1873 में शुरू किया गया था ।

उस दौरान अंग्रेज का हुकूमत था, और जमींदारी पूजा अर्चना होता था । चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के भालुककोचा गांव में स्व० सरदीप आदित्य सिंहदेव जमींदार द्वारा प्राचीन काल के समय से मां दुर्गा का पूजा अर्चना एंब मां दुर्गा की प्रतिमा डाकमुकुट से बनाया जाता था। उस समय से चढ़दा के सूत्रधार द्वारा मूर्ति बनाया जाता है। आज भी उसी वशंज के सूत्रधार कार्य करते हैं ।इस मंदिर का मानता है जो भी श्रद्धालू श्रद्धा पूर्वक मां से मन्नत मांगते हैं उस का कार्य पूरा होता है और बकरा,का भी बली चढ़ाते है।

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में करीब 200 जगह पर मां दुर्गा पूजा पंडाल और मंदिर है

सरायकेला :विधायक व महंत ने फीता काटकर किया कदमडीह दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन।


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सरायकेला : श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमिटी कदमडीह चांडिल द्वारा आयोजित दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन महाषष्टी के पावन अवसर पर मुख्य अथिति ईचागढ़ विधायक सविता महतो व चांडिल पारडीह के कालीमंदिर जूना अखाड़ा के उपाध्यक्ष महंत विद्यानंद सरस्वती ने संयुक्त रूप से फीता काटकर पंडाल का उद्घाटन किया। 

इस दौरान कमिटी द्वारा सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर और चुनरी उड़ा कर सम्मानित किया। इस दौरन विधायक ने ईचागढ एवं प्रदेशवासियों के लिए माता रानी से सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करने का प्राथना किया। 

इस अवसर पर पूर्व जिला परिषद सदस्य ओम प्रकाश लायेक, प्रखंड विकास पदाधिकारी तालेश्वर रविदास, समाजसेवी राकेश वर्मा, झामुमो केंद्रीय सदस्य पप्पू वर्मा, काबलु महतो, सपन कुमार गुप्ता, संजय चौधरी, स्नेहा महतो, शिल्पी महतो, चंदन वर्मा, राजू दत्ता आदि कमेटी के सभी सदस्य उपस्थित थे।