सरायकेला :ईचागढ़ गांव की मुख्य सड़क है जलमग्न, दुर्गोत्सव में लोग कैसे मनाएंगे खुशियां
सरायकेला : कोल्हान के चारों ओर शारदीय नवरात्र पर मनाए जाने वाले दुर्गोत्सव की धूम मची है. महाषष्ठी के अवसर पर बेलवरण के साथ मंदिर और पूजा पंडालों के पट खुल जाएंगे. श्रद्धालु माता रानी की आराधना में लीन हो जाएंगे और वातावरण में चारों ओर भक्ति का माहौल रहेगा.
लोग नए वस्त्र पहनकर माता रानी का स्वागत करेंगे, दर्शन-पूजन कर अपनी वांछित कामना करेंगे और खुशियां मनाएंगे. इसी बीच ईचागढ़ और आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों की खुशियों पर ग्रहण सा लग गया है. गांव की मुख्य सड़क पर जमा डैम का पानी श्रद्धालुओं को माता रानी के दरबार तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न कर रहा है.
सन 1872 से हो रहा दुर्गा पूजा का आयोजन
ईचागढ गांव में राजा के शासनकाल से ही देवी दुर्गा की आराधना की जा रहा है. प्रतिवर्ष देवी का भव्य व आकर्षक प्रतिमा स्थापित पर शारदीय नवरात्र पर माता रानी का आराधना की जा रही है. राजघराने से मिली जानकारी के अनुसार ईचागढ में 1872 से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. पहले यहां दुर्गा पूजा के दौरान बलि देने की परंपरा थी.
अब ईचागढ़ में वैष्णव मत के अनुसार दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है. दुर्गा पूजा के दौरान देवी के दर्शन के लिए आसपास के गांव के अलावा दूर-दराज से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु ईचागढ पहुंचते हैं. ऐसे में ईचागढ गांव के मुख्य सड़क पर जलजमाव से श्रद्धालुओं को परेशानी होगी।
खोले गए रेडियल गेट
दुर्गा पूजा के दौरान चांडिल डैम के पानी से किसी को भी किसी प्रकार की दिक्कत ना इसके लिए डैम के दो रेडिलय गेट खोले गए है. ईचागढ़ के लोगों के आग्रह के बाद डैम का एक रेडियल गेट शुक्रवार की सुबह आधा मीटर तक खोल दिया गया है. पहले से ही डैम का एक रेडियल गेट आधा मीटर तक खुला था. अब डैम का दो रेडियल गेट आधा-आधा मीटर तक खुला है. अनुमान लगाया जा रहा है कि रेडियल गेट खोले जाने के बाद ईचागढ़ गांव के मुख्य सड़क पर जमा पानी निकल जाएगा. ऐसे में लोगों को भक्ति के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी ।
Oct 20 2023, 12:37