सक्सेस स्टोरी:- स्यंव सहायता समूह से जुड़कर अब सोमबारी सुरीन, हो गयी आत्म निर्भर,पहले करती थी दूसरों के घर मजदूरी
सरायकेला :SHG सदस्य का नाम सोमवारी सुरीन,गांव जलडीहा
SHG का नाम सुलु सागेन महिला समिति
जलडीहा आजीविका महिला, ग्राम,सांगाधन,
परियोजना का नाम - NRLM,लिया गया ऋण - 3,00,000
सरायकेला : सफलता की कहानी सोमवारी सुरीन की जुबानी मैं सोमवारी सुरीन समूह में जुड़ने से पहले दूसरों के घर में मजदूरी का कार्य करती थी, घर में कम जमीन होने के कारण खेती नहीं कर पाती थी परिवार में कुल 5 सदस्य हैं और पैसा कमाने वाला कोई नहीं है जिसके कारण परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही थी मैं किसी प्रकार मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण किया करती थी।
समूह मे जुड़ने की पहले की स्थिति - विगत 19 मार्च 2019 को समूह में जुड़ी और समूह से छोटा-छोटा ऋण लेकर अपने घर में छोटा कार्य करने लगी थी लेकिन पूर्णत में दूसरों के घर से मजदूरी पर ही निर्भर थी ।
जेएसएलपीएस के माध्यम से समूह में जुड़कर में समूह से ₹5000 ऋण ली इन पैसों से मैंने एक राशन का दुकान खोल परंतु दुकान से होने वाली आमदनी से पांच सदस्यों का पालन पोषण कर पाना पर्याप्त नहीं था,इसलिए मैं ग्राम संगठन से बड़े ऋण के तौर पर ₹300000 की राशि प्राप्त की और इन पैसों से राशन का बड़ा दुकान खोल अब मैं और मेरे पति दोनों मिलकर दुकान को समय पर खोलते हैं और बंद करते हैं।
समूह में जुड़ने के बाद की स्थिति
समूह में जुड़ने से पहले मुझे कोई बहुत प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था अब मैं मेरा बेटा एक अच्छे स्कूल में पढ़ने जाता है, अब मुझे और मेरे परिवार को समाज में सम्मान की नजर से देखा जाता है मैं दूसरों के घर में मजदूरी करना छोड़ चुकी हूं,और अपना दुकान से हम सम्मानजनक परिवार की जिंदगी जी रहे हैं। प्रतिदिन की कमाई 500 से ₹800 होता है और महीने की कमाई लगभग ₹15000 से ₹20000 हो जाते है।
आगे जानकारी देते हुए सोमवारी सुरीन ने कहा कि भविष्य में उनका सपना अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में शिक्षा देना एवं अपना खुद का अच्छा मकान बनाना है।
Oct 19 2023, 16:41