सरायकेला : जय प्रकाश नारायण के जयंती पर मुक्ति वाहिनी द्वारा रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन, 11 यूनिट किया गया रक्त संग्रह
सरायकेला : भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता जय प्रकाश नारायण की जयंती पर उनके फोटो पर फूल माला और पुष्प अर्पित करके चांडिल बांध विस्थापित मुक्ति वाहिनी की ओर से रक्तदान शिविर का आयोजन डैम शीश महल में की गई।
रक्तदान शिविर में भोल्टनरी डोनेशन एसोसिएशन पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर के टीम द्वारा रक्तदान शिविर को संचालन किया। उक्त बात की जानकारी श्यामल मार्डी, नारायण गोप,अन्युक्त रूप से रक्तदान शिविर को सफल किया, ओर 11यूनिट रक्त संग्रह किया गया।
सेनानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण के बारे कहा की उनकी 11 अक्टूबर, 1902 - 8 अक्टूबर, 1979 में भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होने 'सम्पूर्ण क्रांति' नामक आन्दोलन चलाया। वे समाज-सेवक भी थे, इसलिए 'लोकनायक' के नाम की उपाधि दिया गया था।1998 में उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मनित किया गया।
जयप्रकाश नारायण का जन्म बिहार के सिताब दियारा में 11 अक्टूबर 1902 में एक चित्रगुप्तवंशी कायस्थ परिवार में हुआ था Iबिहार बृज किशोर प्रसाद की पुत्री प्रभावती के साथ इनका विवाह अक्टूबर 1920 में हुआ। वे डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद और सुप्रसिद्ध डॉ॰ अनुग्रह नारायण सिन्हा द्वारा स्थापित बिहार विद्यापीठ में शामिल हो गये।
1929 में जब वे अमेरिका से लौटे, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तेज़ी पर था। उनका सम्पर्क गांधी जी के साथ काम कर रहे जवाहर लाल नेहरु से हुआ। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने। 1932 में गांधी, नेहरु और अन्य महत्त्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओं के जेल जाने के बाद, उन्होंने भारत में अलग-अलग हिस्सों में संग्राम का नेतृत्व किया। अन्ततः उन्हें भी मद्रास में सितम्बर 1932 में गिरफ्तार कर लिया गया ।वे इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के विरुद्ध थे। गिरते स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने बिहार में सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन किया।
उनके नेतृत्व में पीपुल्स फ्रंट ने गुजरात राज्य का चुनाव जीता। 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की जिसके अन्तर्गत जे॰ पी॰ सहित ६०० से भी अधिक विरोधी नेताओं को बन्दी बनाया गया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गयी। जेल में जे॰ पी॰ की तबीयत और भी खराब हुई। 7 महीने बाद उनको मुक्त कर दिया गया। 1977 जेपी के प्रयासों से एकजुट विरोध पक्ष ने इंदिरा गांधी को चुनाव में हरा दिया।
जयप्रकाश नारायण का निधन उनके निवास स्थान पटना में 8 अक्टूबर 1979 को हृदय की बीमारी और मधुमेह के कारण हुआ। उनके सम्मान में तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी, उनके सम्मान में कई हजार लोग उनकी शोक यात्रा में शामिल हुए।
इस अवसर पर जमशेदपुर बल्ड बैंक के डॉक्टर रीता सिंह ,भीमसेन माझी, taaps कुंडू, एस एम टुड्डू, भी बि डी ए के नरेश कुमार ,अशोक महतो , ईरन कांति घोष , आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे ।
Oct 12 2023, 20:22