*भोर में हल्की ठंड, पंखा बंद कर दे रहे लोग*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मौसम का मिजाज बदलने लगा है। सुबह - शाम हल्की ठंड लग रही थी। ऐसे में घरों में पंखा - कूलर भोर पंखा बंद कर दे रहे हैं। कूलर - पंखा बंद होते ही मच्छर डंक मारना शुरू कर दे रहे हैं। बदल रहा मौसम लोगों को बीमार कर दे रहा है।

महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक मरीजों से भर जा रहे हैं। मरीजों की संख्या में वृद्धि देख चिकित्सक हलकान रह जा रहे हैं।

डेंगू व टाइफाइड की चपेट में आते ही मरीजों का प्लेटलेट्स घट जा रहा है। इससे मरीज काफी कमजोर हो जा रहें हैं। दिन में धूप से गर्मी हो रही है।

*विश्वभर में मनाया जा रहा है विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही ‌ हर साल 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी प्रदान करना है।मानसिक स्वास्थ्य की सही देखभाल व्यक्ति को खुश और समृद्ध जीवन जीने में मदद करती है। स्ट्रेस या तनाव एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य विकार है जिसका जोखिम तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है।

युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में इस विकार के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों के लिए अपने शारीरिक स्वास्थ्य की ही तरह से मानसिक सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। दोनों स्वास्थ्य एक दूसरे पर निर्भर होते हैं, यानी अगर आप स्ट्रेस-एग्जाइटी जैसी मानसिक समस्याओं के शिकार हैं, तो इसका असर शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने वाले हो सकते हैं।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस प्रतिवर्ष 10 अक्तूबर को मनाया जाता है। साल 1992 में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई, जब संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ ने इसकी पहल की। गौरतलब है कि वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ 150 से अधिक सदस्य देशों वाला एक वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संगठन है। बाद में 1994 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी ने मानसिक स्वास्थ्य दिवस की एक थीम का निर्धारण कर यह दिवस मनाने की सलाह दी।

उसी वर्ष पहली बार "दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार" थीम के साथ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया।विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए प्रति वर्ष एक अलग थीम निर्धारित की जाती है। इसी थीम पर आधारित कार्यक्रम, सेमिनार और अन्य आयोजन होते हैं। वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की अगुवाई में साल भर थीम के आधार पर कार्य होता है। इस बार की थीम है- "मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट इसी क्रम में आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर विभूति नारायण राजकीय इण्टर कालेज, ज्ञानपुर, भदोही में मानसिक स्वास्थ्य रैली को मुख्य चिकित्सा अधिकारी भदोही डॉ. एस. के. चक द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया साथ ही बच्चों को मानसिक रोग से बचने का उपाय भी बताए। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय, ज्ञानपुर, भदोही में रैली पहुंचने पर संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार द्वारा फीता काटकर किया गया। डॉ. मालविका पाण्डेय, मनोचिकित्सक ने विस्तार से सभी मानसिक रोगों जिनमें अवसाद, चिन्ता, नींद, मिर्गी, यादाश्त, नशा, मोबाइल एडिक्शन के बारे में चर्चा किया और लक्षणों को बताया।

जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ, महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय, ज्ञानपुर के नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. अशोक परासर ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए मानसिक स्वास्थ्य के मनोवैज्ञानिक उपचार पर चर्चा किया। डॉ. शांति मनोचिकित्सकीय सामाजिक कार्यकर्ता ने मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ एवं मनकक्ष द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं से अवगत कराया गया।

*चार कस्तूरबा स्कूलों में शुरू होंगी इंटर की कक्षाएं*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही । जिले के चार कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में आगामी शिक्षा सत्र से इंटर तक पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इन विद्यालयों को 12.50 करोड़ की लागत से उच्चीकृत किया गया है। इनमें छात्राओं को नौवीं से बारहवीं तक शिक्षा के साथ आवासीय सुविधा देने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार है। इससे जरूरतमंद बेटियों को शिक्षा के साथ आवासीय सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।

जिले में पांच कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में पांचवीं तक ही छात्राओं को पढ़ाई के साथ आवासीय सुविधा दी जाती है। कुल 500 छात्राएं पढ़ती हैं। आठवीं की पढ़ाई के बाद उन्हें नौवीं से इंटर के लिए अन्यत्र जाना पड़ता था।

इसके चलते कई अभिभावक आगे की पढ़ाई रोक देते। इस पर सरकार ने सत्र 2020-21 में जिले के कस्तूरबा विद्यालयों को इंटर तक उच्चीकृत करने के लिए 12 करोड़ 50 लाख स्वीकृत किया। ज्ञानपुर, सुरियावां, डीघ और भदोही के कस्तूरबा विद्यालयों को समान रूप से तीन करोड़ 15 लाख रुपये दिए गए।

चयनित विद्यालयों में कक्षा भवन आदि बुनियादी ढांचा बनाने के लिए कार्यदायी संस्था को 2022 तक समय दिया गया था, लेकिन कार्यदायी संस्था की शिथिलता से कार्य पूरा होने में पांच महीना अधिक लग गया।

करीब पांच महीने पूर्व मुख्यमंत्री ने भवनों को लोकार्पित कर दिया। इस साल नौवीं कक्षा में करीब 100 से अधिक छात्राओं का एडमिशन भी लिया गया है। इससे वह 2024 में 10वीं में जाएंगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि चयनित कस्तूरबा विद्यालयों में कक्षा व आवास बनकर तैयार है।

अप्रैल 2024 तक नौवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि यहां फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी की लैब भी तैयार की गई है। साथ ही स्मार्ट क्लास रूम, बेहतर फर्नीचर की सुविधाओं के साथ तैयार किए गए हैं।

*अब एक रुपये की पर्ची पर होगा हड्डी का आपरेशन*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जनपद सृजन के करीब ढाई दशक बाद अब जिला चिकित्सालय में एक रुपये की पर्ची पर हड्डी का ऑपरेशन होगा। ऐसा पहली बार होगा कि जिले के किसी सरकारी अस्पताल में हड्डी का ऑपरेशन किया जाएगा। फिलहाल हड्डी के मरीजों को निजी चिकित्सालयों में महंगे आपरेशन कराने होते हैं।

सीएमए डॉ. राजेन्द्र दुबे की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर शासन की ओर से संस्तुति मिली है। उम्मीद के मुताबिक जनवरी तक मशीन जिले में आ जाएगी। ऐसा होता है तो नये साल पर जनपद वासियों को नई सौगात मिलेगी।महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय में हर दिन एक हजार से 1100 की ओपीडी होती है।

इसमें से तकरीबन 100 से अधिक ओपीडी हड्डी रोग की होती है। इसमें हर दिन 20-25 मरीजों को जिनके हाथ-पैर में फैक्चर होता है, प्लाॅस्टर लगाया जाता है। कमर का फ्रैक्चर या फिर हड्डी के ऐसे गंभीर केस जिसमें आपरेशन की जरूरत होती है, उन मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।

हालांकि जिला चिकित्सालय में सीएमएस के साथ ही दो आर्थोपेडिक सर्जन तैनात हैं। रेफर होने के बाद ज्यादातर मरीज बीएचयू-प्रयागराज न जाकर सुविधा के लिए निजी चिकित्सालयों का रुख करते हैं। ऐेसे में उन्हें आपरेशन के लिए मोटी रकम चुकानी होती है।

निजी अस्पतालों में सामान्य आपरेशन का खर्च 25 से 30 हजार रुपये तक होता है। कमर से जुड़ी समस्याओं का आपरेशन तो लाखों तक चला जाता है। सीएमएस ने बीते अगस्त माह में जिला चिकित्सालय में सी आर्म मशीन लगाए जाने का प्रस्ताव भेजा था। गरीब लोगों के लिए हड्डी का आपरेशन कराना एक बड़ी समस्या होती है। सीएमएस के प्रस्ताव पर शासन की संस्तुति मिलने के बाद ऐसा नहीं होगा। अब हड्डी से जुड़े मरीजों को जिले के सरकारी चिकित्सालय में हड्डी आपरेशन की सुविधा मिल सकेगी।

क्या होती है सी आर्म मशीन

सी आर्म एक छोटी एक्स-रे मशीन की तरह काम करती है। इस मशीन के सहयोग से चिकित्सक आपरेशन करते समय अंगों के थ्री-डी चित्र देख सकते हैं और टूटी हड्डी को जोड़ते समय प्लेट, राड लगाने की सही स्थिति का पता लगाते हैं। इस सी आर्म मशीन से यह पता लग जाता है कि स्क्रू, रॉड कहा लगानी है। इस सी आर्म मशीन की मदद से चिकित्सक आसानी हड्डी जोड़ सकता है।

अगस्त महीने में शासन को सी आर्म मशीन का प्रस्ताव भेजा गया था। इस पर शासन की ओर से संस्तुति मिल चुकी है। मशीन शासन की ओर से खरीद कर ही भेजा जाएगा। इसका लाभ मरीजों को मिल सकेगा। - राजेन्द्र कुमार, सीएमएस।

*कार्यालय में ताला, परिसर में मवेशी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही।ज्ञानपुर नगर के दुर्गागंज त्रिमुहानी के पास स्थित रोडवेज परिसर बने डेढ़ दशक हो गया होगा। लेकिन इसका संचालन न होने से यह शोपीस बनकर रह गया है। ऐसे में लाखों की लागत से बने इस रोडवेज परिसर का लाभ आम जनता को नहीं मिल रहा है।

इसके चलते मुख्यालय का यह रोडवेज परिसर आम जनता के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। रोडवेज परिसर ज्ञानपुर का अगस्त 2008 में लोकार्पण में लोकार्पण तत्कालीन परिवहन मंत्री राम अचल राजभर ने किया था। कुछ दिनों तक बस इस रोडवेज परिसर से संचालित होता रहा। बाद में यहां से बसों का संचालन बंद कर दिया गया। ऐसे में यह परिसर धीरे-धीरे मवेशियों का अड्डा बन गया।

कुछ दिन तक इसमें आटो स्टैंड बना रहा, फिर जुलूस आदि होने पर वाहन खड़े करने के काम आता है। रोडवेज कार्यालय में ताला लगा रहता है। नगर के लोगों ने बताया कि रोडवेज परिसर होने के बाद भी बसों का संचालन न होने आवागमन में दिक्कत हो रही है।

सरकार कोई भी हो पर जनता की समस्या पर उचित ध्यान नहीं देती है। रोडवेज परिसर बनाने में लाखों खर्च हुए हैं लेकिन इसका लाभ नहीं मिल रहा है। सुरियावां, भदोही, मोढ़, दुर्गागंज,पाली, मतेथू, देवनाथपुर,असनाॅव आदि क्षेत्र के लोग बसों से आवागमन के लिए परेशानी उठाते हैं। इसके लिए उन्हें गोपीगंज जाना पड़ता है।

*सीएम बोले- 'पहले भदोही में भय और आतंक का माहौल था आज अन्तर्राष्ट्रीय मेला लग रहा है'*

नितेश श्रीवास्तव

यूपी के भदोही जिले में सीएम योगी ने बहुप्रतिक्षित अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला इंडिया कार्पेट एक्सपो का आज शुभारंभ किया।

भारतीय कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) ने अनौपचारिक रूप से रविवार को कार्पेट एक्सपो का शुभारंभ किया। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज फीता काटकर कार्पेट एक्सपो का शुभारंभ किया। वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान बोले, सभी कालीन उद्यमियों की समस्याओं का समाधान होगा।

सभी के साथ बैठकर बात होगी।सीएम बोले, पहले भदोही में भय और आतंक का माहौल था आज अंतराष्ट्रीय मेला लग रहा है। प्रदेश में हुनर को मंच देने का कार्य हो रहा है। भदोही, मिर्जापुर और वाराणसी का क्षेत्र वस्त्र उद्योग का हब है, पहले भी उनमें हुनर था, लेकिन मंच नहीं मिल रहा था।

कारीगरों को टेक्नोलाजी से जोड़ने के साथ मंच देने की आवश्यकता है। हमारी सरकार बोलती कम और काम ज्यादा करती है।

*काली देवी मंदिर का तेजी से किया जा रहा जीणोद्धार*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सिद्धपीठ बाबा हरिहरनाथ मंदिर परिसर स्थित काली देवी मंदिर का जीणोद्वार कराया जा रहा है।

पत्थर से बन रहे आकर्षक मंदिर को देखने को श्रद्धालुओं का अगमन हो रहा है। दशकों पुराना हो चुके काली देवी मंदिर का जीणोद्वार हो रहा है। काली देवी मंदिर जीणोद्वार में लगे ब्रह्मजीत शुक्ला ने बताया कि वर्षों से मंदिर जर्जर हो गया था।

इससे दर्शन करने आए आस्थावानों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में जन सहयोग से मंदिर का जीणोद्वार कराया जा रहा है। पत्थर से आकर्षक काली देवी का मंदिर बनाया जा रहा है। मंदिर का निर्माण करीब पूरा हो गया है अब छत को ढाला जा रहा है। मंदिर का काम पूण होने के बाद आस्थावानों की भीड़ दर्शन -पूजन को उमड़ेगी ‌

*कहीं जिले में भी न हो जाए देवरिया जैसी घटना*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भूमि विवाद के मामलों में पोर्टल के आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो शत-प्रतिशत निस्तारण नजर आएगा लेकिन धरातल पर इस निस्तारण से मामले सुलझते नहीं हैं। अधिकतर मामलों में केवल सलाह दी जाती है और इसी सलाह के साथ रिपोर्ट लगाकर शिकायत का निस्तारण मान लिया जाता है। दूसरी ओर आवेदक की थाना और तहसील की दौड़ जारी रहती है। इस विवाद के कारण आपस में तनातनी भी होती है। इससे किसी दिन देवरिया जैसी घटना भदोही में भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में पुलिस-प्रशासन जवाब देने की स्थिति में नहीं रहेंगे।

देवरिया नरसंहार को लेकर शासन जहां गंभीर है। वहीं जिले में पुलिस और प्रशासनिक अफसर ऐसे मामलों को लेकर संजीदा नहीं हैं। संपूर्ण समाधान दिवस, समाधान दिवस, आईजीआरएस संग विभिन्न पटलों पर आने वाली शिकायतों को निस्तारित करने के निर्देश अधीनस्थों को दिए जाते हैं लेकिन उनकी हकीकत को कभी नहीं देखा जाता। इससे कागजों में तो मामले निपट जाते हैं लेकिन धरातल पर विरोध और विवाद की आग की चिंगारी बढ़ती ही रहती है। संपूर्ण समाधान दिवस में आने वाली शिकायतों में भी 80 फीसदी मामले राजस्व विभाग से ही जुड़े रहते हैं। ऐसे एक, दो नहीं तीनों तहसीलों में पांच हजार के करीब मामले लंबित हैं, जो राजस्व विभाग की उदासीनता से लटके हैं।

केस एक -सुरियावां थानाक्षेत्र के गजधरा गांव निवासी श्याम नारायण द्विवेदी ने कहा कि वह चार भाई हैं। गांव के ही एक व्यक्ति को जमीन बेच दिया गया है। इसे लेकर कई बार विवाद हो चुके हैं। जमीन और घर के बंटवारे में भी भाईयों की तरफ से विवाद किया जा रहा है। तहसील एवं पुलिस चौकी में शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

केस दो -कोइरौना थाना क्षेत्र के चंदापुर गांव में जमीन के विवाद में तीन दिन पूर्व दो पक्षों के बीच बड़ा विवाद होने से बच गया। गांव के प्रीतज मिश्रा ने बताया कि उसकी भूमिधरी पर वर्षों से एक व्यक्ति कब्जा किया है। वह अपनी जमीन में बाउंड्री बना रहे रहे थे कि रात में मनबढ़ गिरा दिए और धमकी दी कि कुछ भी बोला तो देवरिया कांड दोहरा देंगे।

केस तीन -भदोही तहसील के नरपतपुर में लालबहादुर की जमीन का बंटवारा हो गया है। 2022 में पैमाइश भी कराई गई लेकिन लेखपाल की रिपोर्ट लगने के बाद भी अपनी जमीन पर कब्जा नही पा रहे हैं। बताया कि समाधान दिवस पर भी कई बार शिकायत कर चुका हूं। अपनी ही जमीन पर पट्टीदार दबंगई के बल पर कब्जा नही होने दे रहे हैं। पुलिस भी हमारे पास सभी कागजात होने के बाद भी कुछ नहीं कर रही है।

*परास्नातक की तीसरी कट ऑफ जारी, नौ से मिलेगा प्रवेश*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एमए, एमएससी और एमकाम प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए कॉलेज प्रशासन ने शनिवार को तृतीय वरीयता सूची जारी कर दी है। 11 विषयों में जहां सीधे प्रवेश मिलेगा वहीं आठ विषयों में प्रवेश के लिए सामान्य, एससी और पिछड़ा वर्ग के लिए अलग-अलग कटऑफ जारी की गई है।

वरीयता सूची में आने वाले छात्र-छात्राओं को आठ से 11 अक्तूबर तक ऑनलाइन फीस जमा कर नौ से 12 अक्तूबर तक प्रवेश लेने के निर्देश दिए गए हैं। काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्नातक में प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण होने पर परास्नातक की कक्षाओं में प्रवेश शुरू हो गया है।

19 विषयों में प्रवेश के लिए तृतीय वरीयता सूची जारी की गई। इसमें प्राचीन इतिहास, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, दर्शनशास्त्र, मध्य इतिहास, राजनीतिशास्त्र, मनोविज्ञान, संस्कृत, गणित, चित्रकला, समाजशास्त्र सहित कुल 11 विषयों में मेरिट का निर्धारण नहीं किया गया। इन 11 विषयों में छात्र-छात्राएं सीधे प्रवेश पा सकेंगे। भूगोल के सामान्य वर्ग में 59.9 फीसदी, हिंदी में 57.8 से 57.6 जबकि वनस्पति, रसायन, जंतु विज्ञान की सीटें भर चुकी हैं।

भौतिक विज्ञान में 60.67 से 60.39 फीसदी अंक पाने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। ओबीसी में भूगोल में 58.9 से 53.6, हिंदी में 57.3 से 52.9, गृह विज्ञान में 61.8 से 58.9, वनस्पति विज्ञान में 63.2 से 59.1, रसायन विज्ञान में 63.33 से 61.28 तक, भौतिकी में 59.5 से 52.11, एमकॉम में 60.97 से 57 और जंतु विज्ञान में 66.8 से 65.2 फीसदी तक वालों को प्रवेश मिलेगा।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में भूगोल, हिंदी, गृह विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, एमकॉम में सीटें खाली हैं। इसमें सभी को प्रवेश मिलेगा। जंतु विज्ञान में 67.11 से 62.33 फीसदी तक प्रवेश मिलेगा। प्राचार्य प्रो. रमेश चंद्र यादव ने कहा कि तृतीय वरीयता सूची में आने वाले विद्यार्थी आठ से 11 अक्तूबर तक गेटवे पर ऑनलाइन शुल्क जमा कर प्रवेश लेंगे। नौ से 12 अक्तूबर तक सुबह 11 बजे से दोपहर ढाई बजे तक अलग-अलग काउंटर पर काउंसिलिंग होगी। उन्होंने बताया कि प्रवेश के लिए छात्र-छात्राएं ऑनलाइन आवेदन फार्म, हाईस्ककूल, इंटरमीडिएट, स्नातक का अंकपत्र, टीसी, चरित्र प्रमाणपत्र, एंटी रैगिंग शपथ पत्र को भी जमा करेंगे।

*दो दिन में हुई 56 एम‌एम बारिश*


*नितेश श्रीवास्तव*

भदोही। इस साल रुठे मानसूनी बादलों ने सोमवार की रात से बुधवार सुबह जमकर बारिश किया। इस दौरान जनपद में 56 एम‌एम बारिश बारिश रिकार्ड की गई। धान समेत सभी फसलों को इससे लाभ होगा।

साथ ही रबी की तैयारियों को बल मिलेगा। सब्जी की फसलों में जमा पानी को किसान बाहर निकाल दें ताकि नुकसान न होने पाए। उधर गर्मी व उमस से लोगों को बारिश ने राहत दिलाने का काम किया है।

जिला कृषि मौसम वैज्ञानिक सर्वेश बरनवाल ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने हवा के दबाव के कारण जिले में पांच अक्टूबर तक इसी तरह मौसम बना रहेगा। सोमवार, मंगलवार, बुधवार सुबह तक 56 एम‌एम बारिश रिकार्ड की गई।

धान, बाजरा समेत सभी खरीफ फसलों को लाभ होगा। खासकर धान के दाने अच्छे पड़ेंगे। आलू, मटर,चना, सरसों आदि रबी की फसलों की तैयारियों को भी इस बारिश से बल मिलेगा।

उन्होंने सब्जी के खेतों के साथ ही बाजार अरहर के खेतों में जमा पानी को बाहर निकलने का आवाह्न किया ताकि नुकसान न हो।