सरायकेला :करम महोत्सव जैसे आयोजन से हमारे संस्कृति और सभ्यता का भी प्रचार- प्रसार होता है. चंपई सोरेन*
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सरायकेला : झारखंडी परंपरा और संस्कृति का प्रतीक है ये करम महोत्सव.भाई- बहन के अटूट प्रेम प्रतीक का यह पर्व झारखंड की पहचान है. करम महोत्सव जैसे आयोजन से न सिर्फ आपसी मेलजोल बढ़ता है बल्कि हमारे संस्कृति और सभ्यता का भी प्रचार- प्रसार होता है.
उक्त बातें झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री चंपई सोरेन ने सरायकेला जिले के आदित्यपुर में आयोजित विशाल करम महोत्सव के भव्य आयोजन के उपलक्ष पर कही।कुड़मी सेना (टेटोमिक) के द्वारा अदित्यपुर फुटबॉल मैदान में केंद्रीय अध्यक्ष लालटू महतो के नेतृत्व में विशाल करम महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से भी लोग शिरकत करने पहुंचे.
रिमझिम बारिश के बीच घंटे चले इस कार्यक्रम में कुड़माली झूमर नृत्य- संगीत का लोगों ने खूब लुफ्त उठाया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री चंपई सोरेन उपस्थित हुए, जहां उन्होंने करम महोत्सव के आयोजन को लेकर
कुड़मी सेना (टेटोमिक) के कार्यों की सराहना की.मंत्री ने अपने भाषण में कहा की वर्तमान समय में झारखंडी संस्कृति से जुड़े ऐसे पर्व और त्योहारों का बड़े व्यापक स्तर पर आयोजन करना अति आवश्यक है, इन आयोजनों से हमारे पारंपरिक सभ्यता और संस्कृति का प्रचार- प्रसार होता है, और नई पीढ़ी भी इससे अवगत होती है. मंत्री ने कहा कि भाषा ,सभ्यता और संस्कारों को बचाए रखना है तो करम महोत्सव जैसे आयोजन होते रहने चाहिए.
इससे पूर्व करम महोत्सव का उद्घाटन जमशेदपुर की पूर्व सांसद सुमन महतो ने दीप प्रज्वलित के साथ दिवंगत सांसद सुनील महतो के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया.
Oct 02 2023, 11:55