सरायकेला : अनुग्रह नारायण प्लस टू उच्च विद्यालय पिलीद के प्रभारी प्रधानाध्यापिका पर लगे अवैध वसूली के आरोप की हुई जांच
सरायकेला : ईचागढ़ प्रखंड के अनुग्रह नारायण +2 उच्च विद्यालय पिलीद के प्रभारी प्रधानाचार्या मैडम की 2 सालों से मनमानी,अनैतिक कार्यशैली, लाखों की वसूली एवं विभागीय रुपये की गबन पर अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन ने गंभीर आरोपों के साथ उपायुक्त महोदय सरायकेला खरसावां को 10 बिंदुओं के तथ्यों के साथ एक ज्ञापन सौंपा था।
साथ में एक प्रतिलिपि जिला शिक्षा पदाधिकारी, सरायकेला खरसावां को भी दिए गए थे। इस ज्ञापन की तत्वों को स्थानीय अखबारों ने प्रमुखता से छपी। जिसका असर आज देखने को मिल रहा है।
उल्लेखनीय हैं कि इस मामले में डीसी द्वारा एक जांच टीम का गठन किया गया था। जिसमें शामिल गम्हारिया के क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी अंबुजा राज लक्ष्मी एवं बीईओ सरायकेला ने विद्यालय परिसर में शनिवार को देर शाम तक जांच किया। इस दौरान बहुत सारे गंभीर मामले सामने आया।
विस्थापित नेता राकेश रंजन के आरोपों में जो मामला सामने आया है,वे सभी तथ्य सत्य तो है ही,उससे कहीं ज्यादा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभारी मैडम द्वारा उगाही की गई है, यह जांच के दौरान सामने आ रहा था।
यहां के भोले-भाले, सीधे-साधे अभिभावकों से पैसे लेने का तरीका प्रभारी मैडम को बखूबी आती है। इस उगाही में मैडम ने अपनी निजी सहायकों से सहयोग लेती थी। ऑफिशियल काम में जैसे एडमिशन लेना, फॉर्म फिल-अप आदि में अत्यधिक वसूली करना, पूजा फंक्शन आदि का कलेक्शन करना, जिसमें आधा खर्च करना और आधा अपने लिए बचत करना, टीसी एवं बोर्ड सर्टिफिकेट देना, आदि अथवा अवैध तरीके से रुपए-पैसे उगाही के मामले में, मैडम अपने निजी सहायकों को ही साथ में रखती थी। इनके इस अनैतिक कार्यों में विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों जैसे लिपिक, आदेशपाल तथा अन्य सरकारी कर्मी शामिल नहीं रहते थे।
आरोपों में लाखों की उगाही के मामले में जिन तथ्यों का उजागर हुई है उससे भी अधिक तथ्यों को जानने के लिए विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों के द्वारा दिए गए जवाब से मालूम होता है।
पहला : कक्षा 9वीं एवं 11वीं के एडमिशन के समय विद्यालय में एसटी,एससी के लिए 350 रुपये एवं ओबीसी, जनरल के लिए 400 रुपये बिना रसीद के वसूली गई, यह आरोप सत्य है ।
दूसरा पिछले सत्र में एडमिशन के समय विविध राशि के नाम पर जो भी रुपये वसूली गई, वह विद्यालय के खाते में अब तक जमा नहीं हुए हैं। यह विषय जांच के समय सामने आया।
तीसरा :विद्यालय के एग्रीकल्चर एवं इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर जैसे वोकेशनल कोर्स के छात्र-छात्राओं के लिए इंडस्ट्रियल विजिट्स के लिए आये हुए ₹100000 (एक लाख) का वास्तविक खर्च एक बार एग्रीकल्चर विजिट के रांची कृषि अनुसंधान केंद्र तक जबकि इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर विद्यार्थियों को दो टेंपू द्वारा रुगड़ी स्थित इलेक्ट्रॉनिक ग्रिड दिखाने ले जाया गया था, इसमें विद्यार्थियों को ट्रांसफार्मर दिखाकर लाया गया। इसके लिए खर्च मात्र ₹1500 (पंद्रह सौ रुपए) हुए। जांच के समय पता चला कि इसका वास्तविक खर्च₹12000 तक की हुई है।
बाकी सभी राशि प्रभारी मैडम के खाते में।
चौथा : वोकेशनल कोर्स एग्रीकल्चर एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर के विद्यार्थियों के लिए किताब खरीदने हेतु 60,000 + 60,000 = 1,20,000 (एक लाख बीस हजार रूपए) विद्यालय को प्राप्त हुआ था। जिसमें गिन-चुने छात्रों को कुछ जेरॉक्स कॉपी देकर समस्त रुपए गवन किया गया।
पांचवा : प्रैक्टिकल मार्क्स के लिए कक्षा 9वीं, 10वीं एवं 11वीं का विषय प्रति ₹30 एवं 12वीं का विषय प्रति ₹50 रुपए प्रत्येक विद्यार्थियों से प्रभारी मैडम द्वारा लिये गये प्रमाण छात्र-छात्राओं से पूछताछ में पता चला ।
छठवां : टीसी एवं बोर्ड सर्टिफिकेट के नाम पर 100, 200,या 500 रुपए प्रत्येक विद्यार्थियों से प्रभारी मैडम अपने निजी सहायकों द्वारा वसूली की जाती है और न देने पर विद्यार्थियों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सातवां : प्रभारी मैडम महीने में एक-दो दिन छोड़कर किसी भी दिन सही समय पर विद्यालय के कार्यालय में नहीं पहुंचती हैं। यह तथ्य 7 महीने का बायोमेट्रिक अटेंडेंस के जांच से पता चला।
आठवें : समय पर विद्यालय संबंधी तथा कार्यालय संबंधी एवं विभागीय संबंधी किसी प्रकार की सूचना प्रभारी मैडम द्वारा नहीं दी जाती है। जिसका खामियाजा सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं , शिक्षकेत्तर कर्मचारियों, विद्यार्थीयों एवं अभिभावकों को दिक्कतें उठानी पड़ती है।
नौवीं : प्रत्येक महीने का 25 तारीख को प्रबंधन समिति एवं पिटीएम मीटिंग बुलाना सुनिश्चित है। परंतु पिछले 1 साल से विद्यालय में यह मीटिंग कभी नहीं बुलाई गई, क्योंकि उनकी अवैध वसूली की चर्चा ना हो, यह जांच से पता चला।
दसवां : शिक्षक व शिक्षिकाओं द्वारा अनैतिक कार्यों का विरोध करने पर बाॅन्ड-पत्र लिखवाकर स्तब्ध करने की आरोप भी सही हैं, जांच के दौरान भूक्तभोगी एक शिक्षिका ने तत्व को संलग्न किया।
जांच टीमों ने मामले को बिंदुवार तथ्यों के साथ लिखकर मंगलवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी, सरायकेला-खरसावां को सौंपने की उम्मीद है एवं सरायकेला खरसावां के उपायुक्त मामले का अंतिम निर्णय लेंगे।
इधर अभिभावकों एवं विस्थापित नेता राकेश रंजन का कहना है कि जांच टीमों द्वारा प्राप्त की गई तथ्यों को यथाशीघ्र उपायुक्त को सौंपा जाए अन्यथा सांठगांठ में मामला कहीं दबने का भी डर बना रहता है।
Sep 25 2023, 21:19