*पंचायत भवन निर्माण में किया जा रहा खेल*
शिवकुमार जायसवाल
सकरन(सीतापुर)- विकास खण्ड सकरन की ओडाझार ग्राम पंचायत में लगभग 23 लाख की लागत से बन रहे पंचायत भवन की बुनियाद में ही जब मानकों की अनदेखी की जा रही है। आगे भवन कैसा बनेगा इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
विकास खंड की ग्राम पंचायत ओडाझार में मनरेगा से बनवाये जा रहे पंचायत भवन में मानक के अनुशार कार्य नही किया जा रहा है सीसी के पिलर में डाली गई सरियों की मोटाई एक समान नहीं हैं। जमीन की सतह के ऊपर से ही नौ इंच की दीवाल पुरानी जर्जर ईंटों से बनायी जा रही है। निर्माण कार्य बादल मौर्य ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा जिसमें सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवतापुर ग्राम पंचायत के श्रमिक कार्य करने के लिए ठेके पर लगाए गए हैं।
जबकि नियमतः उसी ग्राम पंचायत के मनरेगा मजदूरों को लगाना होता है और मनरेगा से भुगतान करना होता है। लेकिन ठेकेदारी प्रथा से कराए जा रहे पंचायत भवन के निर्माण कार्य में ग्राम पंचायत के मनरेगा श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। सरकार गांव में सरकारी इमारतें बनाने के लिए काफी धन खर्च करती है। जिससे इमारत मजबूत और टिकाऊ बने। एक लम्बे समय तक प्रयोग में लाई जा सके लेकिन सरकारी धन का बंदर बाँट करने के लिए इन इमारतों को किसी तरह खड़ा कर दिया जाता है। जो कम समय में ही खराब हो जाती हैं।
मामले को लेकर एडीओ पंचायत दिनेश कुमार यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य की जाँच कराई जाएगी यदि निर्माण में मानकों की अनदेखी की जा रही है तो कार्यवाही की जायेगी।
Sep 17 2023, 15:56