औरंगाबाद: रेलवे ट्रैक पर युवक की सिर कटी लाश मिली, शिनाख्त में जुटी पुलिस

औरंगाबाद: रेलवे ट्रैक से एक युवक की सर कटी लाश बरामद किया गया है. यह मामला औरंगाबाद जिले के नबीनगर थाना क्षेत्र के नबीनगर रोड स्टेशन की है. जहां होम सिग्नल के पास उक्त शव बरामद होने आस-पास सनसनी फ़ैल गई. इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भिजवा गया है. 

हालांकि अब तक युवक की पहचान नहीं हो सकी है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद पता चल पाएगा. वहीं युवक की शिनाख्त हेतु विभिन्न स्तर से पुलिस प्रयास कर रही है.

 

थानाध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि एक अज्ञात युवक की शव रेलवे ट्रैक के किनारे से बरामद किया गया है जिसका सर धड़ से अलग हैं. युवक की पहचान अब तक नहीं हो सकी है, फिलहाल पोस्टमॉर्टम के लिए शव ले जाया गया है. 

थानाध्यक्ष ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का लग रहा है, क्योंकि मृतक के शरीर में कहीं भी कोई जख्म के निशान नहीं पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि घटनास्थल आरपीएफ की थी.

इसलिए इसकी सूचना उन्हें दी गई. सूचना मिलने के बाद आरपीएफ पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और आगे की कारवाई में जुटी हुई है. थानाध्यक्ष ने बताया कि शव की शिनाख्त हेतु विभिन्न स्रोतों से पता लगाया जा रहा है.

एन आई एक्ट के परिवाद मामले में कोर्ट ने आरोपी को सुनाया दो साल की सज़ा, लगाया बीस लाख जूर्माना

औरंगाबाद - व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद से चेक वाउंस के एक केस में एक बड़ी खबर आ रही है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एसीजेएम वन सौरभ सिंह ने एन आई एक्ट के परिवाद संख्या -1126/2013 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त रामकुमार सिंह मुख्तारपुर ओबरा को दो साल की सज़ा और बीस लाख जूर्माना लगाया है।  

अधिवक्ता ने बताया कि अभियोगी श्रीरामकृष्णा सिंह रामविलास नगर भरथौली ने परिवाद में कहा है कि रामकुमार सिंह द्वारा प्राप्त चेक एच डी एफ सी बैंक में 30/10/13 को निरादर हुआ था। इस घटना से छः माह पहले रामकुमार सिंह ने अभियोगी से 12 लाख 93 हजार 4 सौ ऋण लिया था। वापसी मांगने पर 25/10/13 को चेक दिया,29/10/13 को चेक बैंक में जमा किया, बैंक से 30 /10/13 को चेक यह कहते हुए वापस हुआ कि पर्याप्त राशि नहीं है। हस्ताक्षर मिलान में भी अंतर है। 

04/11/13 को छल धोखा, नुकसान के लिए वकालत नोटिस भेजा। फिर थाना में आवेदन दिया। तत्पश्चात न्यायालय में परिवाद दायर किया। अ

धिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने आगे कहा कि चेक वाउंस के केस लोक अदालत में सुलहनिय है। अभियुक्त वाद के किसी भी स्टेज पर,गैर जमानती वारंट जारी होने पर भी अभियोगी से सुलह कर लोक अदालत में वाद को हमेशा के लिए समाप्त कर सकते हैं। अब राष्ट्रीय लोक अदालत में बड़ी संख्या में चेक वाउंस के वादों का निष्पादन होता है। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में हैवानियत की सारी हदो को किया पार, महज 1 हजार रुपये के लिए किसान की चाकू से गोदकर कर दी हत्या

औरंगाबाद – जिले से एक हैवानियत की सारी हदों को पार कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां महज एक हजार रुपए के लिए किसान की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई।घटना माली थाना क्षेत्र के गोटी डीह गांव की है।मृतक किसान की पहचान उक्त गांव निवासी विनय कुमार के रूप में की गई है।

मृतक के परिजनों ने बताया कि विनय अपने खेत में काम कर रहा था।इसी दौरान टोना गांव के सुशील सिंह के पास बकाया एक हजार रुपए मांगने चले गए।तभी सुशील सिंह ने किसान विनय कुमार पर चाकू से ताबड़तोड़ गर्दन पर हमला कर दिया।जिसके कारण किसान खून से लथपथ हो गया तथा घटनास्थल पर ही गिर पड़ा।

इसके बाद आनन फानन में परिजन उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद ले गए।जहां चिकित्सकों ने उसे देखते हीं मृत घोषित कर दिया।मौत खबर सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया।

इधर घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया तथा मामले की तहकीकात में जुट गई है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

कश्मीर से कन्याकुमारी राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा पहुँची औरंगाबाद, संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज का हुआ प्रवचन

औरंगाबाद :- सत्संगति हमारे जीवन को निखारती है। शरीर की पुष्टि और इन्द्रियों की तृप्ति मानव जीवन का उद्देश्य नहीं हो सकता। शरीर का ध्यान रखना है, जितना आवश्यक है। शरीर को सबकुछ समझ कर आत्मकल्याण के मार्ग से दूर हो जाना ये श्रेष्ठ जीवन नहीं है। उक्त उद्गार स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने संकल्प यात्रा के क्रम में शहर स्थित अनुग्रह इंटर कॉलेज(गेट स्कूल) मैदान में आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं के मध्य व्यक्त किये। महाराज जी ने कहा कि जिन्दगी जीने में ही जिन्दगी बित जाती है, जीवन जीने में ही जीवन चला जाता है और ये जीवन है क्या, कौन हूं मैं इसका अनुभव नहीं हो पाता है।

संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज ने जय स्वर्वेद कथा के दौरान कहा कि अध्यात्म का महाशास्त्र है स्वर्वेद। स्वर्वेद हमारी आध्यात्मिक यात्रा को सदैव जागृत रखता है। स्वर्वेद का आचरण मनुष्य को देवत्व में स्थापित कर देता है। 

    

उन्होंने बताया कि भीतर की अनंत शक्ति का सच्चा ज्ञान स्वयं को जानने से होता है। आंतरिक शांति के अभाव से ही आज विश्व मे अशांति है। जब हम आत्म कल्याणकारी विचारों से अपने मन को भरते हैं तब हमारा मन शांत और स्थिर स्वभाव वाला बन जाता है। संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक योग साधना को सिखाया। कहा कि यह साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है। संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज की दिव्यवाणी जय स्वर्वेद कथा के रूप में लगभग 2 घंटे तक प्रवाहित हुई। स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। वहीं दिव्यवाणी के पश्चात मुख्य आगंतुकों को संत प्रवर जी के हाथों स्वर्वेद महामंदिरधाम मोमेंटो, अंगवस्त्र, डायरी व प्रसाद भेंट किया गया। 

कार्यक्रम सचिव पुरोहित आचार्य मयंक शास्त्री ने बताया कि विहंगम योग सन्त समाज के शताब्दी समारम्भ महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज 17 जुलाई को संकल्प यात्रा का शुभारंभ कश्मीर की धरती से हो चुका है। संकल्प यात्रा कश्मीर , जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड , उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल होते हुए बिहार के औरंगाबाद पहुँचा। बिहार प्रान्त में अगले 20 दिनों में 38 स्थानों पर संकल्प यात्रा का कार्यक्रम निर्धारित है। 

बताया कि 17 एवं 18दिसंबर 2023 को विशालतम ध्यान - साधना केंद्र स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। उसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में लाभ मिले। इस शताब्दी समारम्भ महोत्सव में विहंगम योग के प्रणेता अनंत श्री सदगुरू सदाफल देव जी महाराज की 135 फिट से भी ऊंची प्रतिमा का भी शिलान्यास होगा। 

इस अवसर पर रेड क्रॉस से सतीश सिंह,चेयरमैन उदय कुमार गुप्ता, विनोद वर्मा,संतोष मिश्रा, डा.श्यामनारायण प्रसाद, सुनिल संगम, सीताराम वर्मा,दिनेश यादव, प्रदीप यादव,डा.प्रकाश, लालमोहन प्रजापति, दामोदर सिंह के साथ हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

इतिहास के पन्नों में दर्ज हीर-रांझा, लैला-मंजनू से कम नहीं है औरंगाबाद के लालदेव सिंह और उर्मिला की प्रेम कहानी, पढ़िए पूरी खबर

औरंगाबाद – इतिहास के पन्नों में दर्ज लैला मजनू हीर रांझा, श्री फरहाद , रोमियो जूलियस , तथा देवदास और पारो की प्रेम कहानी आपने बहुत पढ़ा होगा। लेकिन आज मैं आपको औरंगाबाद के लालदेव और उर्मिला की कहानी बताने जा रहा हूँ जो इनकी कहानी से कम नहीं है। आज उर्मिला की तीसरी पुण्यतिथि रु-ब-रू हुए इनकी प्रेम कहानी से।  

कहानी है औरंगाबाद के एक छोटी सी कस्बा कर्मा मिसिर गाँव की है जहाँ के रहने वाले लालदेव सिंह है आज वर्षो बीते प्रेम कहानी को एक बार फिर से उन्होंने ताजा कर दिया है।

आपको बतादूँ कि आज हम आपको एक ऐसे प्रेम कहानी का दीदार कराने जा रहा हूं जो आपके दिल को झकझोर कर रख देगा। जी हां ,कहानी है औरंगाबाद के रिसियप थाना क्षेत्र के कर्मा मिसिर गाँव का। जहाँ के 65 वर्षीय लालदेव सिंह और उनकी पत्नी उर्मिला देवी की प्रेम कहानी आज भी लोगो के सामने एक मिसाल है। 

लालदेव सिंह की पत्नी उर्मिला देवी की मौत आज तीन साल पूर्व कोरोना के चपेट में आने से हो गई थी। तब से आज तक लालदेव सिंह अपने जिंदगी के बचे दिन अपनी पत्नी के स्मारक के पास ही बैठ कर दिन और रात बिता रहे है। आज उनकी पत्नी उर्मिला देवी की तीसरी पुण्यतिथि है, जो लालदेव सिंह के द्वारा बड़ी ही धूम धाम से मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आस पास के सैकड़ों लोगो ने भाग भी लिया और उर्मिला देवी के स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

वही जब पत्रकारों के द्वारा लालदेव सिंह से यह पूछा गया कि आप अपनी पत्नी के मृत्यु के बाद से दुनिया के हर कार्य को परित्याग कर अपनी पत्नी के स्मारक के पास बैठे रहते है इसका क्या कारण है। इस पर उन्होंने बताया की अब हमे जिंदगी से कोई तालूक नही रह गया है और बचे इस जिंदगी बस अपनी पत्नी के ही स्मारक के पास ही बैठ कर बिता देने का संकल्प ले लिया हूँ। आज हमे यहाँ बैठे तीन साल गुजर गया है, और बचे का जिंदगी भी इन्ही के पास बैठ कर गुजार देगे।

जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर क्यों, तो उन्होंने जो बताया वह सुनकर आप दंग रह जाएगे। उन्होंने यह बताया कि आज भी वह जिन्दा है और यहाँ बैठने के बाद हमे ऐसा एहसास होता है और जब मैं यहाँ से बाहर निकल जाता हूँ तो हमे कुछ अजीब सी होने लगता है जिसे मैं बर्दास्त नही कर पाता हूँ और फिर पुनः वही जाकर बैठ जाता हूं तो फिर से शांति महसूस होने लगता है। 

उन्होंने यह भी कहा कि आज उनकी तीसरा पुण्य तिथि है जिसे मैं बड़ी ही धूमधाम से मना रहा हूँ और बची हुई जिंदगी यही स्मारक के पास बैठ कर गुजार दूँगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद के मॉडल सदर हॉस्पिटल में रुपये के बल पर निकलती है दो दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पढ़िए ए रिपोर्ट

औरंगाबाद - विवादों से चोली दामन का रिश्ता रखने वाले औरंगाबाद के सदर अस्पताल में नित नये एक से बढ़कर गुल खिला करते है। कभी डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत हो जाती है। कभी गार्ड मरीज को पीट देता है। कभी आइसीयू काम करना बंद कर देता है। आउटसोर्सिंग एजेंसी को भुगतान नही होने से जांच, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन की सेवा बंद हो जाती है। इस बीच ताजा मामलें में तो सदर अस्पताल ने गजब का कमाल कर दिया है। इस कमाल से धमाल मच गया हैं।   

एक ही मृतक की दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट, तारीख एक, जारीकर्ता डॉक्टर एक, सीरियल नंबर एक पर दोनों रिपोर्ट जुदां

कमाल यह हुआ है कि अस्पताल के एक चिकित्सक ने एक ही मृत व्यक्ति का दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी कर दिया है। दोनों ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जुदां है और दोनों ही रिपोर्ट एक ही डॉक्टर ने जारी की है। दोनों रिपोर्ट जारी करने की तारीख भी एक ही है और रिपोर्ट नंबर भी एक ही है।

एक ही मृतक का दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी होने से खुल गई सिस्टम की पोल

दरअसल एक ही मृतक का दो-दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी किए जाने के मामले से सदर अस्पताल के पूरे सिस्टम की पोल खुल गई है। भरोसेमंद सूत्रों की माने तो औरंगाबाद सदर अस्पताल में वह सब कुछ होता है, जो नही होना चाहिए। यहां डिलेवरी कराने के लिए नर्से पैसे लेती है। मेडिकल सर्टिफिकेट, हेल्थ सर्टिफिकेट, फिजिकली डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट, किसी कागजात को अभिप्रमाणित कराने तक के लिए यहां के कर्मी पैसे लिया करते है। इतना ही नही इंज्यूरी रिपोर्ट में घटाव-बढ़ाव करने और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण बदलने के लिए भी पैसे लिए जाते है। एक ही मृतक का दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी किए जाने का मामला भी रुपयों के खेल की ओर ही इशारा कर रहा है।

पहले असली रिपोर्ट जारी होती है, फिर दूसरी रिपोर्ट में बदल जाता है पूरा मामला

पोस्टमार्टम की पहली रिपोर्ट में मौत का कारण भूख, कमरे में दबाव में रहने के कारण लू लगने और डिहाइड्रेशन बताया गया है। वहीं रिपोर्ट को बदल कर जारी की गई दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण भूख, लू और डिहाइड्रेशन के बताया गया है। 

रफीगंज के एक प्राइवेट स्कूल में हुई मौत से जुड़ा है मामला

मामला औरंगाबाद के रफीगंज शहर के कासमा रोड स्थित एक निजी स्कूल के छात्रावास के बेसमेंट स्थित एक कमरे में का में संदिग्ध परिस्थितियों में एक व्यक्ति की मिली लाश से जुड़ा है। बताया जाता है कि स्कूल के होस्टल के बेसमेंट के एक कमरें से चार माह पहले इसी साल 12 जून को सुबह में एक व्यक्ति की लाश मिली थी। मृतक की पहचान कुटुम्बा प्रखंड के रिसियप थाना क्षेत्र के विशुनपुर गांव निवासी बबन कुमार सिंह के रूप में की गई थी। मृतक का पुत्र सूर्य प्रकाश उसी स्कूल में पढ़ता था और मृतक बेटे को पढ़ाने के लिए ही हॉस्टल के बेसमेंट में स्थित एक कमरे में किराए पर बेटे के साथ रहता था। मामले में मृतक के भाई मदन कुमार सिंह ने रफीगंज थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में स्कूल के संचालक विजय कुमार सिंह पर हत्या का आरोप लगाया गया था।  

प्राथमिकी में मृतक के भाई ने कहा था कि उसे 12 जून को सूचना मिली कि उनके भाई की मौत हो गई है। सूचना मिलने पर जब मौके पर पहुंचा तो देखा कि उनका भाई कमरे में मृत पड़ा था। लाश के नाक और मुंह से काफी खून निकला हुआ था। साथ ही शरीर पर भी कई जगहों पर गंभीर चोट के निशान दिखाई पड़े थे। 

प्राथमिकी में मृतक के भाई ने यह भी आरोप लगाया था कि उनके भाई का स्कूल के संचालक विजय कुमार सिंह के साथ पैसे के लेनदेन को लेकर कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। कहा था कि स्कूल के संचालक ने उनके भाई के घर और जमीन खरीदी थी और उसकी रजिस्ट्री भी कराई थी। जमीन की खरीद-बिक्री के एवज में मृतक क पैसा स्कूल संचालक पर बकाया था। इसे लेकर मृतक स्कूल संचालक से लगातार तगादा करता था लेकिन स्कूल संचालक उसे बकाए का भुगतान नही कर रहा था। 

आरोप है कि स्कूल संचालक बबन को कुछ दिनों से पैसे का तगादा नही करने की सख्त हिदायत देने के साथ ही उसे हत्या करने की भी धमकी भी दे रहा था। यह भी आरोप है कि पैसा देने से बच जाने के लिए ही स्कूल संचालक ने बबन की हत्या कर दी।  

स्कूल संचालक पर रसूख का इस्तेमाल कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलवाने का आरोप

मृतक के भाई मदन कुमार सिंह का आरोप है कि स्कूल संचालक काफी रसूखदार है। उसे मामले में शुरू से ही अंदेशा था कि स्कूल संचालक मामले से खुद को बरी कराने के लिए हर तरह का हथकंडा अपनाएगा। इसी वजह से वह केस से जुड़ी हर एक्टिविटी पर नजर रख रहा था। इसी क्रम में जब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट उसे हाथ लगी तो यह संतोष हुआ कि अब न्याय मिल सकेगा। रिपोर्ट के आलोक में वह रफीगंज थानाध्यक्ष से स्कूल संचालक को गिरफ्तार करने की मांग भी की लेकिन चंद दिन बाद ही रिपोर्ट बदल दी गई। इसके बाद मृतक के भाई को जब थानाध्यक्ष ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या से संबंधित कोई ऐसी बात सामने नहीं आई है तो वह आश्चर्यचकित रह गया। जब रिपोर्ट देखा तो पाया कि अपने भाई की मौत से संबंधित जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसने पहले प्राप्त की थी, वह बिल्कुल बदला हुआ है। 

स्कूल संचालक ने हत्या की हो या न की हो पर मामले से यह तय हो गया कि बदली जाती है पोस्टमार्टम की रिपोर्ट

मामले में आरोपी बने स्कूल संचालक ने हत्या की हो या न की हो लेकिन एक ही डॉक्टर द्वारा एक ही मृतक का दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी किए जाने से यह साफ हो गया है कि औरंगाबाद सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट बदली जाती है। ऐसा होने के पीछे रूपयों के खेल से भी इंकार नही किया जा सकता है। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के इस मामले को पहला और दुर्लभ मामला भी नही कहा जा सकता है। यह मामला संकेत दे रहा है कि नोटो की चमक के आकर्षण में सदर अस्पताल में पहले से ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदले जाते रहे है। ऐसे में मामले की गहराई से जांच की जरूरत है और सच में मामले की सही जांच होती है तो निःसंदेह सफेद लबादे वाले डॉक्टरों की काली करतूत और काले चेहरे उजागर हो सकते है।

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने जताया आश्चर्य, कहा-जांच कर होगी कार्रवाई

इस मामले में पूछे जाने पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सुनील कुमार ने पहले तो आश्चर्य जताया। फिर कहा कि ऐसा होना संभव नहीं है। पुनः कहा कि वें मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जुड़े हर पहलू की बारीकी से जांच कराएंगे। जांच में जो भी चिकित्सक दोषी पाएं जाएंगे, उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

9 सितंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी पूरी, कुल 12 बेंच का किया गया गठन

औरंगाबाद - 09 सितम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके लिए व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के जिला जज सम्पूर्णानंद तिवारी ने बेंचों का गठन कर दिया है। इसकी जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव एडीजे प्रंनव शंकर ने पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही को उपलब्ध कराई। 

एडभोकेट स्नेही के अनुसार व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में विभिन्न सुलहनिय वादों के निष्पादन के लिए कुल -10 बेंच का गठन किया गया है बेंच न:( 1)पर मोटर दुर्घटना एवं इजराय वाद तथा भरण पोषण एवं पारिवारिक मामलों का निष्पादन किया जाएगा इस बेंच पर वाद निष्पादन एडीजे सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में होगा, बेंच न: (2)पर औरंगाबाद जिले के सभी बैंकों से सम्बंधित ऋण वाद का निष्पादन किया जाएगा इस बेंच पर वाद निष्पादन एडीजे नीतीश कुमार के नेतृत्व में होगा, बेंच न :(3) पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से सम्बंधित वादों का निष्पादन किया जाएगा इस बेंच पर वाद निष्पादन का नेतृत्व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आनन्द भूषण करेंगे, बेंच न:(4) पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम एवं चतुर्थ के न्यायलय से सम्बंधित सुलहनिय वादों का निष्पादन किया जाएगा। इस बेंच पर वाद निष्पादन के नेतृत्व अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजेश सिंह करेंगे। 

बेंच न: ;(5) पर एसीजेएम कोर्ट तीन से सम्बंधित सुलहनिय वादों का निष्पादन किया जाएगा इस बेंच पर वाद निष्पादन का नेतृत्व एसीजेएम सुकूल राम करेंगे, बेंच न: (6)पर एसीजेएम छः और सात के न्यायलय से सम्बंधित सुलहनिय वादों का निष्पादन किया जाएगा इस बेंच पर वाद निष्पादन का नेतृत्व प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी मो शाद रज्जाक करेंगे, बेंच न; (7) पर अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट के सुलहनिय वादों और एन आई एक्ट से सम्बंधित वादों का निष्पादन किया जाएगा। इस बेंच पर वाद निष्पादन का नेतृत्व अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी योगेश कुमार मिश्रा करेंगे, बेंच न: ( 8) पर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी शोभित सौरभ और न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम के न्यायलय के सुलहनिय वाद तथा विधुत ,वन,श्रम, परिवहन, माप-तोल, टेलीफोन एवं अनुमंडलीय दंडाधिकारी कोर्ट के सुलहनिय वाद का निष्पादन किया जाएगा। इस बेंच पर वाद निष्पादन का नेतृत्व न्यायिक दंडाधिकारी शोभित सौरभ करेंगे, बेंच न : (9) पर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी निधि जायसवाल,मो शाद रज्जाक के कोर्ट और प्रभारी नेहा दयाल के कोर्ट का सुलहनिय वादों का निष्पादन किया जाएगा इस बेंच पर वाद निष्पादन का नेतृत्व प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी निधि जायसवाल करेंगी। 

वहीं व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के आखिरी बेंच: ;(10 ) पर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ओम प्रकाश नारायण सिंह के कोर्ट और प्रभारी प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी नेहा के कोर्ट का सुलहनिय वाद निष्पादन किया जाएगा। इस बेंच पर वाद निष्पादन का नेतृत्व प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ओम प्रकाश नारायण सिंह करेंगे। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

ट्रेन की चपेट में आने से अज्ञात एक वृद्ध की मौत, मृतक की पहचान करने में जुटी पुलिस

औरंगाबाद - पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलखंड के रफीगंज रेलवे स्टेशन के धावा नदी के समीप पोल संख्या 508/19 एवं 21 के बीच अज्ञात ट्रेन की चपेट में आ जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। 

घटना की सूचना मिलते हैं आरपीएफ ए एस आई नीतीश कुमार, प्रधान आरक्षि एस एन त्रिपाठी अपने दलबल के साथ पहुंचे। और आगे की कार्रवाई में जुट गए। मृतक की पहचान नहीं हो सकी है। मृतक जोगिया रंग का टी-शर्ट एवं हरा लाइनर लोअर पहना हुआ है। 

एएसआई सोहन सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे औऱ शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज दिया। 

थानाध्यक्ष गुफरान अली ने बताया कि अज्ञात ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, मृतक की पहचान नहीं हो सकी है।पोस्टमार्टम उपरांत शव की पहचान हेतु 72 घंटे तक शव को थाना में रखा जाएगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में लोकसेवक रामविलास स्मृति मंच का हुआ सूपड़ा साफ, जिलाध्यक्ष को हटाए जाने पर सभी पदाधिकारियों ने दिया पद से इस्तीफा

औरंगाबाद – जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां लोकसभा चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अनुषंगी संगठन लोकसेवक रामविलास स्मृति मंच के औरंगाबाद जिलाध्यक्ष पद से हटाये जाते ही मंच का सुपड़ा साफ हो गया है। मंच के सभी 22 पदाधिकारियों ने पद से इस्तीफा दे दिया है। 

गौरतलब है कि स्मृति मंच के जिलाध्यक्ष सुधीर शर्मा ने अध्यक्ष बनने के बाद मंच का प्रखंड स्तर तक नेटवर्क खड़ा किया था। मंच के नेटवर्क से एलजेपीआर के जिला संगठन को मजूबती मिल रही थी लेकिन मंच के पदाधिकारियों के इस्तीफे से पूरा मंच ही नेतृत्व विहीन हो गया है। 

इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता में बताया कि स्मृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र मांझी द्वारा जिलाध्यक्ष सुधीर शर्मा पर ऐसे कई गंभीर आरोप लगाए है, जो निराधार है। हम इन आरोपों को सिरे से खारिज करते है। सुधीर शर्मा पर पार्टी नेताओं के साथ बदतमीजी करने का लगाया गया आरोप बिल्कुल तथ्यहीन है। श्री शर्मा का ऐसा आचरण नही है बल्कि वें एलजेपीआर व मंच के सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं का बेहद सम्मान करते है और सबको आदर देते है।

बताया कि झूठा आरोप लगाकर उन्हे मंच के जिलाध्यक्ष के पद से हटाए जाने के कारण उन सभी ने सामूहिक रूप से मंच से इस्तीफा दे दिया है। इसकी सूचना उन्होने प्रदेश कमेटी को दे दी है। इस्तीफा देने वालों ने बिना किसी का नाम लिए आरोप लगाया कि औरंगाबाद में तीन नेता चमचागिरी कर पार्टी को रसातल में ले जा रहे है। 

कहा कि इस्तीफा देने के बावजूद एलजेपीआर और मंच के प्रति वें वफादार रहेंगे। अब उनका स्मृति मंच से कोई संबंध नहीं रहेगा।

इस्तीफा देनेवालो में ये है शामिल

मंच से इस्तीफा देने वालों में मंच के अध्यक्ष रहे सुधीर शर्मा, जिला उपाध्यक्ष प्रफ्फुल सिंह, जिला उपाध्यक्ष खुशबू कुमारी, जितेंद्र कुमार, लालदेव पासवान, जिला प्रधान महासचिव अमित सिंह, जिला सचिव अमरेन्द्र दुबे, रविकांत सिंह, नबीनगर प्रखंड अध्यक्ष विजय सिंह, बारुण प्रखंड अध्यक्ष विजय कुमार, कुटुम्बा प्रखंड अध्यक्ष रॉकी कुमार, मदनपुर प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार सिंह, ओबरा प्रखंड अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह एवं अन्य शामिल है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

*दो भाईयों के बाद अब तीसरे भाई की भी रोड एक्सिडेंट में हुई मौत परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूटा

औरंगाबाद : पहले सड़क हादसे में दो भाईयों की मौत हुई थी। अब तीसरे भाई की भी रोड एक्सिडेंट में मौत होने से परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। 

दरअसल यह मामला औरंगाबाद के देव प्रखंड में ढ़िबरा थाना के बनुआ गांव के एक परिवार से जुड़ा है। 

बताया जाता है कि इसी परिवार का तीसरा और सबसे छोटा भाई सोनू चौधरी(32) किसी काम से बाइक से घर से निकला था। इसी दौरान बनुआ मोड़ के पास अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। 

हादसे के बाद स्थानीय लोगों की मदद से उसे इलाज के लिए एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सक ने नब्ज टटोलते ही उसे मृत घोषित कर दिया। 

हादसे की सूचना मिलते ही परिजनों में हाहाकार मच गया। वही हादसे की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची ढ़िबरा थाना की पुलिस ने शव को कब्जें में लेकर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया है।      

सोनू ही था परिवार का इकलौता सहारा-

सोनू अपने परिवार का इकलौता सहारा था। वह किसी तरह मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था लेकिन हादसे में उसकी मौत के बाद उसका परिवार बेसहारा हो गया है।          

सोनू के दो भाईयों की भी पहले सड़क हादसें में हुई थी मौत-

हादसे के बाद मातमपुर्सी करने आए बनुआ पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सह सामाजिक कार्यकर्ता विशाल कुमार ने बताया कि सोनू के दो बड़े भाईयों की भी मौत सड़क हादसे में हो चुकी है। कहा कि सोनू के सबसे बड़े भाई अर्जुन चौधरी की मौत 14 साल पहले गुजरात में सड़क दुघर्टना में हो गई थी। 

वही दूसरे यानी मंझले भाई संजय चौधरी की मौत औरंगाबाद मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में एनएच-19 पर मंजुराही मोड़ के पास बस व ट्रक के चपेट में आने से हो गई थी। 

बड़े भाई की मौत के बाद सोनू की कराई गई थी भाभी से शादी-

सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि बड़े भाई अर्जुन चौधरी की सड़क हादसे में मौत के बाद सोनू की शादी परिजनों की सहमति पर उसकी भाभी से करवा दी गई थी। बड़े भाई से सोनू की भाभी की पहले से ही तीन बच्चियां थी। वही सोनू से शादी के बाद दो बच्चे हुए। 

बड़े भाई के बच्चियों में 18 वर्षीय पूजा कुमारी, 16 वर्षीय मुटरी कुमारी तथा 14 वर्षीय गुलाब जल शामिल है। वहीं शादी के बाद हुए सोनू के दो बच्चों में 8 वर्षीय अंशु कुमारी एवं 6 वर्षीय छोटू कुमार शामिल है। 

मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि सोनू ही घर का एकमात्र सहारा था लेकिन अब उसकी भी मौत हो जाने से परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र