जबतक समाज में सभी जातियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का स्पष्ट आकलन नहीं होता तबतक उनका सर्वांगीण विकास संभव नहीं : लालू यादव
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार को जाति आधारित गणना पूरे देश में कराना चाहिए। भारत में जाति आधारित व्यवस्था में हर संदर्भ में व्याख्या होनी चाहिए। जातियों का भारत में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। हालांकि, अब जाति उपद्रव का तेवर धीमा हुआ है। प्रसाद ने शनिवार को बीबीसी, इंडिया के तत्वावधान में बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स परिसर में आयोजित कार्यक्रम में लेखक मनोज मिट्टा की पुस्तक ‘कास्ट प्राइड’ का लोकार्पण किया और कार्यक्रम को संबोधित किया।
राजद प्रमुख ने कहा कि कॉस्ट प्राइड इस दिशा में महत्वपूर्ण किताब है। बिहार में जातियों की गणना कराने के बिहार सरकार का निर्णय बेहद सराहनीय है। जबतक समाज में सभी जातियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का स्पष्ट आकलन नहीं हो जाता है तबतक उनका सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। जाति गणना उस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण आयाम होगा। उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन की अनुशंसा लागू कराने के समय भी ऐसे ही वर्तमान की तरह विरोध झेलना पड़ा था। उन्होंने केंद्र सरकार पर एससी-एसटी के प्रति दुर्भावना रखने का आरोप लगाया और कहा कि जातियों के प्रति उनका डर दिख रहा है।
जाति यथार्थ, जातिवाद व्यर्थ: संजय पासवान
भाजपा के विधान पार्षद व पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने कहा कि जाति यथार्थ है, जातिवाद व्यर्थ है, फिर भी हिंदू समर्थ है। उन्होंने कहा कि जो जितना जातिवाद नहीं मानते वो उतने ही जातिवादी होते हैं। पुस्तक ‘कास्ट प्राइड’ में कानून के नजरिए से हिंदू जाति व्यवस्था की सहनशक्ति और हिंसा के विविध पहलुओं पर चर्चा की गयी है। इस मौकें पर राजद सांसद मनोज झा, बीबीसी हिंदी की प्रमुख रूपा झा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
इससे पहले कल सीएम नीतीश कुमार ने भी कहा था कि था बिहार की जाति आधारित गणना पूरे देश में रोल मॉडल बनेगा। अब तो कई राज्यों में मांग में उठने लगी है। जातीय गणना के सभी आंकड़े सार्वजनिक किए जाएंगे। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होने कहा कि कुछ लोगों ने जाति आधारित गणना में रोड़ा अटकाने का काम किया है।







Aug 27 2023, 13:04
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