चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, सफल रही विक्रम लैंडर की डिबूस्टिंग, कैमरे ने कैद की चांद की खूबसूरत तस्वीर

#chandrayaan3vikramlanderdeboosting

भारत का मिशन मून यानी चंद्रयान-3 अपने आखिरी लेकिन अहम पड़ाव पर है।चंद्रयान-3 धीरे-धीरे चंद्रमा के करीब पहुंचता जा रहा है।इस बीच लैंडर मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक शुक्रवार को डिबूस्टिंग ऑपरेशन किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने ट्वीट करके ये जानकारी दी।पहली सफल डीबूस्टिंग के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान वाला पूरा मॉड्यूल अब चांद से अधिकतम 157 किमी की दूरी वाली कक्षा पर है। दूसरी डीबूस्टिंग 19-20 अगस्त की दरम्यानी रात में होगी। 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी।

इसरो ने शुक्रवार को बताया कि लैंडर मॉड्यूल पूरी तरह सामान्य तरीके से काम कर रहा है।इसरो ने बताया है, लैंडर की स्पीड उन्होंने कम कर ली है और अब वह चांद की तरफ ले जाने वाली कक्षा की तरफ मुड़ गया है। अभी तक सभी हालात सामान्य हैं।एलएम ने सफलतापूर्वक एक डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा किया जिससे अब इसकी कक्षा घटकर 113 किलोमीटर x 157 किलोमीटर रह गई है। दूसरी डिबूस्टिंग प्रक्रिया 20 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात दो बजे की जानी है।

इसरो ने बताया था कि 23 अगस्त को होने वाली सॉफ्ट लैंडिंग से पहले यह एक अहम चरण है, क्योंकि यही डिबूस्टिंग विक्रम लैंडर को चांद के और भी करीब लाएगी। गुरुवार को चंद्रयान-3 का प्रॉपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग हुआ था, जिसके बाद से ही विक्रम लैंडर अकेले ही चांद की ओर कदम बढ़ा रहा है।

क्या है डिबूस्टिंग ?

आसान भाषा में समझें तो इस प्रक्रिया का मतलब विक्रम लैंडर की स्पीड कम करना है। अभी विक्रम लैंडर चांद से 150 किमी। की दूरी पर है, डिबूस्टिंग के वक्त इसके थ्रस्टर्स ऑन होते हैं और इसे आगे धकेलते हैं। यही प्रक्रिया स्पीड कम करने और इसकी कक्षा बदलने की होती है। अब क्योंकि लैंडिंग की तरफ बढ़ना है, इस वजह से विक्रम लैंडर को निचले स्तर पर लाया जाएगा। पहले विक्रम लैंडर को 100 किमी. की दूरी पर लाया जाएगा और उसके बाद इसे 30 किमी. की दूरी पर लाया जाएगा। जब लैंडर 30 किमी पर लाया जाएगा, तब इसे लैंडिंग की पॉजिशन में लाया जाएगा और फिर सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। सॉफ्ट लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर प्रज्ञान विक्रम से बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस (धरती के 14 दिन) की अवधि तक सतह पर प्रयोग करेगा।

चंद्रयान-3 ने चांद की तस्वीरें भेजी

गुरुवार को लैंडर मॉड्यूल के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के ठीक बाद चंद्रयान-3 ने चांद की पहली तस्वीर भेजी है, जो बेहद खूबसूरत है। चंद्रयान-3 के लैंडर इमेजर लगे कैमरा-1 से 17/18 अगस्त को ये तस्वीर ली गई थी। भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने इसका वीडियो बनाकर ट्विटर पर शेयर किया है। इन तस्वीरों में चांद की सतह पर मौजूद खड्ड साफ दिख रहे हैं। इसरो ने इन क्रेटर्स को ‘फैब्री’, ‘जियोर्डानो ब्रूनो’ व ‘हारखेबी जे’ के रूप में दिखाया है।

देश के अधिकांश राज्यों में फिर एक्टिव हुआ मॉनसून, झमाझम बारिश से मौसम सुहाना, आईएमडी ने हिमाचल समेत इन राज्यों के लिए जारी किया अलर्ट

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देश में मानसून फिर से एक्टिव हो गया है। कई राज्यों में बारिश की वजह से मौसम सुहावना बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों में शनिवार की शुरूआत बारिश के साथ हुई। हालांकि, हिमाचल प्रदेश में जोरदार बारिश से चारों ओर तबाही का मंजर पसरा हुआ है। इस बीच मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अनुमान लगाया है कि पूर्वी और मध्य भारत में 19-20 अगस्त को भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा 20 अगस्त से नॉर्थईस्ट इंडिया में भी बारिश का दौर तेज हो सकता है।

आईएमडी ने किया अलर्ट

मौसम विभाग ने पूर्वी भारत के लिए अनुमान लगाते हुए कहा है कि ओडिशा में आज 19 अगस्त को बहुत भारी बारिश होगी. इसके अलावा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम में 19 अगस्त, बिहार और सब सिक्किम में 22 अगस्त तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा. बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पटना,समस्तीपुर, खगरिया जिलों में ज्यादा बारिश हो सकती है। वहीं, मध्य भारत की बात करें तो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में 19 और 20 अगस्त को तेज बारिश के लेकर अलर्ट जरी किया गया है। पूर्वोतर भारत की बात करें तो असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश में 19 से 22 अगस्त के बीच भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग ने बताया है कि पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में 23 अगस्त तक भारी बारिश होगी, जबकि यूपी में 19 और 22 अगस्त, हिमाचल प्रदेश में 22 अगस्त तक तेज बरसात होने वाली है। दक्षिण भारत की बात करें तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कल 19 अगस्त को भारी बरसात देखने को मिल सकती है।

हिमाचल प्रदेश में 21-22 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इन दिनों बारिश ने तबाही मचाकर रखी है। पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार बारिश हो रही है, जिससे लैंडस्लाइड की घटनाए काफी बढ़ गई हैं। वहीं इस बीच मौसम विभाग ने 21-22 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने 10 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बता दें कि हिमाचल में शुक्रवार को 65 मकान ढह गए और 271 क्षतिग्रस्त हुए। 875 सड़कें बंद हैं. कई गांवों में बिजली गुल है।

उत्तराखंड में भी भारी बारिश से तबाही मची हुई है। उधमसिंह नगर में कल तीन मकान भरभराकर गिर पड़े। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति है। भूस्खलन की भी कई खबरें सामने आ रहे हैं।

राजस्थान में आज से 21 अगस्त तक अलग अलग इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है। कोटा, उदयपुर, भरतपुर, जयपुर और अजमेर के कुछ-कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। 21 अगस्त को धौलपुर, भरतपुर और जयपुर हल्की बारिश हो सकती है।

वहीं, अगर देश में पिछले 24 घंटों के मौसम की बात की जाए तो ओडिशा, छत्तीसगढ़, विदर्भ और पूर्वी मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी स्तर की बारिश हुई। वहीं झारखंड, बिहार, सिक्किम और उत्तराखंड में एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की बरसात हुई। पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, दक्षिण और मध्य उत्तर प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के उत्तरी तट पर हुई मानसूनी बारिश ने भी लोगों को खूब भिगोया।

स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों के आंगन की मिट्टी अमृत कलश में लिया गया

आरा राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम मेरी माटी मेरा देश के तहत पूर्व कृषि मंत्री सह आरा विधायक अमरेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्र के लिए स्वतंत्रता आंदोलन में अपने

 प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों के आंगन की मिट्टी अमृत कलश में लिया गया और उनके परिजनों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। आरा विधानसभा क्षेत्र के जमीरा ग्राम के अमर शहीद स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी शहीद रामकृत यादव,शहीद भोला राम मेहतर, जगवलिया निवासी शहीद देवी दयाल सिंह, पिपरा जयपाल निवासी स्वतंत्रता सेनानी सरदार रघुवीर सिंह के आंगन की मिट्टी को अमृत कलश में लिया गया और उनके परिजन जमीरा उपमुखिया रामपूजन यादव, राजकुमार राम,शिव कुमार सिंह को अंगवस्त्र देकर माननीय विधायक ने सम्मानित किया।

 इस अवसर पर श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि देश के लिए आजादी में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद की जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र हैं। शहीदों के आंगन की मिट्टी को एकत्रित कर उन्हें दिल्ली भेजा जाएगा। 

दिल्ली में माननीय प्रधानमंत्री भारत माता के सपूत श्री नरेन्द्र मोदी जी स्वतंत्रता सेनानी और भारत माता के वीर सपूतों की याद में शहीद स्मारक बनाने जा रहे हैं वहीं पर यह तीर्थ मिट्टी को स्मारक में डाला जायेगा।हम अपने आप को कृतज्ञ मानते हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने इस मिशन में कार्यकर्त्ताओं की सहभागिता राष्ट्र निर्माण में शहीदों और सेनानियों के प्रति सम्मान के लिए सेवा की भूमिका तैयार किया।

 ऐसा दूरदर्शी राष्ट्र के प्रति सोच रखने वाले अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी के याद में एक जगह सभी को सम्मान देने का काम नरेन्द्र मोदी जी करने जा रहे हैं।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष दुर्गा राज, ग्रामीण अध्यक्ष अशोक सिंह, नगर अध्यक्ष जीतु चौरसिया, कार्यक्रम संयोजक रामदिनेश यादव, अजय सिंह, सुशील कुमार मिश्र, दिनेश

 सिंह,रौबिन कुशवाहा,दिपक सिंह, राजकुमार कुशवाहा, संतोष चन्द्रवंशी, गणेश सिंह पूर्व मुखिया, भोला जी मिश्र, योगेन्द्र सिंह सरपंच, अमर किशोर सिंह, विश्वामित्र नट, हरेंद्र चन्द्रवंशी, पिन्कु सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री रितु राज सिन्हा को दुर्गा राज के नेतृत्व मे भव्य रूप से फूल माला, अंग वस्त्र के साथ स्वागत किया

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री रितु राज सिन्हा जी को बक्सर जाने के दौरान भाजपा जिला कार्यालय बामपाली मे भाजपा जिलाध्यक्ष दुर्गा राज के नेतृत्व मे भव्य रूप से फूल माला, अंग वस्त्र के साथ स्वागत किया गया । 

आरा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री रितु राज सिन्हा जी को बक्सर जाने के दौरान भाजपा जिला कार्यालय बामपाली मे भाजपा जिलाध्यक्ष दुर्गा राज के नेतृत्व मे भव्य रूप से फूल माला, अंग वस्त्र के साथ स्वागत किया गया । 

स्वागत करने वालो मे भाजपा जिला उपाध्यक्ष ई0 धीरेन्द सिंह, प्रेम पंकज उर्फ ललन जी, वंदना राजवंशी ,

 जिला मंत्री मधु मिश्रा, संतोष चंद्रवंशी,जिला कार्यालय प्रभारी रमेश कुमार सिन्हा उर्फ कर्ण जी , पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेम रंजन चतुर्वेदी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हरेन्द्र पाण्डेय, अशोक कुमार शर्मा, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष ममता सिंह, शालीन सिंह, अनुपमा, मालती सिंह, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष विभु जैन,विधि प्रकोष्ठ जिला संयोजक मणि शंकर सिंह, डा संदीप कुमार, चिकित्सा प्रकोष्ठ जिला संयोजक संतोष पाण्डेय,   

भाजपा गजराजगंज मंडल अध्यक्ष विरेन्द्र कुमार,अजय सिंह, राम दिनेश यादव, सूर्यकांत पांडेय, प्रहाद राय, ज्योति प्रकाश, दीपक सिंह, भुवनेश्वर ठाकुर, निशांत सिंह सेंगर, आदित्य सिंह, राँविन कुशवाहा, ध्रमेन्द्र सिंह, अमरीकन राम ,विनय गुप्ता, अम्बिका सिंह सहित काफी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे।  

बाद मे भाजपा कार्यालय मे ही भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अंगद सिंह की पत्नी के निधन होने पर दो मिनट मौन रख कर उनकी आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।

20 सितंबर से शुरू होने वाले एमडीए को लेकर बीएलएफटी की बैठक आयोजित


आरा।भोजपुर जिले के गड़हनी प्रखंड को फाइलेरिया मुक्त बनाने और सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम को लेकर जिले के गड़हनी पीएचसी में प्रखंडस्तरीय टास्क फोर्स की बैठक संपन्न हुई। इसकी अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने की।

बैठक में आगामी 20 सितंबर से शुरू होने वाले एमडीए कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार एवं इसकी सफलता पर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी आपसी सहयोग के साथ काम करें। फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए का कार्यक्रम चलाया जाना है। जिसमें आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोलियां दो साल से कम के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर बाकी सभी को खिलाएंगी।

कार्यक्रम में जनभागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले माइक्रो प्लान के अनुसार आपसी समन्वय से कार्य करना होगा। साथ ही, ज्यादा से ज्यादा लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करना है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थान व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करें। 

सभी को कराया जाएगा फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन :

बैठक में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. महेंद्र कपुर ने बताया कि विगत दिनों किए गए नाइट ब्लड सर्वे में कई लोगों में फाइलेरिया के लक्षण पाए गए। इसकी रोकथाम को लेकर सभी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जाएगा। कार्यक्रम के तहत शुरुआत तीन दिनों तक स्कूल, संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बूथ लगाकर दवाओं का सेवन कराया जाएगा। उसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स के माध्सम से डोर-टू-डोर जाकर लोगों को दवाओं का सेवन कराया जाएगा। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं से माइक्रो प्लान लिया जा रहा है। गत दिनों आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल के कारण एमडीए की तिथियों को आगे बढ़ा दिया गया है।

ताकि, अभियान का लाभ पाने से कोई भी वंचित न रहे। इस अभियान में जनप्रतिनिधियों के साथ प्रखंड के लोगों का भी सहयोग लिया जाएगा। लोगों को जागरूक किया जाएगा कि एमडीए के दौरान खिलाई जाने वाली दवाएं पूर्ण रूप से सुरक्षित एवं प्रमाणित है। स्वस्थ व्यक्ति को भी इसका सेवन करना है। तभी प्रखंड को फाइलेरिया से मुक्त बनाया जा सकता है।

फाइलेररिया रोधी दवाओं का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं

डॉ. महेंद्र कपुर ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायती राज विभाग, आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, जीविका, पीसीआई समेत सभी सहयोगी संस्थान का कर रहे हैं।

ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फाइलेरिया और एमडीए की जानकारी पहुंचाकर उन्हें जागरूक किया जा सके। उन्होंने बताया कि लोगों को बताया जा रहा है कि इस अभियान में दो साल से कम के बच्चों को दवा नहीं खानी है। गर्भवती महिलाओं को नहीं खानी है एवं गम्भीर रूप से बीमार लोगों को दवा नहीं खानी है।

इन तीनों वर्गों के लाभुकों को छोड़कर शेष सभी लोगों को दवा खानी है। साथ ही, लोगों को बताया जाएगा कि इन दवाओं का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। यह दवा शरीर में मौजूद माइक्रो फाइलेरिया पर वार करती है। यदि किसी के शरीर में माइक्रो फाइलेरिया मौजूद है, तो उनको थोड़ी परेशानी होने की संभावना है।

बैठक में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विवेक कुमार, प्रबंधक अनिल कुमार, बीसीएम प्रकाश कुमार रजक, के अलावा आईसीडीएस विभाग की महिला पर्यवेक्षिकाएं गुंजा कुमारी और शकुंतला देवी शामिल रहीं।

भोजपुर के विभिन्न प्रखंड में मुखिया संग ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा

जिला भोजपुर के आरा सदर प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष मुकेश कुमार प्रसाद के नेतृत्व में प्रखंड विकास पदाधिकारी,प्रखंड पंचायती

पदाधिकारीएवं मनरेगा पी0ओ0 को मुखिया प्रतिनिधि मंडल के साथ राज व्यापी हड़ताल 16 अगस्त से31 अगस्त तक के लिए ज्ञापन सौपा।

ज्ञापन सौपने के दौरान भोजपुर जिला मुखिया संघ केअध्यक्ष हरेन्द्र प्रसाद यादव, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि संजीव कुमार उर्फ मिया सिंह, प्रखंड

सचिव उदय सिंह महुली, मुखिया भूपेश कुमार धमार, मुखिया गौतम सागर भकुरा, मुखिया संजय यादव और अन्य मुखिया गण उपस्थित थे।

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

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मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में बम होने की खबर, सभी यात्रियों को उतारा गया

#bomb_threat_on_delhi_pune_vistara_flight_at_delhi_airport

दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली-पुणे विस्तारा फ्लाइट में बम की धमकी मिली।जिसके बाद एयरपोर्ट पर ही फ्लाइट की जांच शुरू हो गई। सभी यात्रियों को उनके सामान सहित सुरक्षित उतारा गया।विमान में बम होने की जानकारी जीएमआर सेंटर को दी गई।

जानकारी के अनुसार जीएमआर कॉल सेंटर में शुक्रवार सुबह फ्लाइट में बम होने की कॉल मिली। काल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं।सुरक्षा एजेसिंयों की तरफ से विमान की जांच की गई।बम रखे जाने की सूचना मिलते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया।

एयरपोर्ट पर आइसोलेशन बे में विमान का निरीक्षण किया गया। विमान में कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला है। सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

यह पहली बार नहीं है जब विस्तारा की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली है। जून महीने में दिल्ली से एक शख्स दुबई जा रहा था जब उसने कथित रूप सै गुस्से में कहा कि उनके बैग में बम है। बस क्या था, यात्री के बगल में बैठी एक महिला यात्री ने गलत सुन लिया और घबरा गई। उसने शोर मचाया और केबिन क्रू को बुलाया। शख्स को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया था।

हिंदू से मुसलमान में कन्वर्ट होने वाले गुलाम नबी के बयान पर महबूबा मुफ्ती ने कसा तंज, कहा-कहीं उनके पूर्वज बंदर न निकल जाएं

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कांग्रेस पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुखिया गुलाम नबी आजाद के बयान पर घमासाम छिड़ता दिख रहा है।दरअसल, गुलाम नबी आज़ाद ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि सभी भारतीय मुसलमान हिंदू धर्म से कन्वर्ट हुए हैं।आजाद के इस बयान पर जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तंज कसा है। मुफ्ती ने कहा है कि अगर गुलाम नबी आजाद थोड़ा और पीछे जाएं तो कहीं ऐसा न हो कि उनके पूर्वज बंदर निकल जाएं।

गुलाम नबीं आजाद के बयान पर तंज कसते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, मुझे नहीं पता कि वह कितना पीछे चले गए और उन्हें अपने पूर्वजों के बारे में क्या ज्ञान है। मैं उनसे बहुत पीछे जाने की सलाह दूंगी और हो सकता है कि उसे वहां पूर्वजों में कुछ बंदर मिल जाएं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डोडा जिले में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान आजाद ने कहा, कुछ बीजेपी नेता ने कहा कि कुछ मुसलमान बाहर से आए हैं और कुछ नहीं। कोई भी बाहर या अंदर से नहीं आया है। इस्लाम सिर्फ 1,500 साल पहले वजूद में आया था। हिंदू धर्म बहुत पुराना है। उनमें से लगभग 10-20 मुसलमान हैं। कुछ बाहर से आए होंगे लेकिन कुछ मुगल सेना में थे।उन्होंने कहा, भारत में अन्य सभी मुसलमानों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया। इसका एक उदाहरण कश्मीर में पाया जा सकता है। 600 साल पहले कश्मीर में मुसलमान कौन थे? सभी कश्मीरी पंडित थे।उन्होंने इस्लाम अपना लिया। सभी इसी धर्म में पैदा हुए हैं।उन्होंने कहा कि यह हमारा घर है। हम बाहर से नहीं आये हैं।हम इसी मिट्टी पर पैदा हुए हैं और इसी में फना हो जाएंगे।

*साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

#himachal_cause_of_disaster

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।