राहुल गांधी फिर अमेठी से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव? यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का बड़ा ऐलान

#rahul_gandhi_will_contest_lok_sabha_elections_2024_from_amethi

लोकसभा चुनाव 2024 में अभी वक्त बचा है, हालांकि सभी दल तैयारी में जुटे हुए हैं, इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। यूपी कांग्रेस के नए अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आना वाला लोकसभा चुनाव अमेठी से लड़ेंगे।बता दें कि वर्तमान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं।

आम चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने पार्टी में कई बड़े फेरबदल किए हैं। इसी फेरबदल के तहत यूपी कांग्रेस की कमान अजय राय को दी गई है।पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उत्तर प्रदेश पहुंचे कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कांग्रेस 2024 के चुनाव में बीजेपी को हराएगी।साथ ही अजय राय ने राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने का बयान देकर सबको चौंका दिया।उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि राहुल गांधी बिल्कुल अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। जहां से प्रियंका गांधी की इच्छा चुनाव लड़ने की होगी तो वहीं से लड़ेंगी, प्रियंका जी चाहें तो वाराणसी से चुनाव लड़ सकती हैं, हमारा एक एक कार्यकर्ता उनके लिए जान लगा देगा।

वहीं इस दौरान अजय राय ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर भी जमकर हमला बोला।एक सवाल के जवाब में कहा कि स्मृति ईरानी बौखला गईं हैं। वो 13 रुपये किलो चीनी दिला रहीं थीं। पूछा कि 13 रुपये किलो चीनी मिल रहा है क्या? अजय राय ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व ने जो विश्वास किया है उस विश्वास को लेकर आम जनता में जाएंगे। बता दें कि वर्तमान में अमेठी की संसदीय सीट पर भाजपा कायम है। अमेठी की सीट से भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सांसद हैं।

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन बार अमेठी सीट से सांसद रह चुके हैं लेकिन साल 2014 में उन्हें भाजपा की कद्दावर नेता स्मृति ईरानी से हार मिली। अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस की पारवारिक सीट रही है. इस सीट से संजय गांधी, पूर्व पीएम राजीव गांधी, सोनिया गांधी भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. इसके अलावा अमेठी लोकसभा सीट से राहुल गांधी भी लगातार तीन बार सांसद रह चुके हैं। हालांकि, 2019 के चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के किले में सेंध लगा दी थी। इस दौरान राहुल गांधी ने दो जगहों से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें केरल के वायनाड से जीत मिली थी और वायनाड से जीतकर राहुल गांधी संसद में पहुंचे।

मतदाता सर्वे सत्यापन को लेकर बीडीओ ने बीएलओ के साथ की बैठक: 21 अगस्त तक पूरा कर लेने का निर्देश

गया/आमस। जिले के आमस प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित पंचायत समिति सभागार में शुक्रवार को मतदाता सूची सत्यापन हेतु बीडीओ ने प्रखंड के सभी बीएलओ के साथ बैठक किया। बीडीओ ड्रॉ अवतुल्य कुमार आर्य ने बताया की सभी बीएलओ के द्वारा घर घर जाकर मतदाता सत्यापन सर्वे कार्य किया जा रहा है।

जिसका सत्यापन हेतु सभी बीएलओ के साथ शुक्रवार को एक बैठक आयोजित कर मतदाता सर्वे कार्य में मृतक, स्थानांतरित, अनुपस्थित एवं दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाताओं की सही पहचान करते हुए कार्य करने का निर्देश दिया गया। साथ ही मतदाता सत्यापन सर्वे कार्य 21 अगस्त तक पूरा कर लेने का भी निर्देश दिया गया है।

इस दौरान बीएलओं अविनाश कुमार वर्मा, अरुण कुमार, जगत कुमार यादव, जितेंद्र ठाकुर, अरविंद प्रसाद, सुनील कुमार, गणेश रजक, संजय कुमार, रमेश पंडित, वीरेंद्र शर्मा, दयाशंकर कुमार, मनोज चौधरी सहित अन्य लोग मौजूद थें।

पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव पहुंचे गया, प्रमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक कर अधिकारियों को दिए कई दिशा-निर्देश

गया : शहर के मगध प्रमंडल आयुक्त कार्यालय में अपर मुख्य सचिव पंचायत राज विभाग मिहिर कुमार सिंह की अध्यक्षता में मगध प्रमंडल के आयुक्त के साथ-साथ मगध प्रमंडल के पांचों जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त एवं जिला पंचायत राज पदाधिकारियों के साथ पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यों की प्रमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई।

अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारी से बिंदुवार जानकारी लिया। उन्होंने जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि पंचायत राज विभाग अंतर्गत संचालित कार्यालय का निरीक्षण अपने स्तर से हर हाल में करेंगे। कार्यालय निरीक्षण के पहले निरीक्षण एजेंडा तैयार करेंगे तथा उसी अनुरूप कार्यालय का जांच करेंगे। पंचायत समिति कार्यालय का भी जांच करेंगे। उन्होंने जिला पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अपने स्तर से सभी प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के माध्यम से प्रत्येक माह कम से कम दो ग्राम पंचायत का निरीक्षण करवाएंगे। 

उन्होंने जिलाधिकारी तथा उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया की जांच कैलेंडर हर हाल में तैयार करें और इस कैलेंडर को फॉलो करें, जिससे नीचे वाले सभी कार्यालय पूरी सतर्कता से कार्य करेगा। अपर मुख्य सचिव ने खुशी प्रकट किया कि गया जिला पंचायत राज विभाग के योजनाओं का जांच काफी अच्छी गुणवत्ता से और नियमित करवाया है। जो भी योजना बंद रहती है उसे तुरंत फंक्शनल करवा लिया जाता है। 

जिला परिषद भवनों एवं उनकी भूमि के संबंध में समीक्षा के दौरान विकास आयुक्त गया ने बताया कि गया जिले में 12 स्थानों पर कार्यालय भवन संचालित हैं। उसी प्रकार औरंगाबाद में 7 स्थानों पर कार्यालय भवन, नवादा में एक जगह पर, जहानाबाद में 6 जगह पर एवं अरवल में दो जगह पर कार्यालय भवन जिला परिषद की जमीन पर संचालित है। बताया गया कि गया जिला परिषद की भू संपदा परिसंपत्ति में कुल 2300 एकड़ 71 डिसमिल, औरंगाबाद में 2204 एकड़ 41.38 डिसमिल, जहानाबाद में 306 एकड़ 43 डिसमिल, अरवल में 330 एकड़ 76 डिसमिल जमीन जिला परिषद के हैं।

अपर मुख्य सचिव ने सभी उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि वैसा कार्यालय जो जिला परिषद के जमीन पर कार्यालय संचालित है परंतु निर्धारित जो रेंट फिक्सेशन है, वह भुगतान नहीं कर रहे हैं, तो वैसे कार्यालय का एग्रीमेंट रद्द करते हुए नए सिरे से रेंट फिक्सेशन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला परिषद के सभी परिसंपत्तियों की सुरक्षा हेतु जमाबंदी को कायम करवाएं। सभी पुराने खतियान से मिलान करवाएं। सारी जमीन के रिकॉर्ड को संधारित कराएं उसके पश्चात जमाबंदी कायम कराएं। 

जिला परिषद को राजस्व विभाग द्वारा स्थानांतरित तथा जिला परिषदीय सैरातों की बंदोबस्त के समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिला परिषद गया के क्षेत्र में 22 स्थान पर सैरात बंदोबस्त किया है जहां हाट, मेला, बाजार, बस पार्किंग, सब्जी मंडी, टेंपो स्टैंड चल रहे हैं। इस प्रकार औरंगाबाद में 34 स्थान पर सैरात बंदोबस्त किया है, नवादा में 10 स्थान पर, जहानाबाद ने 11 स्थान पर, अरवल ने दो स्थानों पर सैरात बंदोबस्त किया है। इन सभी स्थानों से वार्षिक आय जिला परिषद को प्राप्त हो रहे हैं।

    

अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि जिला परिषद के सभी हाट बाजारों को और अच्छे तरीके से डेवलप करें। उन्होंने कहा कि जिला परिषद की कुछ वैसे भी भूमि है जहां खेती योग्य है उसे भी डिवेलप करें उससे भी आय का स्रोत प्राप्त होंगे। जिला परिषद के अधीन बस पड़ाव के समीक्षा के दौरान बताया गया कि गया जिले में इमामगंज एवं फतेहपुर बस स्टैंड जिला परिषद के अधीन है। इस प्रकार औरंगाबाद में औरंगाबाद, गोह, हसपुरा, जम्होर, पौथू एवं टंडवा बस स्टैंड जिला परिषद औरंगाबाद के अधीन है। उसी प्रकार नवादा में नवादा, सिरदला, धमौल एवं रजौली बस स्टैंड जिला परिषद नवादा के अधीन है। अरवल में कुर्था बस स्टैंड जिला परिषद के अधीन है। 

अपर मुख्य सचिव ने सभी उप विकास आयुक्त को कहा कि सभी बस स्टैंड को आवश्यक सुविधा युक्त बनाएं। सभी बस स्टैंड को जिला पंचायत राज पदाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त नियमित निरीक्षण करें। बस स्टैंड के समीप बड़े-बड़े दुकान एवं आधुनिक मॉडल युक्त मॉल का निर्माण कराएं। जिससे जिला परिषद के राजस्व में खुद-ब-खुद इजाफा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला परिषद को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो इसके लिए सभी उप विकास आयुक्त अगले 1 माह के अंदर प्लान तैयार करें।

    

उन्होंने सभी पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देश दिया कि विभिन्न टोल में क्रियान्वित योजनाओं के निरीक्षण और बेहतर तरीके से कराया जाए उसके लिए सभी प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी को वाहन उपलब्ध करावे। मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के समीक्षा के दौरान बताया गया कि गया जिले के 24 प्रखंड के 320 पंचायत के 4379 वार्ड में 43790 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाया जाना है जिसमें अब तक 10 प्रखंडों के 42 पंचायत के 156 वार्ड मं 1441 स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं। उसी प्रकार जहानाबाद में सात प्रखंड के 88 पंचायत के 352 वार्ड में 3520 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाया जाना है जिसमें अब तक दो प्रखंड के 8 पंचायत के 28 वार्ड में 280 सोलर लाइट लगा दिया गया है। अपर मुख्य सचिव ने सभी पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देश दिया कि निर्धारित समय सीमा के अंदर शत प्रतिशत ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाना सुनिश्चित करवाये।

जिलों में चयनित एजेंसियों को लगातार निर्देशित रखें की तेजी से सोलर लाइट अधिष्ठापन करवाना सुनिश्चित करें। अंत में अपर मुख्य सचिव ने सभी पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देश दिया कि पंचायत राज विभाग के मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना संबंधित योजना को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में स्थानांतरण का कार्य सभी पदाधिकारी तेजी से करवाएं ताकि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अभियंता उससे नियमित मेंटेनेंस रख सके। इसके उपरांत विभागीय योजनाओं की विस्तार से विचार विमर्श सभी जिला पदाधिकारियों, उप विकास आयुक्त तथा पंचायत राज पदाधिकारी के साथ की गई।

गया से मनीष

पहले दरोगा अब पत्रकार की गोली मारकर हत्या के बाद विपक्ष सरकार पर हुई हमलावर, नेता प्रतिपक्ष ने कहा-गुंडाराज में तेजी से बदल रहा बिहार

डेस्क : बीते दिनों समस्तीपुर जिले में एक दरोगा की अपराधियों ने हत्या कर दी थी। वहीं अररिया में एक पत्रकार की उनके घर पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन दो घटनाओं के बाद प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी प्रदेश की महागठबंधन सरकार पर हमलावर हो गई है। 

भाजपा विधानमंडल दल के नेता व बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अपराधियों के सामने घुटना टेक दिया है। अब पुलिस और पत्रकार की अपराधियों के द्वारा हत्या ने सिद्ध कर दिया है कि बिहार तेजी में जंगल राज से गुण्डाराज में बदल रहा है। अपराधी बुलंद हौसले से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 17 अगस्त को दिल्ली से पटना आने पर हवाई अड्डा पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि देख लीजिए राज्य में अपराध कितना कम है।

श्री सिन्हा ने कहा कि 1 वर्ष पूर्व महागठबंधन की सरकार बनी थी और उस समय से अपराधी को पुलिस का भय खत्म हो गया है। ये शासन के संरक्षण में अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इनकी सरकार बनने के बाद से अभी तक 5000 से अधिक लोगों को गोली मारी गयी है। हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार, बैंक डकैती, साइबर क्राइम की घटनाओं में असीमित बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध के सभी द्वार खुल गए हैं। गौ तस्करी और गौ हत्या का बिहार अब चारागाह बन गया है। नालंदा, समस्तीपुर, बेगूसराय सहित राज्य के कई जिलों में गौ तस्करों को सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा पकड़ा गया। ये तस्कर पुलिस पर भी गोली चलाने से बाज नहीं आते हैं। राज्य के अन्दर इनकी बेरोकटोक तस्करी जारी है। सीमा पार कर ये इसे बंग्लादेशियों के हाथों बेचते हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अपराधियों के कारण राज्य की जनता भयभीत औऱ परेशान है। खुली छूट के कारण अपराधी किसी भी समय घटनाओं को अंजाम देते है। उनका मनोबल बढ़ा हुआ है क्योंकि सरकार इन अपराधों का संज्ञान नहीं लेती है। भाजपा राज्य की जनता के साथ खड़ी है और मौका मिलने पर अपराधियों को कानून के शिकंजे तक पहुंचाएगी।

पटना हवाई अड्डा के नवनिर्मित सिविल विमानन निदेशालय भवन का सीएम नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन, एयरपोर्ट पर चल रहे निर्माण कार्य का लिया जायजा

डेस्क :  आज पटना हवाई अड्डा के नवनिर्मित सिविल विमानन निदेशालय भवन का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित सिविल विमानन निदेशालय भवन का निरीक्षण किया। 

नवनिर्मित भवन के मीटिंग हॉल में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की और वहां की व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने पटना हवाई अड्डा पर चल रहे निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य का भी जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।

कार्यक्रम के पश्चात् पटना हवाई अड्डा से निकलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार का जो क्षेत्र है वहां पर विकास कार्य कराए जा रहे हैं। एक हिस्से का काम हो गया है और एक हिस्से का कार्य प्रगति पर है, उसका हम जायजा लेने आए हैं। बहुत पहले ही हमने इस सड़क का चौड़ीकरण करवाया ताकि पटना एयरपोर्ट तक लोगों का आवागमन आसान हो सके।

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र बहुत ही ऐतिहासिक है इसलिए यहां ज्यादा कुछ छेड़छाड़ कर निर्माण कार्य नहीं कर सकते हैं और वृक्षों को काटना भी ठीक नहीं है। बगल से भी हमलोग रास्ता बनवा रहे हैं ताकि पटना हवाई अड्डा तक पहुंचने में किसी को कोई दिक्कत नहीं हो। जब बिहटा एयरपोर्ट बन जाएगा तो फिर कोई दिक्कत नहीं होगी। दोनों एयरपोर्ट तक लोगों को आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी ।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, अपर पुलिस महानिदेशक, विशेष शाखा सुनील कुमार, पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के निदेशक अंचल प्रकाश, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के जेनरल मैनेजर के०एस० विजयन सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे।

शोएब अख्तर का बड़ा बयान, कहा-भारत के पैसे से पलते हैं पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी

#shoaib_akhtar_big_comment_on_bcci_revenue

पाकिस्तानी के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर रिटायरमेंट के बाद भी अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। एक बार फिर पूर्व क्रिकेटर ने ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद गहरा सकता है। उन्होंने भारतीय खेल पत्रकार को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बड़ी बात कही है। शोएब अख्तर ने कहा कि भारत के पैसों से पाकिस्तान के क्रिकेटर पलते हैं।अख्तर के इस बयान पर पाकिस्तान में काफी बवाल हो सकता है।

शोएब अख्तर ने वरिष्ठ खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से खास बातचीत में बताया कि बीसीसीआई वर्ल्ड क्रिकेट में कितनी पावरफुल एसोसिएशन है।एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को लेकर बोरिया मजूमदार से बातचीत के दौरान शोएब अख्तर ने इस बात को माना कि बीसीसीआई के जरिए जो पैसा आईसीसी के पास आता है और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल रेवेन्यू शेयरिंग के तहत वो पैसा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भेजती है। उसी पैसे के दम पर ही पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेटर्स को मैच फीस मिल पाती है।

शोएब अख्तर ने ये भी कहा कि वर्ल्ड कप 2023 सुपरहिट होने वाला है। अख्तर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि बीसीसीआई इस वर्ल्ड कप से काफी पैसा कमाएगी। इससे बीसीसीआई की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो जाएगी।साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत इस विश्व कप से खूब पैसे बनाए।कई लोग इस बात को कहने से हिचकेंगे।लेकिन मैं साफ कहता हूं कि भारत से जो रेवेन्यू आईसीसी को जाता है। उसका हिस्सा पाकिस्तान में भी आता है और इससे हमारे घरेलू क्रिकेटरों को मैच फीस मिलती है। यानी भारत से जो पैसा आ रहा है, उससे हमारे युवा क्रिकेटर पल रहे हैं।

शोएब अख्तर ने आईगे कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच में एक बार फिर टीम इंडिया पर ही दबाव होगा। अख्तर ने कहा कि ये दबाव मीडिया की वजह से बनता है। लगातार टीम इंडिया की जीत के ही दावे किए जाते हैं। स्टेडियम भी बिल्कुल ब्लू कर दिए जाते हैं। इससे पाकिस्तान को मदद ही मिलती है क्योंकि वो अपने आप ही डार्कहॉर्स बन जाती है और इससे उसके खिलाड़ियों को खुलकर खेलने में मदद मिलती है।

दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में बम होने की खबर, सभी यात्रियों को उतारा गया

#bomb_threat_on_delhi_pune_vistara_flight_at_delhi_airport

दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली-पुणे विस्तारा फ्लाइट में बम की धमकी मिली।जिसके बाद एयरपोर्ट पर ही फ्लाइट की जांच शुरू हो गई। सभी यात्रियों को उनके सामान सहित सुरक्षित उतारा गया।विमान में बम होने की जानकारी जीएमआर सेंटर को दी गई।

जानकारी के अनुसार जीएमआर कॉल सेंटर में शुक्रवार सुबह फ्लाइट में बम होने की कॉल मिली। काल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं।सुरक्षा एजेसिंयों की तरफ से विमान की जांच की गई।बम रखे जाने की सूचना मिलते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया।

एयरपोर्ट पर आइसोलेशन बे में विमान का निरीक्षण किया गया। विमान में कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला है। सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

यह पहली बार नहीं है जब विस्तारा की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली है। जून महीने में दिल्ली से एक शख्स दुबई जा रहा था जब उसने कथित रूप सै गुस्से में कहा कि उनके बैग में बम है। बस क्या था, यात्री के बगल में बैठी एक महिला यात्री ने गलत सुन लिया और घबरा गई। उसने शोर मचाया और केबिन क्रू को बुलाया। शख्स को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया था।

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी, कहा-हमें ये देखना है संविधान का उल्लंघन तो नहीं हुआ

#supreme_court_hearing_on_article_370_abrogation

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर शीर्ष अदालत में बहस जारी है।आर्टिकल 370 को बेअसर करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।गुरुवार को सुनवाई के सातवें दिन के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने को सिर्फ इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि इसमें संवैधानिक प्रावधानों का कथित तौर पर उल्लंघन हुआ है। इस आधार पर नहीं कि इस कदम को उठाने के लिए सरकार की मंशा क्या थी। अगली सुनवाई अब 22 अगस्त मंगलवार को होगी।

सुनवाई के दौरान सीजआई के नेतृत्व में बनी संविधान पीठ ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे से पूछा, क्या आप अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले की समझदारी की समीक्षा करने के लिए अदालत को आमांत्रित कर रहे हैं? आप कह रहे हैं कि सरकार के फैसले के आधार का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए कि अनुच्छेद 370 को जारी रखना राष्ट्रीय हित में नहीं था? इस पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बी आर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में दलील पेश करते हुए एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि वो संविधान के साथ धोखाधड़ी की तरफ इशारा कर रहे हैं। केंद्र सरकार का फैसला पूरी तरह सियासी था। उन्होंने कहा कि अगर आप पूरे घटनाक्रम को देखें तो फैसले से पहले जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग कर दी गई थी और संसद के पास शक्ति के साथ राष्ट्रपति को भी अनुच्छेद 356 के तहत शक्ति हासिल थी। उन्होंने अनुच्छेद 370 के उपखंड तीन का हवाला देते हुए कहा कि इस आधार पर अनुच्छेद 370 को हटाया ही नहीं जा सकता था। केंद्र सरकार ने संविधान के साथ धोखाधड़ी की थी।

सुनवाई के दौरान दवे ने ये भी दलील दी कि आर्टिकल 370 को सिर्फ संविधान में संशोधन के जरिए ही खत्म किया जा सकता था। उन्होंने कहा, एक नैरेटिव है कि आर्टिकल 370 की वजह से ही जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, लेकिन ये पूरी तरह गलत है। जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है। यहां तक कि जवाहर लाल नेहरू ने भी इस नैरेटिव को खारिज किया।

इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति को आर्टिकल 356 के तहत संविधान के कुछ प्रावधानों को निलंबित करने की शक्ति है। बेंच ने कहा कि जनवरी 1957 में जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा भंग होने के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के प्रावधान को अकेले अस्तित्वहीन नहीं माना जा सकता है। आर्टिकल 370 के कुछ हिस्से अगले 62 सालों तक प्रभाव में रहे।

साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

#himachal_cause_of_disaster

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।

हत्या कांड के फरार आरोपी ने न्यायालय में किया आत्मसमर्पण: पिस्टल की बट से मारकर किया था जख्मी, इलाज के दौरान हुई थी मौत

गया। बिहार के गया में हत्या कांड के फरार आरोपी पुलिस दबिश से भय के डर से न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। वादिनी के द्वारा मुफस्सिल थाना में फर्दब्यान दिया गया कि मेरा पुत्र को आरोपी के द्वारा बुलाकर ले गया और कुछ देर बाद मेरा छोटा पुत्र आया और बोला की भैया शनि कुमार के द्वारा पटाखा खरीद कर छोड़ा गया है, जिससे शेखर कुमार के दुकान का सारा पटाखा जल गया है।

जब वादिनी वहाँ पहुँची तो देखी कि इनके पुत्र शनि कुमार को अभियुक्तोगणों के द्वारा चारों तरफ से घेर कर पकड़े हुए है और हरवे हथियार भी लिए हुए है, शेखर कुमार के द्वारा पिस्टल लहराते हुए बोला की तुम्हारा बेटा को आज गोली मार देंगे। ऐसा बोलते हुए मेरा पुत्र को अपने घर के गली के तरफ लेकर चला गया था और पिस्टल की बट से पीट-पीटकर जख्मी कर दिया। अगले दिन इलाज के दौरान मुत्यु हो गई। इस संबंध में मुफस्सिल थाना कांड संख्या 855/ 21, दिनांक 25.10.2021 धारा-302/34 भा0द0वि0 एवं 27 आर्म्स एक्ट दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। वरीय पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वजीरगंज के नेतृत्व में एक टीम का गठन करते हुए पु०नि० मुफस्सिल अंचल, थानाध्यक्ष मुफस्सिल थाना के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी तथा तकनीकी शाखा गया के पदाधिकारी एवं कर्मी को शामिल किया गया है। 

उक्त टीम के द्वारा इस कांड मे फरार आरोपी के गिरफ्तारी करने हेतु लगातार छापामारी की जा रही है। पुलिस की लगातार कार्रवाई एवं दबिश के भय से अभियुक्त शेखर कुमार ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। उल्लेखनीय है कि इस कांड मे पूर्व में भी दो आरोपी नन्दु चौधरी और लड्डु गिरफ्तार कर न्याययिक हिरासत में भेजा जा चुका है। शेष अन्य आरोपी की गिरफ्तारी हेतु लगातार छापामारी जारी है।