राज्यसभा से सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक पास, फिल्म इंडस्ट्री में पायरेसी रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम

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फिल्‍म इंडस्ट्री में पायरे‍सी की प्रॉब्लम को कंट्रोल करने को लेकर सिनेमेटोग्राफ (संशोधन) बिल, 2023 राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। इस विधेयक में फिल्मों की गैर कानूनी रिकॉर्डिंग एवं उसका प्रदर्शन करने पर दोषियों के खिलाफ जुर्माने व सजा का प्रावधान भी किया गया है। इसके तहत फिल्म पायरेसी करने वाले को 3 महीने से 3 साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा 3 लाख से लेकर फिल्म की लागत का 5% जुर्माने के तौर पर वसूला जा सकता है।

इसी साल अप्रैल में कैबिनेट ने सिनेमैटोग्राफ एक्ट 2023 को मंजूरी दी थी। जिसके बाद इसे संसद में पेश किया गया।सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इस बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि पायरेसी के कारण फिल्‍म उद्योग को काफी नुकसान होता है और ये विधेयक इससे फिल्‍मों को होने वाले नुकसान से बचाएगा।ठाकुर ने कहा, 'पायरेसी कैंसर की तरह है और इस कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए हम इस बिल के जरिए एक कोशिश कर रहे हैं। पायरेसी के कारण फिल्म जगत को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। आज फिल्म इंडस्ट्री की बहुत लंबे समय से आ रही मांग को पूरा करने का काम किया गया है।

फिल्म सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया होगी आसान

अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस विधेयक में फिल्म सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को भी आसान करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा, 'भारत एक ऐसा देश है जहां कहानी सुनाने की प्रथा रही है और भारत के पास वो सबकुछ है जो भारत को दुनिया का कंटेंट हब बना सकता है।' उन्होंने कहा, 'आज विश्व की बड़ी से बड़ी फिल्मों का पोस्ट-प्रॉडक्शन का काम हिंदुस्तान में होता है। एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट, ग्राफिक्स सेक्टर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुल मिलाकर फिल्म जगत को एक बहुत बड़े अवसर के रूप में देखना चाहिए और एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में देखना चाहिए।

सुझावों के बाद फिर से लाया गया बिल

इससे पहले 2019 में इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया था, लेकिन इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया। जिसके बाद तमाम तरह के सुझाव दिए गए। इस बिल से पूरी फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा फायदा पहुंचने की बात कही गई थी।अब आखिरकार इस बिल को उच्च सदन से भी पास कर दिया गया है। सिनेमैटोग्राफ विधेयक 1952 में संशोधन कर इस बिल को नया रूप दिया गया है। 20 जुलाई को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया था। इस कानून के बाद किसी भी तरह की पायरेसी पर सख्त सजा का प्रावधान होगा। कोई भी अगर किसी फिल्म को गैरकानूनी तरीके से शूट करता है और सार्वजनिक तौर पर उसे अपलोड करता है, या फिर किसी को दिखाता है तो उसे अपराध माना जाएगा. बिना लाइसेंस फिल्मों को दिखाना भी मुश्किल होगा।

शहजाद पूनावाला ने आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के खिलाफ दर्ज करायी शिकायत, बीजेपी नेता को “मुजाहिदीन” बताने पर एफआईआर

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भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। शहजाद पूनावाला ने एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान प्रियंका कक्कड़ पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। नोएडा के एक थाने में पूनावाला की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि 25 जुलाई को एक टीवी चैनल पर बहस के दौरानप्रियंका कक्कड़ ने उन्हें ‘‘मुजाहिदीन’’ कहा, उनके धर्म का अपमान किया और ‘‘अत्यंत सांप्रदायिक टिप्पणी’’ की। पुलिस के अनुसार, पूनावाला ने गुरुवार को दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया, ‘‘पूर्व में भी उन्होंने मेरे धर्म, इस्लाम और आम तौर पर मुसलमानों के खिलाफ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी टिप्पणियां की हैं। ऐसी टिप्पणियां केवल मुसलमानों के प्रति ‘आप’ की जहरीली और नफरत भरी मानसिकता को दर्शाती हैं।

शहजाद पूनावाला ने आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के खिलाफ मानहानि का दावा ठोका है। बीजेपी प्रवक्ता ने ट्वीट किया है कि मेरे वकील नमित सक्सेना जी द्वारा आप प्रवक्ता को नोटिस भेजा गया है। लाइव टीवी डिबेट के दौरान भारतीय मुस्लिम समुदाय और मुझे बेहद आपत्तिजनक नफरत भड़काने वाले शब्द कहने पर आप के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता को आपराधिक मानहानि का नोटिस जारी किया गया है।

शहजाद पूनावाला ने कहा कि उनके बयान से मुझे मानसिक और भावनात्मक आघात पहुंचा है और लोगों में मेरे प्रति नफरत पैदा हुई है। उन्होंने लिखा है कि इससे पहले मैंने आप द्वारा लगातार नफरत फैलाने वाले भाषण के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष मामला उठाया था।

इन आरोपों पर प्रतिक्रिया में प्रियंका कक्कड़ ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या ‘मुजाहिदीन’ या ‘शहजाद’ का मतलब ‘आतंकवादी’ होता है। उन्होंने एक मुख्यमंत्री को ‘जिहादी’ कहने के लिए शहजाद पूनावाला पर पलटवार किया।’’ ट्विटर पर शहजाद पूनावाला के एक ट्वीट के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘क्या ‘शहजाद’ का मतलब आतंकवादी है? क्या ‘मुजाहिदीन’ का मतलब आतंकवादी है? क्या ‘शहजाद मुजाहिदीन’ का मतलब आतंकवादी है? क्या शिकायतकर्ता को राष्ट्रीय मीडिया पर एक मुख्यमंत्री को ‘जिहादी’ कहने की अनुमति है?

उत्तराखंड : प्रदेश में आज से 31 जुलाई तक भारी बारिश का यलो अलर्ट, भूस्खलन का भी खतरा वहीं फिर मैदानी इलाकों में बढ़ेगा बाढ़ का खतरा

उत्तराखंड के देहरादून, चमोली और बागेश्वर जिले के कई इलाकों में शुक्रवार को भारी बारिश होने की संभावना है जबकि प्रदेशभर के लिए मौसम विभाग ने बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रदेश में 28 से 31 जुलाई तक भारी बारिश का यलो अलर्ट है। वहीं पहाड़ों में भारी बारिश के कारण फिर से मैदानी इलाकों में बाद का खतरा बढ़ने की आशंका जताई गई है।

केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के कई इलाकों में बिजली चमकने और मूसलाधार बारिश होने के आसार हैं। विभाग ने हिदायत दी है कि गर्जन और भारी बारिश के कारण संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन से सड़क मार्ग और राजमार्ग अवरुद्ध होने की संभावना है। ऐसे में मौसम की सटीक जानकारी लेने के बाद ही यात्रा करें।

पाकिस्तान गई अंजू का नया वीडियो वायरल, बुर्के में नसरुल्लाह के साथ डिनर करती आई नजर

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भारत से पाकिस्तान गई दो बच्चों की मां अंजू ने इस्लाम धर्म अपनाकर अपने दोस्त नसरुल्लाह के साथ शादी कर ली है। आए दिन दोनों को लेकर कई वीडियो और फोटो सामने आ रहे हैं।अब एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसमें वह अपने दोस्त नसरुल्लाह और उसके कुछ अन्य दोस्तों के साथ खाना खाती हुई नजर आ रही है। इस वायरल वीडियो में अंजू बुर्के में है और नसरुल्लाह के साथ कई अन्य लोग भी एक ही टेबल पर खाना खाते दिख रहे हैं। 

कभी अंजू हसीन वादियों में नसरुल्लाह के हाथ में हाथ डालते घूमती नजर आ रही है तो कभी बुर्का पहनकर अपने प्रेमी और उसके दोस्तों के साथ नोश फरमा रही है।अंजू की तस्वीरें अब खूब वायरल हो रही हैं। पाकिस्तान पहुंचने के बाद ही खबरें सामने आई थी कि अंजू ने अपना धर्म बदल लिया है। अंजू पाकिस्तान में फातिमा बन चुकी है और फातिमा बनकर उसने नसरुल्लाह से निकाह भी कर लिया है।पाकिस्तान की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अंजू नसरुल्लाह ने कोर्ट मैरिज कर ली है। 

सोशल मीडिया में वायरल 15 सेकंड के वीडियो में देखा गया है कि नसरुल्लाह डिनर डेबल के सेंटर में बैठे हैं। उनके बराबर में अंजू भी बैठी हैं। उन्होंने बुर्का पहना हुआ है। इसके अलावा नसरुल्लाह के साथ दोस्त भी डिनर कर रहे हैं। 

इससे पहले, अंजू और नसरुल्लाह का हाथ में हाथ डाले वीडियो शूट भी सामने आया था। सोशल मीडिया पर उनका वीडियो वायरल हो गया था। वीडियो में दोनों पहाड़ों, सड़कों औ रहरे-भरे बगीचे में बैठे नजर आए और रिपोर्ट में दावा किया गया कि वीडियो खैबर पख्तूनख्वा के दीर बाला जिले में शूट किया गया। 

पाकिस्तान जाकर अपने फेसबुक फ्रेंड से निकाह करने वाली अंजू का ग्वालियर से नाता है। अंजू के इस कदम से पूरा परिवार दुखी है और आक्रोशित भी। उसके पिता गया प्रसाद का कहना है कि उनके लिए तो वह मर गई है। अंजू का परिवार ग्वालियर के पास टेकनपुर बीएसएफ अकादमी के नजदीक बसे बोना गांव का निवासी है। उसके पिता और मायके के सदस्य यहीं रहते हैं।

मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को नग्न परेड कराने के मामले में वीडियो बनाने वाला मोबाइल बरामद, वीडियो शूट करने वाला भी गिरफ्तार, राज्य में 35 हजार स

मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को नग्न परेड कराने के मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को ये जानकारी दी। हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश है। विपक्षी दल सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई ने शीर्ष सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का भी अनुरोध करेगी। इसके अलावा, जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने यह मोबाइल फोन सीबीआई को सौंप दिया है।

35 हजार जवान तैनात

रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि जिस फोन से दरिंदगी का वीडियो लीक किया गया था, उसकी जांच से सिलसिलेवार घटनाओं का पता लगाया जा सकेगा। ये केस को सीबीआई को सौंपा जा रहा है। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने कुकी और मैतेई समुदायों के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत की है। प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई। पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा रोकने और शांति व्यवस्था बनाने के लिए सेना व CRPF के 35 हजार जवान तैनात किए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर में सेना, CRPF और CAPF के 35000 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षाकर्मियों ने मैतेई बहुल घाटी इलाकों और कुकी बहुल पहाड़ी इलाकों के बीच एक बफर जोन बनाया है।

शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया, "मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन सामान्य नहीं है। लगभग 35,000 सुरक्षाकर्मी मैदान पर हैं। दवा और दैनिक आपूर्ति की कोई कमी नहीं। खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की कीमतें नियंत्रण में हैं। बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं और स्कूल भी फिर से शुरू हो रहे हैं।" मणिपुर में दो महिलाओं की निर्वस्त्र परेड का वीडियो गत बुधवार, 19 जुलाई को सामने आया था जिसके बाद देश भर में आक्रोश फैल गया और विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है।

सुप्रीम कोर्ट भी ले चुका है संज्ञान

बता दें कि हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को कहा था कि वह इस घटना से ‘‘बेहद आहत’’ है और हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं को औजार के रूप में उपयोग करना ‘‘संवैधानिक लोकतंत्र में बिल्कुल अस्वीकार्य है।’’ इस वीडियो पर संज्ञान लेते हुए प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र एवं मणिपुर सरकार को तत्काल सुधारात्मक, पुनर्वास और निवारक कदम उठाने और इस संबंध में की गई कार्रवाई से उसे अवगत कराने का निर्देश दिया था।

मणिपुर में महीनों से जारी है हिंसा

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं। राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

बलूचिस्तान निर्वासित सरकार की पीएम पहुंची हरिद्वार, पाकिस्तान के आतंक के लिए चीन की साज़िश को ठहराया जिम्मेदार


 बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी पाकिस्तान से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की गुहार लगाने मां गंगा की शरण में पहुंची हैं। वह यहां पर चौधरी चरण सिंह वीआईपी घाट पर मां गंगा का विशेष पूजन हवन और दुधाभिषेक कर बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की प्रार्थना कर रही हैं।

धर्मनगर हरिद्वार पहुंचने पर उन्होंने पाकिस्तान के आतंक के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया हैं। प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने आरोप लगाया कि जो काम ब्रिटिश सरकार करती थी, अपनी स्वार्थ सिद्धि को अब वही काम चीन कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण सहित चीन को हर कार्य के लिए अपनी भूमि के उपयोग की अनुमति दे दी है।

बलूचिस्तान के नागरिकों के साथ हो रही बर्बरता

भावुक होते हुए प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने कहा कि इस वक्त बलूचिस्तान के नागरिकों के साथ जो हो रहा है उसके बारे में विश्व सोच भी नहीं सकता है। उसकी सोच से कहीं अधिक वहशीपना वहां के नागरिकों के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में इस तरह के कृत्य कोई किसी इंसान के साथ नहीं किया जा सकता।

लड़कियों की बॉडी को मशीन से ड्रिल किया जा रहा 

बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने आरोप लगाया कि वहां लड़कियों की बॉडी को मशीन से ड्रिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ बर्बरता की जा रही है। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में दुष्कर्म की फैक्ट्री खोल दी है। महिलाओं को सिर्फ एक खिलौने की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

एक प्रश्न के उत्तर में बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ. नायला कादरी बलोच ने कहा कि बलूचिस्तान का बच्चा-बच्चा दहशतगर्दों और पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी चाहता है। पाकिस्तान ने यहां की जनता के साथ जो व्यवहार किया है उसे बयां कर पाना भी मुश्किल है।

मणिपुर हिंसा की जांच को लेकर एक्शन में सीबीआ, दर्ज की 6 FIR, 10 गिरफ्तार

#manipur_violence_cbi_filed_six_firs 

मणिपुर हिंसा के बीच हाल ही वायरल हुए एक वीडियो मामले की जां गृहमंत्रालय ने सीबीआ को सौंप दी है। इस मामले में एक्शन में आते हुए सीबीआई ने हिंसा और साजिश से संबंधित छह प्राथमिकी दर्ज की हैं। साथ ही जांच एजेंसी इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।सीबीआई सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये सभी गिरफ्तारियां अलग-अलग समय में हुई हैं।बता दे कि गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दिया था कि मणिपुर सरकार की मांग पर उस मामले को भी सीबीआई को सौंप दिया गया है।

बता दें कि सीबीआ ने मणिपुर हिंसा में जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, ये उनसे अलग हैं, जिनकी गिरफ्तारी मणिपुर पुलिस ने गैंगरेप और वायरल वीडियो के संदर्भ में की थी। मणिपुर पुलिस ने परेड कांड में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।सीबीआई ने जो 6 FIR दर्ज की हैं, वो भी पिछले महीने की शुरुआत में ही दर्ज की गई थीं।

इससे पहले गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि सीबीआई मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वायरल वीडियो की जांच करेगी। मणिपुर सरकार के साथ विचार के बाद इस केस को सीबीआई को सौंपा गया है।हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध विशेष रूप से मणिपुर के मामले जैसे जघन्य मामले में उसकी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। मणिपुर सरकार ने 26 मई को सीबीआई से मामले की जांच कराने की सिफारिश की थी। इसे गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है।

गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि केस का ट्रायल मणिपुर से बाहर करने का निर्देश दे। मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह सीबीआई को आरोपपत्र दाखिल करने की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमा समाप्त करने का निर्देश दे।

19 जुलाई को सामने आया था वीडियो

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में चार मई को दो महिलाओं को भीड़ के निर्वस्त्र कर उन्हें घुमाए जाने की घटना का पता 19 जुलाई को सामने आए एक वीडियो के जरिए चला। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को घटना पर संज्ञान लिया था और कहा था कि वह वीडियो से ‘‘बहुत व्यथित’’ है और हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल ‘‘किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल एहतियाती कदम उठाने और उन कदमों की जानकारी उसे देने का निर्देश दिया था। केंद्र ने अपना जवाब देते हुए कहा, मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई 2023 को लिखी एक चिट्ठी में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी जिसे गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई को मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच मणिपुर में जातीय हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर 28 जुलाई को सुनवाई करने वाली थी, लेकिन बेंच के मौजूद नहीं होने के चलते इसे टाल दिया गया।

हवाईअड्डे के लाउंज में इंतजार कर रहे थे कर्नाटक के राज्यपाल, छोड़कर एयर एशिया के विमान ने भरी उड़ान

#air_asia_flight_flew_away_without_karnataka_governor

एयरएशिया का एक विमान गुरुवार को कर्नाटक के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से राज्यपाल थावरचंद गहलोत को लिए बिना ही रवाना हो गया।बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल- 2 से एयर एशिया की फ्लाइट I5972 से राज्यपाल थावर चंद गहलोत को हैदराबाद के लिए उड़ान भरनी थी। हालांकि, इस वक्त राज्यपाल थावरचंद गहलोत हवाईअड्डे के लाउंज में इंतजार कर रहे थे।

राज्यपाल की प्रोटोकॉल टीम के एक अधिकारी के मुताबिक, समय से पहले ही राज्यपाल वीवीआईपी लाउंज में पहुंच गए थे और इंतजार कर रहे थे। राज्यपाल की प्रोटोकॉल टीम के एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल गुरुवार दोपहर 1:30 बजे एयरपोर्ट पहुंचे और टर्मिनल 1 के वीवीआईपी लाउंज में बैठ गए। एयरलाइंस के ग्राउंड स्टाफ को उनके आगमन की सूचना दे दी गई और प्रोटोकॉल के मुताबिक राज्यपाल को सबसे आखिर में बोर्ड करने की सारी व्यवस्था भी कर ली गई। इस विमान को दोपहर 2 बजकर 5 मिनट पर उड़ान भरनी थी। राज्यपाल 2 बजकर 6 मिनट पर टर्मिनल 1 से टर्मिनल 2 पर पहुंच गए, लेकिन एयरलाइन स्टाफ ने देरी की बात कहकर उनकी बोर्डिंग को मंजूरी नहीं दी।

गवर्नर को छोड़ विमान ने भरी उड़ान

गहलोत को गुरुवार दोपहर टर्मिनल-2 से हैदराबाद के लिए उड़ान भरनी थी, जहां से उन्हें एक दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए सड़क मार्ग से रायचूर जाना था। जैसे ही एयरएशिया की फ्लाइट आई, उसमें गहलोत का सामान लोड कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि, गहलोत को टर्मिनल पहुंचने में देरी हुई। जब तक वह वीआईपी लाउंज से उड़ान भरने के लिए पहुंच पाते, तब तक विमान हैदराबाद के लिए उड़ान भर चुका था।

90 मिनट बाद दूसरे विमान से रवाना हुए

सूत्रों ने बताया कि जब तक वह वीआईपी लाउंज से विमान तक पहुंच पाते, तब तक विमान हैदराबाद के लिए उड़ान भर चुका था। इसके बाद राज्यपाल को हैदराबाद पहुंचने के लिए 90 मिनट बाद दूसरे विमान से रवाना होना पड़ा। गवर्नर हाउस के अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं और एयरएशिया के अधिकारी भी इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।

एयरलाइंस ने घटना पर जताया खेद

एयरलाइंस ने अपनी सफाई में कहा, हमें इस घटना पर खेद है। जांच कराई जा रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी। एयरलाइन की वरिष्ठ नेतृत्व टीम इसे लेकर गवर्नर कार्यालय के संपर्क में है। प्रोफेशनलिज्म के हाई स्टैंर्डर्ड और प्रोटोकॉल के पालन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट बनी हुई है और हम राज्यपाल कार्यालय के साथ अपने संबंधों को गहराई से अहमियत देते हैं।

अब तक का सबसे गर्म महीना होगा जुलाई

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

जर्मनी की लिपजिग यूनिवर्सिटी में हुए ताजा शोध के मुताबिक मौजूदा माह ( जुलाई) अब तक का सबसे गर्म महीना रहेगा। शोध के मुताबिक, लगभग सवा लाख साल बाद ऐसा होगा। इससे पहले ,साल 2019 का जुलाई माह सबसे गर्म माना गया था। मगर,इस साल जुलाई का औसत तापमान 2019 के मुकाबले 0.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। वैज्ञानिकों की मानें तो इसके लिए मानव संसाधन सीधे तौर पर जिम्मेदार है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में स्थितियां और भी गंभीर हो सकती है। जुलाई में वैश्विक स्तर पर हुई चरम मौसमी घटनाओं और उनके बुरे नतीजों की एक सूची यहां देखी जा सकती है। इस महीने तापमान में डेढ़ डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का मतलब नहीं है कि दुनिया की सरकारें पेरिस समझौते में तापमान में वृद्धि को डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम हो चुकी है।

अल नीनो के दौर में दाखिल हो रही दुनिया

लिपजिग यूनिवर्सिटी में कार्यरत जलवायु वैज्ञानिक डॉ काॅस्टन हौशटाइन के मुताबिक मौजूदा औसत से कोयला,तेल और गैस को जलाने तथा प्रदूषण फैलाने वाली अन्य गतिविधियों के कारण 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। वैश्विक तापमान में वृद्धि के बावजूद ला नीना (ठंड) के प्रभाव के कारण दुनिया पर इसका असर अपेक्षाकृत कम यहां। अब जब दुनिया अल नीनो ( गर्मी) के दौर में दाखिल हो रही है, तब ग्लोबल वार्मिंग के न‌ए खतरे की ओर अग्रसर होने की आशंका है।

मणिपुर में हिंसा और महिलाओं के साथ बर्बरता को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा जारी, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित

#sansadmonsoonsatra

मणिपुर में हिंसा और महिलाओं के साथ बर्बरता को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा जारी है। संसद का मानसून सत्र गत 20 जुलाई से शुरू है। लेकिन पिछले 6 दिनों से दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो सका है और सत्र हंगामे की भेंट चढ़ता रहा है। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्य़सभा को बार-बार स्थगित करना पड़ रहा है। विपक्ष संसद में मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है। विपक्ष द्वारा लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।

कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। वहीं राज्यसभा सांसद मनोज झा, राघव चड्ढा, रंजीत रंजन, सैयद नसीर हुसैन, जेबी माथेर, डॉ. वी सिवादासन और संदीप पाठक ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में कामकाज स्थगित करने का नोटिस दिया।

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी और हंगामा होने लगा। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।वहीं, मणिपुर की स्थिति पर सदन में नारेबाजी के बीच राज्यसभा दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

डेरेक ओब्रायन और जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक

मणिपुर की स्थिति पर उच्च सदन में भी भारी नारेबाजी हुई। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद राज्यसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। 

मणिपुर की ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए संसद से बढ़िया कोई जगह नहीं- प्रहलाद जोशी

इधर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है विपक्ष के लोग मणिपुर जाना चाहते हैं तो जाएं। वहां की सरकार व्यवस्था देखेगी, कहां उन्हें ले जाना है और क्या व्यवस्था करनी है, उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है। लेकिन मणिपुर की ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए संसद से बढ़िया कोई जगह नहीं। हम सब कुछ बताने को तैयार हैं। 

हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे- प्रह्लाद जोशी

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा कि विपक्ष शांतिपूर्ण ढंग से चर्चा में भाग नहीं लेते और संसद में किसी भी विधेयक को पारित करने में सहयोग नहीं करते। हम उनसे रचनात्मक सुझाव लेने को तैयार हैं, लेकिन वे अचानक अविश्वास प्रस्ताव ले आए। जब भी जरूरत होगी, हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और चूंकि हमारे पास संख्या है, इसलिए हमें कोई समस्या नहीं है।