मणिपुर हिंसा की जांच को लेकर एक्शन में सीबीआ, दर्ज की 6 FIR, 10 गिरफ्तार
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मणिपुर हिंसा के बीच हाल ही वायरल हुए एक वीडियो मामले की जां गृहमंत्रालय ने सीबीआ को सौंप दी है। इस मामले में एक्शन में आते हुए सीबीआई ने हिंसा और साजिश से संबंधित छह प्राथमिकी दर्ज की हैं। साथ ही जांच एजेंसी इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।सीबीआई सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये सभी गिरफ्तारियां अलग-अलग समय में हुई हैं।बता दे कि गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दिया था कि मणिपुर सरकार की मांग पर उस मामले को भी सीबीआई को सौंप दिया गया है।
बता दें कि सीबीआ ने मणिपुर हिंसा में जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, ये उनसे अलग हैं, जिनकी गिरफ्तारी मणिपुर पुलिस ने गैंगरेप और वायरल वीडियो के संदर्भ में की थी। मणिपुर पुलिस ने परेड कांड में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।सीबीआई ने जो 6 FIR दर्ज की हैं, वो भी पिछले महीने की शुरुआत में ही दर्ज की गई थीं।
इससे पहले गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि सीबीआई मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वायरल वीडियो की जांच करेगी। मणिपुर सरकार के साथ विचार के बाद इस केस को सीबीआई को सौंपा गया है।हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध विशेष रूप से मणिपुर के मामले जैसे जघन्य मामले में उसकी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। मणिपुर सरकार ने 26 मई को सीबीआई से मामले की जांच कराने की सिफारिश की थी। इसे गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है।
गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि केस का ट्रायल मणिपुर से बाहर करने का निर्देश दे। मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह सीबीआई को आरोपपत्र दाखिल करने की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमा समाप्त करने का निर्देश दे।
19 जुलाई को सामने आया था वीडियो
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में चार मई को दो महिलाओं को भीड़ के निर्वस्त्र कर उन्हें घुमाए जाने की घटना का पता 19 जुलाई को सामने आए एक वीडियो के जरिए चला। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को घटना पर संज्ञान लिया था और कहा था कि वह वीडियो से ‘‘बहुत व्यथित’’ है और हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल ‘‘किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल एहतियाती कदम उठाने और उन कदमों की जानकारी उसे देने का निर्देश दिया था। केंद्र ने अपना जवाब देते हुए कहा, मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई 2023 को लिखी एक चिट्ठी में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी जिसे गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई को मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच मणिपुर में जातीय हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर 28 जुलाई को सुनवाई करने वाली थी, लेकिन बेंच के मौजूद नहीं होने के चलते इसे टाल दिया गया।
Jul 28 2023, 16:04