जान लीजिए, क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव, कैसे होती है वोटिंग और क्या हैं इस प्रक्रिया के नियम, प्रस्ताव पास हुआ तब सरकार क्या उठाती है कदम
मॉनसून सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी की है। इसके लिए कांग्रेस की तरफ से नोटिस भी दे दिया गया है, जिसे लोकसभा ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि, बहस की तारीख का अब तक ऐलान नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि इस दांव के जरिए INDIA गठबंधन के विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर बयान देने के लिए मजबूर करना चाहती है।
क्या है अविश्वास प्रस्ताव
अविश्वास प्रस्ताव एक संसदीय प्रक्रिया है, जिसके तहत विपक्ष सरकार को चुनौती दे सकता है। अगर प्रस्ताव पास हो जाता है, तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है। हालांकि, यह प्रक्रिया इतनी सरल नहीं है। सरकार के खिलाफ खड़े होने वाले दलों को पहले नोटिस दाखिल करने समेत कई चरणों से गुजरना होता है।
क्या कहता है नियम
लोकसभा का कोई भी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। इस प्रस्ताव को सदन के 50 सदस्यों का समर्थन मिलना जरूरी है। अगर प्रस्ताव को सदन में स्वीकार कर लिया जाता है, तो चर्चा के लिए दिन तय किया जाता है। इतना ही नहीं सरकार को बहुमत साबित करने के लिए भी कहा जा सकता है। अगर सरकार ऐसा करने में असफल होती है, तो इस्तीफे का दौर शुरू होता है।
नोटिस के बाद की प्रक्रिया
लोकसभा स्पीकर तय करेंगे कि नोटिस के बाद इसपर चर्चा की जानी है या नहीं। स्वीकार होने के बाद स्पीकर चर्चा के लिए दिन और समय तय करते हैं। लोकसभा में प्रस्ताव पर चर्चा होती है और सरकार को इसका जवाब भी देना होता है।
कैसे होता है वोट
चर्चा के बाद लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की जाती है। अगर सदन के अधिकांश सदस्य इसका समर्थन करते हैं, तो प्रस्ताव पास हो जाता है। वहीं, अगर सरकार जीत जाती है, तो सत्ता में बनी रहती है।
ताजा आंकड़े
लोकसभा में बहुमत का आंकड़ा 272 का है। जबकि, NDA सरकार के पास 331 सदस्य हैं। इतना ही नहीं सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के पास ही 303 सांसद हैं। विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल दलों के सांसदों की संख्या 144 है। इनके अलावा तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति, आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस और ओडिशा की बीजू जनता दल के पास मिलाकर संख्या 70 है।
Jul 26 2023, 16:49