हर साल 26 जुलाई का दिन कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 जुलाई 2023 को कारगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भारत और पाकिस्तान कई मुद्दों पर अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक दूसरे के सामने होते हैं, लेकिन एक वो दौर भी था, जब भारत के वीर जवानों ने पाकिस्तान के कब्जे से कारगिल की ऊंची चोटियों को आजाद कराया था। इसके लिए देश के वीरों ने अपनी जान तक न्योछावर कर दी थी। कई सैनिक शहीद हुए, लेकिन कारगिल युद्ध में विजय भारत के नाम कर गए। इतिहास के पन्नों पर ये दिन गौरव का दिन हैं। भारतीय सेना के सम्मान का दिन है। इसलिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर देश के शहीदों को याद व नमन किया जाता है। अगर आप 26 जुलाई 1999 के उस दिन के बारें में विस्तार से जानेंगे, तो देशभक्ति आपके भी रगो में लावा बनकर धधकेगी। आपका भी गर्व से सीना चौड़ा हो जाएगा। साल 1999 में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच सीमा विवाद को लेकर कारगिल का युद्ध छिड़ गया। पाकिस्तानी सेना ने भारतीय क्षेत्र कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था लेकिन भारत के जबांज सैनिकों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया। भारतीय सेना ने "ऑपरेशन विजय" को अंजाम देते हुए के टाइगर हिल और अन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया। हमारे जवानों के लिए ये जंग आसान नहीं रही होगी। लद्दाख के कारगिल ने पाकिस्तानी सेना के साथ 60 दिनों से अधिक समय तक युद्ध जारी रहा।
कारगिल दिवस मनाने का उद्देश्य
इस दिन भारत पाकिस्तान युद्ध में देश की जीत के तौर पर देखा जाता है, हालांकि कारगिल विजय दिवस मनाने का उद्देश्य सैकड़ों शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देना है। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के 527 सैनिकों की शहादत के साथ पाकिस्तान के 357 सैनिकों ने भी जान गंवाई। वहीं भारत पाक कारगिल युद्ध में 453 आम नागरिकों की भी मौत हो गई।
कारगिल विजय दिवस की गाथा
इसके बाद भारत सरकार ने 'ऑपरेशन विजय' शुरू करते हुए लगभग दो महीने की लंबी लड़ाई जारी रखीं। 2 लाख भारतीय सैनिकों ने इस युद्ध हिस्सा लिया। शुरुआत में पाकिस्तान में भारतीय नियंत्रण सीमा क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था। लेकिन भारतीय सेना की रणनीति और साहस के सामने पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। पहले भारत ने रणनीतिक परिवहन मार्गों पर कब्जा किया। फिर स्थानीय चरवाहों से खुफिया जानकारी प्राप्त की। उसके बाद थल सेना ने भारतीय वायुसेना की मदद से जुलाई के अंतिम सप्ताह में विजय होकर युद्ध का अंत कर दिया।
भारतीय सेना द्वारा घोषित विजय
कैप्टन विक्रम बत्रा कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हो गए। उनके जैसे कई वीर सपूतों ने सेना के मिशन को सफल बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। जिसके बाद 26 जुलाई 1999 को भारतीय युद्ध में विजय की घोषणा की।
Jul 25 2023, 16:11