गुजरात के राजकोट एयरपोर्ट पर 100 यात्री फ्लाइट का इंतजार ही करते रहे, पायलट ने कहा, ड्यूटी खत्म, दो घंटे सांसद भी करते रहे इंतजार, प्रबंधन भी बन

गुजरात के राजकोट एयरपोर्ट पर करीब 100 यात्री रविवार को अपनी फ्लाइट का इंतजार ही करते रहे। दरअसल एयर इंडिया के पायलट ने कह दिया कि उसकी ड्यूटी खत्म हो गई है इसलिए वह विमान नहीं उड़ाएगा। इसके बाद लोगों को एयरपोर्ट पर दो घंटे तक वैकल्पिक विमान का इंतजार करना पड़ा। इसमें भाजपा के कुछ सांसद भी शामिल थे।

पायलट ने कह दिया कि उसकी शिफ्ट खत्म हो गई है। उसकी जिद के आगे प्रबंधन भी कुछ नहीं कर पाया। सांसदों ने भी कोशिश की कि किसी तरह विमान उड़ान भरे लेकिन कोई कामयाब नहीं हो पाया। इसके बाद जामनगर की सांसद पुनम बेग माडम ने जामनगर जाकर दिल्ली के लिए उड़ान भरी। राज्यसभा के उम्मीदवार केशरी देव सिंह ने अहमदाबाद से फ्लाइट ली। वहीं मोहनभाई कुंडारिया ने यात्रा कैंसल करदी। 

आम तौर पर अगर पता रहता है कि किसी पायलट की शिफ्ट खत्म होने वाली है तो उसके रिलीवर का इंतजाम किया जाता है लेकिन एयर इंडिया ने ऐसा नहीं किया था। पायलट ने कहा था कि डीजीसीए के तय समय के मुताबिक उसकी ड्यूटी खत्म हो गई थी। एयर इंडिया के पायलट ने बयान जारी कर कहा कि जिन यात्रियों को जल्दी दिल्ली जाना था उनको सड़क मार्ग से अहमदाबाद भेजा गया और वहां से फ्लाइट दिलाई गई। बाकी यात्रियों के लिए होटल में रुकने का इंतजाम किया गया

रेल टिकट बुकिंग वाली आईआरसीटीसी की वेबसाइट डाउन, कम्पनी ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर, यहां जानिए, कैसे करें समस्या का समाधान

रेल टिकट बुकिंग वाली आईआरसीटीसी की वेबसाइट डाउन चल रही है। इसके चलते रेल सफर के लिए टिकट बुक कराने वाले लोगों को समस्या आ रही है। सुबह करीब 10 बजे यह समस्या शुरू हुई है, जिस पर तकनीकी टीम ने काम करना शुरू कर दिया है। आईआरसीटीसी का कहना है कि कुछ वक्त में ही यह समस्या खत्म हो सकती है। फिलहाल IRCTC की ओर से कस्टमर केयर नंबर दिए हैं, जिन पर कॉल करके ग्राहक समस्या का समाधान ले सकते हैं। ये नंबर हैं- 14646,0755-6610661 & 0755-4090600। इसके अलावा पर मेल भी किया जा सकता है।

आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर विजिट करने पर नोटिफिकेशन दिखता है। इसमें बताया गया है कि मेंटनें ऐक्टिविटी के चलते ई-टिकट सर्विस उपलब्ध नहीं है। कुछ समय बाद प्रयास करें। टिकट कैंसलेशन के लिए कस्टमयर केयर नंबर भी दिए गए हैं। इस बारे में IRCTC ने ट्वीट करके भी जानकारी दी है। आईआरसीटीसी ने बताया, 'तकनीकी कारणों से हमारी टिकट सेवा उपलब्ध नहीं है। समस्या को हल के लिए हमारी तकनीकी टीम जुटी हुई है। जैसे ही यह समस्या खत्म होती है, हम आप लोगों को सूचित करेंगे।'

इस बीच रेलवे ने टिकट बुकिंग के लिए कुछ विकल्प भी सुझाए हैं, जहां से यात्रा के टिकट लिए जा सकते हैं। टिकट बुकिंग के लिए यात्री Ask disha विकल्प को चुन सकते हैं। इसके अलावा आईआरसीटीसी के ई-वॉलेट के जरिए भी टिकटों की बुकिंग की जा सकती है। रेलवे स्‍टेशन पर काउंटर से भी अडवांस बुकिंग और तत्काल टिकट बुकिंग कराई जा सकती है। दरअसल आईआरसीटीसी की वेबसाइट और ऐप से पेमेंट में दिक्कत आ रही थी। इस समस्या से निपटने के लिए ही वेबसाइट को डाउन किया गया है ताकि तकनीकी खामी को दूर किया जा सके।

पीएम मोदी का विपक्ष पर बड़ा हमला, ईस्ट इंडिया से लेकर इंडियन मुजाहिदीन तक से कर डाली नए गठबंधन “ INDIA” की तुलना

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संसद में मणिपुर पर संग्राम जारी है। गतिरोध दूर करने के लिए आगे की रणनीति बनाने में सरकार जुटी है। इसी को लेकर आज बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। इस बैठक में पीएम मोदी भी मौजूद थे। इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। इस दौरान पीएम ने विपक्षी के नए गठबंधन की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन तक से कर दी। साथ ही उन्होंने विपक्ष को बिखरा हुआ और हताश बताया।

इंडिया नाम पर पीएम का तंज

बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी एकता पर तंज करसके हुए कहा कि विपक्ष दिशाहीन हो गया है। विपक्ष बिखरा हुआ और हताश है। ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम में भी इंडिया लगाया गया था। इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम में भी इंडियन। इंडिया नाम लगा लेने से इंडिया नहीं हो जाता है। 

सांसदों को अपना काम करने की सलाह

इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने सांसदों को सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम है प्रोटेस्ट करना है, उन्हें करने दें और अपने काम पर ध्यान दें। ऐसा लगता है कि विपक्ष को लंबे समय तक सत्ता में आने की इच्छा नहीं है। ये हमेशा विपक्ष में ही रहना चाहते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 2047 तक विकसित देश बनाना है। उन्होंने कहा कि तीसरे टर्म में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनानी है।

हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित

बता दें कि मणिपुर में हिंसा को लेकर संसद में लगातार हंगामा हो रहा है। सत्र के तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। आज चौथा दिन है और लोकसभा की कार्यवाही को हंगामे के चलते 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा, वहीं राज्यसभा में भी लगातार हंगामा हो रहा है। मणिपुर पर चर्चा के नियम और प्रधानमंत्री के जवाब को लेकर पेच फंसा हुआ है। विपक्ष संसद के अंदर प्रधानमंत्री से बयान की मांग पर अड़ा है तो सरकार का कहना है कि इस मामले पर गृह मंत्री बयान देंगे ना कि प्रधानमंत्री।

बीजेपी संसदीय दल की बैठक जारी, विपक्ष के चक्रव्यूह के घेरने के मुद्दे पर पार्टी सांसदों के साथ मंथन कर रहे पीएम मोदी

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संसद के मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे पर हंगामा जारी है। सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष प्रधानमंत्री द्वारा संसद में बयान देने की मांग पर अड़ा है। इस बीच, आज भाजपा संसदीय दल की बैठक संसद भवन में हो रही है। सुबह 9.30 बजे शुरू हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे हैं। 

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्र के बाद जनता से संवाद की रणनीति को लेकर पार्टी सांसदों को अहम निर्देश दे सकते हैं। बैठक में संसद में जारी गतिरोध और विपक्षी दलों के हमलों पर जवाबी रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है।

विपक्ष भी करेगा बैठक

उधर, विपक्षी दल भी आज बैठक कर रहे हैं। जी हां, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया है कि मणिपुर के मसले पर विपक्षी नेताओं की एक बैठक हो रही है। विपक्षी दलों के नेता इस मुद्दे पर अपनी आगे की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक करेंगे। संसद में कार्यवाही की शुरुआत से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन से जु़ड़े सांसद मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे। इस दौरान विपक्षी नेता अपनी अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे। मंगलवार को मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में होने वाली इस बैठक में AAP सांसद संजय सिंह के निलंबन पर भी चर्चा होनी है।

मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए 11 राज्यसभा सांसदों ने दिया स्थगन प्रस्ताव

मणिपुर मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा के लिए 11 सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव दिया है। जिन सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, उनमें राघव चड्ढा, के केशव राव, केआर सुरेश रेड्डी, जोगिनीपल्ली संतोष कुमार, बाडगुला लिंगैया यादव, रंजीत रंजन, मनोज झा, सैयद नसीर हुसैन, तिरुची शिवा, इमरान प्रतापगढ़ी और राजीव शुक्ला का नाम शामिल है।

संजय सिंह के निलंबन पर भड़के विपक्षी सांसद, संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने रातभर दिया धरना

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मणिपुर के मुद्दे को लेकर संसद में गतिरोध जारी है। विपक्षी दलों के नेता मणिपुर मामले में सदन में चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग पर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। सदन में जारी इस गतिरोध के कारण मानसून सत्र के तीन दिनों की कार्यवाही बेकार गई। सोमवार को इसी मुद्दे पर हो रहे हंगामे के बीच राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ संसद में विपक्षी दलों के नेता धरना दे रहे हैं। विपक्षी नेताओं का यह धरना पूरी रात जारी रहा। मंगलवार सुबह भी विपक्षी दलों के नेता धरने पर बैठे हैं।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A.) के घटक दलों के नेता सोमवार को ही संसद परिसर में धरने पर बैठ गए। विपक्षी दलों के कुछ सदस्य ‘मणिपुर बचाओ’ वाली तख्तियां लेकर संसद परिसर में जुटे और रात भर गांधी प्रतिमा पर बैठे रहे। गांधी प्रतिमा के सामने ही संजय सिंह ने भी अपना बिस्तर लगा लिया। आज सुबह जब सूर्योदय हो रहा था तो उन्होंने गांधी प्रतिमा के पास से अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, 'हर रात की सुबह होती है। संसद का परिसर। बापू की प्रतिमा। मणिपुर को न्याय दो।

आज सुबह धरनास्थल से ही संजय सिंह ने कहा, 'कल पूरी रात हम लोग यहां गांधी प्रतिमा के सामने बैठे रहे। पूरा दिन बैठे रहे। हमारी एक ही मांग है प्रधानमंत्री से कि उन्हें मणिपुर की हिंसा पर जवाब देना होगा। देश का एक हिस्सा, जो हमारा बॉर्डर स्टेट है, ऐसे राज्य में अगर 80-90 दिनों से हिंसा चल रही है तो पीएम खामोश कैसे रह सकते हैं? केंद्रीय मंत्री, राज्य की मंत्री का घर जला दिया गया। बच्चों का कत्ल हो रहा है, महिलाओं के साथ गैंगरेप हो रहा है। सबसे ज्यादा शर्मसार करने वाली तस्वीर आई। महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराया जा रहा है। उसमें एक महिला का पति करगिल युद्ध में हिस्सा ले चुका है। आप कल्पना कीजिए कि सेना का रिटायर्ड सूबेदार कहता है कि मैंने करगिल युद्ध में हिस्सा लेकर देश की रक्षा कर ली लेकिन अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर पाया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार सुबह विपक्षी दलों के नेता इस मुद्दे पर अपनी आगे की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक करेंगे। संसद में कार्यवाही की शुरुआत से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन से जु़ड़े सांसद मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे। इस दौरान विपक्षी नेता अपनी अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे। मंगलवार को मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में होने वाली इस बैठक में AAP सांसद संजय सिंह के निलंबन पर भी चर्चा होनी है।

हैदराबाद में 700 करोड़ का फ्रॉड, चीन और आतंकी संगठन हिजबुल्लाह से जुड़े तार

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हैदराबाद पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। इसमें एक साल से भी कम समय में 15,000 भारतीयों से 700 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई।यह पूरा नेटवर्क चीन से संचालित किया जा रहा था, जिसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए देशभर से 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।इस फ्रॉड का कनेक्शन कथित तौर पर लेबनान स्थित हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह से सामने आया है।

शॉर्ट टर्म नौकरी की आड़ में धोखाधड़ी के इस बड़े फ्रॉड का खुलासा हैदराबाद की साइबर क्राइम ब्रांच ने किया।हैदराबाद पुलिस कमिश्नर सीवी आनंद ने बताया कि इस गिरोह के बारे में केंद्रीय एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की साइबर क्राइम यूनिट को डिटेल दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को संदेह है कि पैसे का एक हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया और हिजबुल्लाह द्वारा संचालित वॉलेट में जमा कर दिया गया। नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से चार हैदराबाद से, तीन मुंबई से और दो अहमदाबाद से हैं। गिरोह के आधा दर्जन और लोगों की तलाश पुलिस कर रही है। बताया जा रहा है कि ये सभी चाइनीज हैंडलर्स के इशारे पर काम करते थे।

साइबर क्राइम पुलिस ने हैदराबाद के एक व्यक्ति की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। इसकी जांच के दौरान ही पूरा मामला सामने आया। उस व्यक्ति को टेलीग्राम पर रिव्यू करने की पार्ट टाइम जॉब ऑफर हुई थी। उसने भरोसा कर एक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर लिया। शुरुआत में उससे हजार रुपये इन्वेस्ट कराए गए।साथ ही चीजों को रेटिंग देने का आसान काम दिया गया। इस काम में उसे 800 रुपये का फायदा हुआ। इसके बाद व्यक्ति ने 25 हजार रुपये इन्वेस्ट किए। इसमें 20 हजार रुपये का फायदा हुआ। हालांकि, उसे ये रुपये निकालने की परमिशन नहीं मिली।बाद में ज्यादा कमाई का लालच देकर उससे और ज्यादा रुपये इन्वेस्ट कराए गए, लेकिन ये रुपये वापस नहीं मिले। इस तरह व्यक्ति के साथ 28 लाख रुपये की ठगी हो गई।

इसके बाद जब जांचकर्ताओं ने मनी ट्रेल का पीछा किया, तो उनका ध्यान शेल कंपनियों के 48 बैंक खातों पर गया, जिसके बाद साइबर क्राइम सेल ने भोले-भाले निवेशकों से लूटी गई रकम 584 करोड़ रुपये आंकी। इसमें एक खाता हैदराबाद स्थित राधिका मार्केटिंग कंपनी के नाम पर पंजीकृत पाया गया। मुनव्वर के नाम पर खाते के खिलाफ एक सेलफोन नंबर पंजीकृत किया गया था।

फ्रॉड करने वाले ठगों ने देश भर में हजारों लोगों को एक साल से अधिक समय तक धोखा दिया। शॉर्ट टर्म नौकरी की पेशकश करते हुए अच्छे रिटर्न का लालच दिया गया, जिसको काफी बड़ी तादाद में लोगों ने अपनाया। धोखाधड़ी के इस काम को अंजाम देने के लिए यूट्यूब वीडियो को पसंद करने या फिर गूगल समीक्षा लिखने जैसे आसान काम करने को कहा गया।

उड़ गई चिड़िया! बदल गया ट्विटर का लोगो, ‘ब्लू बर्ड’ की जगह दिखेगा ‘X’

#twitter_logo_gets_replaced_by_x

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को नया ‘लोगो' मिल गया है। अब नीली चिड़िया की जगह काले-सफेद रंग के ‘एक्स' ने ले ली है। ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने इसकी घोषणा की। मस्क ने सोमवार को अपने ट्विटर अकाउंट का ‘लोगो' बदल दिया। ट्विटर का डोमेन भी अब Twitter.com से X.com हो गया है।

Twitter के आधिकारिक हैंडल की प्रोफाइल फोटो भी X वाली हो गई है और नाम भी एक्स कर दिया गया है। हालांकि, हैंडल अभी भी है, क्योंकि हैंडल को बदला नहीं जा सकता है। एलन मस्क ने ट्विटर मुख्यालय की एक फोटो शेयर की है जिसपर लेजर लाइट से X लोगो बनाया गया है।

मस्क ने रविवार देर रात ट्वीट करके बताया था कि वह ‘लोगो' में बदलाव सोमवार को ही करना चाहते हैं। मस्क ने लिखा था, ‘‘और जल्द ही हम ट्विटर ब्रांड तथा सभी चिड़ियों को अलविदा कह देंगे।

पिछले साल 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदा था। इसके बाद उन्होंने साइट में कई बदलाव किए हैं। ट्विटर को खरीदने के बाद से ही मस्क ट्विटर से रेवेन्यू जेनरेट करने में जूझ रहे हैं। रेवेन्यू के लिए ही एलन मस्क ने ब्लू टिक को पेड किया यानी अब सिर्फ उसे ही ब्लू टिक मिलेगा जो पैसे देगा। इसके अलावा एलन मस्क ने फ्री अकाउंट से ट्वीट करने और ट्वीट देखने पर भी लिमिट लगा दी है। साथ ही डायरेक्ट मैसेज को भी पेड करने जा रहे हैं। एलन मस्क ने कटौती के लिए मालिक बनते की ही कई बड़े अधिकारियों को नौकरी से निकाला था जिसमें भारतीय मूल के ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल भी शामिल थे। एलन मस्क जल्द ही ट्विटर का नया लोगो भी जारी कर सकते हैं।

मणिपुर मामले पर लोकसभा में बोले अमित शाह- हम तैयार, नहीं पता विपक्ष चर्चा क्यों नहीं चाहता

#amit_shah_said_we_are_ready_to_hold_discussion_on_manipur_violence

मणिपुर के मुद्दे को लेकर सोमवार को भी संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ। इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बयान दिया।मणिपुर मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को दो टूक जवाब दिया है और कहा है कि मैं तो इस मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं। मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि इस मुद्दे पर चर्चा होने दें।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा, ‘मेरा विपक्ष के सभी सदस्यों से आग्रह है, एक संवेदनशील मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के सदस्यों ने चर्चा की मांग की है। मैं सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं, विपक्ष चर्चा क्यों नहीं करना चाहता है। मेरी अपील है कि चर्चा होने दे और पूरे देश के सामने सच्चाई जाए यह काफी जरूरी है।

आपको बता दें कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसपर काफी बवाल हुआ था। 4 मई की इस घटना का वीडियो जुलाई में वायरल हुआ और उसके बाद पुलिस ने 5 लोगों को अरेस्ट किया था। विपक्ष इसी मसले पर चर्चा की मांग कर रहा है, लेकिन जब से मॉनसून सत्र शुरू हुआ है तभी से विपक्षी दलों का हंगामा जारी है।

मणिपुर में बीती तीन मई को कुकी और मैतई समुदाय के बीच आरक्षण की मांग को लेकर जातीय हिंसा भड़की थी। जिसमें अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

'चुनाव में लोगों के घर पहुंचाया था मटन, फिर भी नहीं जीते चुनाव', नितिन गडकरी ने सुनाया किस्सा

#nitin_gadkari_said_election_is_not_won_by_feeding_mutton

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपने मुखर अंदाज के लिए जाने जाते हैं। इसी बीच नितिन गडकरी ने एक पुराना किस्सा सुनाते हुए बताया है कि कैसे एक-एक किलो मटन बांटने के बाद भी उनको चुनाव में शिकस्त मिली थी। यही नहीं,गडकरी ने ये भी कहा कि चुनाव के दौरान कोई प्रलोभन दिखाने के बजाय लोगों के दिलों में विश्वास और प्यार पैदा करें।

सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र के नागपुर में शिक्षक परिषद के विद्यार्थी सत्कार कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, मेरा इस बात पर विश्वास नहीं है कि लोग चुनावों में पोस्टर लगाकर खिला-पिलाकर जीत जाते हैं।मैं कई चुनाव लड़ चुका हूं। सारे एक्सपेरिमेंट कर चुका हूं। मैंने एक बार एक्सपेरिमेंट किया था, जिसमें एक-एक किलो सावजी मटन लोगों के घरों में पहुंचाया था। लेकिन फिर भी मैं चुनाव हार गया था।

केंद्रीय मंत्री सलाह दी कि प्रचार के होर्डिंग्स लगाने या मटन पार्टी देने से कोई चुनाव नहीं जीता जा सकता। जनता का विश्वास और प्यार बनाएं। चुनाव के दौरान कोई प्रलोभन दिखाने के बजाय लोगों के दिलों में विश्वास और प्यार पैदा करें।

गडकरी ने कहा, लोग अकसर कहते हैं कि हमें सांसदी का टिकट दे दो। वह नहीं तो विधायक का टिकट दे दो। नहीं तो एमएलसी या फिर आयोग का टिकट दे दो। इतना भी नहीं तो मेडिकल कॉलेज दे दो। वह भी नहीं तो इंजीनियरिंग या बीएड कॉलेज दे दो। यह भी नहीं तो प्राइमरी स्कूल दे दो, ताकि मास्टर की आधी सैलरी मिल जाए।मगर इससे देश नहीं बदलेगा।

दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 3 सालों में विज्ञापन पर 1100 करोड़ खर्च कर सकते हैं, तो आरआरटीएस के लिए भी पैसे होंगे

#supreme_court_reprimanded_the_delhi_government

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) में देरी को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार को दो महीने के अंदर 'रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम' (आरआरटीएस) के लिए 415 करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया है।

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कड़े लहजे में कहा की केजरीवाल की नेतृत्व वाली आप सरकार ने पिछले तीन वर्षों में विज्ञापनों पर 1100 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है, इसका मतलब हुआ कि सरकार के पास फंड की कमी नहीं है तो आप बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को फलीभूत होने के लिए पैसा दे ही सकते हैं।

पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार के वकील ने दो जजों की बेंच को बताया कि धन की कमी है और वित्तीय मदद करने में असमर्थता व्यक्त की थी। इस पर जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने आप सरकार को निर्देश दिया था कि वह दो हफ्ते के अंदर फंड्स की गणना की जानकारी के साथ एफिडेविट मुहैया कराएं। पीठ ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने ‘कॉमन प्रोजेक्ट’ के लिए कोष देने में असमर्थता जताई है। चूंकि इस परियोजना में धन की कमी एक बाधा है। इसलिए हम दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार से एक हलफनामा दाखिल करने को कहते हैं, जिसमें विज्ञापन के लिए खर्च किए गए धन का ब्योरा दिया जाए क्योंकि यह परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है। इसमें पिछले वित्तीय वर्षों का ब्योरा दिया जाए।