*बंद है राजकीय नलकूप, सिंचाई में हो रही दिक्कत*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही।डीघ ब्लाक के रामकिशुनपुर-बसहीं गांव में सात वर्ष से राजकीय नलकूप बंद है। नलकूप के खराब होने से सिंचाई की दिक्कत हो रही है। मुख्य नहर का लाभ भी किसानों को नहीं मिल पाता। जिससे तीन गांवों के लगभग 800 से 900 किसान सिंचाई के लिए परेशान हैं। डीघ ब्लॉक के रामकिशुनपुर बसहीं में राजकीय नलकूप की स्थापना दो दशक पूर्व हुई थी।
जिससे रामकिशुनपुर-बसहीं, दरवांसी, भीखीपुर के सैकड़ों किसान एक हजार बीघे से अधिक खेतों की सिंचाई करते थे। सात साल पहले नलकूप में आई तकनीकी खराबी के बाद आज तक इसे दुरूस्त नहीं किया जा सका। खराब हुए नलकूप की मरम्मत को लेकर कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। किसान उक्त राजकीय नलकूप के साथ ही मुख्य नहर से भी सिंचाई कार्य करते रहे हैं।
इन दिनों नहर की नालिया जर्जर हो गई हैं। ऐसे में नहरों से जुड़ी कुलाबे को खोलना खुद पर ही मुसीबत मोल लेना जैसा है, क्योंकि राजकीय नलकूप और नहर प्रखंड की नालियां एक-दूसरे के संपर्क में है। नलकूप से सिंचाई व्यवस्था नगण्य दिखने पर किसान नहर से सिंचाई करना चाहते हैं, लेकिन नालियां जर्जर होने और नालियों पर अतिक्रमण कर लिए जाने से खेतों तक पानी पहुंचाना मुश्किल से भरा है।
अधिशासी अभियंता सिंचाई-नलकूप राजेश भारतीय ने कहा कि डीघ ब्लाक के रामकिशुनपुर-बसहीं गांव का राजकीय नलकूप फेल हो चुका है। नई कार्य योजना में इसे भी शामिल कर शासन को भेजा गया है। कार्ययोजना स्वीकृत होने पर ही सिंचाई समस्या दूर होगी।सात वर्ष से खराब पड़े राजकीय नलकूप का नवीनीकरण कराने से सिंचाई की समस्या दूर होगी।
लेकिन अभी तक इस ओर कोई कार्य नहीं हुआ है। लगातार लापरवाही हो रही है। यह ठीक नहीं । - बसंत लाल, किसान।समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से होने चाहिए। किसान संगठन के पदाधिकारी किसान बंधु समेत जिला स्तरीय बैठकों में अपना पक्ष रखते हैं लेकिन किसान पक्ष की उपेक्षा हमेशा होती है। कार्य योजनाओं को स्वीकृति देने में जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी होनी चाहिए। - मनिजर यादव, किसान।
Jul 24 2023, 15:21