*फाइलेरिया उन्मूलन के लिए शुरू हुआ ट्रांसमिशन असेस्मेंट सर्वे*
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद कोफाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए ट्रांसमिशन असेस्मेंट सर्वे (टास) यानि संचरण मूल्यांकन सर्वेक्षण शुरू हो गया है। यह सर्वेक्षण मिश्रिख और ऐलिया ब्लॉक के साथ ही सीतापुर के शहरी क्षेत्र के चिन्हित 30-30 क्लस्टर (गांवों/मोहल्लों) में किया जाना है। प्रत्येक क्लस्टर से 105 लोगों की जांच किट के माध्यम से की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत संचालित संचरण मूल्यांकन सर्वेक्षण अभियान के लिए चयनित तीनों इकाईयों पर पर्याप्त मात्रा में किट भेजी जा चुकी हैं। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य यह जानकारी करना है कि पिछले तीन वर्षों में आईडीए-एमडीए राउंड में जिन लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जा चुकी है, उस लक्षित आबादी के सापेक्ष एक प्रतिशत से कम लोग फाइलेरिया से ग्रसित हैं या नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक क्लस्टर में 20 वर्ष से ऊपर के 105 लोगों की जांच फाइलेरिया टेस्ट स्ट्रिप (एफटीएस) किट से की जायेगी।
इसमें धनात्मक पाये जाने पर उस व्यक्ति का नाइट ब्लड सैंपल एकत्रित किया जाएगा। सर्वेक्षण के लिए गठित टीमों में लैब टेक्नीशियन, एएनएम और आशा कार्यकर्ता को शामिल किया गया है।
नोडल अधिकारी (वीबीडी) डॉ. राजशेखर ने क्षेत्रीय निवासियों से अपील की है कि वह इस अभियान के लिए स्वेच्छा से आगे आएं और फाइलेरिया की जांच कराएं। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया (हाथी पांव) लाइलाज है लेकिन सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के दौरान दवा खाने से इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने जनपदवासियों से यह भी अपील की है कि आगामी 10 अगस्त से जिले में आईडीए राउंड शुरू किया जा रहा है। इस दौरान इस दवा का सेवन एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। लगातार तीन वर्षों तक साल में एक बार दवा खाने से इस बीमारी के बचने रहे सकते हैं।
Jun 25 2023, 14:48